कहानी का बारहवां भाग : horny padosi uncle fuck
मेरी इस हिंदी चुदाई की कहानी के पिछ्ले भाग में अपने पढ़ा कि आखिरकार मैंने रतनेश जी से शादी कर ली और हम दोनों एक-दूसरे के हो गए। फिर हम दोनों ने जोरदार चुदाई का खेल शुरु कर दिया। अब आगे:-
मैं सोफे पर झट से चढ़ कर कुतिया बन गई, और रतनेश जी को अपनी चूत के ओर इशारा करने लगी। रतनेश जी ने बिना कोई टाईम गवाए जल्दी से मेरे पीछे आ गए, और अपना लंड मेरी चूत पे रगड़ने लगे।
मैं: चोदोगे भी या सिर्फ रगड़ते रहोगे?
रतनेश जी: हां मेरी रानी, थोड़ा सब्र करना चाहिए। (padosi uncle xxx fuck story)
मैं: मुझसे नहीं होगा। आप बस मुझे चोदना शुरु करो।
मेरे ऐसा कहते ही उन्होनें अपना लंड धीरे-धीरे मेरी चूत में घुसा दिया।
उनका लंड एक-दम कड़क और गरम था। हम दोनों पर गोली का असर पूरी तरह से चढ़ चुका था। मेरी सांसें और दिल की धड़कन तेज हो गई थी।
रतनेश जी ने फिर अपने चोदने की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ानी शुरु कर दी, और कुछ ही देर में वो पूरी तेजी से मेरी चूत मार रहे थे। मैं बड़े मजे से चुदाई का आनंद ले रही थी। (padosi uncle xxx fuck story)
मेरी चीखें और सिस्कारियां पूरे घर में गूंज रही थी। मैं पूरी बेशर्म हो कर “आह्ह्ह… उन्ह्ह्ह्ह… अह्ह्ह्ह… चोदो मुझे, अपने लंड की दिवानी बना दो। मुझे रंडी की तरह चोदो अह्ह…” चिल्ला रही थी।
रतनेश जी भी मेरी बातें सुन कर जोश में आ गए, और वो भी मुझे गाली देने लगे।
रतनेश जी: साली तेरी चूत इतनी मस्त है कि रुकने का मन ही नहीं करता। तू सिर्फ चुदने के लिए पैदा हुई है। (padosi uncle xxx fuck story)
मैं ये सुन कर थोड़ी हैरान हो गई, मगर मुझे इससे और मजा आने लगा। ऐसे ही पूरे एक घंटे मुझे जोरदार चोदने के बाद रतनेश जी मेरी चूत में झड़ गए।
मेरी चूत उनके गरम रस से भर गई। मैं इस दौरान कितनी बार झड गई, मुझे याद भी नहीं था।
हम दोनों इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद भी संतुष्ट नहीं थे। बल्कि अब भी हम दोनों पर उतना ही वासना का असर था जितना पहले था। (padosi uncle xxx fuck story)
मैं: चलो अब आप नीचे लेट जाओ।
रतनेश जी: क्यों क्या हुआ?
मैं: आप मुझे चोद कर थक गए होंगे ना। तो अब मेरी बारी सारा काम करने की।
मेरी बात मान कर रतनेश जी सोफे पर लेट गए। मैं उनके पांव को चूमते हुए धीरे-धीरे उपर की ओर बढ़ने लगी। फिर उनके बड़े-बड़े सुपारे को चूमने लगी। रतनेश जी भी पूरा मजा ले रहे थे। (padosi uncle xxx fuck story)
फिर मैं उनके खड़े हो चुके लंड को धीरे-धीरे हिलाने लगी। लेकिन मुंह में नहीं लिया। मैं दरअसल रतनेश जी को छेड़ रही थी। उन्हें जान बूझ कर तड़पा रही थी।
रतनेश जी: अरे जिया, ऐसे तड़पाओ मत। जल्दी चूसना शुरु कर दो।
मैं: ओह मेरी जान, कितने प्यारे दिखते हो तुम ऐसे। (padosi uncle xxx fuck story)
रतनेश जी: जिया ऐसे ही करती रहोगी, तो मैं पागल हो जाऊंगा।
मैं: ठीक है में चूसना शुरु कर दूंगी। लेकिन एक इच्छा है।
रजेश्वर जी: कोई भी इच्छा मुझे मंजूर है जिया।
मैं: सोच लो।
रतनेश जी: हां बाबा मुझे कोई भी इच्छा मंजूर है। (padosi uncle xxx fuck story)
मैं ये सुन कर खुश हो गई, और रतनेश जी के लंड पर किस्स करने लगी। फिर मैं उनका लंड चूसने लगी। मुझे रतनेश जी के लंड की इतनी आदत हो गई थी कि मैं उनका अब पूरा लंड बिना किसी परेशानी के मुंह में लेकर चूस लेती थी।
रतनेश जी: वाह क्या चूसती हो तुम। लेकिन तुमने मुझे अपनी इच्छा नहीं बताई?
मैं: वो में आपको बाद में बता दूंगी। फिलहाल हम चुदाई का मजा लेते है।
यह कह कर मैं उठ कर खड़ी हो गई, और रतनेश जी के लंड के उपर बैठ गई। मैंने रतनेश जी का लंड अपने हाथ में लेकर अपनी चूत पर सेट कर दिया। मेरी चूत पहले से गीली थी,
और ऊपर से अन्दर रतनेश जी के वीर्य से भरी हुई थी, जिसके कारण उनका लंड मेरी चूत में बड़े ही आसानी से गया। (padosi uncle xxx fuck story)
मैं फिर मजे से अपनी कमर हिला कर और उठा कर उनके लंड को मेरी चूत में से अंदर-बाहर करने लगी, और रतनेश जी मेरे मम्मों को अपने हाथों में लेकर मसल रहे थे। मैं और जोर-जोर से उनके लंड पर कूद-कूद कर चुदवा रही थी।
रतनेश जी: जिया मेरा निकलने वाला है।
मैं: हां मैं भी झड़ने वाली हूं।
हम दोनों एक साथ झड़ गए। रतनेश जी का लंड मेरी चूत में हिचकियां लेता हुआ महसूस हो रहा था, और मेरे पैर भी झड़ने की वजह से कांप रहे थे।
मेरी चूत अब इतने वीर्य से भर गई थी, कि अब उसमें से वीर्य टपक रहा था। मैं ऐसी ही स्थिति में रतनेश जी के उपर लेट गई। वो भी मुझे अपने बाहों में भर कर मेरे साथ लेट गए। (padosi uncle xxx fuck story)
रतनेश जी: जिया मुझे आज का दिन हमेशा याद रहेगा।
ये कह कर उन्होंने मेरे माथे पर किस्स किया।
मैं: मुझे भी ये दिन हमेशा याद रहेगा।
हम दोनों यूं ही नंगे बदन एक-दूसरे को गले लगा कर सोफे पर सो गए। सच कहूं तो मैं बहुत दिनों बाद चैन की नींद सो पाई। जब आंख खुली तो शाम हो गई थी।
रतनेश जी अभी भी सो रहे थे। मैं उन्हें उठाने वाली थी कि मेरे मन में एक आइडिया आया। (padosi uncle xxx fuck story)
मैं धीरे से सोफे पर से उतर गई और उनके मोटे लंड की तरफ बैठ गई। मैं उनके बड़े से लंड को निहार रही थी, और सोच रही थी कि “क्या लंड है यार, मुझे तो पूरी रंडी बना कर रख दिया है”।
मैंने फिर धीरे से उनके लंड को सहलाने लगी। मैं अब रतनेश जी के लंड से अच्छे से वाकिफ हो गई थी। मुझे पता था कि इनके लंड में अभी बहुत जान बाकी थी।
मैं फिर अपने दोनों हाथों से उनके लंड को हिलाने लगी, और कुछ ही पल में उनका तन कर खड़ा हो गया। मैंने फिर धीरे-धीरे उनके लंड को चूसना शुरु किया।
मैं उनके लंड को मेरे मुंह के अंदर पूरी तरह से ले पा रही थी। (padosi uncle xxx fuck story)
रतनेश जी की भी कुछ ही पल बाद नींद खुल गई। मैं उन्हें देख मुस्कराई और आंख मारी।
मैं: उठ गए मेरी जान।
रतनेश जी: अरे जिया, क्या कमाल हो तुम! बस इसी तरह मुझे रोज उठाया करो।
मैं: जैसी आपकी मर्जी।
मैं फिर से उनका लंड चूसने लगी। रतनेश जी पूरे मजे के साथ अपनी आंखें बंद करके सिसकियां ले रहे थे। “आह्ह… ओह्ह… वाह जिया मेरी जान, ऐसे ही मेरे लंड की सेवा करो” (padosi uncle xxx fuck story)
ये सुन कर मैं खुश हो गई। मैं और जोर-जोर से उनका लंड चूसने लगी। मेरा पूरा चेहरा अपनी थूक और उनके लंड के वीर्य से भर गया था।
ऐसे ही थोड़ी देर बाद रतनेश जी ने मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे मुंह को चोदने लगे। मैं समझ गई कि इनका अब जल्दी ही निकलने वाला था।
वो मेरे मुंह को अपना पूरा जोर लगा कर चोद रहे थे। उनका लंड मेरी थूक से चमक रहा था और जोर-जोर से मेरा मुंह चोदने के कारण मेरी आंखों से आंसू आ रहे थे।
फिर उन्होनें दो-तीन जोर के धक्के दिये, और मेरे मुंह में झड़ गए।
इसके आगे क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। (padosi uncle xxx fuck story)
कहानी का चौदहवां भाग : xxx fuck story padosi uncle
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