सभी Brazzersstories के पाठकों को मेरा नमस्कार.
आप सभी ने मेरी पहली कहानी Blackmailing Sex Story को जिस तरह से सराहा उसके लिए आप सब का तहे दिल से शुक्रिया। आप लोगों के उसी प्यार से प्रेरित होकर मैं आज फिर आप लोगों के लिए अपनी अगली कहानी लेकर आई हूं.
मैं अपने चहेते पाठकों को अपने बारे में तो पहली ही कहानी में बता चुकी हूं. यहां पर जो पाठक मेरी इस कहानी को पहली बार पढ़ रहे हैं उनके लिए मैं एक बार अपना नाम जरूर बताना चाहूंगी क्योंकि इससे उनको मेरी आगे आने वाली कहानियों को पढ़ने में परेशानी नहीं होगी.
तो मेरे नये दोस्तो, मैं आपकी जानकारी के लिए बता देती हूं कि मेरा नाम दीया है और शादी से पहले ही मैं गलत संगत में पड़ गई थी. उसी संगत का असर मेरी जिन्दगी पर पड़ता रहा और इतने सालों के बाद जब मेरी शादी भी हो चुकी है लेकिन मैं इन सालों में एक पक्की लंडखोर बन चुकी हूं.
एक बार चूत को लंड का चस्का लग जाता है तो फिर उसको हर हाल में लंड चाहिए ही होता है. धीरे-धीरे यह प्यास बढ़ती जाती है. मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. लेकिन मैं बाकी युवा साथियों को यही सलाह देना चाहूंगी कि आप इस तरह की लत मे न पड़ें, एक बार सेक्स की लत लग जाती है तो फिर वो छुड़ाए नहीं छूटती. कई बार इस लत से शादियां बर्बाद हो जाती हैं. मैं भी शादी के बाद भी लंड के लिए उतावली रहती हूं.
अगर कम उम्र में ही लंड लेने का स्वाद मिल जाये तो फिर चूत किसी एक लंड पर टिक कर नहीं रह सकती है. इसलिए आप मेरी वाली गलती न करें.
अब हम कहानी का मजा लेते हैं. कहानी में आपको पता चलेगा कि कैसे मैंने पिंकी और रिचा की संगत में पड़कर नये-नये तरीकों से चुदाई का सुख भोगा.
देवेन्द्र से चुदने के बाद मेरी चूत को लंड का चस्का लग चुका था. पिंकी का आशिक विकी मुझे आंखों पर बिठा कर रखता था. उसको यह बात अच्छी तरह मालूम थी कि मेरी चूत अभी ताजी है.
वो जब मेरे सामने आता था तो मैं उसकी आंखों में वासना को साफ तौर पर देख पाती थी. उसकी निगाहें हमेशा ही मेरे जिस्म को नापते हुए मुझे ऊपर से नीचे तक टटोल लिया करती थीं. वो चूतखोर बिल्कुल बेशर्म होकर मेरे जिस्म को ताड़ता था क्योंकि उसको मेरे और देवेन्द्र के रिश्ते के बारे में भी अच्छी तरह मालूम था.
वो भी मेरी शोला जवानी के साथ खेलना चाह रहा था.
एक दिन ऐसे ही अचानक मुझे उसका मैसेज अपने फोन पर मिला. पहले तो मैंने उसको इग्नोर किया. लेकिन वो भी हरामी था साला. उसने हार नहीं मानी और फिर रोज ही वो मेरे फोन पर ढेरों मैसेज कर दिया करता था. मैं उसके किसी भी मैसेज का कोई भी जवाब नहीं दे रही थ. लेकिन वो मैसेज पर मैसेज करता रहता था.
जब उसने कई दिन तक मेरा इंतजार कर लिया तो फिर वो अपना वास्ता देकर मुझसे रिप्लाई करने के लिए कहने लगा. मैंने भी उसका दिल रखने के लिए उसके मैसेज का रिप्लाई करना शुरू कर दिया.
शुरू में तो हम दोनों के बीच में साधारण मैसेज का आदान-प्रदान होता था. हाय और हैल्लो से ज्यादा कुछ बात नहीं हो रही थी. फिर धीरे-धीरे चुटकले और फिर ऐसे ही धीरे-धीरे उसने डबल मीनिंग मैसेज करने भी शुरू कर दिये.
जैसे जैसे उसकी हिम्मत बढ़ती गई तो उसने मेरे फोन पर डबल मीनिंग चुटकलों की लाइन लगा दी. मुझे भी वक्त के साथ साथ उससे बात करने की आदत सी होने लगी. मैं भी अक्सर ही उससे बातें करने लगी. इस तरह हम दोनों में खूब बातें होने लगीं.
फिर एक दिन विकी ने मुझे सेक्स के लिए भी प्रपोज़ कर ही दिया.
मैंने उससे कहा कि मैं देवेन्द्र से प्यार करती हूं.
मेरी इस बात पर वो कहने लगा कि अगर वो तुमसे इतना ही प्यार करता तो तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए उसे मेरी मदद लेने की जरूरत क्यों पड़ती भला?
मुझे नहीं पता कि उसकी बातों में कितनी सच्चाई थी लेकिन अगर वो कह रहा था तो कोई तो वजह होगी ही उसके पीछे. फिर मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया.
मेरी चूत को भाया लंड का स्वाद – Desi chut chudai ki kahani
इससे पहले मैं कुछ और कहती उसने मेरे फोन में अपने लंड की फोटो भेज दी. फोटो भेज कर उसने कहा- यह बेचारा तुम्हारे लिये तड़प रहा है. किसी को इतना तड़पाना ठीक बात नहीं होती है. उसका लंड देखा तो मैं देखती ही रह गई.
कई दिनों से मैंने देवेन्द्र का लंड भी नहीं लिया था. इसलिए विकी के लंड को देख कर मेरे अंदर भी सेक्स जाग गया.
मेरा हाथ खुद ही मेरी पैंटी में चला गया. मस्त लंड था उसका. काफी मोटा था और देखने में भी आकर्षित करने वाला था. कई बार लंड ऐसे होते हैं कि जिनको देख कर ही मूड खराब हो जाता है लेकिन कई बार लंड की सुन्दरता भी आकर्षित कर लेती है. लंड का साइज अच्छा होने के साथ ही उसका शेप में होना भी काफी मायने रखता है.
विकी के लंड में एक रसीले लौड़े के सारे गुण थे. उसके लंड को देख कर मेरा मन भटकने लगा. मैंने फोन को एक तरफ रख दिया लेकिन बार-बार उसके लंड की तस्वीर मेरे मन में उभर कर आ जाती थी.
मैंने अपने कपड़े अपने बदन से अलग कर लिये और एक हाथ से अपने चूचों को दबाते हुए अपनी चूत में उंगली करने लगी. मेरे अंदर विकी के लंड के नाम की चुदास जाग चुकी थी. मैंने अपनी चूत को रगड़-रगड़ कर उसे शांत किया.
अगले दिन जब मैं पिंकी से मिली तो मैंने उसको कल वाली सारी बात बता दी.
वह भी मेरी चुदास की तड़प को भांप गई क्योंकि थी तो मेरी दोस्त ही, जानती कैसे नहीं … उसने कहा- अगर तुझे विकी का लंड इतना ही पसंद आ गया है तो मुझसे पूछ क्यों रही है. अगर तू उसका लंड लेना चाहती है तो जाकर उसके लंड से अपनी चूत की प्यास बुझवा ले. वैसे भी मुझे कौन सा उसके साथ शादी करनी है.
पिंकी की ये दरियादिली देख कर मेरे दिल में उसके लिए प्यार उमड़ आया. आखिर एक दोस्त ही दोस्त के दिल की बात को समझ पाती है. यूं तो लड़कियां अक्सर अपने वाले लौड़े को किसी और की चूत के साथ बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं लेकिन पिंकी, मेरी दोस्त, मेरे साथ अपने ब्वॉयफ्रेंड का लंड शेयर करने के लिए भी राजी हो गई.
जब मैंने उसको आश्चर्य की नजरों से देखा तो वो कहने लगी- इतना नाटक करने की जरूरत नहीं है. मैं जानती हूं कि वो मुझसे शादी नहीं करने वाला. ऐसे चूतखोरों की पहचान मुझे अच्छी तरह है. इसलिए बोल रही हूं कि अगर तुझे उसका लंड पसंद आ गया है तो जाकर चुदवा ले. मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
रिचा भी पास में ही बैठी हुई थी. हमारी बातें सुन कर वो भी कहने लगी- हां सही तो कह रही है. अगर चूत में इतनी ही आग लगी है तो जाकर चुदवा ले. वैसे भी वो मस्त चुदाई करता है.
रिचा भी उसका लंड खा चुकी थी शायद और वो यह कहते हुए मुस्कराने लगी.
हम तीनों ही मजे लेने वाली सहेलियां थीं. इसलिए अपनी बातें एक-दूसरे के साथ खुल कर शेयर कर लिया करती थीं.
फिर मैंने देवेन्द्र को फोन किया तो पता लगा कि वो अपनी फैमिली के साथ दिल्ली में किसी पार्टी को अटेन्ड करने के लिए गया हुआ है. देवेन्द्र का लंड तो अभी मिलने वाला नहीं था इसलिए विकी के लंड को लेने का बहाना भी मेरे मन ने अपने आप ही बना लिया था. कहने लगा कि देवेन्द्र पता नहीं कब तक आयेगा, इतने दिन तक चूत को गीली रखना अच्छी बात नहीं होती. मैं भी मन की बात से सहमत हो गयी.
तभी विकी का भी फोन आ गया. वीडियो कॉल कर रहा था. मैंने फोन उठाया तो देखा कि उसने केवल अंडरवियर पहना हुआ था. एक दो मिनट तक बात करने के बाद उसने अंडरवियर को नीचे खींच दिया. उसका मूसल लंड नंगा हो गया. उसने अंडरवियर को जांघों पर फंसा लिया था और अपने मोटे लंड को सहलाता हुआ मुझसे भी कपड़े उतारने के लिए कहने लगा और पूछने लगा कि उसके प्रपोजल के बारे में मैंने क्या सोचा है.
मैं पहले तो शरमा रही थी लेकिन जब उसने अपने लंड और अपनी जांघों पर हाथ फिराना शुरू किया तो मैंने भी कपड़े उतार ही दिये. मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में आ गई. वो सिसकारियां लेता हुआ कहने लगा- स्स्स … हाय मेरी जान, कब तक ऐसे ही तड़पाओगी. आ जाओ न मेरे पास!
यह कहते हुए उसने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसकी मुठ मारने लगा.
मेरी चूत को भाया लंड का स्वाद – Desi chut chudai ki kahani
अब मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था. उसका तना हुआ लंड देख कर मेरी चूत रिसने लगी थी. मैंने वीडियो कॉल बंद कर दी. फिर उसका मैसेज आया कि कल वो उसी जगह पर मुझसे मिलेगा जहां पर पहले हम पिंकी के साथ मिले थे.
उसके फोन रखने के बाद मैंने उसके लंड के बारे में सोच कर अपनी चूत को खूब रगड़ा. पानी भी जल्दी ही निकल गया और फिर मैं सो गई. अगले दिन मैं पिंकी से मिली तो उसने बताया कि आज हम विकी के साथ ही रहेंगे.
शाम को पिंकी मेरे घर आ गई. मेरी मां से कहने लगी- आंटी, आज रात दीया को मेरे घर पर रुकने दो. हम दोनों को प्रैक्टिकल की कुछ तैयारी करनी है.
मां ने कुछ देर सोचा और फिर उसने भी हां कर दी. मां को क्या पता था कि हम लोग पढ़ाई का प्रैक्टिकल नहीं बल्कि चूत और लंड का प्रैक्टिकल करने की परमिशन मांग रहे थे.
इधर पिंकी भी अपने घर पर रिचा के घर जाने के लिए कह कर आई थी. हम दोनों ही विकी की बताई हुई जगह पर पहुंच गई. वो गाड़ी लेकर आ गया. अंदर बैठे तो वो नशीली सी नजरों से मुझे ताड़ रहा था. फिर कुछ देर के बाद हम उसी फार्म हाउस पर पहुंच गये. वहां पर जाते ही दो हट्टे-कट्टे लड़कों ने हमारा स्वागत किया.
मैं तो उन मुस्टंडों को देख कर डर ही गई लेकिन विकी ने कहा- डरने की कोई बात नहीं है. तुम्हारी परमिशन के बिना तुम्हें कोई हाथ भी नहीं लगायेगा.
पिंकी ने भी मुझे दिलासा दिया- इतना घबरा मत. लाइफ को थोड़ा इंजॉय करना सीख.
हम लोग अंदर गए तो वहां विस्की, बीयर, चिप्स, सलाद, चिकन बहुत कुछ था. विकी ने उनका परिचय रोहित और मोहित के नाम से करवाया। मोहित ने ऊ पर से नीचे तक मुझे बहुत गौर से देखा और बोला- हमें काफी देर से तुम लोगों का इंतज़ार था. सब इंतज़ाम बराबर कर रखा है.
रोहित ने पिंकी को बांहों में भरते हुए कहा- कैसी हो पिंकी रानी?
पिंकी बेशार्मों की तरह उसके गले में बांहें डालते हुए बोली- मस्त हूँ मेरे राजा …
पिंकी का ये अंदाज़ देख कर मैं हैरान थी. विकी के सामने वो यह सब आराम से कर रही थी. रोहित ने वहीं पिंकी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया. काफी देर तक उसने मेरे सामने ही पिंकी के होंठों को चूसा. उनकी भाषा से मुझे लग रहा था कि वो लोग गांव के ही रहने वाले थे और उम्र में भी बड़े थे. मोहित ने तीन ग्लास में विस्की और दो में बीयर डाल दी.
उसने मेरी तरफ व्हिस्की का गिलास बढ़ाया तो मैंने मना कर दिया. मैंने इससे पहले कभी दारू नहीं पी थी. लेकिन पिंकी जोर देने लगी. उसके कहने पर फिर मैंने भी हाथ आजमाने का मन बना लिया. लेकिन बहुत ही मुश्किल से मैंने पहला पैग खत्म किया और पहले ही पैग में मेरा सिर घूमना शुरू हो गया था.
तभी कानों में मोहित की आवाज़ पड़ी. मोहित बोला- सब रिलेक्स होकर बैठो!
और सभी लड़कों ने अपने कपड़े उतार दिये. उन लोगों ने अपनी पैंट और शर्ट उतार कर एक तरफ डाल दी. फिर वो सब लोग सिर्फ अंडरवियर और बनियान में आराम से बैठ गए।
विकी मेरे करीब आया और मुझे बांहों में भर कर मेरा टॉप उतारता हुआ मेरे होंठों को चूसने लगा। मैं भी नशे के सुरूर में थी. जब उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे तने हुए मम्मों को सहलाने-दबाने लगा तो मस्ती में मैं भी विकी के बदन से लिपटने लगी।
उन दोनों ने पिंकी को निर्वस्त्र कर दिया. पिंकी एक रंडी की तरह उनके बीच बैठी उनके लंड निकाल कर सहलाने लगी।
विकी ने भी मुझे नंगी कर दिया. उसने मुझे लिटाया और मेरी चूचियों पर बीयर डाल कर चाटने लगा।
उसने मुझे अपने पैग में से पिला दी और अपना लंड मेरे होंठों से रगड़ने लगा। उसने मेरे चूत के दाने को रगड़ा तो मैं पागल हो गई और उसके बड़े लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी. एक साइड पर पिंकी थी जो कभी एक लंड मुंह में ले रही थी तो कभी दूसरा। उन दोनों की नज़र भी मेरी ताज़ा चूत पर थी क्योंकि पिंकी की चूत तो उधड़ी हुई दिख रही थी।
मुझे काफी नशा से हो गया था। मैं विकी का लंड चूस रही थी कि तभी मोहित ने मेरी टांगों के बीच में आकर अपने होंठ मेरी चूत पर टिका दिए और कुत्ते की तरह मेरी चूत को चाटने लगा।
उसके इस तरह से चूत चाटने से मैं मचल उठी और मैंने टांगें फैला दीं मैंने. मोहित अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा कर अंदर ही अंदर जोर से घुमाने लगा.
वासना के इस खेल ने मुझे पूरी तरह से बेकाबू कर दिया था और मैं विकी का पूरा लंड मुंह में ले कर चूस रही थी. बार-बार उसके लंड को मुंह से बाहर निकाल रही थी और फिर उस पर थूक डाल कर खुद ही उसको फिर से चाट रही थी. कभी उसके आंड अपने मुंह में भर लेती थी.
विकी के मुंह से सिसकारियां तड़प तड़प कर बाहर निकल रही थीं- आह्ह् स्सस … मेरी रांड … तू तो बहुत गर्म है साली. तेरी चूत को अब से पहले क्यों नहीं पेला मैंने!
उसकी आवाज मेरे कानों में आ रही थी. लेकिन मैं अपनी ही मस्ती में खो सी गई थी.
इसी बीच मेरी नज़र उधर पिंकी पर गई. रोहित ने पिंकी की चूत में लंड घुसा दिया था और पिंकी छिनाल मजे से गालियां बकते हुए रोहित को ज़ोर से उसकी चोदने के लिए उकसा रही थी- चोद मुझे कुत्ते … ज़ोर से चोद … आह्ह उम्म … सी … आह … ओह … उसकी मधुर आवाज़ों से कमरा गूँज रहा था.
मोहित ने मोटा लंड मेरी चूत पर घिसा तो मैं चूत की प्यास से जल उठी. उसके लंड के स्पर्श ने मेरी चूत में वो आग लगाई कि मैं खुद ही अपनी चूत को उसके लंड की तरफ धकेलने लगी. उसके काले लंड का मोटा सुपाड़ा जब मेरी चूत पर घिसता तो मैं तड़प उठती.
विकी समझ गया कि मुझे अब लंड चाहिए. विकी अब मोहित से बोला- हरामी, इसकी चूत पहले मैं मारूँगा। फिर तुम चाहे पूरी रात मार लेना।
मोहित बोला- ठीक है भाई।
मेरी चूत को भाया लंड का स्वाद – Desi chut chudai ki kahani
आगे आकर मोहित ने लंड मेरे मुंह में घुसा दिया, मेरी रिसती हुई चूत से घिसा हुआ लंड उसने मेरे ही मुंह में ठूंस दिया था और विकी ने मेरी चूत पर लंड टिका कर एक जोरदार झटका मारा. लंड मुँह में होने की वजह से मैं चीख भी न सकी और विकी ने मेरी चूत में ज़िंदगी का मेरा दूसरा लंड जड़ तक घुसा दिया.
विकी का लंड साइज में देवेन्द्र से मोटा था. जब मैं विकी का लंड आराम से अपनी चूत में लेने लगी तो मोहित ने मेरे मुंह के अंदर से अपना लंड निकाल लिया. मेरे सिर को अपने हाथ से उठाया और अपना आधा पैग मुझे पिला दिया.
विकी तेज-तेज झटके देता हुआ मेरी चूत को चोद रहा था. मुझे कमाल का मजा आ रहा था. एक तो व्हिस्की का नशा था और ऊपर से चूत में मोटा लंड मजा दे रहा था. पिंकी उधर झड़ चुकी थी. रोहित ने झड़ते वक्त लंड को निकाल कर उसके मुंह में माल भर दिया.
अब पिंकी रोहित के माल से भरे हुए अपने मुंह के साथ मेरी तरफ सरक कर आ गई. उसने मोहित का लंड मेरे मुंह से निकलवा दिया. मेरे होंठों को अपने हाथ से पकड़ा और अपने होंठों को मेरे होंठों से जोड़ दिया. रोहित का माल जो पिंकी के मुंह में भरा हुआ था अब मुझे भी अपने मुंह में उसका स्वाद आने लगा. मैंने विकी से अपनी चूत को चुदवाते हुए रोहित का माल पी लिया.
विकी ने अब मुझे घोड़ी बनाया और तेजी के साथ मेरी चूत को ठोकने लगा. नीचे से मेरे दोनों चूचों को अपने हाथों में भर कर विकी मेरी घोड़ी को दौड़ाने लगा. मैं भी रंडियों की तरह सेक्स की मस्ती में सराबोर होकर विकी का लंड अपनी चूत में चख रही थी. वो मेरे लिए एक अलग ही अनुभव था.
पिंकी मोहित का लंड चूसने लगी और रोहित सामने आकर मेरे मुंह में अपना मुरझाया हुआ लंड डालने लगा.
अब पिंकी ने मोहित से कहा कि वो उसकी गांड को चोदे तो मोहित ने पिंकी को घोड़ी बना कर उसकी गांड में अपना लंड पेल दिया. वो बार-बार पिंकी की गांड पर थूक रहा था और लंड को बाहर निकाल कर पूरा घुसा देता था.
मैं इधर झड़ने लगी थी. अपनी गांड धकेल-धकेल कर विकी का लंड खाने लगी थी. विकी अभी पूरे जोश में था. झड़ने के बाद मुझे विकी का लंड चुभने सा लगा तो विकी ने मेरे चूत-रस से भीगे अपने लंड को मेरी गांड पर टिका दिया।
मेरे रोकते रोकते उसने झटका मार दिया। मेरी चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
आधा लंड गांड में फंस चुका था. मैंने बहुत मिन्नतें कीं लेकिन विकी ने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसा लेने के बाद ही दम लिया.
कुछ देर के बाद मैं सहज महसूस करने लगी. फिर उसने तेज-तेज झटके लगाते हुए मेरी गांड को अपने माल से भर दिया. उधर पिंकी आराम से मोहित का लंड गांड में डलवा रही थी।
सबका राउंड खत्म हुआ तो सब लोग ही एक-दूसरे को चूमते-सहलाते हुए पैग लगाने लगे. फिर विकी और मोहित ने मुझे दोबारा से लंड चुसवाया. विकी सीधा लेट गया और मुझसे बोला- आकर इस पर बैठ जा.
मैं उसकी अगल बगल में टांगें फैलाते हुए उसके लौड़े पर बैठने लगी तो उसने अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रख दिया. धीरे-धीरे उसका लंड मेरी गांड को खोलता हुआ अंदर जाने लगा. मैं उसके लंड पर बैठ कर उछलने लगी.
मेरी उछलती चूचियों को देख कर मोहित ने मेरे मुंह में अपना लंड दे दिया. मैं उसका लंड चूसने लगी. फिर विकी ने मुझे पलटने के लिए कहा और मोहित ने सामने से मेरी चूत में लंड को डाल दिया.
उधर रोहित पिंकी की गांड मार रहा था।
मैं पहली बार ऐसा करवा रही थी. बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह का सीन था. दोनों के बीच सेंडविच बनी हुई थी मैं. विकी थोड़ा रुकता तो मोहित स्पीड पकड़ ले रहा था. मोहित रुकता तो विकी गांड फाड़ने लगता था. मोहित के तेज़ झटकों से मैं दूसरी बार झड़ गई और अंत में जब जब दोनों झड़ने वाले थे तो पहले विकी ने लंड निकाल कर मेरी चूचियों पर वीर्य की बौछार कर डाली और मोहित ने मेरे होंठों पर। पिंकी ने आकर मेरा माल साफ किया. मैं पिंकी का ये रूप देख कर हैरान हो रही थी. वो एक बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी और उसने मुझे भी अपनी जैसी रंडी बना दिया था।
पूरी रात वासना का यह खेल चला. तीनों ने रात के तीन बजे तक हमारी चूतें उधेड़ कर रख दी थी। लेकिन यह रात कभी नहीं भूल सकने वाली रात थी इसलिए मैंने आप लोगों के साथ इसको शेयर किया.
सुबह जब नशा उतरा तो मेरा सिर दर्द से फटा जा रहा था. आंख खुली तो सब के सब नंगे पड़े हुए थे. पिंकी रोहित की बांहों में थी. मैं विकी और मोहित के बीच में थी.
मेरी नजर मेरी चूत पर गई तो वो लाल होकर फूल चुकी थी. पता नहीं कितनी ही बार उसने इस रात में मोटे लौड़ों को अपने अंदर समाया था. अब तो मुझे कुछ याद भी नहीं था लेकिन उसकी हालत को देख कर थोड़ा अंदाजा तो हो गया था मुझे. मेरी गांड भी दर्द कर रही थी. पूरा बदन टूट रहा था.
मैं उठ कर चलने लगी तो चला नहीं जा रहा था. गांड से टीसें उठ रही थीं.
मुश्किल से उठकर यहां-वहां बिखरे कपड़ों में से मैंने अपने कपड़े ढूंढे. पिंकी को उठाया और फिर उसने सब को उठाया. पिंकी कुतिया, बेशर्म नंगी ही बैठी थी. यह मेरी ज़िंदगी की कभी ना भूलने वाली एक रात थी.
बहुत से पाठक मुझे फेसबुक पर रिक्वेस्ट भेज रहे हैं. मगर मैं माफी चाहती हूं कि सबका जवाब देना मुश्किल हो जाता है. लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि मैं ज्यादा से ज्यादा पाठकों के मेल्स का जवाब दे सकूं. जल्दी ही आप लोगों के लिए अपनी चुदाई की अगली दास्तां लेकर आऊंगी मैं.
शादी के बाद मैं कैसे लंडखोर बनी और और गैर मर्द की बांहों में जाकर कैसे चुदी वो सब मैं आप लोगों को बताऊंगी.