कामुक औरत को हॉस्पिटल में चोदा भाग 2 - xxx chudai story

कामुक औरत को हॉस्पिटल में चोदा भाग 2 – xxx chudai story

इस हिंदी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा बीवी के धोखे और जेल जाने के बार मैंने दिल्ली में एक फैक्ट्री में नौकरी करी। वहां एक चाचा से मेरी काफी बनने लगी। फिर एक दिन उनका एक्सीडेंट हुआ, और मैं उन्हें हॉस्पिटल ले गया। फिर मैं हॉस्पिटल के बाहर उनके और अपने लिए कुछ खाने को लेने गया। अब आगे-

कहानी का पहला भाग : chudai kahani xxx

मैं खाने के ठेले पर गया। वहां भी भीड़ थी। मेरे आगे एक Milf आंटी खड़ी हुई थी। (xxx chudai story)

वो बार-बार दुकानदार से दो अंडों की ऑमलेट देने के लिए कह रही थी। मैंने आंटी के हाथ में सौ का नोट देखा था, जिसे वे बार बार दुकानदार की तरफ करके ऑमलेट देने के लिए कह रही थी। ऑमलेट लेने के बाद वे बाकी पैसे लिए बिना चल दी।

मेरा खाना भी पैक हो गया था तो मैंने दुकानदार से कहा कि वे आंटी मेरे साथ थी, और उससे आंटी के बाकी पैसे लेकर तेज कदमों से चलते हुए आंटी के करीब जाकर मैं उनसे बोला-

मैं: आप शायद पैसे लेना भूल गई थी। ये लीजिए अपने पैसे।

उन्होंने एक निगाह मेरे उपर डाली, और अपने पैसे लेते हुए बोली: आज-कल टेंशन की वजह से कुछ ध्यान नहीं रहता।

मैं उनके पैसे उन्हें देते हुए बोला: आप भगवान पे भरोसा रखिये, सब ठीक हो जाएगा।(xxx chudai story)

मेरी बात सुन कर वे बोली: लगता नहीं कि सब ठीक हो जाएगा।

मैंने उनकी तरफ देखा तो उनकी आंखों से आंसू निकल कर उनके गालों से टपक रहे थे। ये देख कर मैं भी भावुक हो गया, कयोंकि मुझसे किसी का दुःख देखा नहीं जाता।

मैंने उनसे कहा: प्लीज आप रोइये मत।

और उन्हें पीने के लिए पानी दिया।

फिर कहा: आप मुझे बता सकती हैं कि क्या हुआ? कयोंकि बताने से मन हलका हो जाता है।(xxx chudai story)

मेरी बात सुन कर उन्होंने अपने आंसू पोंछ लिए, और पास में पड़ी बैंच पर बैठ गई। मैं भी उनके पास बैठ गया।

मैंने पूछा: आप यहां हॉस्पिटल में कैसे हो?

तो वे बोली: मेरा नाम रजिया हैं। मैं पानीपत से अपने शौहर को लेकर आई हूं।

मैं: क्या हुआ अंकल को?

आंटी: बहुत ज्यादा शराब पीने की वजह से दोनों किडनी खराब हो गई, और अब लास्ट स्टेज है। डॉक्टरो ने बताया कि अब कभी भी दुनिया छोड़ सकते हैं।

कुछ देर रूक कर वे बोली: अच्छा ही हो कि अल्लाह उन्हें उठा ले।(xxx chudai story)

मैं: आप ऐसा क्यों कह रही हो?

आंटी: जिसने जिंदगी भर कोई सुख ना दिया, और सारी जिंदगी शराब के लिए गुजार दी। ना अच्छे पति बन सके, ना अच्छे पिता, तो ऐसे शख्स के लिए दिल से यही निकलता है कि अल्लाह उन्हें उठा ले तो अच्छा है।

मैं: कितने बच्चे हैं आपके?

आंटी: 3 बेटी और एक बेटा हैं। बड़ी बेटी का नाम रिहाना हैं, उसकी उम्र 20 साल। बेटे का नाम रिहान हैं, उसकी उम्र 19 साल है। उसके बाद फरजाना 17 साल की, और साजिदा 14 साल की है। रिहाना की शादी जैसे-तैसे करके मैंने एक साल पहले की थी। लेकिन उसके ससुराल वालों ने शादी के कुछ दिनों बाद तलाक दे दिया, क्योंकि मैं उनके द्वारा मांगी हुई दहेज की रकम अदा नहीं कर पाई। एक तरह से उन्होंने मेरी बेटी को इस्तेमाल करके छोड़ दिया।

ये सुन कर मुझे बड़ा दुख हुआ।(xxx chudai story)

मैं: आपका बेटा पढ़ रहा है या कोई काम करता है?

आंटी: बेटा बचपन से ही बाप की शराब चुरा कर पीने लगा था, और आज बाप के नक्शे कदम पर चलते हुए वह भी शराबी बन गया है, और कुछ काम भी नहीं करता। कमा के देने के बजाय और हमसे ही वापस पैसे लेता है शराब पीने के लिए।

मैं: तो आपके घर का खर्चा कैसे चलता है?

आंटी: हम मां बेटी मिल कर सिलाई-कढ़ाई करके कुछ पैसे कमा लेते हैं, जिससे घर का खर्चा चल जाता है।

हम लोग बात कर ही रहे थे कि आंटी का फोन बज उठा। उनका कीपैड का फोन था। फोन पर धागा लिपटा था मतलब फोन टूटा हुआ था, जिससे स्पीकर मोड पे डाल के बात होती थी। उधर से उनकी बेटी की आवाज आई जो कह रही थी-

बेटी: अम्मी मकान मालकिन आई है, वो कह रही है कि उनको दूसरे किराएदार मिल गए हैं, जो टाइम से किराया दिया करेंगे। इसलिए या तो इनका पूरा किराया दो, वरना घर खाली कर दो।(xxx chudai story)

आंटी ने कहा: उनसे कहो कि दो-तीन दिन में पापा को छुट्टी मिल जाएगी अस्पताल से। जब मैं आ जाउंगी तब बात करेंगे।

उनकी बातें सुन कर मुझे बड़ा दुख हुआ। मैंने सोचा कि आंटी को ना तो पति का प्यार मिल सका, और ना ही बेटे का कुछ सुख हुआ, और ना दामाद अच्छा मिला। मैंने सोचा अगर मैं उनके कुछ काम आ सका तो मेरा जीवन बन जाएगा। मुझ अनाथ को भी एक परिवार मिल जाएगा, क्योंकि वैसे भी मेरा कोई नहीं था।

मैंने सोचा अगर रजिया मुझे एक प्रेमी के तौर पर अपनाएगी तो मैं जीवन भर एक सच्चे प्रेमी की तरह उनका साथ दूंगा। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मेरी और उनकी उम्र में कोई ज्यादा फर्क नहीं था। वह मुझसे बहुत 10 साल बड़ी थी, और कहीं ना कहीं वह शारीरिक सुख से वंचित भी थी। और अगर मुझे दामाद के रूप में स्वीकार करेगी, तो मैं उनकी तलाकशुदा बेटी को अपना लूंगा, और एक दामाद के रूप में उनकी मदद करता रहूंगा। और नहीं तो एक बेटे की तरह उनकी सेवा करूंगा, और उनके कांटेक्ट में बना रहूंगा।(xxx chudai story)

मैं अपनी उधेड़-बुन में लगा था। उधर आंटी ने अपनी बेटी से बात खत्म करके फोन काट दिया और बोली: बातों-बातों में बहुत देर हो गई। अब मुझे चलना चाहिए (और वो उठ कर जाने लगी)।

मैं भी उनके साथ चलने लगा। पहली बार आंटी को मैंने ध्यान से देखा। उनकी हाइट 5 फुट थी। रंग गोरा जैसे कशमिरी सेब। घुंघराले बाल और 36-34-38 का लाजवाब फिगर। उनके लंबे बालों की चोटी उनके कुल्हों तक आ रही थी। वे कुछ-कुछ फिल्म अभिनेत्री राखी गुलजार की तरह लगती थी।

चलते-चलते मैंने उनसे पूछा: आपके पति किस वार्ड में है?

तो उन्होंने जो बताया उसे सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा। क्योंकि मेरे साथ वाले चाचा भी उसी वार्ड में भर्ती थे। बात करते-करते हम वार्ड के अंदर आ गए। मैंने देखा आंटी के पति का बेड चाचा के बेड से 4 बेड छोड़ कर था। मैंने चाचा को खाना खिलाया, और खाने के बाद उनको मेडिसिन दी। आंटी ने भी अपने पति को ऑमलेट खिला दी और मेडिसिन दी।

मेडिसिन लेने के थोड़ी देर बाद चाचा सो गए और आंटी के पति भी सो गए। मुझे ऐसा लगा कि मेडिसिन में कोई नींद की टैबलेट मिक्स करते हैं, जिससे मरीज को नींद आ जाए।(xxx chudai story)

सर्दी के दिन थे।‌ और वार्ड के अंदर बैठे-बैठे मुझे हल्की ठंड महसूस हुई, तो मैंने चाय पीने की सोची। मैं आंटी के पास जाकर उनसे चाय के लिए पूछा तो पहले तो वे मना करने लगी। पर कुछ सोच कर वे बोली कि चलो। अस्पताल परिसर के अंदर ही बनी कैंटीन से मैं चाय ले आया और एक बैंच पर धूप में बैठ कर चाय पीने लगे।

चाय पीते हुए आंटी ने मुझसे पूछा: क्या हुआ तुम्हारे पापा को, और अब कैसी तबीयत हैं उनकी?

तो मैंने बताया: ये मेरे पापा नहीं है। ये तो मेरे साथ काम करते हैं। उनके परिवार में कोई नहीं है, इसलिए इलाज के लिए यहां ले आया।(xxx chudai story)

उन्होंने पूछा: तुम्हारा परिवार कहां है? तुम कहां के हो?

तो मैंने उन्हें शुरू से लेकर आखिर तक अपनी पूरी कहानी बता दी। जिसे सुन कर वे बोली: अमन मैं समझ गई थी, कि तुम एक अच्छे इंसान हो जब तुमने मेरे पैसे लौटाए। और अब मेरे दिल में तुम्हारे लिए इज्जत और बढ़ गई कि तुम निस्वार्थ ही दूसरों के काम आते हो।

मैं: मुझे अगर आप मौका दे तो मैं आपकी भी कुछ सेवा करना चाहता हूं।

आंटी: मैं कुछ समझी नहीं।

मैं: मैं आपके मकान का किराया देना चाहता हूं। मैंने सुन लिया कि अगर तुमने मकान का किराया नहीं दिया तो तुम्हें मकान खाली करना पड़ जाएगा।(xxx chudai story)

आंटी: नहीं, मैं आप से पैसे नहीं ले सकती क्योंकि हम अभी मिले हैं, और मैं तुम्हें जानती भी नहीं। फिर मैं कैसे आपके पैसे लौटाऊंगी?

मैं: मैं आपको पैसे उधार नहीं दे रहा हूं जो आपको लौटाने पड़ेंगे। मैं आपकी मदद कर रहा हूं। बेशक हम अभी मिले हो पर आपने मुझे और मैंने आपको अपनी सब बात बता दी। अब हम एक-दूसरे के दोस्त बन सकते हैं। क्या आप मेरी दोस्त बनोगी?

आंटी: मैं खुद को खुशकिस्मत समझूंगी अगर तुम जैसा नेक शख्स मेरा दोस्त हो।

मैं: तो फिर दोस्ती के नाते ही मुझे आपकी मदद करने दीजिए। बहुत ना-नुकुर के बाद वह मान गई।

मैंने पूछा: कितना किराया है?

आंटी: 5 महीने हो गए, 2 हजार रुपए महीना किराया है। टोटल दस हजार हो गए।(xxx chudai story)

मैं: आप चिंता ना करें। मैं शाम के टाइम जाऊंगा, एटीएम से पैसे निकाल लाउंगा।

बहुत देर हम इधर-उधर की बातें करते रहे और फिर हॉस्पिटल के वार्ड के अंदर आ गए, और अपने-अपने मरीजों की देख-रेख में लग गए। अब आंटी मुझसे काफी खुल गई थी, और बीच-बीच में मेरी तरफ देख कर स्माइल कर देती। शायद मेरी आंखों में उनके लिए उमड़ रहे प्यार को उन्होनें देख लिया था।

मैं भी उसकी तरफ स्माइल कर देता। थोड़ी देर बाद मैं चाचा को बता कर फैक्ट्री आ गया। क्योंकि सर्दी का टाइम था, तो मैं अपनी जैकेट वगैरा लेने आया था। जब मैं आंटी से बात कर रहा था, तो मैंने नोट किया था कि जैसे उन्होनें तीन-चार दिन से कपड़े नहीं बदले, या शायद उसके पास बदलने के लिए कपड़े है या ना हो। मैं मार्केट गया।‌ वहां उनके लिए दो जोड़ी रेडिमेड सलवार कमीज और एक स्मार्टफोन खरीदा।

जब मैं हॉस्पिटल पहुंचा तो वे बार-बार दरवाजे की तरफ देख रही थी। उनका चेहरा बता रहा था कि वे मेरा ही इंतजार कर रही हैं। मुझे देख कर उनके चेहरे पर खूबसूरत स्माइल आ गई थी। मैंने थोड़ी देर चाचा से बात की और आंटी को इशारा करके बाहर आ गया। कुछ देर बाद में वे भी बाहर आ गई। मुझे पता था कि वह आसानी से फोन नहीं लेगी तो मैंने उनके हाथ में कपड़ों की पॉलिथीन देते हुए कहा-

मैं: अगर आप वाकई मुझे अपना दोस्त समझती है, तो यह सामान स्वीकार कर लेंगी।(xxx chudai story)

उन्होंने पॉलिथीन मेरे हाथ से लेते हुए उसमें से कपड़े और फोन निकाल कर देखा, और बडे प्यार से बोली: आखिर आप मेरी इतनी मदद क्यों करना चाहते हो? मैं तुमसे उम्र में बड़ी हूं, और शादी-शुदा भी हूं।

मैं: आप मुझसे उम्र में बड़ी हो या आप शादी-शुदा हो इन बातों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपके परिवार को एक पुरुष रूपी छत की जरूरत है, और वह छत मैं बनना चाहता हूं।(xxx chudai story)

आंटी: ये तुम क्या कह रहे हो?

मैं: मैं अकेला हूं संसार में, मुझे एक परिवार चाहिए, और आपको भी सहारे की जरूरत है। तो क्यूं ना हम एक-दूसरे का सहारा बन जाए? अगर आपको मेरी बात बुरी लगी तो मैं क्षमा चाहता हूं।

ये बोल कर मैं मुड़ कर जाने लगा, तो आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।

इसके आगे क्या हुआ, ये आपको इस हिंदी  सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।(xxx chudai story)

कहानी का तीसरा भाग : hardcore chudai xxx

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