नमस्कार दोस्तों, मैं रितिका अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आ गई हूं। उम्मीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा। अगर किसी ने अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, तो पहले उसको जरूर पढ़ ले।
कहानी का पहला भाग : uncle chudai xxx
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था कि सरकारी नौकरी की परीक्षा के चलते मुझे दूसरे शहर में 3 दिन तक रहना था। (uncle fuck story)
अब मेरे घर से मेरे साथ कोई रुक नहीं सकता था, तो मेरे पापा मुझे उस शहर में रहने वाले अपने दोस्त के यहां छोड़ आए। उनके दोस्त का नाम सुनील था। फिर पहली रात ही सुनील अंकल मेरे कमरे में आए, और मुझे सोई हुई समझ कर मेरी चूत का पानी निकाल दिया। फिर वो चले गए। अब आगे बढ़ते है-
अंकल के जाने के बाद मैं उठी, और बाथरूम में जाके अपनी चूत साफ की। फिर मैं दोबारा बिस्तर पर लेट गई। कुछ ही देर में मुझे नींद आ गई।(uncle fuck story)
सुबह जब मैं उठी, और सबसे पहले रात वाला सीन मेरे दिमाग में आया। उसके बारे में सोच-सोच कर मेरी चूत दोबारा गीली होने लगी। मैंने सोचा कि अगर अंकल दोबारा वैसा ही करें, तो कितना मजा आएगा। फिर मैं उठ कर तैयार हुई, और बाहर आ गई।
बाहर आई तो देख अंकल नाश्ता बना रहे थे। मैंने उनको गुड मॉर्निंग बोला, और उन्होंने भी बोला। मैंने जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी, और आज अंकल ने दोबारा मुझे ऊपर से नीचे देखा। फिर नाश्ता करके हम एग्जाम हॉल के लिए निकल गए। गाड़ी में जाते हुए अंकल का हाथ गियर बदलते हुए बार-बार मेरी जांघ को लग रहा था। मैं भी अंजान बनी रही, क्योंकि मुझे भी कहीं ना कहीं मजा आ रहा था।
फिर एग्जाम हॉल में पहुंच कर मैं एग्जाम देने चली गई। जब मैं वापस आई, तो अंकल वहीं पर थे। वो मुझे सीधे एक रेस्टोरेंट में ले गए। वहां हमने लंच किया। लंच के दौरान जब मैं खा रही थी, तो अंकल मेरे होंठों और मेरे चूचों को देख रहे थे। अंकल की नज़र ऐसी थी, जैसे उन्हें मेरे कपड़ों के अंदर भी दिख रहा था।(uncle fuck story)
फिर वो बोले: बेटी, नई फिल्म लगी है, देखने चलेगी?
मुझे कोई काम तो था नहीं, और परीक्षा की तैयारी मैंने पहले से की हुई थी, तो मैंने हां बोल दिया। फिर हम दोबारा गाड़ी में बैठे, और सिनेमा हॉल की तरफ चल पड़े। रास्ते में मेरी जांघ को छूने का काम अंकल बख़ूबी करते रहे। लेकिन मैं फिर से ऐसा दिखा रही थी, जैसे मुझे कुछ पता ही ना हो।
फिर हम सिनेमा हॉल पहुंच गए। वहां भी अंकल ने मुझे बार-बार छुआ, कभी सीट पर बिठाने के बहाने, कभी कुछ पकड़ाने के बहाने। सीधे-सीधे बोलूं, तो जहां उनको मौका मिल रहा था, वो मुझे छूने का मौका नहीं छोड़ रहे थे। उनकी इन सब हरकतों से मुझे भी उत्तेजना चढ़ने लगी थी।
फिर मूवी खत्म होने के बाद हम घर वापस चले गए। घर पहुंचने तक शाम हो चुकी थी। अंकल ने डिनर बाहर से ऑर्डर कर दिया। हमने डिनर खाया, और अपने-अपने कमरों में चले गए। आज भी मैंने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी था। मुझे नींद नहीं आ रही थी, और मैं सोच रही थी कि अंकल दोबारा आ जाए। ये सोच कर मैं बार-बार दरवाजे की तरफ देख रही थी।(uncle fuck story)
आधी रात को कमरे का दरवाजा खुला। मैं खुश हो गई। अंकल मेरे पास आए, और बिस्तर पर बैठ गए। मेरे बदन पर हलचल होनी शुरू हो गई। उन्होंने फिर से मुझे चाटना शुरू कर दिया, और चाटते हुए मेरी शॉर्ट्स तक आ गए। मुझे बहुत मजा आ रहा था। लेकिन आज उन्होंने आगे भी कुछ किया। उन्होंने धीरे से मेरी शॉर्ट्स का बटन खोला, और उसको नीचे कर दिया। अब मैं तो सोने का नाटक कर रही थी, तो मैं कैसे उठती?
फिर उन्होंने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत पर किस्स करना शुरू कर दिया। मेरी चूत तो गीली हो चुकी थी, जो उनको किस्स करते हुए पता चल गया होगा। फिर वो और आगे बढ़े, और उन्होंने पैंटी नीचे कर दी। अब मुझे थोड़ी चिंता होने लगी थी। मेरी चिकनी चूत अब अंकल के सामने थी, जिसमें से पानी रिस रहा था।(uncle fuck story)
अंकल ने मेरी चूत पर मुंह लगा दिया, और उसको चाटने लगे। अब मेरी हालत खराब हो रही थी। मेरे मुंह से सिसकियां निकलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैं उनको रोक रही थी। तभी अंकल खड़े हो गए, और उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए। वो नंगे हो कर मेरे ऊपर आ गए, और लंड मेरी चूत पर सेट कर लिया। तभी मैंने आँखें खोली, और बोली-
मैं: अंकल आप ये क्या कर रहे हो? ये गलत है।
अंकल बोले: साली रंडी, अब तक सोने का नाटक करते हुए मजे ले रही थी, वो ठीक था! अब जब मेरे मजे की बात आई तो गलत हो गया?(uncle fuck story)
ये बोल कर अंकल ने नीचे से जोर का धक्का मार दिया। मेरी चीख निकली, लेकिन उन्होंने अपने मुंह से मेरा मुंह बंद कर लिया। फिर वो धक्के पे धक्का मारते रहे, और पूरा लंड चूत में घुसा कर रुक गए। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। वो मेरे होंठ चूसने लगे और चूचे सहलाने लगी। इससे मैं गरम हो गई, और दर्द कम होने लगा।
जब दर्द कम हुआ, तो मेरी गांड अपने आप ही ऊपर उठने लगी लंड लेने के लिए। अंकल ये समझ गए, और चूत में धक्के मारने लगे। वो मेरे चूचे, होंठ, कान, गाल, गर्दन सब चूसते-चाटते रहे। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं आह आह करते हुए अंकल के लंड का लुत्फ उठा रही थी।(uncle fuck story)
कुछ देर वैसे ही चोदने के बाद अंकल ने मुझे उलटा लिया दिया, और मेरे चूतड़ खोल कर, लंड चूत में घुसा कर मेरे ऊपर लेट गए। फिर वो दोबारा मुझे चोदने लगे। मैं बस आह आह कर रही थी। अंकल का भार ज्यादा था, इस वजह से मेरी सांस रुक रही थी, लेकिन चुदाई का मजा इतना ज्यादा था, कि मुझे कुछ फरक नहीं पड़ रहा था।
कुछ देर बाद वो मुझे घोड़ी बना कर चोदने लगे। वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार रहे थे। ऐसे ही आधा घंटा चोदने के बाद उन्होंने अपना माल मेरी गांड पर निकाल दिया। फिर हम नंगे ही लेट गए, और कुछ देर में सो गए।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। (uncle fuck story)
कहानी का तीसरी भाग : uncle hardcore sex
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