मेरे ससुर जी ने अपने मोटे लंड से मेरी माँ को चोद दिया-desi maa xxx

मेरे ससुर जी ने अपने मोटे लंड से मेरी माँ को चोद दिया-desi maa xxx

हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “मेरे ससुर जी ने अपने मोटे लंड से मेरी माँ को चोद दिया-desi maa xxx” यह कहानी श्यामलाल की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

दोस्तो, मैं श्यामलाल!

अब मैं आपके लिए फिर एक नई कहानी लेकर आया हूँ.

यह देसी माँ सेक्स कहानी एक बहू की है, जिसके साथ एक घटना हुई.
उस कारण से ससुर और बहू का रिश्ता बदल गया.

यह कहानी बहुत समय पहले की एक छोटे से पिछड़े हुए गांव की है, जहां एक परिवार रहता था.

मां, बाप और एक बेटा व एक बहू है.

मां का नाम कोमल है, जो 44 साल की है. desi maa xxx
कोमल एकदम सीधी सादी औरत है.

बाप का नाम विक्की है जो 46 साल का हट्टा-कट्टा मर्द है.
वह रंगीन मिजाज है.
उसने गांव में कई औरतों को गर्भवती किया है.

यहां तक कि उसने अपनी छोटी भतीजी को भी एक संतान दी है, जो उसे चाचा बुलाती है.
उसने अपनी सास तक को नहीं बख्शा है.

उसकी किस्मत ऐसी थी कि कोई औरत उसे चोदने से मना ही नहीं कर पाई.

ससुराल में उसके जाने से उसकी सासू मां की आंखों में आज भी चमक आ जाती है.
वह बहुत ही खुशी से अपने जमाई और अपने चोदू का स्वागत करती है.

उसके घर आते ही वह अपने पति को कहीं दूर किसी काम के लिए भेज देती है और ये दोनों सास दामाद जम कर चुदाई करते हैं.

इसके विपरीत उसका लड़का है, जो सिर्फ अपनी पत्नी से ही प्यार करता है.
उसकी बहू संसकारी है.
वह घर में किसी को किसी बात के लिए मना नहीं करती है. desi maa xxx

वह अपने ससुर से डरती है.
उसकी एक आवाज पर वह हाथ का काम छोड़ कर दौड़ी चली आती है.

आज की यह सेक्स कहानी उसी बहू की जुबानी सुनिए.

एक बार मैं मायके गयी हुई थी.
कुछ दिन बाद मेरे पति मुझे लेने आने वाले थे.

पर उन्हें काम से छुट्टी नहीं मिली.
उस वजह से उनके पिताजी मतलब मेरे ससुर आ गए.

उन दिनों यातायात के कोई साधन नहीं थे. पैदल ही आना जाना होता था.

वे दोपहर तक घर आ गए थे.
मेरे घर वालों ने उनका स्वागत किया, चाय नाश्ता करवाया.

मैंने गौर किया वे मेरी मां को हवस भरी नजरों से देख रहे थे.
मां भी उनको हंस हंस कर जवाब दे रही थीं.

पिताजी को कुछ खबर नहीं थी. desi maa xxx
वे बातें करने में मग्न थे.

फिर सबने खाना खाया और पिताजी मेरे ससुर से बोले- समधी जी, आप थोड़ा सुस्ता लीजिए, फिर सूरज ढलते वक्त चले जाना.
ससुर ने बात मान ली.

मेरे पिता जी ने उनको एक कमरा दिखा दिया और मेरे ससुर जी उस कमरे में सोने चले गए.

मेरे पिताजी मुझसे बोले- तू अपना सामान लगा कर तैयार रहना, शाम होते ही तुझे निकलना है.
फिर वे मां से बोले- तुम समधी जी का ख्याल रखना. मैं उनको देने के लिए कुछ वस्त्र लेकर आता हूँ.

पिताजी बाजार चले गए.
मैं अपना सामान समेटने के लिए कमरे में गयी.

कुछ देर बाद मां दूध लेकर ससुर जी के कमरे में गईं.

इधर मैं आपको अपनी मां के बारे में बता देती हूँ.
वे एकदम सीधी सादी औरत हैं. बहुत खूबसूरत हैं और पति को परमेश्वर मनाने वाली हैं.
जब भी वे बाहर जाती हैं, तो लोग उन्हें देखते रह जाते हैं.

पर मां ने अभी तक किसी परपुरुष को अपने बदन छूने नहीं दिया.

मेरे कमरे के बगल में ससुर जी को पिता जी ने कमरा दिया था. desi maa xxx
मैं दोनों कमरों के बीच की खिड़की से झांक कर देखा.

मां ने मेरे ससुर को आवाज दी- समधी जी, दूध लायी हूँ आपके लिए!
ससुर जी उठ कर बैठ गए और बोले- सच में मैं आपके दूध के बारे में ही सोच रहा था.

वे मेरी मां के मम्मों को हवस भरी नजरों से देखने लगे.
मेरी मां शर्मा गईं और बोलीं- समधी जी, आप बड़े मजाकिया हैं!

ससुर जी अपनी दोनों टांगों के बीच अपने हाथ से सहलाने लगे थे.

मां उन्हें देखती हुई बोलीं- समधी जी, मेरी बेटी को संभाल लीजिए. मेरी नाजो से पली लड़की है.
उस पर ससुर जी बोले- समधन, आपको और आपकी लाड़ली को मैं अच्छे से संभाल लूंगा, पर मैं आपकी खूबसूरती पर मैं मर मिटा हूँ. आप कितनी जवान हैं. मेरी बहू की छोटी बहन लगती हो, सच में क्या नजर है आपकी, मैं तो दीवाना हो गया हूँ आप का!

यह कह कर उन्होंने मेरी मां का हाथ पकड़ा और दूध का गिलास बाजू में रख कर मां को अपनी तरफ खींचा.
मां उनके सीने पर जा गिरीं, फिर जल्दी से खुद को संभाल कर उनके बगल में खड़ी हो गईं.

मेरे ससुर ने मेरी मां को अपने करीब बिठाया और पूछा- समधी जी कहां हैं?
तब मां बोलीं- जी, वे बाजार गए हैं, शाम तक आ जाएंगे.

मैं समझ नहीं पायी कि मां ने ये क्यों कहा.
पर मेरे ससुर को समझ में आ गया.

उन्होंने झट से मेरी मां को दबोचा और गले से लगा लिया.
मां चुप थीं, पर विरोध भी नहीं कर रही थीं.

मां का ये रूप मैंने कभी नहीं देखा था.
ससुर जी ने उन्हें इशारे से दरवाजा बंद करने को बोला.

मां झट से दरवाजा बंद करके वापस ससुर जी के पास पहुँच गईं.

ससुर जी अब उठ खड़े हुए और उन्होंने मेरी मां को अपने दोनों हाथों में किसी हल्की सी गुड़िया के जैसे उठा लिया और किस करने लगे.
मां के होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगे. desi maa xxx

मुझे लगा कि मां इसका विरोध करेंगी … पर मां का हाथ उनके बालों में चला गया था.

अब उन्होंने मां को बिस्तर पर लिटाया और उनकी चोली खोल दी, उनके दूध एकदम से खुल कर सामने आ गए.

मेरे ससुर ने एक हाथ की उंगली से मेरी मां के गाल को छुआ और उन्हें प्यार से देखा.

मेरी मां शर्मा गईं और उन्होंने अपने एक दूध को उठाया कर मेरे ससुर की तरफ कर दिया.

मेरे ससुर ने मां के दूध को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगे.
वे दूसरे दूध को भी बेरहमी से मसल रहे थे.

मेरी मां की मादक आहें निकल रही थीं मगर वे बहुत ही धीमी आवाज में सीत्कार कर रही थीं.

फिर ससुर ने दूसरे दूध को चूसा.
मां मस्ती में भरी कामुक सिसकारियां निकाल रही थीं.

उनकी ऐसी मदभरी सिसकारियों से मेरी चुत में भी पानी आने लगा था.
मैंने अपनी मां के मुँह से आजतक कभी भी नहीं सुनी थीं. desi maa xxx

‘उम्ह मुँह आह औउच’ उनकी मादक आवाजें मेरे भी रोंए खड़े कर रही थीं.
न चाहते हुए भी मेरा एक हाथ अपने आप मेरी चुत की तरफ चला गया और मैं अपनी रस बहाती चुत को साड़ी के ऊपर से ही सहलाने लगी.

फिर ससुर जी मेरी मां के पेट पर अपनी जुबान फेरने लगे.

मां का चेहरा देखने लायक था.
अजीब सी खुशी थी उनके चेहरे पर.
बड़ी ही मदभरी हंसी और नशीली नजरों से वे मेरे ससुर को देख रही थीं.

मेरे ससुर की ये करामात मुझे आज दिखी और उनका यह जादू मेरी सती सावित्री बन कर रहने वाली मां पर चला था.

मेरी मां तो मदहोशी में चूर थीं और सब भूल गयी थीं कि बगल के कमरे में उनकी अपनी बेटी है. उस तक उनकी आवाज जा सकती है.

मां बस एक अजीब से आनन्द में गोते लगा रही थीं.
तभी ससुर जी ने मां की साड़ी उतार दी.

मां केवल पेटीकोट में थीं. desi maa xxx

मां ने अपना मुँह अपने हाथों से ढक लिया और ससुर जी मेरी मां के पेटीकोट के नाड़े को ढीला किया और झटके से नीचे खींच दिया.

तभी मां ने अपनी कमर ऊंची कर दी ताकि उनका पेटीकोट टांगों से बाहर निकल जाए.
मैं अपनी मां की ये हरकत देख कर दंग रह गयी.

मेरी मां मेरे ससुर से चुदने के लिए खुद ही नंगी होना चाहती थीं.

वह वक्त ही ऐसा था.
वासना ने मां को अपने कब्जे में कर रखा था.

मेरे ससुर ने पेटीकोट पकड़ कर एक तरफ फेंक दिया और अपनी एक उंगली को उन्होंने मेरी मां की चुत पर रख दिया.
वे मेरी मां की चुत को सहलाने लगे.

उनकी उंगली लगते ही मां उछल पड़ीं.
मैं असमंजस में थी कि यह सब क्या हो रहा है.

तभी मां की मदभरी सिसकारियां मेरे कानों में पड़ीं, मेरी नजर मां की चुत पर गयी.

मैंने देखा कि ससुर जी ने अपनी एक उंगली मां की चुत के अन्दर घुसा दी थी. desi maa xxx
ये सब देखते देखते कब मैंने अपना हाथ अपनी साड़ी के अन्दर डाल दिया और अपनी नंगी चुत सहलाने लगी, मुझे कुछ पता ही नहीं चला.

उधर ससुर जी ने अपनी धोती खोल दी और अपना कच्छा भी ढीला करके उतार दिया.

अन्दर से एक लंबा और बहुत मोटा औजार बाहर आया. उस भीमकाय हथियार को देख कर इधर मेरा मुँह खुला हुआ था और उधर मेरी मां सकपकाई नजरों से उस हथियार का दीदार कर रही थीं.
हम दोनों मां बेटी के मुँह खुले के खुले रह गए थे.

मेरी मां एक दो पल लंड को देखने के बाद जैसे होश में आईं और हैरत भरी आवाज में बोल उठीं- उई मां … इतना बड़ा समधी जी, ये तो मैं नहीं ले सकूंगी! मेरी तो फट ही जाएगी!

ये बोलने तक ससुर जी ने मेरी मां को किस किया और उनकी टांगों को अपने हाथों से ऊपर कर लीं.

ससुर जी ने अपना औजार मेरी मां की चूत में रखा और बिना बताए झटके से अन्दर पेल दिया.

उनका सामान मैंने भी आज पहली बार देखा था.
उनको इस नग्न हालत में मैंने पहली बार देखा था.

सच कहूँ तो अपने ससुर का हैवी लौड़ा देख कर मैं अपनी ही दुनिया में कहीं खो सी गयी थी.
उसी वक्त मां की चीख सुनायी पड़ी. desi maa xxx

मां- आह आह मर गई … आह दुखता है निकालो … जल्दी से बाहर निकालो मैं मर जाऊंगी.

मां ऐसे रो रही थीं मानो उनकी चुत अब तक कभी चुदी ही न हो.

पर मेरे ससुर जी के ऊपर काम सवार था तो उन्होंने मेरी मां की आवाज को अनसुना किया और तुरंत ही एक और धक्का दे मारा.

इस बार के प्रहार से ससुर जी का पूरा लंड मेरी मां की चुत में घुस कर कहीं खो गया था.
उसी के साथ ससुर जी ने मेरी मां के होंठों को अपने होंठों के कब्जे में लिया और मां गुंगु गुंगु करते रह गईं.

वे बिन पानी की मछली के जैसी छटपटा रही थीं पर ससुर जी धक्के पर धक्का लगाये जा रहे थे.
उनको मां की कोई चिंता ही नहीं थी.

मेरी उंगली भी मेरी चुत के अन्दर हड़कंप मचा रही थी.

कुछ देर बाद मां कुछ शांत हुईं.
मैं समझ नहीं पायी कि अब मां ने इतना बड़ा लौड़ा अपनी चुत में अन्दर कैसे ले लिया!

मां अब उनका साथ दे रही थीं. desi maa xxx

कुछ पल बाद मां को उन्होंने अपने हाथों में उठा लिया.
मैं अपने ससुर जी की ताकत देख दंग रह गयी.

उन्होंने मां को किसी खिलौने की तरह उठाया हुआ था और वे नीचे से धक्का लगा रहे थे.

मेरी चुत भी ये सब देख कर ऐसी गीली हो गयी थी कि क्या ही कहूँ!

मेरी मां अब मेरे ससुर जी के गले में अपनी दोनों बाँहें डाल कर उनके लौड़े पर झूला झूल रही थीं.

कुछ पल बाद मां को उन्होंने घोड़ी बनाया और पीछे से मेरी मां को चोदने लगे.

मेरी मां को शायद दर्द हो रहा था, उनकी आँखों में आँसू थे.

वे ससुर जी को पीछे धकेल रही थीं.
पर ससुर जी मां पर चढ़े जा रहे थे.

ससुर जी ने तभी अपनी रफ्तार बढ़ा दी.

अब मां भी जोर जोर से सिसकारियां निकाल रही थीं और मजे ले रही थीं.

कुछ देर बाद ससुर जी का माल निकल गया, उन्होंने अपने लंड का रस मेरी मां की चुत में ही खाली कर दिया था.
जबकि ससुर जी का लंड अभी भी मां की चुत के अन्दर ही था.

फिर उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया.
झड़ने के बाद भी ससुर जी का लंड काफी बड़ा लग रहा था. desi maa xxx

वे नंगे ही लंड हिलाते हुए बाथरूम में चले गए.
देसी माँ सेक्स के बाद कुछ देर तक बिस्तर पर पड़ी रहीं. फिर उन्होंने अपने कपड़े पहन लिए, साड़ी भी सही से पहन ली और बाहर निकल गईं.

तब तक मेरा भी रस निकल गया था. मैं भी वहां से हट गयी और कपड़े समेटने लगी.

तभी मां मेरे कमरे में आईं.
मां काफी थकी हुई लग रही थीं.

मैंने पूछा- मां क्या हुआ, तुम बहुत थकी हुई लग रही हो?
मां बोलीं- हां थोड़ा काम कर रही थी. desi maa xxx

मैं दिल ही दिल में बोल पड़ी कि मां तेरा काम बजते हुए मैंने देखा है, पर मैं मां को शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी.

इसलिए मैं बोली- मां ससुर जी आराम कर रहे हैं ना, उनको किसी चीज की जरूरत तो नहीं है, जरा पूछ लो!

मां अपने दिल ही दिल में जरा शर्माईं और बोलीं- हां देखती हूँ … तुझे कुछ और चाहिए है क्या?
मैंने कहा- नहीं!

मां चली गईं.
मैं भी फिर से खिड़की की दरार के पास आ गयी.

ससुर जी दूध पी रहे थे.
तभी मां कमरे के अन्दर दाखिल हुईं और पूछा- कुछ चाहिये तो नहीं?

ससुर जी ने दूध का गिलास नीचे रख कर मां को अपने पास खींच लिया और बोले- शीला तुम बहुत सुंदर हो … और आज जो तुमने जो मुझे सुख दिया है, वह मैं मरते दम तक नहीं भूलूंगा. आज से तुम मेरी भी बीवी हो, ये याद रखना. आज से मैं तेरा पति हूँ.

यह कह कर वे मेरी मां को किस करने लगे.

मेरी मां भी उनका साथ दे रही थीं. desi maa xxx

उन्होंने फिर से मां को उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
ससुर ने मां की साड़ी ऊपर की, पैरों को फैलाया, अपनी धोती साईड की और अपना औजार फिर मां की चूत में उतार दिया.
उनकी चुदाई फिर से चालू हो गई.

मेरी desi maa xxx भी अपनी दोनों टांगें हवा में फैलाए हुए मेरे ससुर के लौड़े का रस चूस रही थीं.

मेरे ससुर ने करीब आधा घंटा तक मेरी मां की चुत चोदी और उनकी ही चुत में अपना माल निकाल कर वे मां को गोदी में उठा कर बाथरूम ले गए.

उधर से वे करीब 15 मिनट बाद लौटे.
मां गीली हो गयी थीं और बहुत खुश भी थीं.
उनके गले में एक सोने की चैन दिखी, जो मेरे ससुर के गले में थी.

मैं समझ गयी कि मेरी मां को मेरी सास बना दिया मेरे ससुर ने!

कुछ देर बाद पिताजी आए और ससुर जी का सम्मान किया.

फिर हमने विदाई ली और मैं अपने ससुर के साथ ससुराल की तरफ निकल पड़ी.

रास्ता बहुत लंबा था.

कहानी से आगे की कहानी: ससुर जी ने मुझे खेतों में चोद कर किया अपने लंड की हवस शांत

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