चाची के साथ दिवाली की सफाई भाग 4 – horny chachi chudai

चाची के साथ दिवाली की सफाई भाग 4 – horny chachi chudai

कहानी का तीसरा भाग : fuck sexy chachi

मैं: चाची आप मेरी मां जैसी हो। और आप भी मुझे बेटा मानती हो, है ना?

चाची: हां बेटा। तुम मेरे प्यारे बेटे हो।

मैं: चाची, मैं चाहता हूं कि आज हमारा नया रिश्ता मां बेटे के नाम से ही बने।(horny chachi chudai)

चाची: मतलब? मैं समझी नहीं।

मैं: मतलब ये, कि अभी और जब भी हम चुदाई करेंगे, मैं आपको मां कह कर बुलाऊंगा, और आप मुझे बेटा। ना मैं आपको चाची बोलूंगा और ना आप मेरा नाम लेंगी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं सच में अपनी मां के साथ ये करना चाहता हूं। मैं सिर्फ इमेजिन करना चाहता हूं, कि जो लोग ऐसा काम करते है( अपनी मां को चोदने का) उन्हें कैसा फील होता होगा।

चाची: अच्छा ठीक है मेरे बेटे। तुम मुझे इतनी खुशी इतना सुख दे रहे हो, तो तुम्हारे लिए मेरी चूत, मेरी गांड, मेरी जान अब हाजिर है।

अब देर मत करो अब चोद दो बेटा। मैं तुम्हारा लंड पकड़ती हूं।(horny chachi chudai)

मैंने चाची के होठ को जोर से चूमा और चाची ने लंड पकड़ कर अपनी चूत में रगड़ना शुरू कर दिया।

मैं: चाची रुकिए।

चाची: अब क्या हुआ? अब क्यों रोक रहे हो?

मैं: चाची कंडोम?

चाची: क्या करना है कंडोम का? मैं तुम्हारे औजार को अपने अंदर रगड़ते हुए महसूस करना चाहती हूं।

मैं: अरे चाची वो तो ठीक है, पर अगर अंदर गिर गया माल तो गड़बड़ हो जायेगी।(horny chachi chudai)

चाची: कुछ गड़बड़ नहीं होगी। तुम्हारे चाचा और मैं दूसरा बच्चा प्लैन ही कर रहे है। अब मैं चाहती हूं कि वो बच्चा तुम्हारा ही हो। इसलिए बेफिक्र हो कर रगड़ के चोदो मुझे।

बस फिर क्या था अब असली काम शुरू।

( अब मैं चाची को मां लिखूंगा)

मां अपने पैरो को फैला कर लंड को चूत में घुसाने लगी पर उनकी चूत टाइट थी। अंदर नहीं घुस रहा था लंड। मैंने एक धक्का मारा तो आधा लंड मां की चूत में घुसा और वो जोर से चीखी। लेकिन उनकी आवाज बाहर ना जा सकी क्योंकि मैं उनके होंठ चूस रहा था।(horny chachi chudai)

मां कसमसाने लगी। उनकी आंखों से आंसू आने लगे। मैं 1 मिनट के लिए रुका और किस करना रोक दिया।

मां: बेटा, रुक क्यों गए?

मैं: मां, मेरे मन में अचानक से एक बात आई है।

मां: क्या बेटा, कोई नया तरीका आया है क्या दिमाग में?

मैं: नहीं मां, मुझे ये लगा रहा कि हम जो कर रहे है, गलत तो नहीं कर रहे?(horny chachi chudai)

मां: बेटा, वैसे देखा जाए तो हमारा जो रिश्ता है उस नजरिये से तो ये गलत है, लेकिन हमारा एक और रिश्ता भी है। मर्द और औरत का, लंड और चूत का। इसमें ही संसार का सबसे बड़ा सुख है। इसके आगे पूरे संसार की सारी खुशियां सारे आनंद फीके है। देवता भी इस सुख के लिए धरती पर आ कर कैसे-कैसे कर्म करते है। परस्त्री से संबंध हमारे इतिहास में कही ना कही आदिकाल से ही है। इसलिए तुम किसी भी प्रकार की मलाल अपने मन में ना लाओ और आनंद लो।

मां की ये बात सुन कर मैंने नि:संकोच हो कर एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा लंड मां की चूत में डाल दिया।

मां की सांस अटक गई कुछ सेकेंड के लिए। फिर वो खुद को संभाली और मैंने धक्के देना शुरू कर दिया।

मां: आह… गया। ओह बेटे ओह… बेटा करो जैसे चाहो करो।(horny chachi chudai)

चोदो अपनी मां को, और तेज धक्के लगाओ।

मैं धक्का-पेल मां को चोदे जा रहा था। मैं बिस्तर पर हाथ रख कर थोड़ा ऊपर की तरफ होकर मां की चूत को देख रहा था। जब लंड चूत में जा रहा था तो चूत का मुंह बार-बार खुल और बंद हो रहा था। चूत इतनी टाइट थी कि लंड के ऊपर आने के साथ चूत भी उठ जाती ऊपर।

मैं लम्बे-लम्बे धक्के दे रहा था। हर धक्के के साथ लंड मां की बच्चेदानी से टकरा रहा था। मां ने मेरी पीठ पर हाथ रख कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरा मुंह अपने बूब्स पर रख दिया।

मैंने एक बूब को मुंह में लेकर खा रहा था और दूसरे को मसल रहा था। मां सिसकारियां ले रही थी।(horny chachi chudai)

मां: आह बेटे, खा जा इन्हे, मसल दे। निचोड़ दे सारा दूध इनका। और अपने लंड से चूत को मथ कर इसका मट्ठा निकल दे। खूब चोद बेटा आह.. आह.. मार डाल आह…..।

मैंने मां के बगल से अपने दोनों हाथ पीछे ले जा कर मां को पकड़ा और उन्हें वैसे ही पलट कर अपने ऊपर कर लिया। मां ने लंड को चूत में लेना शुरू किया और उछल-उछल कर चुदवा रही थी। वो उस समय एक प्रोफेशनल पोर्नस्टार की तरह लग रही थी।

उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपने बाल पकड़ कर बांध लिए। पूरा वजन लंड पर रख कर दोनों घुटने फोल्ड करके बिस्तर पर रख लिए थे, और बिना किसी सहारे के अपनी कमर हिला-हिला कर मेरा लंड चोद रही थी।

चाची कोनिया पॉजिशन में देख कर मुझे मां दिखाई देने लगी जो थोड़ी देर पहले ऐसे ही पापा से चुदवा रही थी। क्या बताऊं दोस्तों। क्या गजब का मोमेंट था वो। मां इतनी सेक्सी लग रही थी कि लग रहा था बस जिंदगी भर उन्हें ऐसे ही रखूं और ऐसे ही देखता रहूं।

मां के हिलने के साथ उनके big boobs ही ऊपर नीचे होकर आमंत्रण दे रहे रहे थे कि आओ-आओ मेरा मर्दन करो। मसल डालो मुझे। उनके इस आमंत्रण को भला कोई मर्द कैसे नकार सकता था। मैंने अपने दोनों हाथों से उनके दोनों बूब्स को जकड़ लिया, और जोर-जोर से दबाना शुरू किया।(horny chachi chudai)

मां: सी… आह बेटा आराम से कर आह… थोड़ा रहम कर अपनी मां पर।

मैंने निपल्लस को अपनी उंगलियों से मसलना शुरु किया और मां को तेज-तेज चोदने के लिए कहा। मां ने अपनी स्पीड बढ़ाई और 5 मिनट में उनका बदन अकड़ने लगा और मां एक-दम निढाल हो कर मेरे सीने पर सर रख कर लेट गई।

उनका कामरस निकल चुका था, लेकिन मेरा अभी दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं था छूटने का। मैंने मां को नीचे किया और खुद उनके ऊपर आकर रुक कर उन्हें किस करने लगा। मां बोली-

मां: रुक क्यों गए?

मैं: आपका पानी निकल गया ना।

मां: हां तो?(horny chachi chudai)

मैं: तो आपको अब तकलीफ होगी ना मेरे करने से।

मां मुझे एक गहरा किस करके बोली: अरे मेरे प्यारे बेटे। कितना ध्यान दे रहे हो अपनी मां का। बेटा ये प्यार ऐसा है इसमें जितना दर्द मिलता है उतना मज़ा बढ़ता है। तुम लंड डालो मेरी चूत में और अपनी मां को खूब पेलो। तब तक पेलो जब तक तुम्हारा मन ना भरे। भले ही चोद-चोद कर मेरी चूत फाड़ दो। लेकिन अब रुको मत, अपना कर्म शुरू करो।

मैंने तुरंत अपना mota land मां की चूत पर लगाया और 2 शॉट में ही पूरा लंड अंदर कर दिया। मां की चूत में पानी था, जिस वजह से मां को उतना दर्द नहीं हुआ। पर फिर भी वो उछल गई बिस्तर से। अब तो मैंने धक्का-पेल चुदाई चालू कर दी। मां के मुंह से लगातार आवाज़ निकल रही थी, जो मेरा जोश बढ़ा रही थी।

मां: आह आह आह आह… हो… ओह… उफ्फ.. याह… मर गई ई ई… मेरी चूत हाय हाय आ आ आ आह आह और तेज बेटा, पेलो, आओ बेटा और पेलो अपनी मां को ओह…

मैंने 45 मिनट तक मां को और चोदा अलग-अलग पोजिशन में। अब मेरा माल निकलने वाला था।

मैं: आह… मां… मां मैं झड़ने वाला हूं। मेरी मां मैं आया।

मां: हां बेटा, मैं भी झड़ने वाली हूं। गिरा दे अपनी आग मेरे अदंर। भर दे मेरा पेट तेरे रस से। मुझे अपना बच्चा दे दो। मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनूंगी।

कुछ ही पल में हम मां-बेटा एक-दूसरे में समा गए। मेरा लंड पूरा मां (चाची) की चूत में ही घुसा रहा, और हम वैसे ही लेटे रहे। मां अपने दोनो पैरों से मारी कमर को जकड़े रही। उस वक्त सुबह के 4:30 बज रहे थे। मैंने चाची की चूत से लंड निकाला और चाची से कहा कि-(horny chachi chudai)

मैं: आप अब कपड़े पहन लीजिए और अपने रूम पर चले जाइए। किसी ने हम दोनों को ऐसे देख लिया तो मुसीबत हो जायेगी।

चाची जैसे ही खड़ी हुई उनकी चूत से उनकी चूत का रस और मेरा माल एक साथ बह कर जांघो पर आ गया था। चाची ने अपनी उंगलियों से उसे साफ किया, और चांट लिया।

चाची मुस्कुराते हुए अपने कपड़े लेकर नंगी ही रूम से निकल कर अपने कमरे से चली गई। क्योंकि उस वक्त बाहर भी अंधेरा था।

चाची के जाने के बाद मैं वैसे नंगा ही सो गया। मैं जब दोपहर को उठा और चाची से मिला, तो चाची बहुत ही खुश थी।

मैं: क्या बात है चाची, इतनी खुश क्यों है? कोई खजाना मिल गया क्या?

चाची (मुस्कुराते हुए): मिला भी समझो और लुटा भी समझो।

तुम्हारे चाचा आज भी घर नहीं आयेंगे।(horny chachi chudai)

ऐसा बोल कर चाची स्माइल पास करते हुए अपने काम पर लग गई। मैं भी अपने काम करने लगा।

रात में चाची ने फिर मुझे अपने साथ सुलाने के लिए मेरी मां से बोल दिया। अब उन्होंने भला क्या प्रॉब्लम थी, सो हां बोल दिया।

फिर रात भर हमने अपनी प्रेम-लीला की और फिर उनकी चूत में 4 बार अपना पानी भरा उस रात। फिर अगले दिन चाचा आ गए।

फिर दिन में या जब भी मौका मिलता हम अपनी काम-लीला को अंजाम दे लेते। फिर चाची को एक बेटा हुआ। बताने को जरूरत तो है नहीं कि किसका है वो।(horny chachi chudai)

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