प्रमोशन की रात में मेरे दो बॉस ने की चुदाई-office party sex-1

प्रमोशन की रात में मेरे दो बॉस ने की चुदाई-office party sex-1

हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “प्रमोशन की रात में मेरे दो बॉस ने की चुदाई-office party sex-1” यह कहानी आरुषि की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

नमस्कार पाठको, मेरा नाम आरुषि है और आज जो मैं आप सबके सामने पेश करने जा रही हूं, वह मेरी इस साइट की पहली और सबसे खास बात होगी.

ये ऑफिस पार्टी स्टोरी जो मैं आपको बताने जा रही हूं, मुझे नहीं पता कि इसका क्या अंजाम होगा या ये आपको पसंद आएगी भी या नहीं.

लेकिन पिछले कई महीनों से मेरे दिल में ये तमन्ना पल रही थी कि अपनी जिंदगी के सबसे रोमांचक और हसीन लम्हों को आप सबके साथ बांटूं.

शायद मेरी जिंदगी में ऐसा नजारा दोबारा कभी न आए, इसलिए मैं इस घटना को आपसे साझा करके इसे इस साइट के जरिए हमेशा के लिए जिंदा रखना चाहती हूं.
ताकि सालों बाद अगर ये पल मेरी यादों से धुंधले पड़ जाएं, तो मैं इन्हें यहां पढ़कर फिर से जी सकूं. office party sex

मुख्य घटना शुरू करने से पहले मैं कुछ बातें साफ कर दूं.
पहली बात, मैं इसे अपनी निजी घटना के तौर पर लिख रही हूं न कि किसी बनावटी कहानी के रूप में.

मेरे साथ बीता ये वाकिया मेरे लिए बेहद खूबसूरत और अनमोल है इसलिए इसे महज एक कहानी कहकर मैं इसकी गरिमा कम नहीं करना चाहती.
उम्मीद है कि आप भी इसे उसी नजर से देखेंगे.

दूसरी बात, मैं जो कुछ भी बताऊंगी, वह वैसा ही होगा जैसा मेरे साथ हुआ, बिल्कुल सच्चा और शुद्ध.
इस ऑफिस पार्टी स्टोरी को रोचक बनाने के लिए मैं इसमें कोई अतिरिक्त मसाला भी नहीं जोड़ूंगी.

हो सकता है कि कुछ पाठकों को, जो सिर्फ सेक्स और चुदाई की बातें पढ़ने के लिए यहां आते हैं, ये उतना रास न आए.
लेकिन ये मेरा सच है और मैं इसे उसी रूप में पेश करूंगी. office party sex

तीसरी और आखिरी बात, मेरा हिंदी लेखन बहुत शानदार नहीं है. अगर कहीं शब्दों में गलती हो जाए, तो उसके लिए मैं पहले से माफी मांग लेती हूं.

अब कहानी पर आते है

तो दोस्तो, जैसा कि मैंने बताया, मेरा नाम आरुषि है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. इस वक्त मेरी उम्र 28 साल है.

मेरी शादी को अब करीब 2 साल हो चुके हैं और उससे पहले मेरे पति (जिनकी उम्र 31 साल है) के साथ मेरा 2 साल का प्यार भरा रिश्ता रहा था.

जी हां दोस्तो, मेरी लव मैरिज हुई है.

भगवान की कृपा से मैं दिखने में काफी आकर्षक हूं. मेरी लंबाई करीब 5 फीट 7 इंच है.
मेरे पूर्वज जम्मू से हैं, जिसकी वजह से मेरे नैन-नक्श तीखे और रंग गोरा है.

मैं हमेशा से मॉडर्न और खुले विचारों वाली रही हूं.
मुझे घूमना-फिरना, पार्टियों में शिरकत करना पसंद है. office party sex

लेकिन साथ ही मैं अपनी पढ़ाई और काम में भी बेहद मेहनती और जिम्मेदार रही हूं.
अपने जिस्म और फिगर को संवारने के लिए मैं नियमित रूप से जिम जाती हूं.

मेरा फिगर लगभग 36C-30-38 का है, जो मेरे आत्मविश्वास को और बढ़ाता है.

पढ़ाई में मैंने एमबीए मार्केटिंग किया है और इस वक्त मैं एक नामी कॉरपोरेट कंपनी में ऑफिस हेड के पद पर काम कर रही हूं.
इस कंपनी के साथ मैं पिछले 5 साल से जुड़ी हुई हूं.

अब बात उस घटना की, जो मार्च के आखिरी दिनों में हुई थी

ये उस शानदार पार्टी की बात है, जहां मुझे मेरा प्रोमोशन मिला था और मुझे अपने खुद के ऑफिस को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

दोस्तो, जो लोग कॉरपोरेट फाइनेंस की दुनिया से हैं, वे अच्छे से जानते होंगे कि मार्च के अंत तक ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों के अच्छे काम की सराहना में प्रोमोशन की घोषणा करती हैं.
साथ ही किसी बड़े 5-स्टार होटल में एक शानदार पार्टी का आयोजन भी होता है.

उस पार्टी में आसपास के शहरों से वे तमाम लोग बुलाए जाते हैं जिनका काम बेहतरीन रहा हो या जिन्हें प्रोमोशन मिला हो.
साथ ही उन शहरों के सभी बड़े बॉस भी वहां मौजूद होते हैं.

दोस्तो, साल भर की कड़ी मेहनत के बाद जब आपको उसका फल मिलता है, जब सबके सामने आपका नाम गूंजता है, अवार्ड आपके हाथों में थमाया जाता है और तालियों की गड़गड़ाहट आपके कानों में गूंजती है.
वह अहसास मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती. office party sex

उस एक रात में सारी थकान को भुलाकर, खुशी को गले लगाने के लिए सब खुलकर एंजॉय करते हैं.

शराब की चमक, डीजे की धुनों पर थिरकते कदम, हंसी-मजाक, ये सब उस रात की रौनक का हिस्सा बन जाता है.

उस शाम मैंने एक बेहद खूबसूरत काले और लाल रंग की डिजाइनर साड़ी पहनी थी जिसके साथ लाल रंग का स्लीवलेस, बैकलेस ब्लाउज मेरे जिस्म को और निखार रहा था.

दोस्तो, जब इतना बड़ा प्रोमोशन मिल रहा हो, तो थोड़ा सजना-संवरना तो बनता है, है ना?

हर नजर जब आप पर ठहर जाए, वह अहसास हर औरत अपने दिल में संजोना चाहती है और मैं भी उस रात उन नजरों की शहजादी बनना चाहती थी.

अवार्ड फंक्शन के बाद पार्टी शुरू होने वाली थी.

मैं दिल्ली ऑफिस के कुछ दोस्तों के साथ बैठी थी. 

तभी मेरे बॉस मलिक सर (उम्र 41 साल) ने मुझे वहां से बुलाया.
वे कुछ दूसरे शहरों के सिटी हेड्स के साथ बैठे थे.

उन्होंने मुझे सबसे मिलवाया और मेरे काम की जमकर तारीफ की.

वहां गुड़गांव, जयपुर, कोलकाता, देहरादून के सारे सिटी हेड्स मौजूद थे.
उनकी तारीफें सुनकर मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया.

लेकिन अगले ही पल मलिक सर ने मुझे डांट भी दी.
वे बोले- आरुषि, अब तुम ऑफिस हेड बन गई हो. जिनके साथ तुम अब तक काम करती थीं, अब वे तुम्हारे लिए काम करेंगे. अब तुम्हें उनके साथ ऐसे उठना-बैठना कम करना होगा!

मुझे उनकी बात समझ नहीं आई.
मैंने कहा- सर, मैं उन्हें इतने सालों से जानती हूं. आपकी बात का मतलब समझ नहीं आया. मैं उनके साथ ऐसे एकदम से कैसे दूर हो जाऊंगी? वे तो कहेंगे कि प्रोमोशन मिलते ही मुझमें घमंड आ गया.

मेरी बात सुनकर गुड़गांव के सिटी हेड संजीव सर (उम्र करीब 44 साल) ने बड़े प्यार से समझाया- आरुषि, मेरी बात ध्यान से सुनो. हम ये नहीं कह रहे कि तुम उनसे दुश्मनी कर लो. लेकिन अब तुम उनकी बॉस हो. तुम्हें अपनी एक अलग छवि बनानी होगी. अगर तुम उनके साथ ऐसे ही बैठकर शराब पीती रहोगी, हंसी-मजाक करती रहोगी, तो वे तुम्हें दोस्त समझेंगे, बॉस नहीं. फिर जब काम की बात आएगी और तुम्हें सख्ती दिखानी पड़ेगी, तो तुम ऐसा नहीं कर पाओगी, क्योंकि तुम्हारी दोस्ती आड़े आएगी. क्या तुमने हममें से किसी को अपने जूनियर्स के साथ ऐसे शराब पीते देखा है?

सबके सामने डांट सुनकर मेरी आंखों में आंसू छलक आए.
शायद मलिक सर ने मेरी हालत भांप ली. office party sex

उन्होंने फौरन माहौल बदलने के लिए कहा- अरे पगली, अब तुम भी एक ऑफिस की मालकिन बन गई हो. 15-20 लोग तुम्हारे नीचे काम करेंगे.

मेरा मूड ठीक करने के लिए वे उठे, मुझे गले लगाया और मेरे कंधों पर हाथ रखकर बोले- शाबाश! मुझे पता था कि ये प्रोमोशन इस साल तुम्हें ही मिलेगा.
मैंने उन्हें शुक्रिया कहा.

फिर उन्होंने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा- जाओ, अपनी टीम के साथ बैठो, लेकिन संभलकर रहना.

तभी उन्होंने मजाक में पूछा- माफी मांगता हूं कि मैंने तुम्हें शराब पीने से रोक दिया. लेकिन अगर तुम चाहो, तो क्या मेरे साथ पीना पसंद करोगी? अब तुम भी हममें से एक हो, तो पार्टी भी बॉस वाली करनी चाहिए!

मैंने फौरन हां कह दी और अपनी टीम के पास जाकर बैठ गई.

करीब दो घंटे बीत गए.
पार्टी पूरे शवाब पर थी.

स्टेज पर लोग कराओके मशीन के साथ गाने गा रहे थे, कुछ डांस फ्लोर पर थिरक रहे थे, तो कुछ आपस में हंसी-ठिठोली में डूबे थे.

रात के करीब 12 बजे मैं वॉशरूम के लिए उठी.
वहां जाकर मैंने फोन चेक किया, तो देखा कि मलिक सर के 3 मिस्ड कॉल थे.

मैंने फौरन उन्हें कॉल किया.
फोन उठाते ही वे हंस पड़े- अरे महारानी, आखिर आपने फोन देख ही लिया!
मैंने कहा- सॉरी सर, अन्दर इतना शोर था कि रिंग सुनाई ही नहीं दी. office party sex

उन्होंने कहा- कोई बात नहीं. सुनो, हम संजीव सर के कमरे में हैं, सातवीं मंजिल पर. अगर तुम आना चाहती हो, तो आ सकती हो.

थोड़ी देर बाद मैंने वॉशरूम में खुद को आईने में निहारा, अपनी साड़ी को ठीक किया, होंठों पर हल्की-सी लिपस्टिक की चमक बढ़ाई और फिर मलिक सर और संजीव सर के कमरे की ओर बढ़ गई.

जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि टेबल पर पहले से ही शराब की बोतलें, बीयर के कैन और स्नैक्स की प्लेट्स सजी हुई थीं.

संजीव सर का कमरा बाकी कमरों से कहीं ज्यादा शानदार था.

मैंने मन ही मन सोचा कि वाह, बड़े ओहदे का ये फायदा तो कमाल का है!
कमरे में एक 5-सीटर सोफा, बड़ा सा टीवी, सेंट्रल एयर कंडीशन और बेडरूम शायद टीवी की दीवार के पीछे था.
सब कुछ किसी लग्जरी सुइट की तरह.

जैसे ही मैं दरवाजे पर पहुंची, मैंने हल्के से पूछा- सर, अन्दर आ सकती हूं?
मलिक सर ने बड़े गर्मजोशी से कहा- अरे आओ आओ, आरुषि जी! दरवाजा बंद करती हुई आओ, तुम्हारे लिए ही खुला रखा था.

अन्दर कदम रखते ही संजीव सर ने मजाकिया लहजे में कहा- मुझे तो लगा कि मेरा भाषण सुनकर तुम हमारे साथ बैठना ही कैंसिल कर दोगी.
उनकी बात पर मैं शर्मा गई और बोली- नहीं सर, ऐसी कोई बात नहीं थी.

वे उठे, मेरे पास आए और मुझे गले लगाते हुए बोले- तुम बहुत अच्छी लड़की हो. जैसे सेल्स में कमाल दिखाया, वैसे ही अब ऑफिस मैनेजर बनकर कमाल दिखाना. एक दिन तुम हमारी बराबरी पर होगी, शायद हमसे भी आगे निकल जाओगी.

उनकी ये बात मेरे दिल को छू गई. office party sex

फिर उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा.
मैं मलिक सर के बगल में बैठ गई और संजीव सर हमारे सामने सोफा चेयर पर जम गए.

मलिक सर ने बड़े प्यार से कहा- देखो आरुषि, नीचे तक हम तुम्हारे बॉस थे और तुम हमारी जूनियर. लेकिन यहां, इस कमरे में, हम तीनों बस दोस्त हैं.

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- हां सर.
फिर वे बोले- मैंने तुम्हें नीचे शराब पीने से रोका था. अब देखो, तुम्हारे सामने ढेर सारी शराब है. जो पसंद हो, चुन लो. मैं और संजीव ब्लैक लेबल पी रहे हैं. तुम क्या लोगी?

मैंने झट से कहा- सर, मैं भी वही पीऊंगी जो आप लोग पी रहे हैं.
मलिक सर ने मेरी पीठ थपथपाई और हंसते हुए कहा- शाबाश! चलो, फिर सबके पैग बनाओ.

मैंने तीनों के लिए पैग तैयार किए और हमने मेरे प्रोमोशन की खुशी में चीयर्स करते हुए गिलास खनकाए.

देखते ही देखते बातों का सिलसिला शुरू हो गया.
वे दोनों अपने तजुर्बे मेरे साथ बांटने लगे.
मुझे सलाह देने लगे कि आगे क्या करना है, अपनी टीम को कैसे संभालना है.

बातों-बातों में हमारे 1-2 पैग हो गए.
शराब का नशा धीरे-धीरे हम सब पर चढ़ने लगा था.

और आप तो जानते हैं, जब शराब चढ़ती है, तो दिल की बातें होंठों पर आ ही जाती हैं.

वे दोनों मेरे सामने अपनी बीवियों की बातें करने लगे.

संजीव सर मजाक में मुझसे कहने लगे- यार, तुम्हारा पति तो बड़ा लकी है. बीवी जवान है, खूबसूरत है, अच्छा कमाती है. क्या चाहिए और?
मैंने भी हंसते हुए जवाब दिया- सर, आपकी बीवियां भी कम नसीब वाली नहीं हैं. उनके पति इतने बड़े ओहदे पर हैं.

वे मेरे जवाब पर ठहाके लगाने लगे और बोले- हां महारानी, पर हमारी बीवियां अब 28-29 की तो रही नहीं!

इसी तरह की बिंदास बातों के साथ हम सब हंसी-मजाक में डूब गए.

रात जैसे-जैसे गहरी होती गई, बातें और खुलती गईं. office party sex

वे अपनी एक्स-गर्लफ्रेंड्स की कहानियां, दोस्तों के साथ बिताए लम्हों के किस्से एक-दूसरे से शेयर करने लगे.

मैं चुपचाप बैठी उनकी बातें सुन रही थी, उनके हर किस्से में खोई हुई.

जब उनकी बातें खत्म होने को आईं तो संजीव सर ने मुझे छेड़ते हुए कहा- यार आरुषि, तुम बड़ी चालाक लोमड़ी हो. हमारी सारी बातें सुन रही हो और अपनी एक भी नहीं बता रही.

मैंने शर्माते हुए कहा- सर, आप दोनों के बीच मैं क्या ही बोलूं? इसीलिए बस सुन रही थी. office party sex
लेकिन वे जिद करने लगे- नहीं नहीं, तुम्हें भी अपनी पर्सनल लाइफ से कुछ बताना पड़ेगा.

मैं शर्म से लाल हो गई और बोली- नहीं सर, मैं आपसे ऐसी बातें नहीं कर सकती. आप मेरे सीनियर्स हैं.

तभी मलिक सर ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बड़े दोस्ताना अंदाज में कहा- यार आरुषि, मैंने तुम्हें आते ही कहा था ना … बॉस, सीनियर, जूनियर, ये सब नीचे तक ही रह गया. यहां हम सब दोस्त हैं.

उनकी बात सुनकर भी मैं थोड़ी हिचकिचाई और कहा- नहीं सर, आप लोग कंटिन्यू करो.

लेकिन उनके चेहरे पर वह शरारती मुस्कान थी जो बता रही थी कि वे मुझे आसानी से छोड़ने वाले नहीं.

संजीव सर उठकर मेरे दूसरी ओर आ बैठे और बड़े प्यार से बोले- अच्छा चलो ठीक है, अगर तुम्हें बताने में दिक्कत हो रही है, तो हम सवाल पूछते हैं. तुम बस जवाब दे दो.
मैं उनके बीच ऐसे फंस गई कि आखिरकार हां कहना पड़ा.

फिर संजीव सर और मलिक सर ने बारी-बारी से मुझसे सवाल शुरू कर दिए. office party sex

‘आरुषि, तुमने पहली बार किस को किस किया? तुम्हारा पहला बॉयफ्रेंड कौन था? पहली बार सेक्स कब और कहां हुआ?’

वे दोनों मेरी हर बात को बड़े ध्यान से सुन रहे थे.
शराब का नशा था या उस पल का जोश, अपने दो सीनियर्स … जो उम्र में मुझसे कहीं बड़े थे … के साथ ऐसी अंतरंग बातें शेयर करना मुझे अन्दर तक उत्तेजित कर रहा था.

ऐसे ही कुछ सवालों के बीच 2-3 पैग और गले से नीचे उतर गए.
धीरे-धीरे उनके सवालों का रंग बदलने लगा और वे कामुक हो गए.

संजीव सर पूछने लगे- अच्छा आरुषि, ये बताओ, तुम लौड़ा चूसती हो या नहीं? अपने पति का चूसती हो, या किसी और को भी इसके मजे दिए हैं?

तभी मलिक सर ने संजीव सर से कहा- नहीं नहीं भाई, हमारी आरुषि को देखकर तो नहीं लगता कि इसकी जवानी का मजा किसी और लौड़े ने लिया होगा.
उनकी ऐसी बातें इतने करीब से सुनकर मेरा जिस्म सुलगने लगा.

फिर पता नहीं कब, संजीव सर मेरे इतने पास आ गए कि उनकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर महसूस हुईं.
उन्होंने मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए. उनका एक हाथ मेरे घुटनों पर सरक रहा था, तो दूसरा मेरे बालों को सहला रहा था.

उधर मलिक सर का हाथ मेरी कमर पर था, उनकी उंगली मेरी नाभि के इर्द-गिर्द नाच रही थी और वे पीछे से मेरे बैकलेस ब्लाउज के ऊपर मेरी नंगी पीठ को चूम रहे थे.

शराब की मदहोशी में मुझे उनके स्पर्श अन्दर तक गर्म कर रहे थे. office party sex
मैंने भी उस अनुभव को आत्मसात करने का मन बना लिया था.

दोस्तो, सेक्स कहानी के अगले भाग में चुदाई की दास्तान लिखूँगी कि किस तरह से मुझे उन दोनों ने मिलकर चोदा.

हॉट ऑफिस पार्टी स्टोरी का अगला भाग: प्रमोशन की रात में मेरे दो बॉस ने की चुदाई-2

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