नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आरती है। मैं 25 साल की हूं, और पंजाब के लुधियाना शहर में रहती हूं। फिगर मेरा 34-30-36 है। आज मैं अपनी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेके आई हूं। उम्मीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ कर अपना लंड हिलाया होगा। जिन लोगों ने अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, वो पहले उसको जरूर पढ़ लें।
कहानी का तीसरा भाग : chuadai kahani baap beti
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा कि मैं काफी दिनों से अपने मम्मी-पापा के कमरे के बाहर आधी रात को खड़ी हो जाती थी। (baap beti xxx story)
ऐसा मैं इसलिए करती थी, क्योंकि मुझे अपने पापा का लंड देखना था। फिर एक दिन मैंने मम्मी-पापा की चुदाई देखी, और जी भर कर अपने पापा के लंड को देखा। पापा ने मम्मी की जबरदस्त चुदाई की, और फिर उनके जिस्म पर अपने माल की पिचकारी निकाल दी। मैंने भी बाहर खड़े हुए ही अपनी चूत में फिंगरिंग करके पानी निकाल दिया। अब आगे बढ़ते है-
अब मैं अपने कमरे में थी, और सोने की कोशिश कर रही थी। लेकिन इतना सब देखने के बाद मुझे नींद कहां आने वाली थी। मेरे सामने मम्मी-पापा की चुदाई का नज़ारा ही घूमे जा रहा था। पापा के लंड के बारे में सोच कर मेरी चूत में बार-बार सुरसुरी सी उठ रही थी। मुझसे अब ये बर्दाश्त नहीं हुआ, और मैंने लेटे हुए ही अपनी पैंटी में हाथ डाला, और फिर से चूत को सहलाने लगी। (baap beti xxx story)
धीरे-धीरे मुझे बहुत मज़ा आने लगा, और मैं अपनी सहलाने की स्पीड तेज़ करती गई। तकरीबन 10 मिनट मैंने बुरी तरह से अपनी चूत सहलाई। फिर मेरा शरीर कांपने लगा और चूत ने पानी छोड़ दिया। दोबारा पानी निकालने से मुझे थकावट महसूस होने लगी, और मेरी आँखें अपने आप बंद होने लगी। मुझे नहीं पता चला कि मैं कब सो गई।
मेरी नींद सीधे अगली सुबह खुली। मैं बाथरूम जाके फ्रेश हुई, और नहा-धो कर तैयार हो कर बाहर आ गई। मैं नाश्ते की टेबल पर जाके बैठ गई, जहां पापा पहले से बैठे थे। मैंने आज एक काले रंग की जींस और सफेद रंग की शर्ट पहनी थी। टेबल पर जाने से पहले मैंने जान-बूझ कर अपनी शर्ट के ऊपर के 2 बटन खोल दिए थे, ताकि पापा को अपनी बेटी की क्लीवेज दिख पाए। (baap beti xxx story)
टेबल पर मैं पापा के सामने बैठी थी, और बार-बार जान-बूझ कर मैं आगे की तरफ झुक रही थी, ताकि पापा को मैं अपने बूब्स का नज़ारा दिखा सकूं। तभी पापा की नज़र मेरी क्लीवेज पर पड़ी। मैंने उनको अनदेखा किया, लेकिन बीच-बीच में मैं उनका रिएक्शन नोटिस कर रही थी। आज पहली बार ऐसा हुआ था कि पापा मेरी तरफ टकटकी लगाए देख रहे थे, और जब मैं आंख बचा कर उनकी तरफ देखती, तो उनकी नज़र मेरे बूब्स पर ही होती।
उनके मुझे ऐसे देखने से मैं उत्तेजित होने लगी, और नीचे मेरी चूत में खुजली होने लगी। मेरी चूत हल्की गई होनी शुरू हो गई थी। फिर मैंने सोचा क्यों ना आज पापा को अपने बदन को छूने का एक मौका दूं, और देखूं कि वो क्या करते है। ये सोच कर मैं रसोई में गई, जहां मम्मी नाश्ता बना रही थी। मैंने मम्मी से उनकी हेल्प करने के बहाने से नाश्ते का बर्तन पकड़ा, और पापा की प्लेट में परोसने के लिए पापा के पास चली गई। (baap beti xxx story)
फिर मैं उनके सामने झुक कर उनकी प्लेट में खाना परोसने लगी। मैंने देखा पापा की नज़र अभी भी मेरे रसीले बूब्स पर थी। मैं फिर जान-बूझ कर अपने बूब्स को पापा के कंधे से टच कराने लगी। नाश्ता परोसते हुए उनके एक कंधे से मेरा एक बूब टच हो रहा था। जब-जब मेरा बूब उनके कंधे से टच होता, तो मेरे शरीर में एक करेंट सा लगता। तभी कुछ ऐसा हुआ, जो मेरे लिए बिल्कुल अविश्वसनीय था।
जैसे ही मैं नाश्ता पापा की प्लेट में परोस कर पीछे होने लगी, तो पापा ने मेरे सर पर अपना हाथ रखा और बोले-
पापा: मेरी बेटी अब बड़ी और सयानी दोनों हो गई है।
जब उन्होंने प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरा, तो मुझे अपने आप पर शर्म आने लगी। मैंने सोचा कि जो बाप मुझे इतना प्यार करता था, और मुझे आशीर्वाद दे रहा था, मैं उसी के बारे में इतना घटिया कैसे सोच सकती थी? (baap beti xxx story)
लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसने मुझे हैरान कर दिया। अचानक पापा अपना हाथ सर से खिसका कर मेरे बालों से होते हुए मेरी पीठ पर ले गए, और गोल-गोल घूमने लगे। मैं समझ नहीं पाई पापा क्या कर रहे थे। उसके बाद वो अपना हाथ और नीचे जींस के ऊपर से मेरी गांड पर लेके गए, और हल्के से मेरे चूतड़ को दबा दिया। उनकी इस हरकत ने मुझे हैरान कर दिया। मैंने जब उनकी तरफ देखा, तो उन्होंने मुझे देख कर मुस्कुरा दिया। उनके ऐसा करने से मैं थोड़ा घबरा भी गई, और वहां से रसोई में चली गई।
फिर रसोई में जा कर जब मैंने पापा की तरफ मुड़ कर देखा, तो इस बार उनकी नज़र मेरी गांड पर थी। मैं समझ गई थी, कि पापा मेरी तरफ किस नजर से देख रहे थे। लेकिन अचानक से उनमें ये बदलाव कैसे आया, इस बात की मुझे समझ नहीं आई। फिर मैं जॉब पर चली गई, और वहां काफी बिजी थी, तो पापा के बारे में सोचने का टाइम नहीं मिला।
शाम को जब मैं घर आई, तो पापा ने दरवाजा खोला। पापा सिर्फ पजामा और बनियान पहने हुए थे, और उनकी बॉडी फिट लग रही थी। फिर मैंने पापा से पूछा- (baap beti xxx story)
मैं: पापा क्या बात है, आज आपने दरवाजा खोला? मम्मी ठीक तो है?
पापा बोले: हां बेटा तेरी मम्मी बिल्कुल ठीक है। तेरी नानी की तबियत थोड़ी खराब है, इसलिए तेरी मम्मी उनका हाल पूछने गई है। कह रही थी कि अगर सब ठीक हुआ, तो उसका भाई उसको रात में छोड़ जाएगा वापस। डिनर बना कर गई है, बस परोसना है।
मैं: चलिए ठीक है मैं फ्रेश होके आती हूं। पहले हम चाय पीते है, फिर 8 बजे के आस-पास मैं डिनर गरम करके परोस दूंगी। (baap beti xxx story)
पापा: ठीक है।
फिर मैं अपने कमरे की तरफ चल दी। तभी अचानक मेरी नज़र सामने के शीशे में पड़ी। मैंने देखा चलते हुए पापा मेरी गांड की तरफ देख रहे थे। फिर मैं अपने कमरे में आ गई, और मेरे दिमाग में फिर से उल्टे-सीधे खयाल आने लग गए।
इसके बाद क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। (baap beti xxx story)
कहानी का पांचवा भाग : xxx fucking baap beti
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