मामा की बेटी की देसी चुदाई-village ki chudai kahani 2

मामा की बेटी की देसी चुदाई-village ki chudai kahani 2

हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “मामा की बेटी की देसी चुदाई-village ki chudai kahani 2” यह कहानी शीतल की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

दोस्तो, मेरी ममेरी बहन शीतल की चुदाई की कहानी के पिछले भाग
खेत के मचान पर चुदी मेरी बहन
में अब तक आपने पढ़ा था कि खेतों में मैंने शीतल की चूत चूस कर उसका रस पी लिया था.

अब आगे बहन की वासना

शीतल- भैया, अब मुझे आपका वाला पीना है. village ki chudai kahani
मैं- आ जाओ.

शीतल मेरे ऊपर आ गयी.
उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था.

उसने मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे लंड को हाथ में लेकर चाटने लगी.

शीतल- भैया ये तो एक बार में ही काफ़ी बड़ा हो गया है. शायद अबकी ज़्यादा दर्द होगा मुझे!
मैं- कुछ नहीं होगा. यह वही औजार है, जो पहले घुस चुका है.

मैंने लंड हिलाया तो शीतल ने करीब दस मिनट तक मेरा लंड पिया और उसका रस भी पी लिया.

अब शीतल मेरे बगल में लेट गयी.
मैं और शीतल दोनों बिना कपड़ों के मचान के ऊपर गद्दे पर लेटे थे.

मैंने शीतल की तरफ करवट ली और हम दोनों ने चूमाचाटी शुरू कर दी.
कुछ मिनट तक हम दोनों ने चूमाचाटी की.

मैंने शीतल के होंठों को, चेहरे को, गर्दन को खूब चाटा और चूमा.
फिर मैं उसके ऊपर आ गया.

शीतल- भैया अब कीजिए ना डाल कर … और रुका नहीं जा रहा!

मैं- क्या करूं? village ki chudai kahani
शीतल- मैं नहीं बोलूँगी. आप हमेशा गंदा गंदा बुलवा देते हो मुझसे!
मैं- जब तक गंदा नहीं बोलोगी, तब तक शर्म नहीं जाएगी. शर्म जाएगी तभी तो हम दोनों सही वाला प्यार कर पाएंगे.
शीतल- हे भगवान.

मैं- मैंने शीतल को थोड़ा और गर्म करने के लिए उसके दूध दबाए और चूमाचाटी करनी शुरू कर दी.
शीतल- भैया डाल कर कीजिए ना अब!

मैं- क्या करूं. अपने मुँह से बोलो.
शीतल ने धीरे से बोला- मेरी चुदाई कीजिए भैया!
मैं- इतना बड़ा लंड ले पाओगी तुम?

शीतल- कहां देंगे आप इसे?
मैं- तुम्हारी चूत में.

शीतल- भैया बहुत गीली है, आराम से चला जाएगा.

शीतल ने धीरे से अपनी टांगें खोल दीं.
मैंने कंडोम पहना.

शीतल- खूब प्यार कीजिए मुझे.
मैंने शीतल की चूत में धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.

शीतल ने अपने हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया- आह बहुत बड़ा हो गया है भैया आपका!
मैंने शीतल के होंठों को पीना शुरू कर दिया और धीरे धीरे उसकी चूत में लंड भी अन्दर बाहर कर रहा था.

कुछ देर बाद शीतल को भी अच्छा लगने लगा.
मैं- फिर हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे.

शीतल तो थी ही हूर की परी. बहुत खूबसूरत. village ki chudai kahani
मैं शीतल को चोद भी रहा था और उसके दूध भी चूस रहा था.

शीतल- भैया कंडोम से और अच्छा लग रहा है.
मैं- तुम्हें प्यार करने में बहुत मज़ा आता है शीतल!

शीतल- सिर्फ़ प्यार करने में मज़ा आता है?
मैं- तुमको चोदने में बहुत मज़ा आता है.

शीतल- नाम लेकर बोलिए.
मैं- शीतल तुम्हें चोदने में बहुत मज़ा आता है मुझे!

शीतल- कौन हूँ मैं आपकी?
मैं- कज़िन.

शीतल- भला कोई अपनी कज़िन को चोदता है नंगी करके?
मैं- कज़िन अगर चुदवाना चाहे तो चोदना पड़ेगा ना.

शीतल- आग तो पहले आप ही ने लगाई थी!
मैं- तो उसी आग को अब बुझा भी तो रहा हूँ.

शीतल- कैसे बुझा रहे हैं आप आग को?
मैं- तुम्हारी चुदाई करके.

शीतल- उफफ्फ़ … कैसे चोद रहे है आप मुझे!
मैं- पूरी नंगी करके.

शीतल- अपनी कज़िन को नंगी कर दिया आपने! village ki chudai kahani
मैं- सिर्फ़ नंगी ही नहीं किया.
शीतल- तो फिर क्या क्या किया?
मैं- अपनी कज़िन को खेत में लाया फिर पेड़ पर बने मचान में चढ़ाया. फिर एक एक करके उसके सारे कपड़े उतारे. उसको नंगी किया. उसके दूध पिए, चूत चाटी और अब उसकी चुदाई कर रहा हूँ.

शीतल- मुझे तो यकीन नहीं हो रहा कि मैं आपसे चुदवा रही हूँ और वह भी खेत में!
मैं- शीतल तुम इतनी ज़्यादा खूबसूरत हो और बिना कपड़ों के तो … और भी सुंदर लगती हो.
शीतल- भैया, मेरा मन भी करता है कि बस आपसे दिन रात प्यार करवाऊं.

मैं- ओके तो प्यार करवाओ न!
शीतल- हां प्यार करवा रही हूँ!

मैंने शीतल की चुदाई और तेज कर दी.
उसके दूध झूल रहे थे.

‘तुमको प्यार करते वक़्त तुम्हारे दूध जो झूलते है, वह बहुत अच्छा लगता है.’
शीतल- आप ही ने बड़े किए है इतने!

मैं अब शीतल की आंखों में देखने लगा.

Xxx बहन की वासना अब मुझसे गन्दी बातें करवा रही थी, वह बोली- क्या कर रहे आप मेरे साथ?
मैं- तुम्हारी चुदाई.
शीतल- तो और कस कसके कीजिए.
मैं- और तेज शीतल?

शीतल- हां भैया.

मेरी कजिन शीतल की टांगें काफ़ी लंबी थीं और दोनों हवा में ऊपर की तरफ थी खुली हुई चूत सामने थी.
मैं शीतल की चुदाई कर रहा था.

अब शीतल का खुद पर से कंट्रोल ख़त्म हो रहा था. village ki chudai kahani
शीतल- और चोदिए भैया!

मैं- आह और कसके लूँ शीतल!
शीतल- हां.

मैं- और तेज?
शीतल- हां और.

मैं- और तेज…
शीतल- हा.

शीतल- आहह.
मैं- क्या हुआ.

शीतल- आअहह … हो गया मेरा.
वह ढीली पड़ गयी.

मैं- आज जल्दी हो गया तुम्हारा?
शीतल- इतना बड़ा है आपका … थका देते हैं आप!

फिर मैंने और शीतल ने उसी पेड़ पर आधा घंटा और बिताया.
करीब 5 बजे हम दोनों घर वापिस आ गए.

अब मैं और शीतल किसी भी रूम में चूमाचाटी शुरू कर देते थे और मैं उसके दूध दबा देता था.

लेकिन उसके बाद से काफ़ी दिन तक मुझे और शीतल को सेक्स करने का मौका नहीं मिला.
हम लोग बस मौका तलाश कर रहे थे.

फाइनली बीस दिनों बाद वह मौका आ ही गया. village ki chudai kahani

मामा मामी को किसी रिलेटिव की शादी में जाना था.
पूरा एक दिन का मौका हाथ लगा था.

वे लोग अगले दिन दोपहर के बाद आने वाले थे.

शीतल और उसकी बहन भी जाने लगी लेकिन मैंने मना कर दिया कि मुझे घर पर काम है. घर पर रखवाली के लिए कोई तो होना चाहिए.

सब लोग रेडी होकर नीचे कार में बैठने लगे.
तभी शीतल का पांव मुड़ गया और उसके पैर में मोच आ गयी.

उसने बोला कि उसे चलने में बहुत परेशानी हो गई है. वह चल नहीं पाएगी.
इस तरह से शीतल का जाना कैंसिल हो गया.

उसकी बहन उसे पकड़ कर धीरे धीरे ऊपर आई और बेल बजाई.
मैंने जैसे दरवाजा खोला तो उसे देख कर पूछा- क्या हो गया?

उसकी बहन ने शीतल को मेरी तरफ धक्का देते हुए कहा- लीजिए संभालिए अपनी बहन को.
वह चली गयी.

मैं- क्या हुआ तुम्हें?
शीतल- कुछ नहीं हल्की सी मोच आ गयी है पांव में … अभी ठीक हो जाएगी.

मैं रूम में चला गया. village ki chudai kahani
शीतल ने कमरे के दरवाजे को नॉक किया. दरवाजा पहले से ही खुला था.

मैंने देखा तो शीतल खड़ी थी.
वह काली नाइटी पहन कर खड़ी थी.

मैं- तुम्हें चोट नहीं लगी क्या?
शीतल- वह तो बस बहाना था. किसी को शक भी नहीं हुआ.

मैं- तो क्या प्लान है आज का!
वह धीरे धीरे से चलती हुई मेरे पास आई- आपको पता तो चल ही गया होगा!

शीतल के बाल खुले थे.
उसने ब्रा पैंटी और उसके ऊपर से नाइटी का शॉर्ट्स पहना था, ऊपर पतली सी नाइटी की कोटी पहनी थी.

मैं- आज बहुत कयामत लग रही हो इस ड्रेस में!
शीतल- तभी तो पहनी है.

मैंने शीतल को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया.
फिर मैंने शीतल की नाइटी की कोटी उतार दी और उसके कंधे पर, पीठ पर किस करने लगा.

शीतल- भैया!

मैंने शीतल को गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. village ki chudai kahani
वह बस मुझे ही देखे जा रही थी.

मैं शीतल के ऊपर चढ़ गया और उसे किस करने लगा.

हम लोगों ने काफ़ी देर तक किस की.

फिर मैंने शीतल की ब्रा उतार दी.
शीतल के दूध 34 इंच के हो गए थे और एकदम धवल और मुलायम थे.

शीतल- भैया इन्हें प्यार कर लीजिए!
मैं- ये भी कोई कहने की बात है … आज पूरी रात दबाऊंगा इन्हें!
शीतल- आप ही के हैं.

मैंने शीतल के दूध हाथ में लिए और धीरे धीरे मसलने लगा.
शीतल- म्म्म्म म …

मैंने शीतल के दूध खूब मसले और शीतल बस बेड पर लेटी हुई आहें भर रही थी.
फिर मैंने बारी बारी से उसके निप्पल चूसने शुरू कर दिए.

शीतल- भैया आअहह!
मैं- आज तुम नहीं बचोगी. पूरा खा जाऊंगा तुम्हें!
शीतल- बचना भी कौन चाहता है! village ki chudai kahani

अब मैं शीतल के दूध कस कसके दबा रहा था और चूस रहा था.

शीतल- आआअहह.
मैं- मज़ा आ रहा है?
शीतल- बहुत … म्म्म्म!

शीतल के निप्पल एकदम टाइट हो गए थे.
मैं लगातार उसके दूध मसल रहा था और निप्पल चूस रहा था.

धीरे धीरे मैं शीतल के पेट से नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी नाइटी का शॉर्ट उतार दिया.

शीतल की जांघें मोटी मोटी और गोरी थीं.
मैं शीतल की जांघों को चाटने लगा.

शीतल बस अपने दूध मसल रही थी और आहें भर रही थी.
मैंने शीतल की जांघों को करीब बीस मिनट चाटा और चूसा.

फिर मैंने उसे पलट दिया.
अब शीतल की पीठ ऊपर थी.
बहुत सेक्सी पीठ थी उसकी! village ki chudai kahani

मैंने काफी देर तक शीतल की पीठ और उसकी जांघों को प्यार किया.

शीतल पागल सी हुई जा रही थी- भैया, पैंटी उतार दीजिए ना. बहुत पानी आ रहा है.

मैंने शीतल की पैंटी उतार दी.
पैंटी बिल्कुल गीली थी.

मैंने शीतल की दोनों जांघों को फैलाया, उसकी चूत गुलाबी थी और रसीली थी.
देर ना करते हुए मैंने शीतल की चूत को जीभ से चाट लिया.

शीतल- आआहह … भैयाआ.
मैं अब लगातार शीतल की चूत को जीभ से चाट रहा था.
शीतल- म्म्म्म!

मैं- बहुत नमकीन चूत है तुम्हारी शीतल!
शीतल- पी लीजिए भैया. बहुत पानी छोड़ती है ये!

मैंने शीतल की दोनों टांगें पूरी फैला कर उसकी चूत की दोनों फांकें खोल दीं और मुँह में भरकर चूसने लगा.

शीतल को तो जैसे जन्नत मिल गयी थी- उफ्फ़ … मर जाऊंगी मैं आज … ऐसे ख़ाता है कोई … बहुत गुदगुदी हो रही है भैया!

मैं- बहुत रसीली चूत है तुम्हारी शीतल!
शीतल- इतनी बेरहमी से कोई ख़ाता है क्या!
मैं- तुम्हारा रस पीना है मुझे!
शीतल- हां तब तो आपको ऐसे ही मेहनत करनी पड़ेगी.

शीतल बिना कपड़ों के बेड पेर दोनों टांगें फैलाए लेटी थी और मैं उसकी चूत चूस रहा था.
वह बहुत आवाजें कर रही थी.

कुछ मिनट बाद शीतल बोली- भैया मेरा होने वाला है.
मैंने शीतल की पूरी चूत मुँह में भर ली और कस कसके चूसने लगा. village ki chudai kahani

शीतल- अहह!
तभी उसकी चूत से गाढ़ा गाढ़ा रस निकल गया.

बहुत जवान थी वह … करीब आधा कप रस निकला था.
मैंने पूरा रस मुँह लगा कर पी लिया.

शीतल- भैया थका दिया आपने तो!
फिर उसने देखा कि मेरा लंड एकदम टाइट था.

शीतल- आपका वाला पीना है मुझे!
मैं- मैंने अपना लंड शीतल के मुँह में दे दिया और वह लॉलीपॉप की तरह उसे चूसने लगी.

शीतल- बहुत बड़ा हो गया है ये!

मैं- रस निकलने वाला है मेरा!
शीतल इशारे से बोली- आने दो.
उसने मेरा लिक्विड मुँह लगा कर पी लिया.

शीतल हंसती हुई बोली- बहुत टेस्टी था.

मैंने शीतल को देखा, वह काफ़ी खूबसूरत थी और बिना कपड़ों के थी.

मैंने कहा- शीतल, चलो बाथरूम में चलते हैं.
मैं और शीतल बाथरूम में गए.

उस वक्त रात के करीब 11 बज रहे थे. village ki chudai kahani
मैं और शीतल बाथरूम में पहुंचते ही लग गए और चूमाचाटी शुरू कर दी.

मैंने उसे फव्वारे के नीचे खड़ा करके खूब किस किया, उसके दूध मसले और उसकी चूत भी रगड़ी.

शीतल भी पागल हो रही थी.
उसने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- भैया डाल कर कीजिए ना!

मैं- घुटने के बल बैठ जाओ.
शीतल बाथरूम में घुटनों के बल बैठ गयी.
मैंने अपना लंड शीतल की चूत में पीछे से डालने लगा.

शीतल- आआहह … भैया दर्द हो रहा है.
मैंने धीरे धीरे शीतल की चूत में लंड डाल ही दिया.
शीतल- धीरे धीरे कीजिएगा.

मैंने पहले शीतल की चूत में धीरे धीरे अन्दर बाहर किया.
और जब उसे मज़ा आने लगा, तो मैंने स्पीड बढ़ा दी.

शीतल- अह और तेज भैया!
मैं- बहुत गर्म चूत है तुम्हारी शीतल!
शीतल- तो ठंडी कर दो.

मैं शीतल को पीछे से उसकी कमर पकड़ कर चोद भी रहा था और उसकी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था.

शीतल- आअहह, भैया और तेज कीजिए!
मैं- क्या करूं और तेज!

शीतल- चोदिए मुझे.
मैं- मज़ा आ रहा है चुदने में शीतल? village ki chudai kahani

शीतल- बहुत … आपका लंड लेने में बहुत मज़ा आता है.
मैं- अब सीधा करके लूँगा तुम्हारी!
शीतल- जैसे मर्ज़ी वैसे लीजिए अपनी बहन की चूत!

शीतल बाथरूम में सीधी लेट गयी.
वह पूरी नंगी थी और उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था.

शीतल ने अपनी दोनों टांगें फैला लीं.
मैं शीतल के ऊपर आ गया और शीतल के पैरों में अपने पैर फंसा लिए.

शीतल के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और लंड शीतल की चूत में डालकर चुदाई शुरू कर दी.

शीतल- अहह.
मैं- अच्छा लग रहा है?
शीतल- हां करते रहिए. अहह.

मैं- बहुत गजब हो तुम शीतल!
शीतल- इतनी ज्यादा बार आपने डाल कर किया है कि मेरी कमर चौड़ी हो गयी है … और दूध भी भारी कर दिए आपने!

मैं- तुम्हें करवाने में भी तो मज़ा आता है.
शीतल हंसने लगी- और तेज तेज कीजिए भैया!

मैं- और तेज शीतल?
शीतल- हां और तेज.

मैं- और तेज?
शीतल- और तेज. आहह. village ki chudai kahani

मैं शीतल के दूध मसल रहा था और लगातार उसे चोद रहा था.

शीतल- आआअहह … और तेज … और अन्दर … और कसके आआहह … भैया मेरा होने वाला है.

मैंने भी शीतल की चूत भर दी और उसका भी रस निकल गया.
मैं और शीतल बाथरूम में बिना कपड़ों के लेटे थे.

शीतल- अब तो पेट भरा आपका या नहीं?
मैं- हां … अभी के लिए तो भर गया.

अब मैं और शीतल बेडरूम से सोने के लिए चले गए. village ki chudai kahani
बहन की वासना की कहानी में आपको मजा आ रहा होगा. अपने विचार मुझ तक पहुंचाते रहिये.

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