जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा होगा कि मेरी रोशनी दीदी मेरे लंड के लिए बेकरार थी। पर जब हम खुल कर चुदाई करने वाले ही थे, तभी रोशनी दीदी की छोटी बहन आ गई थी। जिससे हमारी चुदाई अधूरी रह गई थी। आगे फिर क्या हुआ अब पढ़िए|
कहानी का दूसरा भाग : hardcore desi chudai kahani
जब रोशनी दीदी की छोटी बहन ने बोला कि चलिए अब सो जाइए, तो हम और दीदी फिर आए अपनी जगह पर सो गए।(xxx hardcore desi chudai)
पर फिर दीदी ने चादर को ओढ़ लिया, और फिर मैंने भी ओढ़ लिया, और दीदी के होठों को तुरन्त चूम लिया। क्योंकि जब से मैंने दीदी की गदराई जवानी को इतने नजदीक से देखा था, तब से मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
फिर दीदी भी मुझे किस करने लगी, और फिर किस करते-करते दोनों एक-दूसरे के करीब आते गए। तभी मैंने दीदी के दोनों पैरों के बीच अपना एक पैर कर दिया, और अब हम दोनों के पैर क्रास की स्थिति में थे।
मुझे ऐसा करके बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि दीदी के जिस्म की गर्मी अब मेरे अंडरवियर में कैद मेरे लंड को अनुभव हो रही थी। इस वजह से मैं और पागल सा हो रहा था। अब तो मेरा मन करने लगा था, कि यहीं पर सब के सामने ही दीदी को चोद दूं। फिर लोग चाहे जो कहें, पर फिर डर लगता था कि नहीं बहुत बदनामी होगी। पर फिर भी मैंने बिना डरे चादर के अन्दर ही दीदी के सूट को ऊपर कर दिया, और फिर उनकी चूचियों को पीना शुरू किया।(xxx hardcore desi chudai)
दीदी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी, और दीदी थोड़ी-थोड़ी देर में सी सी सी सी कर रही थी। फिर मैं करीब 20 मिनट तक दीदी की चूचियों को मुंह में रख कर पीता रहा, और फिर ऐसे ही मैं सो गया। फिर सुबह हुई और जब मैं उठा, तब तक दीदी उठ कर जा चुकी थी, और फिर मैं जब नीचे गया तो मुझे दीदी दिखाई नहीं दी। मैं जब बाथरूम की तरफ जाने लगा, तो दीदी उधर से आ रही थी।
मैंने देखा दीदी थकी-थकी सी लग रही थी, पर दीदी के चेहरे पर कटीली मुस्कान था। फिर मुझे देख कर वो मुस्कुरा कर बोली-
दीदी: जो भी था अच्छा था। आज इन्तजार रहेगा।
मैं भी खुशी से झूम उठा, और मैंने भी बोला: आज आपका इन्तजार खत्म कर दूंगा दीदी।(xxx hardcore desi chudai)
और फिर दीदी को आंख मार कर मैं बाथरूम चला गया।
फिर जब मैं फ्रेश होकर ब्रश करके बैठा, तो दीदी अपने हाथों से मुझे चाय लाकर दी। मुझे हसबैंड वाली फीलिंग आई, और फिर मैंने चाय पी। तभी दूसरी तरफ से पापा आए और बोले-
पापा: बेटा यहां और सभी को मैंने व्यवस्था देखने को बोल दिया है, तुम जाकर खेत में सब्जी में पानी चला दो।
तो मैंने बोला: ठीक है।
क्योंकि मुझे पता था 2 घंटे लगेंगे खेतों में पानी लगाने में, तो मैंने घर से ट्यूबवेल वाले घर की चाभी ली, और खेत की ओर चल दिया। जो कि घर से 500 मीटर की दूरी पर रहा होगा। उधर ही मेरे आम की बगिया थी, जो ज्यादा बड़ी तो नहीं, पर हां 10-12 आम के पेड़ और 1-2 अमरूद के पेड़ थे। जब मैं खेत की तरफ जाने लगा, तभी मुझे रोशनी दीदी मिली।
वो बोली: कहां जा रहे हो?
तो मैंने बोला: खेतों में पानी लगाने।(xxx hardcore desi chudai)
तो दीदी बोली: मै भी चलूं क्या?
मैंने बोला: क्या करने के लिए चलोगी? परेशान होगी फालतू में।
तो दीदी बोली: जो रात में नहीं हुआ अगर वो वहां हो सके तो? और अगर तुम्हें दिक्कत ना हो तो चलूं।
तभी मेरा दिमाग खुला और मैंने हां बोल दिया। तो दीदी गई और मेरी मम्मी से बोल दी कि-
दीदी: मौसी मैं जा रही हूं खेत घूमने।(xxx hardcore desi chudai)
तो पहले तो मम्मी मना की, पर जब दीदी ने बहुत मिन्नतें की, तो मम्मी ने भी हां बोल दिया। दीदी खुशी से उछल पड़ी। उनकी खुशी देख कर मुझे समझ आ रहा था कि वो चुदने के लिए कितनी बेताब थी।
फिर हम दोनों खेत की तरफ गए। मेरा ट्यूबवेल खेत के बीच में था, और चारों तरफ खेत। इस वजह से आते-जाते हुए लोगों को पता भी नहीं चल पाता कि हम दोनों ट्यूबवेल के पास क्या कर रहे थे। क्योंकि खेत के चारो तरफ भैसों के खिलाने के लिए चरी (एक प्रकार का घास जो बाजरे के जैसा होता है) बोया हुआ था, जिससे कोई गाय या भैंस सब्जियों को खा ना सके।(xxx hardcore desi chudai)
फिर मैंने जैसे-तैसे ट्यूबवेल चला दिया, और खेतों में पानी जाने लगा। फिर जब मैंने मेढ़बन्दी देख लिया कि कहीं से पानी के ओवरफ्लो होने की दिक्कत नहीं थी, तब मैं ट्यूबबेल वाले रूम के अन्दर आया और फिर दीदी को इशारा किया।
रोशनी दी भी बहुत समझदार थी। झट से वो भी अन्दर आयी। मैंने तुरन्त उन्हें कस कर पकड़ लिया, और जोर से किस करने लगा। वो भी मुझे पागलों की तरह चूमे जा रही थी, जैसे कि अरसों से वो वासना की भूखी हों।
मैं अपने हाथों से धीरे-धीरे उनकी कमसिन जवानी का नाप लेने लगा। मैं जब उनके बूब्स को तेजी से मसलता, और बूब्स को जोर से दबाता, तो उनकी आह निकल जाती। कभी मैं अपना हाथ उनकी पीठ पर ले जाकर पीठ को सहलाता, तो वो सिमट सी जाती।
फिर कभी मैं उनकी गांड को अपने हाथों में पकड़ कर दबा देता, तो वो उछल सी जाती। मैंने ऐसे ही करीब 10 मिनट तक उनकी चूचियों को मसल-मसल कर खूब मीजा, जिससे उनकी चूचियां तन गयी, जो सलवार के ऊपर साफ दिख रहे थे।(xxx hardcore desi chudai)
फिर मुझे ऐसा करते देख दीदी भी मेरे लंड को ऊपर से ही दबाने लगी। कुछ देर में ही मैंने उनके सलवार का नाड़ा खोल दिया, तो वो ब्लैक पैंटी में बची। फिर मैंने उनका सूट निकाल दिया, और फिर उनकी जवानी को जब मैंने उजाले में देखा तो मुझसे रहा नहीं गया। मैं तुरन्त उन्हें वहीं पर रखी चारपाई पर धम्म से पटक दिया, और उनके ऊपर चढ़ गया। मैं दीदी की चूचियों पर टूट पड़ा और फिर झट से मैंने दीदी की ब्रा को खोल कर चूचियों को आजाद कर दिया।
अब मेरे सामने दीदी की खरबूजे जैसी दोनों चूचियां बाहर आ गई। ये देख मैं दीदी की चूचियों पर टूट पड़ा, और चूचियों को चूमने लगा। जो कुछ भी रात में देखना रह गया था, वो ये था कि चूचियां टाईट होकर फूल चुकी थी और जैसे जोर-जोर से चिल्ला रही थी कि मुझे पी जाओ मुझे पी जाओ।
मैंने करीब 5 मिनट तक फिर से दीदी की चूचियों को पिया। फिर तुरन्त दीदी ने मेरा लोअर निकाला और फिर अंडरवियर और फिर टी-शर्ट भी निकाल दिया। फिर मैंने भी जल्दी से दीदी की पैंटी निकाल दी। अब माजरा ऐसा था कि दो नौजवान प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे के सामने बिना कपड़ो के थे। हम दोनों एक-दूसरे को देख कर पागल हो चुके थे। दीदी ने मेरे खड़े लंड को जब देखा तो उनकी आंख फटी की फटी रह गई।(xxx hardcore desi chudai)
मैंने फिर दीदी को इशारा किया तो पहले वो आना-कानी की पर फिर मान गई और तुरन्त लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने दीदी को 69 पोजीशन में किया और दीदी की चूत जिस पर हल्के-हल्के काले बाल थे, को चाटने लगा। करीब 5 मिनट हम दोनों एक-दूसरे का चाटते रहे। दीदी की चूत में मैंने जब अपनी जीभ को डाला तो वो झटके देने लगी, और फिर वो अपने पैरों को सिकोड़ने लगी। मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म था, और अब हथौड़ा मार देना चाहिए।
मैं तुरन्त उठा और दीदी को चारपाई पर लेटने को बोला। फिर जैसे ही वो चारपाई पर लेटी, मैं उनके ऊपर चढ़ गया। फिर मैं अपने लंड को उनकी चूत के द्वार पर रगड़ने लगा ताकि वो और पागल हों मुझसे चुदने के लिए। कुछ ही देर में दीदी के मुंह से आवाज आई-(xxx hardcore desi chudai)
दीदी: राजकुमार अब चोद दो प्लीज़, अब रहा नहीं जाता।
मैंने उनका इशारा पाते ही अपने लंड के सुपाड़े को दीदी की चूत के मुंह पर रख कर हल्का सा दबाया, तो दीदी की चूत में हल्का सा लंड घुसा। दीदी के मुंह से उहह उइईईई मां की आवाज आई। फिर मैंने खुद को हल्का सा पीछे किया, और फिर हल्का सा धक्का दिया, तो इस बार लंड थोड़ा और अन्दर चला गया।
दीदी की चीख निकली: उइइईईई मां मर गइईईईई।
मैंने फिर हल्का पीछे होकर एक और झटका मारा, तो दीदी की चूत में मेरा आधे से ज्यादा लंड घुस गया।(xxx hardcore desi chudai)
दीदी तेज से चीखी: उइईईईईई आहहहहह मां, प्लीज आराम से उउउउउहहहह धीरे-धीरे करो।
मैंने फिर हल्का सा पीछे होकर एक जोर का झटका मारा, तो मेरा पूरा लंड दीदी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया। दीदी की बहुत तेज चीख निकली, और वो जोर से रोने ही वाली थी कि मैंने उनका मुंह बन्द कर दिया। मैंने देखा कि दीदी की आंखो से आसू निकल गए थे।
मैं कुछ देर रूका तो पर मेरा लंड उफान पर था, और फिर एक जोर का झटका मैंने मारा तो दीदी तेजी से मुझे पकड़ ली, और रोने लगी।
दीदी: उइइईईईई मां… मर गइईईई। छोड़ो मुझे जाने दो प्लीज। प्लीज छोड़ दो।
और वो मुझे खुद से दूर करने लगी। तभी मैंने अपने होठों से दीदी के होठों को चूमना शुरू कर दिया, ताकि दीदी का ध्यान भटक जाए, जिससे उन्हे दर्द कम महसूस हो। और ऐसा ही हुआ, कुछ ही देर में दीदी शान्त सी होती नज़र आई। तो मैंने एक और जोर का झटका दिया। मुझे एहसास हुआ कि कुछ तो हुआ, और ये दर्द दीदी की चीख को दो गुना कर दिया, और दीदी की तेज चीख निकल गयी। पर शायद ट्यूबवेल के चलने की वजह से वो चीख बाहर तक नहीं गयी थी।(xxx hardcore desi chudai)
दीदी मुझसे दूर होने लगी, तभी मेरा लंड बाहर निकल गया। मैंने देखा कि दीदी के खून से मेरा लंड लथ-पथ था। मैं समझ गया कि दीदी की सील टूटी थी, और ये बात दीदी को भी पता चल चुकी थी कि उनकी सील टूट चुकी थी और ये काम मैंने किया था।
फिर मैंने दीदी को समझाया, और दीदी को मना लिया, और दीदी को किस करते हुए उनको चूम लिया। फिर दीदी की चूत पर लंड को रख कर धीरे-धीरे लंड को चूत में ठूंस दिया। कुछ ही देर में दीदी का दर्द कम हुआ, और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर हम दोनों की चुदाई शुरू हुई। मैंने दीदी को चारपाई पर लिटाया, और फिर दीदी की चूचियों को पीने लगा। मैं फिर दीदी को पीछे से चोदने लगा। हमारी चुदाई घमासान होने ही वाली थी, तभी दीदी ने याद दिलाया कि-
दीदी: एक बार खेतों मे पानी देख लो, फिर करते हैं चुदाई।(xxx hardcore desi chudai)
तो मैंने बोला: बाद में देख लूंगा।
दीदी ने बोला: जाओ पहले पानी देख कर आओ, नहीं तो डांट पड़ेगी तुम्हें।
फिर मैं कपड़े पहन कर खेत में पानी देखने चला गया। जब मैं लौट कर आया तो कैसे हम दोनों के बीच घमासान चुदाई हुई, और मैंने कैसे पानी में दीदी को नहाते वक्त चोदा, और फिर उनकी गांड कैसे मारी, जानने के लिए बने रहें अपने भाई राजकुमार के साथ।(xxx hardcore desi chudai)
कहानी का चौथा भाग : desi chudai xxx hardcore
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