भाभी लंड की प्यासी में चूत का प्यासा-bengali bhabhi xxx story

हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “भाभी लंड की प्यासी में चूत का प्यासा-bengali bhabhi xxx story” यह कहानी शिखर की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

दोस्तो, मेरा नाम शिखर है.
अब मैं मुखर्जी नगर में रहता हूँ. जॉब की वजह से मुझे यहीं रहना पड़ रहा था.

मैं 24 साल का हो गया हूँ. मेरी बहुत सारी गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं और मैंने उन सबको बहुत चोदा भी है.
आज भी मेरी एक्स गर्लफ्रेंड्स से मेरी बात होती हैं और उनको जब भी मुझसे चुदवाना होता है, वे मुझे फोन करके बुला लेती हैं.
मैं भी अपने लंड को शांत करने के लिए चला जाता हूँ. bengali bhabhi xxx story
हालांकि अब जॉब की वजह से मैं ज्यादा समय नहीं निकाल पाता हूँ. जिस वजह से मैं भी काफी दिनों से सेक्स का भूखा था और समझ नहीं आ रहा था कि कब तक मुठ मारकर काम चलाऊं.

दोस्तो, जॉब के चलते मुझे अपने घर से दूर रहना पड़ रहा था और मुखर्जी नगर में ट्रैफिक के कारण मुझे बहुत ज्यादा समय तो आने जाने में ही लग जाता था, तो मैंने यही सोच कर रेंट पर एक रूम ले लिया था.
उधर से मेरी जॉब वाली जगह पास में ही थी, तो मेरा काफी समय बचने लगा था.

मेरी अब तक शादी नहीं हुई थी.

जिधर मैंने कमरा किराए पर लिया था, उसी घर के एक हिस्से में एक फैमिली भी रहती थी.
उस फैमिली में भाभी जी बहुत मस्त दिखती थीं. उनका नाम सुष्मिता था.
वे बंगाली थीं और आपको तो पता ही है कि बंगाली भाभी कितनी हॉट होती हैं.

यह बेंगाली भाभी सेक्स कहानी इन्हीं भाभी की है

उनका गोरा बदन, बाहर को निकली हुई एकदम गोल गांड, बड़े बड़े चुचे और उनके गहरे गले वाली ड्रेस से दिखाई देतीं उनकी मम्मों की घाटी, मुझे कामवासना से सताने लगी थी.

पहली ही नजर में मुझे भाभी जी पसंद आ गई थीं.
लेकिन मैं उनको देख कर अनदेखा कर दिया करता था ताकि उनके पति महोदय को मुझ पर कोई शक ना हो.

हालांकि मैंने ये भी महसूस कर लिया था कि भाभी जी को भी मैं पसंद आ गया हूँ.
वे मुझे छिपकर देखती थीं. bengali bhabhi xxx story

हम दोनों का बाथरूम एक ही था.
उसके चलते भाभी जी मुझे लगभग रोज ही मिलने लगी थीं.
हम दोनों हमेशा ही बाथरूम के बाहर मिल लेते थे.

भाभी रोजाना मुझे देख कर हल्की सी स्माइल दे देती थीं.
मैं भी उन्हें देख कर खींसें निपोर देता था.

इससे आगे न ही मुझे कुछ समझ आता था कि भाभी जी से क्या कहूँ और न ही कुछ कर पाता था.
एक दिन मैं बाथरूम से नहाकर बाहर निकलने लगा तो याद आया कि कपड़े तो अन्दर लाया ही नहीं.

फिर मजबूरी थी तो तौलिया बांध कर ही मैं बाहर आ गया.
मैंने तौलिया के अन्दर अंडरवियर भी नहीं पहना था.

बाथरूम में भाभी जी की मादक चूचियों को याद कर रहा था तो साला लौड़ा भी तन्नाया हुआ था.
उस समय मेरा पूरा साढ़े छह इंच का लंड काफ़ी टाइट था और अपनी पूरी औकात में अकड़ा हुआ था.

उसके ऊपर खेल ये हुआ कि मैं जैसे ही बाहर निकला तो भाभी जी अन्दर आने के लिए दरवाजे के पास ही खड़ी थीं. bengali bhabhi xxx story

उन्होंने मुझे देखा और उसी समय उनकी नजर मेरे तौलिया में बने टेंट पर चली गई.
लौड़ा एकदम नब्बे डिग्री का कोण बनाए हुए तौलिया से साफ नुमाया हो रहा था.

भाभी ने मेरे खड़े लंड को देख लिया और उनकी आंखें लौड़े पर ही जम गईं.
मैं शर्म से पानी पानी हो गया और किसी तरह से अपने लौड़े को अपने हाथ से ढाँपते हुए तेज कदमों से अपने रूम में चला गया.

मैं उस वक्त बस यही सोच रहा था कि भाभी ने मेरे बारे में क्या सोचा होगा.

उस दिन मुझे सारे दिन इतनी झिझक हुई कि मैं उनके सामने आने से बचता रहा.
अगले ही दिन मैं छत पर कपड़े सूखने डालने गया तो भाभी भी आ गईं.

वे मुझे देख कर बोलीं- क्या बात है भैया आजकल बहुत बॉडी बना रहे हो … कोई जीएफ है या नहीं … इतनी अच्छी बॉडी बना ली है!
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है भाभी … और मेरी कोई जीएफ वीएफ नहीं है. मुझे जॉब से ही फुर्सत नहीं मिलती है.

भाभी बोलीं- अच्छा, जब जॉब से ही फुर्सत नहीं मिलती है, तो फिर क्या मतलब है बॉडी बनाने से. वैसे सिर्फ फुर्सत नहीं मिलने की वजह से जीएफ नहीं है या बनाना ही नहीं है?

मैंने बोला- अरे भाभी कहा न टाइम ही नहीं है.
इस तरह से मैंने भाभी की बात का गोलमोल उत्तर दिया और नीचे चला आया.

आते समय मुझे भाभी की खिलखिलाहट की आवाज सुनाई दी.
दोस्तो, इतनी लड़कियों को चोदने का अनुभव होने के बाद भी मैं भाभी जी से न जाने क्यों शर्मा गया था.

दो दिन बाद की बात है. उस दिन रात के लगभग ग्यारह बज रहे थे. bengali bhabhi xxx story
उस समय मुझे बड़ी बेचैनी हो रही थी और चूत के बिरह में मैं परेशान सा अपने बिस्तर पर करवटें बदल रहा था.

कुछ देर बाद जब न रहा गया तो अधलेटा होकर अपने लंड में तेल लगा कर लौड़े की मसाज करने लगा था.
ऐसा मैं अक्सर करता हूँ. मालिश करने से मेरा लंड काफ़ी मोटा और लंबा हो गया था.

उस दिन मेरे रूम की लाइट ऑन ही थी.
दरवाजा बंद था लेकिन मेरे दरवाजे में एक छेद था, जिस पर मैंने पहले कभी ध्यान नहीं दिया था.

उस दिन शायद भाभी उठी थीं.
शायद वे किसी काम से अपने किचन में जा रही थीं.

उसी समय उनकी नजर मेरे कमरे की जलती बिजली पर पड़ी होगी और उन्होंने मेरे कमरे के दरवाजे के उस छेद से देखना शुरू कर दिया.

मैं अपने लंड में तेल लगा रहा था और लौड़ा एकदम अकड़ कर छत की तरफ अपनी मुंडी उठाए हुए था.
मैंने उस दिन अपने दरवाजे को बस यूं ही उड़काया हुआ था; उसकी कुण्डी बंद नहीं की थी.

उसी समय भाभी दरवाजे को धक्का देती हुई कमरे के अन्दर आ गईं.
मैं डर गया और लंड को हाथ में लेकर छिपाने लगा.

तब तक भाभी अन्दर आ गईं और उन्होंने दरवाजे को अपनी गांड से धकेल कर बंद कर दिया.
उसके बाद उन्होंने अपने एक हाथ को पीछे किया और दरवाजे का हैंडड्राफ्ट लगा दिया.

मैंने हकलाते हुए पूछा- भ..भाभी जी आप … यहां इस टाइम!
भाभी ने लौड़े को देखते हुए कहा- ये सब छोड़ो. पहले वह दिखाओ, जिसे छिपा रहे हो!

मैंने कहा- भाभी, भैया आ जाएंगे. bengali bhabhi xxx story
वे बोलीं- तेरे भैया तो बिस्तर पर आते ही सो जाते हैं. चलो जल्दी से हाथ हटाओ और वो मुझे देखने दो.

अब तक मैं भी बिंदास हो गया था.
मैंने कहा- भाभी आप मत देखो, डर जाओगी.
वे बोलीं- अच्छा, दिखाओ तो सही … आज मुझे डरने का मन है.

मैंने अपना मोटा और 7 इंच लंबा लंड उनको दिखा दिया.
वह लौड़े को देख कर खुश हो गईं और आगे आकर उन्होंने मेरे लौड़े को अपने हाथ में ले लिया.

भाभी के गर्म हाथ लौड़े पर महसूस करते ही मैं गनगना गया.
मैंने वासना में कहा- भाभी क्या कर रही हो!
वे भी नशीली आवाज में बोलीं- बस चुप रहो … ज़्यादा ज़ोर से ना बोलो.

मैं चुप हो गया.
मैंने भी सोचा कि चलो आज लगता है कि मेरे लंड को बुर का स्वाद मिल जाएगा.
काफ़ी टाइम से किसी की बुर की चुदाई करने नहीं मिली. आज तो भाभी को ऐसा चोदूंगा कि भाभी याद करेंगी मुझे.

भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैं भी अपना लंड उनके मुँह में आगे पीछे करने लगा.

भाभी- उहह … उहह … उहह और दो!
मैं भी देने लगा.

कुछ मिनट के बाद भाभी ने लंड अपने मुँह में से निकाला और बोलीं- ये लंड ही है ना!
मैंने कहा- हां लंड ही है भाभी. bengali bhabhi xxx story

भाभी- मैंने इसे इतना चूसा फिर भी तुम झड़े क्यों नहीं? तेरे भैया का तो मुँह में लेते ही झड़ जाता है.
मैंने कहा- भाभी, ये तो अपनी अपनी स्टॅमिना है.

भाभी बोलीं- हम्म लंबी रेस के घोड़े लगते हो … बहुत ताकत है तुम में!
मैंने कहा- हां भाभी मेरी ताकत का अंदाजा अभी आपने देखा ही कहां है!

भाभी ये सुनकर खुश हो गईं और बोलीं- चलो आज दिखाओ मुझे अपनी ताकत … मैं भी देखती हूँ कि आज पहले कौन झड़ता है.
मैं भी रेडी था.

भाभी को मैंने अपने बेड पर खींच लिया.
उन्होंने नाइटी पहन रखी थी. मैंने उनकी नाइटी उतार दी.
अन्दर भाभी जी एकदम नंगी थीं.

मैं उनकी बुर को चाटने लगा.
भाभी कसमसाने लगीं- उहह … उहह … बस कर … मेरा पानी निकल जाएगा.

मगर मैं पूरा मजा लिए बिना रुकने वाला ही नहीं था.

मैंने दस मिनट तक बुर को चाटा और भाभी के गोरे मम्मों की तरफ आ गया.
अब मैं उनके दोनों दूध को बारी बारी से चूसने लगा. bengali bhabhi xxx story

भाभी निरंतर आह … आह … करती हुई मुझे अपने दूध पिला रही थीं- आह मेरी जान और चूसो … तुम्हारे भैया तो अब मुझे चोदते ही नहीं हैं. वे तो मुझे हाथ तक नहीं लगाते हैं. आज मैं पूरे दो साल के बाद चुदूँगी.

मैंने काफ़ी देर तक भाभी के मम्मों को चूसा.
इसके पहले मैंने कभी किसी भाभी की चुदाई नहीं की थी.
आज ये पहला मौका मिला था जब किसी भाभी को चोदने जा रहा था.
अब तक लड़कियां ही चोदी थीं तो कुछ अलग सा मजा आ रहा था.

कुछ देर के बाद भाभी ने फिर से मेरा लंड चूसा.
अब भाभी ने कहा- जल्दी से मुझे चोद दो.

मैंने उनको पहले घोड़ी बनाया और पीछे से अपना लंड पेल कर लगभग बीस मिनट तक चोदा.
फिर भाभी को अपने लंड पर बिठा कर चोदा.

ऐसे करते हुए हम दोनों को चुदाई करते हुए काफी देर हो गई थी.
भाभी बेहद थक गई थीं लेकिन मैं लगा हुआ था.
मेरा लंड अभी भी बहुत टाइट था.

मैं एक बार झड़ कर कुछ देर बाद भाभी की फिर से चुदाई करने लगा. bengali bhabhi xxx story

भाभी ने कहा- बस करो … बाकी का बाद में चोद लेना, नहीं तो मैं सुबह चल भी नहीं पाऊंगी. सच में तुम अच्छा सेक्स कर लेते हो. तुमसे चुदकर मज़ा आ गया. तुम्हारा लंड इतना मोटा कैसे हो गया और ये काफी टाइट भी है!
मैंने कहा- मैं इसका बहुत ख्याल रखता हूँ भाभी जी.

उसके बाद भाभी अपने रूम में चली गईं.
मैं नंगा ही सो गया.

उसके बाद भाभी का जब भी मन होता, वे मेरा पास आ जातीं.
मैं उनको हचक कर चोद देता.

भाभी मुझसे चुदवा कर खुश हैं.
मैं भी अपने लंड को बुर से मिला कर खुश हो जाता हूँ.

एक दिन चुदाई करते टाइम भाभी ने कहा- मेरी एक सहेली है, उसको मैंने तुम्हारे बारे में बताया है. वह भी तुमसे एक बार चुदवाना चाहती है.

मैंने कुछ नहीं कहा, बस भाभी को पेलता रहा.
भाभी बोलीं- वह पैसा भी देगी, जितना तुम बोलोगे. बस उसको खुश कर दो. bengali bhabhi xxx story

मैंने कहा- भाभी मैं सिर्फ़ आपको ही चोदना चाहता हूँ. मुझे आपकी लेने में ही मजा आता है. मैं और किसी को नहीं चोद सकता हूँ.
भाभी ने खुश होकर मुझे चूमा और आई लव यू मेरी जान कहा.

फिर उन्होंने कहा- अच्छा तुम हम दोनों को एक साथ चोद सकते हो?
मैंने कहा- आपको क्या लगता है भाभी … क्या मेरी ताकत पर आपको कोई शक है?

भाभी बोलीं- अरे नहीं यार … तुम्हारे लंड में बहुत दम है. बस मैं देखना चाहती हूँ कि तुम एक साथ में दो को कैसे पेलोगे?
मैं रेडी हो गया.

दूसरे दिन दिन में मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली और भाभी की सहेली को भाभी के साथ बिस्तर पर नंगी लिटा कर चोद दिया.
अब मेरे पास चूत की कोई कमी नहीं थी.

मैंने भाभी की गांड और बुर दोनों ही चोद कर चौड़ी कर दी हैं. bengali bhabhi xxx story
भाभी एकदम चुदक्कड़ रांड जैसी बन गई थीं.

वे हर दूसरे दिन उनकी चूत चुदवाने के लिए मचलने लगी, जिस वजह से भाभी मेरे पास रात को आने लगीं.

मैं भी कौन सा कम था, मैं भी उनको हर दिन चोद कर ठंडी कर देता था.
उनकी सहेली भी कभी कभी मेरे लौड़े की सवारी करने के लिए आती थी और वह मेरे लिए महंगे महंगे तोहफे लाने लगी थी.

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