कहानी का पहला भाग : bhai behen fuck
हमारा खेत घर से कुछ 1 km दूर था, तो हम जैसे ही बाईक से निकले, तभी मुझे मां ने बोला-
मां: बेटा स्टेशन चला जा, तेरी बुआ आ रही हैं। कल मुझे और तेरी बुआ को कुछ काम से तेरे पापा के पास जाना है। तेरे पापा ने शहर में बुलाया है।
तो मुझे ना चाहते हुए भी बोलना पड़ा: आशीष तू सुहानी के साथ चला जा भाई खेत घूम आ, मुझे स्टेशन जाना पड़ेगा।(bhai behen fucking)
और यहीं पर आशीष को मौका मिल गया। मेरे जाने के बाद वहां क्या हुआ था, ये बात मुझे सुहानी ने मेरे स्टेशन से लौट कर आने के बाद बताई कि कैसे आशीष ने सुहानी के साथ चुदाई करने का प्रयास किया। और मैं सुहानी के बताने के बाद ये कहानी लिख रहा हूं।
मैं जब बुआ को लेने जा रहा था, और आधे रास्ते में पहुंचा था, तो बुआ का फोन आया कि मैं टैक्सी लेली हूं, तुम मत आना। और वहां से जब मैं लौट कर आया तो आशीष और सुहानी घर नहीं पहुंचे थे। तो मैं खेत की तरफ गया। जब खेत की पगडंडी पर पहुंचा, वहां पर खेत के अन्दर जाने का रास्ता बन गया था।(bhai behen fucking)
क्योंकि सरसो के पेड़ बहुत नाजुक होते है। वो जल्दी टूट जाते है। और चूंकि आशीष सुहानी को खेत में लेकर गया था, तो मैं जब खेत में अन्दर थोड़ा ही गया तो मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी जो कि एक लड़का और लड़की की थी और लड़की के आहें भरने की हल्की-हल्की आवाज़ आ रही थी।
पर जब मैं खेत में उनसे 10 मीटर की दूरी पर रहा हूंगा, तो मुझे पता चला ये कोई और नहीं सुहानी और आशीष की आवाज़ थी। मैंने जो देखा वो मैं आपको कैसे बताऊं, सुहानी के सारे कपड़े आशीष ने निकाल दिये थे। सुहानी एक-दम नंगी थी, और आशीष अंडरवियर में था। वो अपना लंड सुहानी के मुंह में डाल कर सुहानी को चुसवा रहा था। सुहानी भी आशीष के लंड को चूस रही थी।(bhai behen fucking)
अगर मैं तुरन्त ना जाता, तो फिर कुछ मिनट में ही आशीष सुहानी की बुर में अपना लंड पेल देता। क्योंकि मैंने देखा आशीष ने तुरन्त सुहानी को कुतिया बनाया, और अपने लंड को थोड़ा सहला कर उस पर थोड़ा सा थूक गिरा कर उसे मसलने लगा। फिर कुछ थूक सुहानी की बुर में लगाने लगा और लंड को बुर की फांकों में सेट करके धक्का मारने ही वाला था।
पर ये चीज मुझसे देखी नहीं गयी, और मैं तुरन्त उनके पास पहुंच गया, और तुरन्त आशीष को पकड़ कर जोर का धक्का मारा। आशीष दूसरी तरफ गिरा। सुहानी मुझे देख कर मेरे पास दौड़ कर आई और मुझसे लिपट गई और फिर बताई कि क्या हुआ।(bhai behen fucking)
सुहानी ने बताया: तुम्हारे जाने के बाद जब मैं आशीष को खेत दिखा रही थी तो आशीष मेरे बदन को देख रहा था, और अपने लंड पर हाथ फेर रहा था। फिर अचानक से उसने मेरे बारे में पूछा कि क्या करती हो तो मैं बताई कि ग्रेजुएशन कर रही हूं।
सुहानी: फिर आशीष ने पूंछा कि कोई बॉयफ्रेंड है तो मैं बोली कि नहीं कोई नहीं। तो आशीष बोला, “ऐसी खूबसूरत अप्सरा जैसी लड़की का को बॉयफ्रेंड ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।” तो मैं अपनी तारीफ सुन कर बोली अच्छा जी मैं सुन्दर लगती हूं? झूठ भी बहुत अच्छा बोल लेते हो आप। तो आशीष बोला, “सच में आप खूबसूरत लगती हो।”(bhai behen fucking)
सुहानी: फिर मैंने आशीष से पूंछा कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो आशीष ने झूठ बोला कि नहीं है (क्योंकि लड़कियां उन लड़को को चाहती हैं जिनकी गर्लफ्रेन्ड ना हो) आशीष के मुंह से वो सुन कर मैं भी वहीं डायलाग बोली, ऐसा हो ही नहीं सकता ऐसे गबरू जवान की कोई गर्लफ्रेन्ड ना हो। तो आशीष ने मौके का फायदा उठाते हुए बोला, “आपके जैसी कोई मिली ही नहीं, तो मैंने बनाई ही नहीं। क्योंकि जब तक गर्लफ्रेन्ड मस्त ना, हो तब तक मजा नहीं आता।”
सुहानी: ऐसा सुन कर मैं बोली क्या, मुझमें ऐसा क्या है जो और किसी में नहीं देखा तुमने? तो आशीष बोला कि, “आप में जो है वो आपको खुद नहीं पता। आप एक बार मेरे साथ रहो तो बताऊं कि आप में क्या है।” और आशीष ने तुरन्त मेरा हाथ खेत की पगडंडी पर ही पकड़ लिया और बगल में खेत में लहलहाते सरसों का एक फूल तोड़ कर मुझे प्रपोज कर दिया और बोला कि, “क्या मेरी महबूबा बनोगी?”(bhai behen fucking)
सुहानी: मैं कुछ बोल नहीं पाई और कुछ देर सोची। तो आशीष ने बोला, “आपके भैया को नहीं पता चलेगा, उसकी चिन्ता मत करो। प्लीज हां बोल दो ना, प्लीज प्लीज।” और ऐसा करके आशीष ने मुझे हां बोलने पर मजबूर कर दिया। फिर जैसे ही मैंने हां बोली कि बाद में सोचेंगे तो, आशीष ने काम बिगड़ता देख तुरन्त मेरा हाथ पकड़ लिया और खींच कर सरसों के खेत में लेकर चला गया, और तुरन्त मुझे कस कर पकड़ लिया और गले से लगा लिया।
तो मैं बोली: ये क्या कर रहे हो आप? तो आशीष बोला, “वहीं जो गर्लफ्रेन्ड और बॉयफ्रेंड करते हैं।” फिर बिना देर किए उसने मेरे होंठ पर अपना होंठ रख दिये। मैं मना कर रही थी कि ऐसा मत करो, अभी ये ठीक नहीं। पर आशीष कहां मानने वाला था। उसे तो मौका दिखा और उसका भरपूर फायदा उठा रहा था।(bhai behen fucking)
और अब वो देर ना करते हुए सुहानी को कस कर जकड़ लिया और पीछे हाथ ले जाकर सुहानी की पतली कमर पर हाथ फेरने लगा, और कमर पर सहलाने लगा।
सुहानी ने एक थप्पड़ आशीष के गाल पर जड़ दिया और भागने लगी, तो आशीष ने सुहानी को पीछे से पकड़ने का प्रयास किया। तो सुहानी तुरन्त पेट के बल नीचे गिर गई, और तुरन्त मौके का फायदा उठा कर आशीष उसके ऊपर चढ़ गया और जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले भाग में पता चलेगा।(bhai behen fucking)
कहानी का तीसरा भाग : fucking bhai behen
अगर आप ऐसी और कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “brazzersstories.com” की कहानियां पढ़ सकते है|