सर्दी की एक रात सगे भाई के साथ भाग 1 - bhai behen xxx

सर्दी की एक रात सगे भाई के साथ भाग 1 – bhai behen xxx

हैलो दोस्तों, कैसे हो आप सब? लड़के मुठ मरने और लड़कियां ऊंगली करने के लिए रेडी हो जाओ। क्योंकि ये कहानी इतनी कामुक है कि पानी निकलना पक्का है। मैं खुद कहानी लिखते-लिखते झड़ गई।

मेरा नाम रजनी है, और मैं दिल्ली की रहने वाली हूं।

मेरा रंग बहुत गोरा है, और कद भी ठीक-ठाक है। मेरी उम्र 32 साल है और मैं अभी अनमैरिड हूं।‌ हां मेरी शादी नहीं हुई अभी। किसी वजह से मेरे मा-बाप नहीं है। एक भाई है, जिसकी उम्र 26 साल है। गुड लुकिंग है, और जिम जाता है।(bhai behen xxx)

ये कहानी तब की है जब मेरा ट्रांसफर शिमला एक हॉस्पिटल मैं हो गया। मैं एक हेड नर्स हूं। चंडीगढ़ में मेरा एक डॉक्टर से अफेयर था। हमारे बीच सेक्स भी हुआ, पर फिर वो बाहर चला गया, और मैं 6 महीने से चुदाई के लिए तड़प रही थी। जब कभी ऋतिक की ज्यादा याद आती, तो रूम पर ऊंगली से खुद को शांत करती। ऐसे ही दिन गुजर रहे थे।(bhai behen xxx)

एक दिन मेरे भाई विपिन का फोन आया, और उसने बताया के उसकी जॉब उसी हॉस्पिटल में लग गई थी, जहा मैं थी। पर उसने कहा किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि हम दोनों भाई-बहन थे। वरना उसकी जॉब जा सकती थी। वो अभी कॉन्ट्रैक्ट पर था। मैंने कहा ओके।

विपिन मेरे पास आ गया, और काम पर जाने लगा। उसने एक सिंगल बेड लेकर मेरे सिंगल बेड के साथ अटैच कर लिया। अब रूम में इतनी जगह भी नहीं थी, कि बेड दूर-दूर लग सके। ‌उसकी ड्यूटी नाईट की थी, मेरी दिन की। हम दोनों मैं से कोई एक ही रूम पर होता था, तो मैं फिंगर सेक्स भी कर लेती थी। एक दिन विपिन ने बताया के उसकी ड्यूटी भी दिन की हो गई थी।(bhai behen xxx)

ऐसे ही दिन कटने लगे। मेरा फिंगर फक प्रोग्राम बंद हो गया, और मैं बहुत चुदास हो गई। एक दिन शाम को एक ऑपरेशन आ गया, और उसमें कॉम्प्लिकेटेड स्तिथि बन गई, जिससे बहुत टाइम लग गया। मैं इतनी थक गई कि लगा आज घर नहीं जा पाऊंगी।

खैर रात के 11 बजे मैं निकली। मुझे लग रहा था कहीं मैं रास्ते मैं ना गिर जाऊ इतनी थकी हुई थी। किसी तरह घर पहुंची। विपिन सो रहा था। हम दोनों की रजाई अलग-अलग थी, तो उसको बिना जगाये मैं ऐसे ही लेट गई और सो गई।

रात को मेरी हल्की आंख खुली तो पाया के ऋतिक का लंड मेरे हाथ में था, और मैंने एक पैर उसके पैरों पर रखा हुआ था। हां उसका लंड पहले के मुकाबले काफी लम्बा और मोटा लग रहा था। इवन मैं उसकी फूली हुई नसें भी हथेली में फील कर रही थी। एक-दम गरम, बिलकुल किसी गरम रॉड की तरह।(bhai behen xxx)

तभी मेरे दिमाग ने झटका खाया, और मैं नींद से पूरी तरह जाग गई। मैं रूम पर थी, और विपिन सो रहा था। मैं इतनी थकी हुई थी कि बिना चेंज किये ही सो गई थी। हे राम! इसका मतलब मैं ऋतिक के साथ नहीं बल्कि अपने भाई विपिन के साथ?

नहीं-नहीं ये क्या हो गया। मुझे लगा जरूर विपिन ने कोई हरकत की होंगी। फिर देखा के मेरा बिस्तर खाली पड़ा था, और मैं ही उसकी रजाई में आ गई थी। इसका मतलब ऋतिक का सपना देखते-देखते मैं खुद ही, हे भगवान! वो क्या सोच रहा होगा मेरे बारे में? मैं इतनी चुदास हूं?

तभी मेरा ध्यान फिर से मेरे हाथ पर गया, जो अभी भी विपिन के लंड को पकड़े था। मैं सोचने लगी कितना लम्बा और मोटा लंड था। ओह माय गॉड! ये मैं क्या सोच रही थी? पर सच तो था, पूरा खड़ा होके तो 8 इंच या उससे भी ज्यादा हो जायेगा। मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए, पर ये जिसके अंदर जायेगा उसको संतुष्ट कर देगा‌।

सोचते-सोचते कब मेरा हाथ लंड पर कस गया, मुझे पता ही नहीं चला। विपिन के मुंह से आह निकल गई, और मेरी चूत में आग सी लग गई, और मेरा हाथ लंड पर ऊपर-नीचे चलने लगा। विपिन की सिसकारी निकल गई और उसने एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया। अब विपिन मेरे बूब्स को दबाने लगा।(bhai behen xxx)

मैं भी आह आह करने लगी‌। जितनी जोर से वो मेरे मम्मे दबाता, उतनी जोर से मैं उसके लंड को दबाती, ऊपर-नीचे करती। अब विपिन करवट लेकर पूरी तरह मैदान मैं आ गया। वो उठा और उसने मुझे बाहों से पकड़ कर बिठाया, और सूट का पल्लू ऊपर कर दिया। मैंने बाहें ऊपर करके उसकी मदद की। सूट उतारते विपिन ने मुझे हग कर लिया, और गर्दन पर किस्स करने लगा।

हमारी शर्म का पर्दा गिर चूका था। मैं उसका भरपूर साथ दे रही थी। तभी मैंने विपिन की उंगलियां अपनी ब्रा के हुक पर महसूस की। ब्रा का हूक खोल कर उसने बहुत प्यार से किस करते हुए ब्रा को उतारा, और मुझे देखने लगा।

रूम में अंधेरा था, पर अपने गोरे बदन पर उसकी नज़रें मुझे महसूस होने लगी। विपिन मेरे मम्मों पर टूट पड़ा।‌ एक को दबाता और एक को चूसता। अब मेरे मुंह से पहले शब्द निकले-

मैं: विपिन ये क्या कर दिया विपिन? आह आहे हाय हाय।(bhai behen xxx)

काफ़ी देर विपिन बूब्स को चूसता रहा। तभी उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया। मैंने गांड उठा कर सलवार उतारने में उसकी मदद की। सलवार उतरते ही विपिन ने मेरी टांगे फैलाई, और पेंटी के ऊपर से चूत की दरार में अपनी जीभ फिराने लगा। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी।

तभी उसने पेंटी की साइड से एक ऊंगली अंदर ले जाकर चूत में फिरा दी, और हल्की-हल्की अंदर करने लगा। हे भगवान, ऐसा अनुभव पहले किसी ने नहीं दिया था। तभी विपिन की उंगलियां मैंने पेंटी की इलास्टिक पर महसूस की। मैंने थोड़ी गांड उठाई, और भाई ने धीरे-धीरे किस करते हुए मेरे पैरों तक पेंटी उतारी, और मेरे अंगूठो को चूसने लगा।

वाओ ये बिलकुल अलग था। मेरे पैरों को चूसता और चाटता हुआ भाई अब मेरी थाइस पर आ गया, और अच्छी तरह थाईस को चाटने के बाद, मैंने उसकी जीभ चूत की फांको पर महसूस की। फिर अगले ही पल उसकी गरम और घुरदारी जीभ चूत के अंदर मेरे मुंह से आह आह की आवाजें निकालने लगी। मेरे चेहरे पर मादक मुस्कान आ गई।(bhai behen xxx)

चूत चाटने के बाद विपिन उठा, और घुटनों पर बैठ कर मुझे देखने लगा। मैं इतनी कामुक हो चुकी थी कि मैं एक-दम उठ कर बैठ गई, और फटाफट विपिन का अंडरवियर नीचे खींच दिया। हे भगवान, उसका फनफनाता हुआ लंड मेरे सामने था। मैंने बिना देर किये उसको हाथों में लिया, और उस पर अपनी जीभ चला दी।

विपिन के मुंह से आह निकल गई। जीभ फिराते हुए मैं जब लंड के टोपे पर आई तो देखा उसमें से प्री-कम की बूंदे निकल रही थी। उसकी गंध बहुत मादक थी। मैंने तभी उसको मुंह में ले लिया।

वाओ इतना गरम लंड! मैं उसके लंड को ज्यादा मुंह में नहीं ले पाई। 8 इंच से भी ज्यादा था। जितना ले पाई उतना ही अंदर-बाहर किया। विपिन के लंड से लगातार प्री-कम निकल रहा था, जिसने सेक्स बूस्टर का काम किया। मैं उसको अंदर लेने को तड़पने लगी, और लेट गई।(bhai behen xxx)

विपिन ने अब फिर से चूत को अच्छी तरह गीला किया, और मेरे मम्मों को चूसने लगा। उसका लंड अब चूत को टच हो रहा था, और मैंने आवेश में विपिन की गर्दन में बाहें डाल ली, और उसको किस करते हुए उसके कान में कहा-

मैं: भाई अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। प्लीज अंदर डालो।

विपिन बैठ गया और चूत के मुंह पर लंड को अच्छे से सेट किया। मैंने आंखें बंद कर ली। विपिन ने दबाव बनाया, तो लंड अंदर जाने लगा। चुदी तो मैं पहले भी थी, पर भाई का मोटा लंड फस कर जा रहा था। दर्द था, पर उससे कई ज्यादा मजा आ रहा था।

भाई ने एक-दम पूरा अंदर नहीं डाला, बल्कि थोड़ा-थोड़ा अंदर करके घर्षन करने लगा। चुदाई का मजा लेते हुए मैं एक हाथ नीचे ले जाकर जायजा लेने लगी, तो अभी आधा लंड बाहर ही था। मैं पूरा मजा लेना चाहती थी, और विपिन को किस करते हुए उसके कान में धीरे से बोली-

मैं: भाई और अंदर डालो प्लीज।(bhai behen xxx)

विपिन ने एक झटका मारा। मैं बोल पड़ी-

मैं: ऐसे नहीं, आराम से डालो भाई। मर जाउंगी आह आह।‌

अब हलके धक्कों के साथ लंड हर बार अंदर जाने लगा। मेरे कामरस ने चुदाई को स्मूथ बना दिया। जैसे ही लंड बच्चेदानी से टच हुआ, मुझे झटका लगा, और विपिन को भी लंड अब पूरा अंदर था। बच्चेदानी पर 5-6 ठोकरों के बाद मेरा शरीर अकड़ गया। मैंने अपनी टांगे विपिन की कमर पर लपेट दी, और विपिन को बोल पड़ी-

मैं: बस भाई बस आह आह आह।

और मैं झड़ गई। विपिन कुछ देर रुका रहा, और मुझे किस करता रहा। चुदास तो मैं थी ही। जल्दी ही मैं फिर से गरम हो गई। विपिन ने घस्से लगाते-लगाते मेरे कानों को चाटना शुरू कर दिया। मैं एक-दम सिहर गई।(bhai behen xxx)

जैसे ही विपिन ने कान को मुंह में लिया, मैं उससे लिपट गई, और हर घस्से का जवाब गांड हिला कर देने लगी। ऊपर से हर घस्सा बच्चेदानी को हिट कर रहा था। तो मैं जल्दी ही चरम सुख के नज़दीक पहुंच गई।

मैंने विपिन को बोला: भाई तेज़ आह, रुकना नहीं भाई, प्लीज पूरा डाल आअह्ह्ह।

तभी विपिन की स्पीड तेज़ हो गई, और उसका लंड मुझे चूत में फूलता महसूस हुआ।

मैं बोल पड़ी: आह आह भाई मैं झड़ने वाली हूं। क्या तू भी मेरे साथ?(bhai behen xxx)

और मैं झड़ने लगी। हर घस्सा बच्चेदानी पर लग रहा था। विपिन मुझे दुबारा चरम सुख देने में सफल हो गया। तभी विपिन ने एक हुंकार भरी, और लोड़ा जड़ तक डाल दिया। मैंने विपिन की पीठ पर नाखून गाड़ दिए, और उसके होंठो पर बाईट कर दी।

विपिन मुझमें समा गया, और सारा वीर्य मेरे गर्भ में डाल दिया। करीब आधे मिनट तक वीर्य चूत में गिरता रहा। जिसकी गर्माहट मैं अपने अंदर फील कर रही थी। वाओ क्या चुदाई थी। दो बार चरम सुख। मैं तो निहाल हो गई।(bhai behen xxx)

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