कहानी का तीसरा भाग : chudai kahani hot xxx
“मुझे धागा लेना है। मैं अंदर आ जाऊ?”
तभी मैंने कहा “आ जाओ भाभी।”
तभी भाभी अंदर आ गई। उस टाइम मेरा लंड चाची की चूत में अटका हुआ था, और चाची पूरी नंगी होकर मेरे लंड से जुड़ी हुई थी। तभी चाची भाभी को देख कर शर्म से पानी-पानी हो गई।
अब मैं भाभी के सामने ही चाची को चोदने लगा। अब तो चाची बुरी तरह से शर्मा रही थी। अब वो उनकी सहेली के सामने ही चुद रही थी।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह।”
इधर भाभी को उनका धागा अभी भी नहीं मिल रहा था।(chachi hard chudai story)
“क्या हुआ भाभी नहीं मिला क्या?”
“मैंने यही रखा था पता नहीं कहां गया यार।”
“रुको मैं आपकी हेल्प करता हूं।”
तभी मैं चाची को छोड़ कर भाभी के पास जाकर खड़ा हो गया। अब मैं भी अलमारी में धागा ढूंढने लगा। फिर मैं धागा ढूंढता हुआ भाभी के पीछे आ गया। भाभी झुकी हुई थी। अब मेरा लंड भाभी की गांड से टकराने लगा।
“कहां रखा था भाभी आपने, सही से याद करो।”(chachi hard chudai story)
“यही रखा था यार।”
अब मैं जान-बूझ कर भाभी की गांड में लंड सेट करने लगा। तभी भाभी को मेरा लंड महसूस होने लग गया, और वो खड़ी हो गई।
“यार नहीं मिल रहा है। मैं दुकान से ही मंगवा लेती हूं।”
अब जैसे ही भाभी वापस मुड़ी, तो वो मेरे लंड से टकरा गई और वो मेरे लंड को निहारने लगी। इधर मेरा लंड भी भाभी को सलामी दे रहा था। चाची सब देख रही थी। फिर भाभी कमरे से बाहर चली गई। लेकिन वो मेरे लंड के दर्शन कर चुकी थी।(chachi hard chudai story)
अब मैं वापस चाची के पास आया, और उन्हें फिर से पलंग के किनारे खींच लिया।चाची ने शर्म के मारे साड़ी से अपने जिस्म को ढक लिया था। अब मैं चाची की चूत में लंड सेट कर उन्हें फिर से बजाने लगा।
“आह्ह ओह सिससस्स आह उन्ह, यार ये सोनिया को भी अभी ही आना था। उसने यार सब देख लिया।”
“तो कोई प्रॉब्लम नहीं है चाची। जब वो आपको उनके घर में चुदवा सकती है, तो फिर देख भी तो सकती है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।”
“यार लेकिन फिर भी, मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी थी।”(chachi hard chudai story)
“तो कोई दिक्कत नहीं है चाची।”
फिर धुंआधार ठुकाई से चाची का पानी निकल गया। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैं भी पलंग पर आ गया, और अब मैंने चाची को फिर से घोड़ी बनने के लिए कहा।
“यार अब मैं घोड़ी नहीं बनूंगी। तू ऐसे ही कर ले। घोड़ी बना कर तू पहले ही बहुत बुरी तरह से बजा चूका है मुझे।”
“अरे बस एक बार और बन जाओ चाची। फिर मैं आपको ज्यादा परेशान नहीं करूंगा।”
तभी चाची झल्ला कर घोड़ी बन गई। अब मैं फिर से चाची को घोड़ी उनकी गांड मारने लगा। अब चाची पलंग पर घोड़ी बन कर गांड मरवा रही थी।
“ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह बहुत भारी लंड है यार तेरा।”(chachi hard chudai story)
“हां चाची, तभी तो मेरा लंड इतना मज़ा देता है।’
“हां यार। मैं तो तेरे लंड से चुद कर धन्य हो गई। तेरे चाचा का लंड तो बच्चे जैसा है।”
“कोई बात नहीं चाची। अब आपकी जब इच्छा हो तब आप मेरा लंड मांग लेना। मैं हमेशा मेरे लंड को आपके के तैयार रखूंगा।”
“हां मैं ले लूंगी।”
मैं सका-सक चाची की गांड में लंड पेल रहा था। चाची अब बड़े आराम से गांड मरवा रही थी। तभी चाची की चूत से फिर से पानी बहने लगा। फिर मैंने बहुत देर तक चाची की गांड मारी।(chachi hard chudai story)
अब मैंने चाची को फिर से सीधा कर लिया और उनकी टांगे खोल कर चूत में लंड ठोक दिया। मैं फिर से चाची को बजाने लगा।
“आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आईईईई बससस्स यार ईशान। अब मेरे बस की बात नहीं है।”
“अभी तो आपको खूब बजाना है चाची।”
“नहीं यार, अब फिर कभी चोद लेना। अब जल्दी से निकाल दे तेरा पानी।”
“अब इतनी जल्दी मत मचाओ चाची। थोड़ा सब्र करो।”
तभी चाची चुप हो गई। मैं चाची को बजाये जा रहा था। आज तो मेरा लंड चाची को चोद-चोद कर बुरा हाल कर चुका था। अब तो मेरे लंड के मारे चाची पानी मांगने लगी थी।
“ओह आह्ह सिससस्स आह्ह बसस्ससस्स यार।”(chachi hard chudai story)
तभी लगातार चुदाई के बाद मेरा लंड अकड़ने सा लगा, और फिर मैंने चाची की चूत में लंड रोक कर मेरे लंड का पानी निकाल दिया। अब मैं तृप्त होकर चाची से लिपट गया।
फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही नंगे पड़े रहे। मेरा लंड आज चाची के जिस्म की कली-कली खिला चूका था। चाची का चमचमाता हुआ चिकना जिस्म आज पानी पानी हो चूका था।
“बहुत बुरी तरह से बजाया है यार तूने। मेरी चूत की ऐसी तैसी कर दी।”
“मैंने तो आपका भला ही किया है चाची। आपको तो मोटे तगड़े लंड की सख्त जरूरत थी।”
“हां यार, मैंने तो इस बारे में कभी सोचा ही नहीं था। तूने इस मामले में तो मेरी हेल्प की है।”(chachi hard chudai story)
“यही तो मैं आपको समझा रहा था चाची। बहुत अच्छी सर्विस की है मैंने आपकी।”
” हां यार, बहुत मज़ा आया तुमसे चुदाने में। ये चुदाई मुझे हमेशा याद रहेगी।”
“अब तो ये पल आते रहेंगे चाची।”
तभी चाची मुस्कुराने लगी। अब चाची खड़ी हो गई और कपडे इकट्ठे करने लगी। फिर चाची ने कपडे इकट्ठे करके पलंग पर डाल दिए। अब चाची चड्डी पहनने लगी।
मैं चाची के जिस्म को ताड़ रहा था। फिर चाची ने ब्लाऊज़ ब्रा पहनकर ब्लाऊज़ पहन लिया। अब मेरा लंड चाची के गदराये जिस्म को देख कर फिर से खड़ा होने लगा था।
फिर चाची ने पेटिकोट पहन कर साड़ी पहन ली। अब चाची कमरे से बाहर चली गई। अब मैं भी कपड़े पहन कर फटाफट बाहर आ गया।
भाभी नीलम चाची का ब्लाऊज़ तैयार कर चुकी थी। अब भाभी नीलम चाची को छेड़ने लगी।
“और बताओ चाची जी कैसी सर्विस की ईशान ने आपकी?”(chachi hard chudai story)
“अब तुझे क्या बताऊं यार सोनिया। बहुत बुरी तरह से चोदा है इसने। मेरी गांड भी नहीं छोड़ी। उसमे में भी लंड डाल कर ही माना।”
“हां ये बहुत ज़िद्दी है।”
“तभी तो इसने ज़िद्द करके मेरी गांड भी मार ली। नहीं तो आज दिन तक मैंने अर्जुन के पापा को भी मेरी गांड नहीं मारने दी थी।”
“अर्जुन के पापा की बात अलग है चाची जी, और ईशान की बात अलग है। दोनों में बहुत फर्क है। इसको जो चाहिए वो लेकर ही रहता है।”(chachi hard chudai story)
“हां सोनिया, सही कह रही है तू।”
तभी मैंने कहा, “आप तो ये बताओ, चुदाने में आपको मज़ा आया या नहीं?
“मज़ा तो बहुत आया है।”
तभी भाभी कहने लगी, “मेंने तो आपको पहले ही कह दिया था कि ईशान खूब मज़ा देगा आपको।”
“हां यार तूने सही कहा था।”
“लो चाची जी। अब आप ब्लाऊज़ की फिटिंग देख लो।”
तभी चाची ने ब्लाऊज़ खोल लिया और फिर नया ब्लाऊज़ पहन कर फिटिंग चेक करने लगी।
“फिटिंग तो एक-दम सही है।”
अब चाची ने ब्लाऊज़ खोल दिया और वापस वो अपना ब्लाऊज़ पहनने लगी। तभी मैंने चाची को रोक लिया।
“अरे थोड़ी देर रूको चाची। इतनी भी क्या जल्दी है, पहन लेना।”(chachi hard chudai story)
तभी चाची मुस्कुराने लगी, “अब क्या इरादा है तेरा? सब कुछ तो कर लिया तूने।”
“मेरा फिर से मूड बन गया है। एक राउंड और हो जाये।”
“नहीं-नहीं यार, अब नहीं। तूने मेरी हालात पहले ही ख़राब कर दी है। अब और नहीं।”
“बससस्स थोड़ी देर चाची।”
“नहीं यार, अब नहीं करवाऊंगी मैं। पता नहीं तू कितना पानी निकलेगा मेरा।”(chachi hard chudai story)
“बसस्स थोड़ा सा ही निकलूंगा। आप बस एक बार और करवा लो।”
तभी मैंने चाची का हाथ पकड़ा और उन्हें उठाने लगा। लेकिन चाची मुस्कुरा रही थी। तभी भाभी ने कहा, “चल जाओ चाची जी।”
“अरे यार सोनिया तू फिर से इसका स्पोर्ट कर रही है।”
“चल जाओ तो, एक बार और देने में कुछ नहीं बिगड़ेगा आपका।”
“तू फिर से मेरा पानी निकलवाएगी।”
तभी चाची मुस्कुराती हुई खड़ी हो गई और कमरे में चल दी।
“अब चल जल्दी से अंदर, नहीं तो तू ज़िद करता ही रहेगा।”(chachi hard chudai story)
तभी चाची अंदर आ गई। अब मैंने फिर से चाची को लपक लिया और उनके होंठो को चूसते हुए ब्रा के ऊपर से ही चाची के बोबे मसलने लगा।
फिर कुछ देर में ही मैंने चाची की ब्रा खोल दी, और अब मैं चाची के टाइट चूचों को निचोड़ने लगा। चाची के बोबों को मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।।
चाची दर्द से कसमसा रही थी। फिर मैंने चाची को उठा कर पलंग पर पटक दिया।अब मैं फिर से चाची के बोबों को पीने लगा। फिर मैंने चाची के बोबों को बुरी तरह से सबड़ डाला।
अब मैंने लंड बाहर निकाल लिया, और फिर झट से चाची की चड्डी को खोल फेंका। मैं फिर से चाची की चूत में लंड पेलने लगा।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह सिससस्स आहा ओह आह्ह।”(chachi hard chudai story)
मैं चाची की चूत में दे दना दन लंड पेल रहा था। चाची ऊपर और नीचे से नंगी नज़र आ रही थी। बीच में उनके जिस्म पर सिर्फ साड़ी और पेटिकोट फंसा हुआ था। मैं चाची की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।
“ओह आह्ह आह्ह सिसस आहा ओह आह्ह आईईईई।”
तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से चाची का पानी निकल आया। अब चाची फिर से पसीने में भीग गई। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक पेला।
अब चाची खड़ी हो गई और उन्होंने ब्रा पहन ली।
“बहुत लालची है तू। थोड़ा सा पानी निकालने का कहा था तूने, लेकिन बहुत सारा पानी निकाल दिया मेरा।”
“अब कोई बात नहीं चाची। इतना तो निकलता ही है।”(chachi hard chudai story)
अब मैं भी पजामा पहन कर बाहर आ गया। अब चाची ने ब्लाऊज़ पहन लिया। फिर भाभी ने हमारे लिए चाय बनाई और फिर हम तीनों ने चाय पी। अब चाची ब्लाऊज़ लेकर उनके घर चली गई।
“कमीने, काम चलाने के लिए कहा था तूने। लेकिन तूने तो चाची जी को सेट ही कर दिया।”
“सेट करने में ही तो मज़ा आता है भाभी।”
“सच में बहुत कमीना है तू।”
“तभी तो मेरा लंड नई नई चूतों का मज़ा ले रहा है।”(chachi hard chudai story)
“हां वो तो दिख ही रहा है।”
अब मैं चाची को चोद कर मेरे घर आ गया।(chachi hard chudai story)
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