मां के लिए ढूंढा नया पति और चुदाई 2 - chudwaya desi maa ko

मां के लिए ढूंढा नया पति और चुदाई 2 – chudwaya desi maa ko

कहानी का पहला भाग : desi maa ko chudwaya

सुदर्शन पापा और मेरी आपस में सब बात हो चुकी थी, और उनकी सोच मेरी जैसी ही थी। मैं ऐसा वासना भरा बाप पाकर बहुत खुश हुआ। अगले दिन सुबह सुदर्शन पापा ने मुझे फोन किया-

सुदर्शन पापा: बेटा गुड मॉर्निंग!(chudwaya desi maa ko)

मैं: गुड मॉर्निंग पापा!

सुदर्शन पापा: बेटा उठ जाओ, और देखो तुम्हारा वो भोसड़ी वाला बाप घर से गया या नहीं?

मैं: अरे कैसा बाप? आप हो अब से मेरे असली बाप। पारुल अब आपकी बीवी है।

सुदर्शन पापा: हां बेटा, लेकिन उसके लिए पारुल मुझसे पटनी चाहिए, और फिर हम दोनों मिल कर मजे ले पाएंगे और उसे खुश रख पाएंगे। तो देखो कि वो गया या नहीं?

मैं उठ कर मेरी मां पारुल के पास गया और बोला: गुड मॉर्निंग मम्मी! पापा चले गए क्या?

पारुल: हां बेटा वो तो गए। गुड मॉर्निंग बेटा।(chudwaya desi maa ko)

मैं: अच्छा मम्मी आपका मूड क्यों खराब है?

पारुल: कुछ नहीं बेटा। तेरे पापा जब देखो लड़ते रहते है। दिमाग तो खराब होगा ही न।

मैं: एक बात बोलूं मम्मी सच-सच? आपके लिए मेरे ये पापा ठीक नहीं है। ना ही आपकी जरूरतें पूरी करते है, और ना ही आपको खुश रखता है।

पारुल: ये क्या बोल रहे हो तुम? अब क्या कर सकते है?

मैं: मम्मी आप अपनी जिंदगी खुल कर जियो। पापा का क्या है, वो तो बाहर खूब मजा करते है।

पारुल: क्या कह रहे तुम? मैं क्या कर सकती हूं अब?(chudwaya desi maa ko)

मैं: मम्मी आप भी मजे करो। दोस्तों के साथ बाहर जाओ, और ज़िंदगी को एंजॉय करो।

पारुल: बेटा कहना आसान है, ऐसा नहीं हो सकता।

मैं: मम्मी कल सुदर्शन अंकल भी कह रहे थे, कि तुम्हारी मम्मी परेशान रहती है।

पारुल: अच्छा बेटा, मेरा भी बहुत मन है ज़िंदगी एंजॉय करने का। लेकिन तुम्हारे पापा समझते ही नहीं, बस लड़ते रहते है।

ये सब सुदर्शन पापा फोन पर सुन रहे थे, और मैं फिर अपने कमरे में जाकर सुदर्शन पापा से बात करता हूं, और वो कहते है कि-

सुदर्शन पापा: मैं आता हूं बेटा तुम्हारी मम्मी से बात करने के लिए। कोशिश करते है पारुल को ज़िंदगी के मजे देने की।

मैं: हां सुदर्शन पापा, बिल्कुल यहीं। अच्छा मौका है पारुल को पटाने का।(chudwaya desi maa ko)

सुदर्शन पापा: चलो मिलते है थोड़ी देर में।

थोड़ी देर बाद सुदर्शन पापा घर पर आते हैं, और मैं भी तब तक नहा धोकर तैयार हो जाता हूं। फिर मैं मम्मी के पास जाता हूं, और बेल बजती है।

पारुल: बेटा देखो जरा कौन है।

मैं: अरे सुदर्शन अंकल, आओ-आओ, कैसे हो आप?(chudwaya desi maa ko)

सुदर्शन: बस बेटा मैं अच्छा हूं, तुम बताओ कैसे हो?

मैं: मैं भी ठीक हूं। आइए अंदर आइए।

पारुल: सुदर्शन जी कैसे हो? आओ-आओ, बैठिए, मैं तब तक चाय बनाती हूं।

सुदर्शन पापा: पारुल जी थैंक्यू।‌ बस मैं ऑफिस के लिए निकल रहा था, सोचा गुड मॉर्निंग बोलता चलूं।

पारुल: बहुत अच्छा किया। चाय पीकर ही जाना।

सुदर्शन: बिल्कुल पारुल जी। थैंक्यू सो मच। और बेटा दिवाकर, कैसी चल रही है आपकी पढ़ाई?

मैं: बिल्कुल अच्छी सुदर्शन अंकल। बस आजकल परेशान हूं थोड़ा।(chudwaya desi maa ko)

सुदर्शन पापा: क्यों क्या हुआ?

मैं: मुझे कुछ नहीं हुआ। बस मेरे पापा मेरी मम्मी से लड़ते रहते है, और मेरी मम्मी उदास रहती है।

पारुल: बेटा ये क्या कह रहे हो तुम? तुम्हे इस मामले में बोलने की कोई जरूरत नहीं है।

सुदर्शन: पारुल जी आप गुस्सा मत कीजिए। दिवाकर को भी अपनी मम्मी की चिंता होती होगी इसलिए बोल रहा है। वैसे बुरा ना मानो तो सच बोलूं?

पारुल (चाय लेकर आती है और बैठ जाती है): बोलिए?(chudwaya desi maa ko)

सुदर्शन: कोई परेशानी है तो मुझसे शेयर कीजिए। मुझे अपना फ्रेंड मान लीजिए, और शेयर करना चाहो तो कर सकते हो आप।

पारुल: सुदर्शन जी ऐसी कोई बात नहीं है। बस इसके पापा बेफालतू में लड़ते है मुझसे।

सुदर्शन: पारुल जी इतनी खूबसूरत बीवी हो तो कोई भला कैसे लड़ाई कर सकता है?

मैं: बिल्कुल सुदर्शन अंकल, पापा मेरी मम्मी को बहुत परेशान रखते है।

पारुल: तुम चुप करो। अपने कमरे में जाओ।

मैं: नहीं, मैं यही रहूंगा मम्मी। समझो, आप अपनी लाइफ एंजॉय क्यों नहीं करते?(chudwaya desi maa ko)

पारुल: बेटा क्या करूं अब मैं?

सुदर्शन: पारुल जी आप खुल कर बोलो क्या दिक्कत है? मैं कुछ हेल्प कर सकता हूं?

पारुल: सुदर्शन जी बस कुछ नहीं। आपने पूछा उसके लिए थैंक यू।

सुदर्शन: देखो आपके हसबैंड कब तक घर आयेंगे?

पारुल: रात में।

सुदर्शन: देखो आपके पास काफी वक्त है। मेरा भी कुछ खास काम नहीं होता ऑफिस में। अगर फ्री हो तो कॉफी के लिए चले। आपको भी अच्छा लगेगा और थोड़ा रिलैक्स महसूस करोगे।(chudwaya desi maa ko)

मैं: हां मम्मी, आप जाइए। वैसे भी आप बाहर नहीं जाती। ना ही कोई शॉपिंग, ना ही कोई मोज मस्ती।

पारुल: सुदर्शन जी मैं कैसे आ सकती हूं? अगर इसके पापा को पता चला तो बहुत गुस्सा करेंगे।

सुदर्शन: अरे आप उसकी चिंता मत कीजिए, उसकी जिम्मेदारी मेरी।

पारुल: ठीक है फिर चलते है। वैसे भी मेरा मूड खराब रहता है। इसी बहाने थोड़ा हल्का महसूस करूंगी। आप बैठिए मैं तैयार होकर आती हूं थोड़ी देर में, या फिर दोपहर में चले, आपको लेट हो रहा होगा?

सुदर्शन: नहीं पारुल जी, अभी साथ चलते है। मुझे ऑफिस का कोई टेंशन नहीं होता कभी।(chudwaya desi maa ko)

पारुल: ठीक है, फिर आप वेट कीजिए थोड़ा।

पारुल अपने कमरे में जाती है और तैयार होने लगती है। इसी बीच सुदर्शन पापा मुझे कहते है।

सुदर्शन: बेटा पारुल अब पक्का पट जाएगी।

मैं: हां पापा मुझे भी लग रहा है। बस आप मेरी मम्मी को खुश कीजिए।(chudwaya desi maa ko)

सुदर्शन: बेटा जल्दी ही मैं, तुम, और पारुल खूब मजा करेंगे।

मैं: हां पापा, आप खूब मजे देना पारुल को, और मुझे सब बताना क्या हुआ आज कॉफी पर।

सुदर्शन: बिल्कुल बेटा।

थोड़ी देर में पारुल तैयार होकर आती है। गुलाबी रंग का सूट डाला हुआ‌ था, जिसमें से उसकी ब्रा साफ नज़र आ रही थी, और बिल्कुल पिंक होठ जिन्हें देखते ही चूमने का मन करे। चूचियां मानो जैसे बाहर आने को बेकरार थी। गांड देखते ही मेरा लंड एक-दम खड़ा हो गया।

सुदर्शन: वाओ पारुल जी, बहुत हॉट लग रही हो।(chudwaya desi maa ko)

मैं: हां मम्मी, बहुत खूबसूरत लग रही हो।

पारुल: बस करो अब, थैंक्यू।(chudwaya desi maa ko)

सुदर्शन: चलिए पारुल जी।

पारुल: बेटा ध्यान रखना घर का।

मैं: मम्मी आप जाइए और एंजॉय कीजिए।

पारुल को लेकर सुदर्शन पापा चले जाते है, और मैं पारुल के कमरे में जाता हूं, और उसकी चड्डी और ब्रा लेकर उन्हें सूंघ कर मुठ मारता हूं। और फिर अपने कमरे में जाकर टीवी देखने लग जाता हूं।

आगे क्या हुआ उसके लिए बने रहिए,(chudwaya desi maa ko)

कहानी का तीसरा भाग : 

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