नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमीशा है। मैं 25 साल की हूं, और राजस्थान के जयपुर शहर में रहती हूं।
फिगर मेरा 36-32-38 है। आज मैं अपनी नई सेक्स कहानी लेके आई हूं।
उम्मीद है आप सब ने मेरी पहले की कहानियां पढ़ी होंगी, (daughter father chudai)
और खूब लंड हिलाया होगा। अब सीधे कहानी पर आती हूं।
दोस्तों मैं अपने मां-बाप की इक-लौती बेटी हूं।
मेरी मम्मी सरकारी नौकरी पर है, और पापा का बिजनेस है। मम्मी सुबह जा कर शाम को घर आती है,
और पापा सुबह जा कर रात को। पापा रात को अक्सर घर काफी देर से आते है। (daughter father chudai)
क्योंकि उनको शराब पीने की भी आदत है, तो हफ्ते में 4 दिन वो शराब पी कर ही आते है।
ये बात कुछ महीने पहले की है, जब मेरे पापा ने मुझे शराब के नशे में चोदा था।
हुआ कुछ ऐसा था कि मम्मी को उस रात किसी पार्टी पर जाना था, और क्योंकि पार्टी शहर से थोड़ी दूर थी, तो वो सुबह ही वापस आने वाली थी।
मम्मी ने फोन करके ये बात पापा को बतानी चाही, लेकिन पापा का फोन कवरेज क्षेत्र के बाहर आ रहा था। (daughter father chudai)
इसलिए मम्मी ने मुझे ये बात बताई, और वो पार्टी पर चली गई।
उनके जाने के बाद मैं घर पर अकेली थी। अब पापा तो देर से ही आने वाले थे, तो मैंने थोड़ी मस्ती करने की सोची।
दोस्तों हमारे घर में एक ही लैपटॉप है, और वो है मम्मी का लैपटॉप। (daughter father chudai)
मुझे जब भी लैपटॉप पर कोई काम करना होता है, तो मैं मम्मी-पापा के कमरे में जाके कर लेती हूं, क्योंकि लैपटॉप वहीं पड़ा होता है।
मैंने सोचा क्यों ना आज लैपटॉप पर थोड़ी सेक्सी वीडियोस देख कर चूत को सहलाया जाए।
ये सोच कर मैं मम्मी-पापा के कमरे में चली गई, और बेड पर बैठ कर लैपटॉप चला लिया। (daughter father chudai)
मैंने लैपटॉप पर देसी सेक्स वाली एक वीडियो चलाई, और सीधी लेट कर, अपने सिर को तकिए से थोड़ा ऊपर कर लिया।
फिर मैंने लैपटॉप को अपने पेट पर रख लिया, और चादर ऊपर लेके वीडियो देखने लगी।
चादर के अंदर होने की वजह से पूरा सिनेमा वाला मज़ा आ रहा था, और कमरे की लाइट मैंने पहले ही बंद कर दी थी।
कुछ ही मिनट की वीडियो देख कर मैं गरम होनी शुरू हो गई, और अपनी चूत सहलाने लगी। (daughter father chudai)
मैंने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी हुई थी, और मैं शॉर्ट्स के ऊपर से अपनी चूत सहला रही था।
धीरे-धीरे मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी, और मैंने शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाल लिया।
अब मैं जोर-जोर से चूत को मसलने लगी, और उसके अंदर उंगली डालने लगी।
मैं पूरी मदहोश थी, और मुझे आस-पास क्या हो रहा था कुछ खबर नहीं थी। (daughter father chudai)
दोस्तों हमारे घर में हर एक के पास घर की अलग चाबी रहती है,
ताकि जब भी जो भी घर आए, उसको दरवाजा खुलने का इंतेज़ार ना करना पड़े, और वो सीधा ही अंदर आ जाए।
उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब मैं अपनी चूत में उंगली करने में मदहोश थी, तब पापा घर आ चुके थे।
मुझे तब पता चला जब कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आई। (daughter father chudai)
आवाज सुनते ही मैंने जल्दी से लैपटॉप को वैसे ही बंद किया, और चादर में ही छुपी रही।
पापा हल्की आवाज में गाना गुनगुना रहे थे। गाना सुन कर मैं समझ गई थी, कि पापा पी कर आए थे।
क्योंकि वो पीने के बाद ही ऐसे गुनगुनाते है। पापा को ये नहीं पता था कि मम्मी पार्टी पर गई थी, इसलिए मुझे कुछ परेशानी नहीं हुई, और मैं वैसे ही लेटी रही। (daughter father chudai)
फिर पापा मेरे करीब आके लेट गए, और कुछ ही मिनट में मुझे उनके खर्राटों की आवाज आने लगी।
मैं एक तरफ मुंह करके लेटी हुई थी, और पापा मेरे पीछे बिल्कुल मेरे नजदीक थे।
फिर मैंने हल्के से चादर अपने चेहरे से हटाई, और पापा की तरफ देखा। वो सो चुके थे। (daughter father chudai)
फिर मैंने वहां से उठने का सोचा। जैसे ही मैं थोड़ा सा हिली। मेरी गांड पर पीछे से कुछ टच हुआ। वो पापा का लंड था।
पापा का लंड मेरी गांड पर लगते ही मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया।
उनका लंड बड़ा सख्त लग रहा था, और सेक्सी वीडियो देख कर मैं तो पहले से ही गरम हुई पड़ी थी। (daughter father chudai)
मेरे मन में उनके लंड को छू कर देखने की इच्छा होने लगी। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ पीछे किया, और उनके लंड पर रखा।
वाह! क्या तगड़ा लंड था, और पूरा खड़ा हुआ था।
लंड पर हाथ रखते ही मेरे मन। में गंदे-गंदे खयाल आने लगे। (daughter father chudai)
मैं सोच रही था कि क्यों ना पापा के नशे में होने का फायदा उठाऊं, और इस लंड को अपनी चूत में लेके चूत की आग ठंडी कर लूं।
मैंने ज्यादा देर नहीं सोचा, और जल्दी से अपनी शॉर्ट्स और पैंटी नीचे कर दी।
फिर मैंने पापा के पजामे में हाथ डाला, और पजामा नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया।
अब मैं पापा के नंगे लंड पर पीछे हो कर अपनी गांड रगड़ने लगी। (daughter father chudai)
पापा को मजा आने लगा, और वो भी अपनी कमर हिलाने लगे। उनकी आँखें बंद ही थी।
मेरी चूत अब गीली हो चुकी थी, तो मैंने अपनी टांगे थोड़ी खोली, और टांगों के बीच से हाथ ले जा कर लंड को चूत पे सेट कर लिया।
फिर मैंने गांड को पीछे की तरफ किया, और लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया।
मेरे मुंह से आह निकल गई, और नींद में पापा के मुंह से भी आह निकली। (daughter father chudai)
अब पापा ने नींद में ही, आँखें बंद रहते हुए, अपने हाथ मेरे चूतड़ों पर रखे, और कमर आगे-पीछे करने लगे।
उनका लंड मेरी चूत के अंदर-बाहर होने लगा, और मेरी चूत को चुदाई का मजा मिलने लगा। मैं भी अपना गांड आगे-पीछे करके पूरा लंड अंदर ले रही थी।
मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी, जिससे छप-छप की आवाज आ रही थी। (daughter father chudai)
फिर पापा ने सीमा-सीमा बोलना शुरू किया, और अपनी स्पीड तेज़ करने लगे।
सुनीता मेरी मां का नाम है, तो मैं समझ गई वो मुझे मम्मी समझ रहे थे।
पापा ने मेरे बूब्स पाकर लिए, और धक्का-पेल चुदाई करने लगे।
थोड़ी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और मैं ठंडी हो गई। (daughter father chudai)
लेकिन पापा और 20 मिनट मुझे चोदते रहे।
फिर 20 मिनट बाद मुझे अपनी चूत में पापा का गरम लावा महसूस होने लगा।
मुझे बहुत सुकून मिल रहा था। (daughter father chudai)
धीरे-धीरे पापा का लंड सिकुड़ गया, और मेरी चूत से बाहर निकल गया।
फिर पापा दूसरी तरफ मुंह करके सो गए, और मैं वहां से आ गई।
मुझे इस चुदाई में बहुत मज़ा आया। (daughter father chudai)
अगर आप ऐसी और कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “brazzersstories.com” की कहानियां पढ़ सकते है|