मामा की बेटी की डेली चुदाई-Desi village ki chudai kahani-1

मामा की बेटी की डेली चुदाई-Desi village ki chudai kahani-1

हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “मामा की बेटी की डेली चुदाई-Desi village ki chudai kahani-1” यह कहानी शीतल की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

दोस्तो, मैं आपको अपनी बहन की चुदाई की कहानी सुना रहा था.

में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मेरी ममेरी बहन शीतल के साथ फोन सेक्स करके उसे सेक्स के लिए मना चुका था.
फिर वह अपने घर आई तो मैं भी मामा के घर गया और रात में मैंने उसकी पहली चुदाई कर दी थी.

अब आगे गाँव सेक्स की कहानी

अगले दिन शीतल मुझसे बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी.

एक दिन घर में कोई नहीं था. Desi village ki chudai kahani
मामी पड़ोस में गयी थीं, शीतल की बहन सोना स्कूल गयी थी.

मैं सुबह उठा और नहाने के लिए बाथरूम में चला गया.

थोड़ी देर बाद दरवाजे पर किसी ने नॉक किया.
मैंने देखा तो शीतल थी.

मैं- क्या चाहिए?
शीतल मुस्कुराती हुई- जो उस दिन रात में दिया था!

मैं- अरे कोई आ गया तो!
शीतल- कोई नहीं है. मम्मी आंटी के यहां हैं और सोना स्कूल गयी है.

मैंने दरवाजा पूरा खोल दिया और शीतल बाथरूम में आ गयी.
शीतल ने स्कर्ट और टी-शर्ट पहनी थी.

मैंने शीतल को दीवार पर लगा दिया और उसके होंठों को पीने लगा.
शीतल भी मेरे होंठों को पी रही थी.

मैं टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके चुचे मसलने लगा.
शीतल ने अपनी टी-शर्ट उतार दी.

मैंने शीतल की ब्रा उतार दी और उसके दूध पीने लगा.
शीतल- आआअहह … आराम से.

फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी.
शीतल अब काली पैंटी में थी.

शीतल ने भी अंडरवियर के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- मुझे पीना है. Desi village ki chudai kahani

मैंने शीतल को नीचे बैठाया और लंड उसके मुँह में डाल दिया.

शीतल मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट रही थी और पागलों की तरह पी रही थी.

मैंने शीतल के मुँह के अन्दर ही पूरा रस भर दिया और उसने पूरा पी लिया.

मैंने शीतल को लेटने के लिए बोला और उसकी पैंटी उतार दी.

शीतल- क्या पीने वाले हैं आप!
मैं- जो तुमने पैंटी में छुपा रखा था.
शीतल- पागल हो जाती हूँ मैं, जब आप उसे पीते हैं.

मैं- आज और पागल कर दूँगा तुम्हें!
शीतल हंसती हुई- ओके कर लीजिए.

मैंने शीतल की दोनों टांगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटने लगा.

शीतल- उई भईया … आआअहह.

उसकी चूत बहुत गीली थी और नमकीन थी.

शीतल- आअहह … मार डालेंगे आप तो!

मैंने शीतल की चूत के दाने को काट लिया.
शीतल तड़प उठी- आआ अहह.

शीतल ज़मीन पर दोनों पैर फैला कर लेटी थी और मैं उसकी चूत चूस रहा था.
वह एक बार झड़ चुकी थी. फिर भी उसकी चूत बहुत गीली थी.

फिर मैं शीतल के ऊपर आ गया. Desi village ki chudai kahani
शीतल- हालत खराब कर देते हैं आप तो!
मैं- जब डाल कर करेंगे, तब ज्यादा हालत खराब होगी तुम्हारी!

शीतल- डालिए फिर!
मैंने शीतल की चूत में अपना लंड डाल दिया.

शीतल- आह भैया बहुत बड़ा है आपका!
मैंने धीरे धीरे शीतल की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

शीतल- अहह.
मैं- क्या हुआ?

शीतल- और अन्दर भैया.
मैंने शीतल की टांगें और फैलाईं और पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया.

शीतल- आह भैया चला गया पूरा.
अब मैंने शीतल की चूत में स्पीड बढ़ा दी.
शीतल- आहह.

मैं- मज़ा आ रहा है!
शीतल- बहुत.

मैं- गंदा बोलो, तभी और कसके पेलूँगा तुम्हें!
शीतल- और कस के चोदिए.
मैं- और कसके?
शीतल- हां और कसके भैया.

मैं- कैसे चुदवा रही हो तुम?
शीतल- पूरी नंगी होकर बाथरूम में.

मैं- और अच्छे से बोलो. Desi village ki chudai kahani
शीतल- पूरी नंगी होकर, टांगें फैला कर आपसे से चुदवा रही हूँ भैया!

मैंने शीतल की चूत में लंड की स्पीड बढ़ा दी.

शीतल- और चोदिए!
मैं- बहुत गीली है तुम्हारी चूत शीतल.

शीतल- तभी तो आपका लंड अन्दर ले पा रही हूँ.
मैं- कितनी खूबसूरत हो तुम!

शीतल- इसीलिए आपका दिल मुझ पर आया ना!
मैंने शीतल के होंठों को मुँह में भर लिया और खूब किस करने लगा.

शीतल भी खूब जीभ घुमा घुमा कर मुझे किस कर रही थी.

शीतल- भैया मुझे आपके ऊपर आना है. शीतल मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और ऊपर नीचे होने लगी.
उसके दूध झूल रहे थे और वह अपने बालों को पकड़े सिर्फ़ लंड को अन्दर बाहर कर रही थी.

मैंने शीतल के दोनों दूध हाथ में पकड़ लिए और कस कसके उसकी चुदाई करने लगा.

शीतल- अहह.

मैं- बहुत हॉट हो तुम. मन करता है पूरा दिन तुम्हें चोदूं.
शीतल- तो कीजिए ना, किसने रोका है!

शीतल मेरे ऊपर ही थी और मैंने उसको करीब 15 मिनट ऐसे ही चोदा.
शीतल- इतना मज़ा तो कभी नहीं आया.

मैं- अभी और मज़ा आएगा तुम्हें! Desi village ki chudai kahani
शीतल- वह कैसे?

मैंने शीतल को पेट के बल लिटाया और उसके हाथ पीछे की तरफ मोड़ दिए.
फिर पीछे से उसकी चुदाई करने लगा.

शीतल- आह आप तो मेरी जान ले लेंगे भैया.
मैं- तुम्हारी चूत रस से भर दूं?
शीतल- भर दीजिए.

मैंने पूरा लिक्विड शीतल की चूत में भर दिया.

शीतल ने मुझे किस किया और कपड़े पहन कर बाथरूम से चली गयी.

थोड़ी देर बाद मामी घर आ गई

शीतल के दूध पहले से बड़े लगने लगे थे और वह और भी ज़्यादा खूबसूरत हो गयी थी.
फिर एक दिन मैंने खेत घूमने का प्लान किया, तो मामी ने बोला कि इतनी धूप में कहां जाओगे.

लेकिन मेरा मन खेत घूमने का था.
मामी ने पूछा कि रास्ता पता है?
तो मैंने मना कर दिया.

तभी मामी ने ऊपर से सोना को आवाज़ लगाई कि मेरे साथ खेत चली जाए.
लेकिन सोना ने मना कर दिया कि उसे रास्ता याद नहीं है.

फिर मामी ने शीतल को आवाज़ लगा दी तो शीतल चलने को रेडी हो गयी.
लेकिन रास्ता उसे भी अच्छे से नहीं पता था. Desi village ki chudai kahani

फिर मैं और शीतल खेत घूमने निकल पड़े.
हम लोगों ने साथ में पानी की बॉटल और स्नॅक्स रख लिया था.

मैंने एक कंडोम का पैकेट भी रख लिया था … इमरजेन्सी के लिए.

हम लोग सुबह 9 बजे घर से निकले.
खेत थोड़ी दूर था, तो जाने में एक घंटा लग गया.
हम लोग पैदल ही गए थे.

उस वक़्त गर्मी थी तो खेत में कोई नहीं था.
शीतल- भैया इतनी दोपहर में आपको खेत घूमने की कैसे सूझी … इतनी ज्यादा गर्मी है … और यहां कोई है भी नहीं!
मैं- इसी लिए तो मन बनाया खेत घूमने का!

शीतल- आप भी ना!
मैं- यहां तो कोई है भी नहीं, तो किसी के आने का डर भी नहीं है.

शीतल- अच्छा तो ये प्लान है आपका लेकिन यहां तो चारों तरफ खुले खेत हैं. फिर कैसे हो पाएगा कुछ!

मैं- तो फिर!
शीतल- मैं क्या बताऊं. आपने पहले बताया ही नहीं!
मैं- मैंने फिल्म्स में देखा था, लोग छोटी सी झोपड़ी बना कर खेत की रखवाली करते हैं.

शीतल- वैसा कुछ यहां नहीं है.
मैं- तो फिर गाँव सेक्स का प्लान कैंसिल समझूँ?

शीतल- चलिए ढूंढते हैं कुछ. शायद कुछ मिल जाए.
थोड़ी देर घूमने के बाद हम लोगों को पेड़ पर एक छोटा सा लकड़ी का बना हुआ मचान सायाबान सा दिखा.

मैं- वह क्या है?
शीतल- आपकी मंज़िल. Desi village ki chudai kahani

वह हंसने लगी- लेकिन अन्दर कोई हो ना उसमें!

मैं और शीतल मचान पर चढ़ गए और देखा तो वह छोटा सा कमरानुमा मचान खाली था.
शायद जिसका खेत था, उसने दूर से निगरानी के लिए बनाया था.
शीतल- यह तो काफ़ी अच्छा बनाया गया है. इसमें तो घास वाला गद्दा भी बिछा हुआ है.

मैं- क्या पता वह भी अपनी गर्लफ्रेंड को यहां ऊपर लाता हो!
शीतल- अरे आप तो … यहां गाँव में इतना कोई नहीं सोचता.

तभी शीतल ने देखा कि मेरी पैंट हल्की सी टाइट हो गयी है.
शीतल- क्या हुआ आपको अब!

उसने नीचे की तरफ इशारा करके बोला.
मैं- तुम्हें देख कर इसकी हालत खराब हो जाती है.
शीतल- अच्छा!

मैं- हां शीतल, आज तुम्हारा सब कुछ पीना है मुझे!
शीतल- कुछ छोड़ा कहां है आपने. सब कुछ तो पी चुके हैं!

मैं- आज बिना टेन्शन के पियूंगा.
शीतल- अच्छा!

मैं- क्या हुआ … कुछ गीला हो गया क्या?
शीतल- आपको देखते ही गीली हो जाती है.
यह कह कर वह हंसने लगी. Desi village ki chudai kahani

मैं- आज तो तुम गयी समझो.
शीतल- आज खूब प्यार कीजिए मुझे भैया.

यह कह कर शीतल मेरी तरफ पीठ करके बैठ गयी.

मैंने शीतल की हेयर पिन हटा कर उसके बाल खोल दिए और फिर उसकी टी-शर्ट उतार दी.

वह सिर्फ़ लाल रंग की ब्रा में थी.

शीतल दूध की तरह सफेद थी और उसकी पीठ पर लाल ब्रा बहुत गजब लग रही थी.

मैंने शीतल की पीठ पर किस किया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, उसे लेटा दिया और मैंने शीतल की पूरी पीठ को खूब चाटा व किस किया.

शीतल- आअहह.

फिर मैंने शीतल का लोवर उतारा.
उसने लाल रंग की पैंटी पहनी थी.
उसकी पैंटी गीली थी.

शीतल गद्दे पेर सीधा लेट गयी.
मैंने उसकी पूरी ब्रा हटा दी.

उसके दूध एकदम गोरे … भूरे निप्पल.

शीतल- कैसी लग रही हूँ मैं?
मैं- क़यामत.

शीतल- अच्छा! Desi village ki chudai kahani
मैं शीतल के दूध हाथ में लेकर मसलने लगा और बारी बारी से निप्पल भी चूस रहा था.

शीतल- उफ्फ़ … आअहह!
मैं- अच्छा लग रहा है?

शीतल- हां.
मैं शीतल के दूध दबा रहा था और निप्पल चूस रहा था. शीतल मदहोश सी लेटी थी.

शीतल- भैया दबाते रहिए!
फिर मैं उसके दूध कस कसके मसलने लगा.

शीतल- आआअहह … भैया.
मैं शीतल के एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा.

शीतल- उ फ्फ़ … आज तो आप इन्हें भी बड़े से बड़े कर देंगे.
मैं शीतल के दोनों हाथ पकड़ कर उसके दूध चूस रहा था.

शीतल बस लेटी थी और मदहोश थी.
थोड़ी देर बाद मैं शीतल की जांघों के पास आ गया. बहुत गजब की मोटी मोटी जांघें थीं उसकी.

मैंने शीतल की जांघों को भी खूब चाटा और किस किया.
शीतल- अहह … इतना अच्छा तो कभी नहीं लगा, जितना आज लग रहा है.

मैंने शीतल की पैंटी उतारी, पूरी गीली थी. उसे बाहर लटका दी.
शीतल बिना कपड़ों की गद्दे पर लेटी थी. मैंने उसकी दोनों जांघें फैलाईं, जिससे शीतल की चूत खुल गयी.
फिर मैंने उसकी चूत को जीभ से चाट लिया. Desi village ki chudai kahani

शीतल- आअहह … भैया.
मैं- बहुत नमकीन पानी है यार चूत का.
वह शर्मा गई.

फिर मैंने धीरे शीतल की चूत को पीना शुरू किया. बहुत पानी आ रहा था उसकी चूत से और मैं लगातार उसकी चूत को चूस रहा था.
शीतल बिल्कुल पागल हुई जा रही थी और अपने दूध मसल रही थी.

मैंने शीतल की चूत पी और उसी दरमियान उसका एक बार रस भी निकल गया.
मैंने उसे भी पी लिया.

शीतल- भैया, आपने तो हालत खराब कर दी!
मैं- अभी तो असली काम बचा ही है. Desi village ki chudai kahani

वह फिर से शर्मा गई और उठ कर मेरे सीने से चिपक गई.

गाँव सेक्स की कहानी का अगला भाग: मामा की बेटी की देसी चुदाई

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