कहानी का पहला भाग : family chudai xxx
दोस्तों मेरी हिंदी चुदाई कहानी के अगले भाग में आपका स्वागत है। चलिए आगे बढ़ते है-
मैंने फिर से दीदी की चूत में लंड रखा और फिर उन्हें बजाने लग गया।(family fuck story)
“आहा आह आह उन्ह्ह्ह्ह सिसससस आह आहा ओह्ह्ह्ह अर्पित। आह बहुत मजा आ रहा है। आह आह उन्ह्ह्ह्ह।”
“आप जैसी माल को चोदने में मुझे भी बहुत मजा आ रहा है, आहा।”
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आईईईई मेरी चूत, आ आहा आईईईई।”(family fuck story)
तभी दीदी फिर से पानी-पानी हो गई। अब मेरा पानी निकलने वाला था। तभी मैंने लंड की स्पीड को बढ़ा दिया और दीदी की ज़ोरदार ठुकाई करने लगा।
“आईईईई आईईईईई आह आह्ह आईईईई आह्ह ओह अर्पित आह्ह आईईईईई।”
अब मैंने दीदी को कस लिया और फिर मेरे लंड ने दीदी की चूत को गरमा गरम माल से भर दिया। अब मैं पसीने से लथ-पथ होकर दीदी से लिपट गया।(family fuck story)
तभी दीदी ने मुझे बाहों के कस लिया। आज हम दोनों एक-दूसरे की प्यास बुझा कर बहुत खुश थे।
मेरे लंड की आग अभी बुझी नहीं थी। हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर नंगे पड़े हुए थे।(family fuck story)
फिर थोड़ी देर बाद मैं फिर से शुरू हो गया, और दीदी के रसीले होंठों पर बची हुई लिपस्टिक को चूसने लगा।
दीदी भी मेरे होंठों को खा रही थी। फिर मैंने दीदी के बोबों को लपक लिया और कस कर दीदी के बोबों को चूसने लगा।
“उन्ह आह्ह ओह दीदी।”
दीदी आराम से मुझे बोबे चुसवा रही थी। मैं दीदी के बोबों को लूट रहा था। फिर मैं दीदी के बोबों को चूस कर पेट पर आ गया। अब मैं दीदी के मस्त मक्खन जैसे पेट पर किस करने लगा। आह! दीदी का पेट बहुत ज्यादा मुलायम था। दीदी बर्फ की तरह पिघल रही थी।(family fuck story)
“ओह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स।”
अब मैंने दीदी की चमचमाती हुई टांगों को उठाया और चूमने लगा।
“आहा उन्ह्ह्ह्ह सिससस उह्ह्ह्ह।”
दीदी टांगों को चूमने से सिरसिरा रही थी।अब मैं दीदी की चूत चाटने लगा तभी दीदी ने मुझे धक्का देकर नीचे पटक दि,या और वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी।
अब कमरे में फिर से ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूंज रहा था। फिर वो कुछ ही देर में मेरी चेस्ट पर आ गई और फिर शेरनी की तरह टूट पड़ी।(family fuck story)
वो बीच-बीच में किस करती मेरी चेस्ट पर बाईट भी कर रही थी। दीदी को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह आह्ह सिसस्स ओह दीदी, आहा।”
मैं दीदी के बालों को संभाल रहा था। फिर दीदी किस करती हुई मेरे लंड पर पहुंच गई और मुट्ठी में भर कर लंड मसलने लगी।
“बहुत जबरदस्त हथियार है यार तेरा। बहुत ही मस्त है।”(family fuck story)
“हां दीदी, तभी तो ये चूत लेने के लिए इतना तड़पता है।”
“अच्छा!” “हां दीदी”
“फिर तो तूने राखी की भी ले ली होगी?”
“हां दीदी, उनको को भी तो लंड की ज़रूरत थी, तो मैंने उन्हें दे दिया।”
“हां, रोज-रोज तेरा आना-जाना देख कर मैं समझ गई थी।”(family fuck story)
फिर दीदी ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। दीदी ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रही थी।
“उंह ओह दीदी आहहह बहुत अच्छा लग रहा है, आह्ह आह्ह।”
दीदी मेरे लंड पर कहर बन कर टूट पड़ी थी। वो लबालब मेरे लंड को चूस रही थी। तभी मैंने मेरी टांगे दीदी के कंधों पर रख दी। अब दीदी मेरे लंड को पूरा ले चुकी थी।वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को झटका दे रही थी।
“ओह साली, आह्ह ओह और चूस, आह्ह। बहुत बड़ी खिलाडी है तू।”
दीदी लबालब मेरे लंड को चूस रही थी। तभी मैं दीदी के इरादों को समझ गया। वो मेरे लंड का पानी निकालना चाहती थी।
“ओह आह्ह सिससस्स ओह दीदी।”(family fuck story)
तभी मैंने दीदी को वापस बिस्तर पर पटक दिया, और फिर से उनकी चूत में लंड लगाया। अब मैं दीदी को मुझसे चिपका कर पेलने लगा।
“आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा सिसासस ओह्ह्ह्ह अर्पित गजब चोदता है तू तो यार। आहा आहा आईईईई।”
“हां मेरी दीदी।”
“आहा सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स उन्ह आह्ह आईईईई आईईईईई।”(family fuck story)
अब मैं दीदी को बाहों में कस कर अच्छी तरह से चोद रहा था। दीदी की टांगे हवा में लहरा रही थी। मैं उनकी रसीली चूत में दे दना दन लंड ठोक रहा था।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह अर्पित। उन्ह आहा ओह सिससस्स।”
“ओह दीदी। आपकी चूत में मेरे लंड को बहुत ठंडक। मिल रही है, आह्ह। बहुत मज़ा आ रहा है।”
“उन्ह आह्ह ओह अर्पित खूब चोद तेरी दीदी को। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आईईईईई मैं तो मैं ही तेरे लंड के लिए तरस रही थी।”(family fuck story)
“ओह्ह्ह दीदी।”
मैं ताबड़तोड़ दीदी की चूत में लंड पेल रहा था। दीदी जम कर मेरा लंड ले रही थी। अब दीदी ने उनकी टांगो से मुझे फंसा लिया। लगातार ताबड़तोड़ ठुकाई से दीदी पसीने में भीग रही थी। अब मैंने दीदी को पलट दिया।
तभी दीदी के सेक्सी नंगे जिस्म को देख कर मेरा लंड मचल उठा। तभी मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और दीदी के मज़बूत कंधो और कलाइयों पर ज़ोरदार किस करने लगा।
तभी दीदी को सुरसुरी होने लगी। मैं दीदी के कंधो और कानों को चूम रहा था। फिर मैं दीदी की चमचमाती हुई पीठ पर ज़ोरदार किस करने लगा। दीदी की पीठ पर किस करने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था। मैं दीदी के कंधों को भी चूम रहा था। दीदी आहे भर रही थी।
“उन्ह आह आह ओह उन्ह आह ओह उन्ह।”
इधर मेरा लंड दीदी की गांड के घुसने की कोशिश कर रहा था। दीदी के जिस्म के साथ खेलने में मुझे बहुत मजा आ रहा था।
“ओह सिसस्ससस्स आहा उन्ह सिससस्स।”(family fuck story)
अब मैं दीदी की पीठ पर किस करता हुआ उनकी सेक्सी गांड पर आ गया। अब मैं दीदी के चूतड़ों पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। तभी दीदी गांड को इधर-उधर हिलने लगी।
“ओह दीदी आह्ह! बहुत ही सेक्सी चूतड़ है आपके आहा।”
दीदी के गौरे चिकने चूतड़ों पर किस करने में मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था।
मैं तो पागल सा हो रहा था। फिर मैंने दीदी की गांड पर बहुत देर तक किस किया।
अब दीदी को सीधी कर लिया और फिर उनकी टांगो को पकड़ कर उन्हें पलंग के किनारे पर खींच लिया। अब मैंने दीदी की चूत में लंड डाला और उनकी टांगो को पकड़ कर दीदी को ठोकने लग गया।(family fuck story)
“आह्ह आहा सिससस्स आहा ओह आईईईई मम्मी आहा आहा आईईईई सिस्सस्स।”
मेरे लंड के ज़ोरदार तूफान से दीदी बुरी तरह से हिल रही थी। उनके बोबे ज़ोर-ज़ोर से उछल रहे थे। इधर पलंग भी बुरी तरह से चरमरा रहा था।
“ओह आहा सिसस्स आह मरर्रर्र गई।”
“बहुत मज़ा आ रहा है मेरी जान आह्ह।”
“आहा आहा आईईईई आईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मी आह आहा धीरे-धीरे, आहा आहा आईईईई सिससस्सस्स।”
“जोर-जोर से ही पेलने दो दीदी।”(family fuck story)
“आह आह आईईईई। मेरी जान निकल रही है यार। आह आहा आईईईई आईईईई तेरा लंड बहुत तीखा है। आ आहा।”
“हां दीदी। तीखा लंड ही तो दर्द देता है।”
“आह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”
तब्बू जोरदार ठुकाई से दीदी का पानी निकल गया। अब मेरे लंड के झटकों से दीदी का पानी नीचे गिर रहा था, और मैं दीदी को पेले जा रहा था।
“आह आहा आईईईई ऊंह आईईईई।”(family fuck story)
अब मैंने दीदी की टांगे पकड़ कर उन्हें नीचे खींच लिया और फिर दीदी को घोड़ी बनने के लिए कहा।
“अब घोड़ी भी बनना पड़ेगा क्या यार?”
“हां दीदी।”
तभी दीदी घोड़ी बन गई और मैंने दीदी की चूत में लंड सेट कर दिया, और फिर ज़ोर से शॉट लगा दिया।
अब मैं दीदी की कमर पकड़ कर उन्हें झमाझम चोदने लगा।(family fuck story)
“आईईईईई आह्ह आह्ह आईईईईई आह्ह आह्ह आहाहाह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आहाहा आह्ह।”
“ओह दीदी आह्ह जम कर पेलूंगा आज तो आपको।”
“पेल ले अर्पित।”
मैं गांड हिला-हिला कर दीदी की चूत में लंड में ठोक रहा था। दीदी को घोड़ी बना कर बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं लपक कर दीदी को बजा रहा था। दीदी भी जम कर मेरा लंड ले रही थी।
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह आह्ह आह्ह सिसस्स।”(family fuck story)
“ओह दीदी बहुत मस्त माल हो आप। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है दीदी।”
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी की बुरी तरह से रगड़ निकाल रहा था। मैं तो दीदी को घोड़ी बना कर पेले जा रहा था। आज तो मेरे लंड की लॉटरी लग चुकी थी। दीदी जैसी माल को बजाना मेरे लिये बड़े सौभाग्य की बात थी।
“ओह आह्ह आह्ह अहाह आह्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।”
मैं धुआंधार तरीके से दीदी की चूत में लंड पेल रहा था। दीदी बुरी तरह से हिल रही थी। तभी दीदी कांप उठी, और फिर दीदी का पानी निकल गया। मैं दे दना दन दीदी को बजा रहा था। दीदी का पानी टप टप नीचे टपक रहा था।(family fuck story)
“आह्ह आह्ह आहः आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह।”
फिर मैंने बहुत देर तक दीदी को घोड़ी बना कर बजाया। अब मैनें दीदी की चूत में से लंड बाहर निकाल लिया, और मैं पलंग पर बैठ गया। अब मैंने दीदी से लंड चूसने के लिए कहा। अब दीदी नीचे बैठ गई और फिर दीदी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी।
“ओह दीदी आहा, बहुत अच्छा लग रहा है, आहहह।”
दीदी लबालब मेरा लंड चूस रही थी। दीदी के बाल बार-बार बिख़र रहे थे। दीदी पूरे जोश के साथ मेरे लंड से खेल रही थी।
“ओह दीदी, आप तो बहुत बड़ी खिलाड़ी निकाली आह्ह। बहुत बढ़िया तरीके से लंड चूसती हो आप, आह्ह। बसस्ससस्स ऐसे ही मज़े देती रही हो मेरे लंड को, आह्ह।”
दीदी मेरे लंड को चूसे जा रही थी। वो आज उनकी प्यास को अच्छी तरह से बुझाना चाहती थी।
दीदी मेरे लंड को चूस-चूस कर लॉलीपॉप बना चुकी थी। अब मैनें दीदी को उठाया और उन्हें फिर से घोड़ी बनने के लिए कहा।
तभी दीदी पलंग को पकड़ कर तुरंत घोड़ी बन गई। अब मैं दीदी की गांड में लंड सेट करने लगा।
“अर्पित यार अब गांड भी मारेगा क्या तू?”(family fuck story)
“हां दीदी, गांड तो मारनी पड़ेगी ना। गांड के बिना तो मज़ा ही अधूरा रहता है।”
“उन्ह, फाड़ मत देना मेरी गांड को। बहुत बड़ा हथियार है तेरा।”
“हां दीदी आप चिंता मत करो। आराम से करूंगा।”
अब मैं दीदी की गांड में लंड सेट करने लगा। दीदी को बहुत ज्यादा डर लग रहा था, हालांकि उन्हें गांड मराने का अनुभव था।
“यार लंड डालने से पहले थोड़ा तेल लगा कर गांड की मालिश कर दे।”
“हां दीदी।”(family fuck story)
तभी मैंने सरसो का तेल लिया और फिर दीदी के गांड के छेद में तेल लगा-लगा कर दीदी की गांड की मालिश करने लगा।
“उन्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह”
मैं उनकी गांड में अच्छे से ऊंगली पेल पेल कर मालिश कर रहा था।
फिर मैंने मेरे लंड को भी तेल लगा कर अच्छे से तैयार कर लिया। अब मैंने दीदी की कमर पकड़ कर ज़ोर से उनकी गांड में लंड ठोक दिया। मेरा लंड एक ही झटके में दीदी की गांड फाड़ता हुआ पूरा अंदर घूस गया।
गांड में लंड ठुकते ही दीदी ज़ोर से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मम्मी मर गई। आईईईईई आईईईई बहुत दर्द हो रहा है अर्पित अआईईई अआईईई बाहर निकाल लंड को। अआईईई मम्मी मर गई।”(family fuck story)
तभी मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से झटका देकर लंड दीदी की गांड में ठोक दिया। दीदी फिर से चीख पड़ी।
“आईईईई आईईईई आह आह आह ओह मम्मी मर गई मैं तो?”
दीदी की गांड में मेरा लंड फिट हो चूका था। अब मैं दीदी की कमर पकड़ कर उनकी गांड मारने लगा। आह! दीदी की गांड मारने में बहुत ज्यादा सुख मिल रहा था। मैं तो दीदी की गांड में मज़ा ले लेकर लंड डाल रहा था। दीदी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। उनकी चीखे कमरे में गूंज रही थी।
“अआईईई आईईईई आह आह अआईईई अआईईई धीरे-धीरे डाल आह आह आह अआईईई बहुत दर्द हो रहा है। मैं मर जाऊंगी यार।
“कुछ नहीं होगा दीदी। बसस्ससस्स आप तो लेती जाओ।”
दीदी की हालत खराब हो रही थी। मेरा लंड उन पर कहर बन कर टूट रहा था। मैं दीदी को घोड़ी बना कर उनकी गांड मार रहा था। मुझे दीदी की गांड मारने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आज तो मेरे लंड को जन्नत मिल चुकी थी। तभी दीदी अकड़ने सी लगी और दीदी की चूत में से पानी बह निकला।
“आह आह आह अआईईई आह आह अआईईई आह आह आह आह ओह अर्पित, बससस्स ना।
“अभी तो आप देखती जाओ दीदी।”(family fuck story)
मैं ज़ोर-ज़ोर से दीदी की गांड मार रहा था।दर्द के मारे दीदी की गांड फट कर हाथ में आ रही थी। अब दीदी की चूत में से सफ़ेद गरमा-गरम माल नीचे टपकने लगा। अब तो दीदी की हालत खराब हो चुकी थी।
“आहा आह सिस्सस्स उन्ह्ह्ह्ह आहा आईईईई ऊंह सिसस्सस।”
मेरा लंड जानकी दीदी की हालत खराब कर चुका था। आज मेरे लंड के सामने दीदी का सारा अनुभव फेल हो चूका था। फिर मैंने बहुत देर तक दीदी की गांड मारी। अब मैंने भाभी की दीदी को उठाया, और उन्हें वापस बिस्तर पर पटक दिया। अब मैंने जल्दी से उनके भोसड़े में लंड रखा, और दीदी की फिर से बजाने लगा।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा आईईईई।”(family fuck story)
“ओह्ह्ह्ह जानकी, आहा।”
“आह आहा आईईईई अब जल्दी से मेरी चूत को भर दे।”
“हां दीदी।”
तभी मैंने दीदी की चूत में जोरदार झटके मारे, और मेरे लंड का पानी दीदी की चूत में भर दिया। अब मैं दीदी के जिस्म से लिपट गया। अब हम दो नंगे जिस्म एक-दूसरे की बाहों में लिपटे पड़े थे।
दीदी मुझसे उनकी चूत की आग बुझवा कर बहुत ज्यादा खुश थी। उनके चेहरे पर सुकून नज़र आ रहा था।
मैं भी दीदी की चूत लेकर बहुत ज्यादा खुश था। मेरा लंड दीदी की चूत की गहराई को नाप चूका था।
“मज़ा आ गया यार अर्पित तुझसे चुदा कर। बहुत शानदार तरीके से पेला है तूने।”
“मुझे भी तुझे चोद कर बहुत मज़ा आया जानकी। बहुत मस्त माल है तू।”
“बहुत राहत मिली है तेरे लंड से। मैं तो कई दिनों से लंड के लिए तरस रही थी।”
“अब मैं आपकी प्यास बुझाता रहूंगा दीदी।”(family fuck story)
“हां यार बुझाते रहना।”
अब दीदी उठी और उन्होंने चड्डी पहन ली।फिर दीदी ने ब्रा और पेटिकोट पहन लिया। अब दीदी ने बलाऊज पहन कर साड़ी पहन ली।
“ठीक है अर्पित। अब जाती हूं मैं।”
तभी मुझे दीदी की आंखों में अभी भी लंड की भूख नज़र आ रही थी। तभी मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर उन्हें वापस पलंग पर खींच लिया।
“चल जाना दीदी इतनी भी क्या जल्दी है?”(family fuck story)
तभी दीदी चुप हो गई। अब मैं दीदी के बोबों को मसलने लगा। तभी दीदी फिर से सिरसिराने लगी।
“सिससस्स आह्ह उंह ओह सिससस्स।”
“आहा क्या मस्त माल है तेरा। आहा।एक-दम कड़क।”
तभी मैंने दीदी के बोबों को बुरी तरह से मसल डाला। अब मैंने दीदी को नीचे पटका, और मैं झट से दीदी के ऊपर चढ़ गया। अब मैंने फिर से दीदी के रसीले होंठो पर हमला बोल दिया, और झमाझम उन्हें चूसने लगा।
दीदी फिर से गर्म होने लगी थी। फिर मैंने दीदी के बलाऊज के हुक खोल उनके बोबों को लपक लिया।
“उंह आह बहुत रसीले है दीदी, आह।”
मैं दीदी के बोबों को झमाझम चूस रहा था। दीदी अब गरमा गरम सांसे ले रही थी। इधर मेरा लंड फिर से दीदी का पानी निकालने को बेताब हो रहा था।
तभी दीदी उठ गई और उन्होंने बलाऊज ब्रा ठीक करके बलाऊज के हुक लगा लिये। अब दीदी चुदवा कर उनकी बहन के घर जा चुकी थी।(family fuck story)
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