माँ बहन ने नंगी होकर बेटे की इच्छा पूरी की-family oral sex kahani-2

माँ बहन ने नंगी होकर बेटे की इच्छा पूरी की-family oral sex kahani-2

हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “माँ बहन ने नंगी होकर बेटे की इच्छा पूरी की-family oral sex kahani-2” यह कहानी पूनम की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

हैलो दोस्तो, मैं पूनम एक बार पुनः अपने बेटे की कामुकता भरी सेक्स कहानी को लेकर आपके सामने हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
बेटे को मासिक धर्म के बारे में बताया
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरे बेटे रितेश ने मुझसे ऋतू को नंगी देखने की डिमांड की थी.

अब आगे ओरल सेक्स इन द फॅमिली

मैंने कहा- ओके, आज शाम को बताती हूँ. family oral sex kahani
मेरे इतना कहते ही रितेश बहुत खुश हो गया.

मैंने ऋतू को उसकी इस इच्छा के बारे में बताया तो ऋतू झट से मान गई.
वह बोली कि मॉम आप भी हमारे बीच में रहना.

मैंने कहा- मैं मॉम हूँ तुम्हारी!
ऋतू बोली- प्लीज!
मैंने कहा- ठीक है.

फिर जब शाम हुई तो ऋतू आ गई.

यहां मैं एक बात बताना चाहूँगी कि चूंकि ऋतू की उम्र अभी कमसिन है तो उसके पीरियड जल्दी खत्म हो जाते हैं. जबकि मेरे को थोड़ा टाइम लगता है.

मैंने ऋतू से कहा- ठीक है.
जब शाम हुई, तो सब ठीक समय पर हम तीनों एक ही कमरे में आ गए.

मैं तो साड़ी में थी जबकि ऋतू लोवर टी-शर्ट में थी.
रितेश भी लोअर टी-शर्ट में था.

तभी ऋतू ने रितेश से एक रिक्वेस्ट की कि अगर तुमने मुझे नंगी किया, तो तुझे मेरी चुत भी चाटनी होगी.
यह सुनकर मैं हड़बड़ा कर बोली- ये कैसी रिक्वेस्ट है! family oral sex kahani

उधर रितेश झट से मान गया.
अब मैं भी अन्दर से कहीं न कहीं चुदासी होती जा रही थी.

रितेश ने ऋतू को नंगी कर दिया.
उसने ऋतू की पैंटी को छोड़कर उसके सारे कपड़े उतार दिए.

ऋतू बड़ी ही सेक्सी लग रही थी.
उसके चूचे एकदम तने हुए थे और निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.
उसकी पैंटी सफेद रंग की थी और पैड भी लगा हुआ था.

रितेश ऋतू के पेट पर किस कर रहा था और वह बाकी जगह पर भी अपने होंठ फेरता जा रहा था.

ऋतू की थिरकन साफ बता रही थी कि उसके अन्दर भी चुदास का असर हो रहा है.

मुझे पता नहीं क्या हो रहा था कि मैं भी गर्म होने लगी थी.
तभी ऋतू भी नशीली आवाज में बोली- मॉम आप भी अपने कपड़े उतार दो.

मैं शायद यही चाह रही थी, तो मैंने एक बार भी मना नहीं किया और मैं भी अपनी साड़ी व अन्य कपड़े उतारने लगी.
रितेश ने जब ऋतू की पैंटी उतारी, तो वह तो समझो पागल सा हो गया था. family oral sex kahani

वह ऋतू की चुत को चाटने लगा. वह अपनी बहन की टांग उठा उठा कर उसकी माहवारी से युक्त चुत को चाट रहा था.
मुझे गंदा सा महसूस हो रहा था, लेकिन उसको बहुत मज़ा आ रहा था.

मुझे दूर से ही चुत से गंदे खून की महक आ रही थी लेकिन उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था, वह तो मदभरे अंदाज में गंदी चुत को चाटता ही रहा.

उधर ऋतू को भी इतना ज्यादा मज़ा आ रहा था कि क्या ही कहूँ.

मैंने अपनी पूरी लाइफ में ऐसा अनुभव कभी नहीं ले पाई थी.

अब ऋतू रितेश को नंगा करने लगी.
उस वक्त रितेश थोड़ा हिचक रहा था.

मैंने उसकी शर्म को खत्म करने के नजरिए से कहा- बेटा, आज तुम दोनों अपने मन को ठंडा कर लो.
रितेश अपना अंडरवियर नहीं उतारना चाह रहा था. शायद वह शर्म की वजह से ऐसा नहीं कर रहा था. वह बस ऋतू की चुत को चाटता जा रहा था.

मुझे अचानक से न जाने क्या हुआ कि मैं भी गर्म सा होने लगी थी.

जब रितेश ने ऋतू की चुत से मुँह हटाया, तब मैंने देखा कि ऋतू की चुत पर झांट के बाल भी उगे हुए थे और उसकी चुत बहुत ही गुलाबी व सुंदर थी.
मेरी बेटी की चुत के होंठ गुलाबी थे और चुत एकदम चिकनी थी.

ऋतू भी बहुत गर्म हो गई थी.
उसकी चुत से सफेद पानी निकल रहा था. family oral sex kahani

अब रितेश ने भी अपना अंडरवियर उतार दिया. मैंने देखा कि रितेश का लंड भी ठीक ठाक था.
उसका लंड उसके पापा की तुलना ज़्यादा काला भी नहीं था.

अब उन दोनों ने मिल कर मुझे भी नंगी कर दिया.
मुझे बहुत शर्म लग रही थी कि आज मैं अपने बच्चों के सामने नंगी होकर मैं यह क्या कर रही हूँ.

अब तक वे दोनों ही मुझे चाटने लगे

ऋतू मेरे मुँह से मुँह लगा कर मेरे होंठों को चूसने लगी.
वह मेरे चूचे को भी मसल रही थी.

दूसरी तरफ रितेश ने मेरी पैंटी उतारी, तो उसने देखा कि मेरी चुत पर चिपचिपा सा पानी था और कुछ ब्लड की बूँदें भी थीं.

वह बोला- मॉम ये क्या है?
ऋतू बोली- तूने मुझे चाटा था न, वैसे ही मॉम को मज़े दो!

मैं मना कर रही थी कि नहीं बेटा. वह पीरियड का गंदा पानी है.
लेकिन उसने मेरी कोई बात नहीं मानी और वह मेरी चुत चाटने लगा.

कुछ टाइम के बाद मुझे भी चुत चटवाने में मज़ा सा आने लगा था.
ऋतू भी बहुत गर्म हो गई थी, मतलब हम तीनों ही गर्म हो गए थे.

अब ऋतू और रितेश दोनों मिलकर मेरी चुत को चाटने लगे थे और मेरे मुँह पर ऋतू की चुत लग गई थी.

मैंने भी सोचा कि मैं भी क्यों पीछे रहूँ. इसलिए मैं भी ऋतू की चुत को चाटने लगी. family oral sex kahani

उसकी चुत से मस्त खट्टा सा पानी सा निकल रहा था, एकदम पतला और नमकीन सा पानी बड़ा मस्त लग रहा था.
मैंने उसकी चुत के अन्दर तक जीभ डाली तो उसने चुत के पानी के साथ अपनी सुसू की भी कुछ बूँदें निकाल दी थीं.

वह इतनी गर्म हो गई थी कि उसको खुद भी मालूम नहीं था कि उसकी चुत से मूत भी निकल गया.
मुझे उसकी चुत से निकला सब कुछ चाटने में बहुत मज़ा आया.

कुछ देर बाद ऋतू बोली- मॉम मैं झड़ने वाली हूँ.
यह कहते ही वह चीखने लगी.

भी रितेश ने अपने लिप्स से उसे किस करके उसका मुँह बंद कर दिया और वह मेरी चुत में उंगली करने लगा.

वह मुझसे बोला- मॉम चाटो इसकी चुत जोर जोर से.
मैं चुत पर अपना मुँह लगे हुई चुत चाट ही रही थी कि तभी ऋतू की चुत झड़ने लगी.

मैं ऋतू की चुत चाट रही थी लेकिन जब ऋतू झड़ी थी तो उसकी पेशाब की भी काफी सारी बूँदें निकलने लगी थीं, जिससे मैं चुत चाटती रही.
वह निढाल हो कर मेरे ऊपर पड़ी ही रह गई.

वह लंबी आह भरती हुई बोली- मज़ा आ गया मॉम, तुमने गजब चाटी है मेरी बुर.
रितेश बोला- मॉम मज़ा आयां आपको!
मैंने शांत होकर कहा- ज़्यादा खास नहीं.

अभी केवल ऋतू ही झड़ी थी.
रितेश और मैं अभी बाकी थे.

रितेश भी ऋतू की तरह ही मेरे ऊपर 69-position में लेट गया.
वह मेरी चुत को छोड़ कर मेरी जांघों को चाटने लगा.

उस टाइम मुझे बहुत मज़ा आया.
वह जांघ को मस्त चाट रहा था.

जांघ के निचले हिस्से से चाटता हुआ वह ऊपर मेरे लिप्स तक तक आ जाता.

थोड़ी देर बाद उसने मेरी चुत को फिर से चाटा. family oral sex kahani

वह बोला- मॉम, आपकी चुत बहुत ही नमकीन है, ऋतू की इतनी नमकीन नहीं है.

वह मुझे बिना झाड़े ही बाजू में लेट गया.
मुझे गुस्सा आ रहा था कि साला अलग क्यों हो गया.

अब वह बोला- मज़ा आ गया!
ऋतू लेटी हुई ही सब देख रही थी.

मुझे इतना ज्यादा चुदास सी महसूस हो रही थी कि मैं क्या बताऊं!
मैं कुछ समझ गई थी कि यह साला क्यों अलग हुआ.

मैं तुरंत उठकर बैठ गई और अपने हाथ से रितेश का लंड पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया.

रितेश बड़ी सेक्सी नजरों से यह कारनामा देख रहा था कि मॉम अब मेरे लौड़े का क्या करेंगी!
मैं उसके लौड़े को ठीक पॉर्न मूवी की एक्ट्रेस की तरह चूसने लगी.

रितेश का लंड मुँह में लेते ही वह बोला- आह मॉम, मुँह से बाहर निकालो जल्दी!
मैं लंड छोड़ना नहीं चाहती तो मैंने पूछा- क्या हुआ?

वह बोला- मुझे बहुत ही ज्यादा गुदगुदी सी हो रही है और गर्मी से लगने लगी.

मैंने उसके लंड के नीचे वाले आँड को चूसना शुरू कर दिया. पहले हल्के हल्के से चूसा, बाद में मुँह में आँड भर कर चूसने लगी.

उसके टट्टे बड़े थे लेकिन सच बोलूँ तो रितेश के पापा का लंड बहुत मस्त था.
क्योंकि उनके लंड से स्मेल नहीं आती है.
जबकि रितेश के लौड़े से गंदी सी स्मेल आ रही थी.

स्मेल की बात छोड़ दूं तो रितेश के लंड में सख्ती थी. family oral sex kahani
उसके लौड़े का तनाव बेहद सख्त था.

मैंने दोबारा से लंड मुँह में भर लिया.
उसका लंड मेरे मुँह में पूरा अन्दर तक जा ही नहीं पा रहा था.

ओरल सेक्स इन द फॅमिली के मजे लेते हुए इतने में रितेश झड़ गया और उसने मेरे मुँह में ही अपने लौड़े का सारा पानी निकाल दिया.

मैंने मुँह में उसके लौड़े से निकला सारा पानी पी लिया तो अहसास किया कि उसके लंड का पानी बहुत ही पतला था, नमकीन भी बहुत कम था.

ऋतू बोली- मॉम, थोड़ा मुझे भी चखाओ कि लंड का पानी कैसा होता है?

मैंने अपने मुँह से आधा पानी उसके हाथ पर निकाला और आधा पानी मैं पी गई.

ऋतू ने जब पानी देखा तो बोली- लंड के पानी में सफेद सफेद सा गाढ़ा गाढ़ा होता है और पानी भी!
मैंने बोला- पूरा ही सफेद होता है और गाढ़ा भी होता है.

ऋतू बोली- पर इसका तो पतला है!
मैंने बताया- ये रोज निकालता है अपना पानी इसलिए इसका पानी पतला है.

ऋतू अपने हाथ को मुँह के पास ले गई और उसने वीर्य को जीभ की नोक से चखा तो उसे हल्का नमकीन सा लगा.
वह एकदम से सारा पानी पी गई और बोली- मॉम, लंड का पानी नमकीन सा होता है.

रितेश झड़ कर ठंडा हो गया था और लेटा ही रहा.
उसका लंड ढीला हो गया था.

मैं अभी नहीं झड़ी थी जबकि ये दोनों झड़ चुके थे.

मैंने काफ़ी दिनों से चुत में फिंगरिंग नहीं की थी. family oral sex kahani

तभी रितेश बोला- मॉम आप कब झड़ोगी?
ऋतू भी बोली- हां मॉम हम दोनों देखना चाहते हैं कि आपका पानी कैसा निकलता है?

ऋतू धीरे धीरे थोड़ी गर्म होने लगी थी.

मैंने ऋतू से कहा- जा मेरा वाइब्रेटर ले आ.
वह झट से ले आई.

मुझे तनिक भी हैरानी नहीं हुई कि उसे मेरे इस वाइब्रेटर टॉय की जानकारी कैसे है.

इस वाइब्रेटर की वाइब्रेशन की वजह से मुझे कुछ मज़ा आना शुरू हुआ. family oral sex kahani

थोड़ी देर बाद रितेश फिर से गर्म होने लगा, लेकिन उसका लंड खड़ा नहीं हुआ था.

वे दोनों मुझे फिर से चाटने लगे और थोड़ी ही देर बाद मैं बोली- अब मैं झड़ने वाली हूँ.
यह सुनकर दोनों लोग मेरी चुत के पास मुँह करके चाटने लगे.

मैं झड़ी तो दोनों ने चुत को चाटा और दोनों चटखारा लेते हुए बोले कि मज़ा आ गया.
अब हम तीनों नंगे ही लेट गए और आपस में बातें करने लगे. family oral sex kahani

इसके बाद मेरे बेटे ने मेरी ली और उसके बाद उसने मेरे सामने ही अपनी बहन की चुत भी चोदी.

वह सब कैसे हुआ, आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.

अगर आप ऐसी और कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “brazzersstories.com” की कहानियां पढ़ सकते हैं।

Leave a Comment