कामुक औरत को हॉस्पिटल में चोदा भाग 3 - hardcore chudai xxx

कामुक औरत को हॉस्पिटल में चोदा भाग 3 – hardcore chudai xxx

हिंदी अन्तर्वासना कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि हॉस्पिटल के बाहर मुझे एक आंटी मिली जिसकी तकलीफें सुन कर मुझे लगा कि मैं उनसे या उनकी बेटी से शादी करके उनके परिवार का सदस्य बन जाऊं। फिर जब मैंने आंटी से ये बात की, तो उन्होंने क्या कहा, आगे पढ़ेंगे |

कहानी का दूसरा भाग : xxx chudai story

आंटी: अमन, मुझे इतनी खुशी आज तक नहीं मिली जितनी खुशी तुम मुझे देना चाहते हो। (hardcore chudai xxx)

इसलिए डर रही हूं कि कहीं ये खुशी चंद पलों की ना हो। कही तुम भी मुझे इस्तेमाल करके छोड़ ना दो, जैसे मेरी बेटी को छोड़ दिया इस्तेमाल करके।

मैं: जिसे जिंदगी ने धोखा दिया हो वो किसी को क्या धोखा देगा।

मैंने उन्हें गले से लगा लिया और वे भी खुशी-खुशी मेरे गले लग गयी। उनके नर्म और गुदाज शरीर की गरमी पाकर मेरा लिंग करवटें बदलने लगा। लोग आ जा रहे थे तो मैंने उनसे कहा-

मैं: आप अंदर जाकर कपड़े बदल लीजिए, और अपना फोन मुझे दे दीजिए, ताकि मैं आपकी सिम इस फोन में डाल दूं। (hardcore chudai xxx)

उन्होंने मेरी बात मान ली और कपड़े बदलने के लिए वार्ड में बने बाथरूम में चली गई। तब तक मैंने उनकी सिम चेंज कर दी। जब वे बाहर निकली तो मैं देखता रह गया। कॉफी कलर के सलवार कमीज जो मैं लाया था में वे बहुत खूबसूरत लग रही थी। उन्हें देख कर मेरा लिंग फिर करवटें बदलने लगा।

शाम हो गई थी तो खाना लाने के बहाने आंटी और मैं बाहर आ गए। मैंने उन्हें न्यू फोन दिया। फोन लेकर वे बोली कि यह तो मुझे चलाना भी नहीं आता। फिर मैं वहीं बैठ कर उन्हें थोड़ा बहुत फोन चलाना सिखाया। जब मैं उन्हें फोन चलाना सिखा रहा था तब वह मुझसे लग कर बैठी हुई थी। बहुत दिनों के बाद किसी स्त्री का स्पर्श पाकर मैं उत्तेजित होने लगा था। शायद यही हाल आंटी का भी था, क्योंकि उनकी सांस तेज चलने लगी थी।

यह देखने के लिए कि वह मुझे पसंद करती है या नहीं, मैंने एक हाथ उनके हाथ पर रख दिया, और उसके हाथ को चूम लिया। उन्होंने कुछ नहीं कहा बस मंद-मंद मुस्कुराने लगी। हम जहां बैठे थे वहां से लोग आ जा रहे थे।

वे बोली: रोड के उस पार होटल है। वहां अच्छा खाना मिलता है। चलो वहीं से खाना लायेंगें।

दिल्ली में रोड पर ट्रेफिक बहुत होता है। इसलिए रोड क्रॉस करने के लिए अंडरपास बना हुआ है। शाम के 8 बज गए थे। सर्दी का मौसम था, इसीलिए अंडरपास सूना पड़ा था। अंडरपास में नीचे जाकर मैंने आंटी से कहा कि मैं आपको चाहने लगा हूं। शायद वो मुझसे यही सुनने का इंतजार कर रही थी। मैंने उन्हें गले लगा लिया और उन्होंने भी मुझे बाहों में कस लिया। (hardcore chudai xxx)

मैंने उनके माथे को किस किया और फिर गाल पर किस किया। वे मुझे पूरा समर्पण कर चुकी थी। मेरा लिंग पूरा कड़क हो चुका था। उनकी आँखें बंद हो गई थी, और होंठ खुल गए थे। मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिये और उनके होंठ पीने लगा। वे भी मेरे होंठ पीने लगी। मैंने अपनी जीभ उनके मुंह में घूसा दी, और वे मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह पीने लगी। मैं एक हाथ उनकी गर्दन में लपेट कर उनको चूस रहा था, और दूसरे हाथ से उनके मोटे-मोटे चूतड़ मसलने लगा।

मेरा खड़ा लिंग उनकी नाभि में चुभ रहा था। बहुत देर तक हम एक-दूसरे का रस पीते रहे। तभी हमे लगा कि कोई आ रहा था, तो हम अलग हो गए और चल दिये। वापस आते वक्त भी अंडरपास में हमने एक-दूसरे को खूब चूसा। फिर कोई आ गया तो हम हॉस्पिटल आ गए। खाने के बाद चाचा और आंटी के पति मैंडिसिन खाकर सो गए थे। आंटी ने बताया कि रात को वार्ड मे नींद नहीं आती, कयोंकि रात भर मरीज शोर करते है और बड़ा हॉस्पिटल होने की वजह से 24 घंटे लोगों का और डाक्टरों का आना-जाना लगा रहता है। (hardcore chudai xxx)

ज्यादातर लोग हॉस्पिटल में बने टीनशैड के नीचे या हॉस्पिटल में बने छोटे-छोटे पार्कों में, जहां सुकून, शांति मिले, वहीं सो जाते है। वे कई दिन से हॉस्पिटल में थी, इसलिए उन्हें ये सब पता था। मेरे पास बिस्तर नहीं था, पर आंटी के पास बिस्तर था। लेकिन कंबल हम दोनों के लिए छोटा था, तो मैं तुरंत रोड पार से एक नया कंबल लेकर आ गया।

जो जहां सोता था तो वो अपना बिस्तर पहले ही उस जगह रख देता था, ताकि जगह घिर ना जाए। आंटी ने अपना बिस्तर एकांत में एक जेनरेटर रूम के बाहर लगाया, क्योंकि शायद उन्हें अंडरपास ही मेरे लिंग का अंदाजा हो गया था, और वे जानती थी कि आज रात उनकी चीखें जरूर निकलेगी।

जेनरेटर रूम सिर्फ दिन में खुलता हैं। अगर बाई चांस कभी लाईट चली जाती थी, तो इधर कोई आता था, वरना सुबह से पहले इधर कोई फटकता भी नहीं था। यहां थोडा अंधेरा भी था। मैं समझ गया कि आज Milf आंटी अपनी चुदाई के बीच में किसी प्रकार का दखल नहीं चाहती थी। (hardcore chudai xxx)

अभी 9:30 बजे थे, और लोग जाग रहे थे। तो बिस्तर लगाने के बाद मैं और आंटी चाय पीने के लिए बाहर आ गए। बाहर आकर आंटी ने अपने घर फोन किया और अपनी बेटी रिहाना से बताया-

आंटी: अल्लाह के शुक्र से मकान के किराये का इंतजाम हो गया है, और मैंने एक टच वाला फोन लिया है।

रिहाना ने पूछा: कैसे और कहां से लिया फोन?

तो आंटी ने मेरी तरफ देख कर कहा: अभी तो बस इतना सुन ले, अल्लाह ने किसी को फरिश्ता बना कर भेजा है हमारी मुश्किलें आसान करने को। बाकी मैं तुम्हें वहीं आकर बताउंगी।

बहुत देर बात करने के बाद आंटी ने फोन काट दिया। 11:00 बज गए थे। हमने अंदर आकर एक नज़र उनके पति और चाचा पर डाली। वार्ड में एक-दो को छोड़ कर बाकी सब सो रहे थे। हम दोनों अपने बिस्तर पर जेनरेटर रूम की दीवार से कमर लगा कर बैठ गए, और कंबल को कंधो तक ओढ़ लिया। एक सेकंड हमने इधर-उधर देख कर तसल्ली की, कि कोई देख तो नहीं रहा था, और दूसरे सेकंड में हमारे होंठ मिल चुके थे। (hardcore chudai xxx)

मैं आंटी के मुंह में अपनी जीभ घुमा-घुमा कर उनका मुख रस पीने लगा। आंटी मुझसे भी ज्यादा उत्तेजित थी, इसलिए वो भी मेरी जीभ का सारा रस चूसने लगी। हम दोनों तब तक एक-दूसरे का रसपान करते रहे, जब तक हमारा थूक सूख ना गया हो।

फिर मैं आंटी की गर्दन पे किस किया तो उनके मुंह से निकला ‘हाये अल्लाह’। उनकी सिसकारी निकल गई जैसे बरसों से सूखे खेत में बारिश की बूंद गिरी हो। उनकी सिसकारी सुन कर मेरा लिंग जो पहले से ही पैंट फाड़ने को हो रहा था वो और कड़क हो गया। ज्यादा टाइट होने की वजह से लिंग में दर्द होने लगा था।

मैंने पेंट खोल कर अपने लिंग को बाहर निकाला और आंटी का हाथ पकड़ कर अपने फनफनाते हुए लिंग पर रख दिया। लिंग पर हाथ रखते ही उन्होंने डर के अपना हाथ पीछे खींच लिया। मैंने पूछा क्या हुआ। (hardcore chudai xxx)

आंटी: कितना लंबा और मोटा हैं तुम्हारा लंड।

आंटी के मुंह से लंड शब्द सुन कर मैं समझ गया कि आंटी एक कामुक औरत है।

मैं: अंकल का मोटा नहीं है?

आंटी फिर से मेरे लंड को हाथ मे लेते हुए बोली: नहीं, उनका तो तुम्हारे से आधा हैं।

अब आंटी मेरे लंड को उपर से नीचे तक सहला रही थी, जैसे लंड का नाप ले रही हो। उनके नरम और मुलायम हाथ का स्पर्श पाकर मैं आनंद के सागर में डूब गया। मेरा मोटा लंड उनके एक हाथ में समा नहीं पा रहा था।

मैंने उनके कमीज और ब्रा को उपर कर दिया जिससे उनकी दूधिया चूची आजाद हो गई। कया चूची थी उनकी, बाहर से बिल्कुल रेशम जैसी मुलायम और मलाई जैसी चिकनी, लेकिन अंदर से सख्त। मैं उनकी चूची बारी-बारी से मसलने लगा। आंटी की आंखें आनंद की वजह से बंद हो गई थी, और वे मेरे लंड को और जोर से सहलाने लगी थी। मैं उनकी एक चूची को मुंह में लेकर पीने लगा, और एक हाथ से उनकी सलवार का नाडा खींच दिया, और हाथ ले जाकर पैंटी के उपर से उनकी चूत को सहलाने लगा। आंटी की पैंटी चूत के पानी से पूरी भीग गई थी। (hardcore chudai xxx)

मैंने कहा: आटी आपकी चूत तो बहुत पानी छोड़ रही है।

आंटी: तुम्हारा मोटा लंड देख कर मेरी चूत का मूत निकल गया। उनकी बात सुन कर मुझे हसी आ गई।

फिर मैंने उनकी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया। उनकी झांटे बहुत बड़ी थी। शायद टेंशन की वजह से साफ ना की हो। उनकी झांटों को साइड में करके मैंने एक उंगली उनकी चूत में घुसा दी। आंटी की चूत बहुत टाइट थी।

उनके मुंह से निकला: हाये अल्लाह मैं मर गई!

मैं: आप 4 बच्चो की मां हो, फिर भी आपकी चूत इतनी टाइट कैसे?

आंटी: मेरे पहले 2 बच्चे ही मेरी चूत से हुए और 2 बच्चे ऑपरेशन से हुए। 18 साल का हो गया है बेटा तब से मेरे शौहर की लुल्ली या मेरी उंगली ही इसमें गई है। जो करना है जल्दी कर लो। कहीं मैं तुम्हारी उंगली से ही फारिग ना हो जाऊं।

मैं पहले ही समझ गया था कि आंटी एक कामुक लेडी थी, इसलिए मैं चाहता था कि वे अब खुल कर बोले कि वे चुदना चाहती थी।

मैं: मैं समझा नहीं क्या फारिग हो जाएगा?प्लीज आप साफ-साफ बताईये। (hardcore chudai xxx)

आंटी ने कहा: अमन प्लीज अपने मोटे लंड को मेरी चूत में उतार दो, और मुझे जन्नत की सैर करा दो। कहीं मैं तुम्हारी उंगली की रगड़ से ही ना झड़ जाऊं।

उनकी बात सुन कर मैं जोश में आ गया। मैंने उनकी सलवार और ब्रा को एक पैर से निकाल दिया, और एक पैर में रहने दिया, ताकि अगर कोई आ जाये तो झट से पहन ले। मैंने अपनी पैंट घुटनों तक नीचे सरका दी।

आंटी को लिटा कर मैं उनके उपर लेट गया और कंबल ओढ़ लिया। आंटी ने अपनी टांगें खोल कर थोडी सी मोड़ ली, और मेरे लंड को पकड़़ कर अपनी चूत पर लगा दिया। आंटी उत्तेजना में जल रही थी। उनकी सांसे बहुत तेज चल रही थी। मैं भी उन्हें और नहीं तड़पाना चाहता था। मैंने खुद अपने लंड को पकड़ कर उनकी चूत पे रख कर एक जोरदार धक्का मारा। उनकी चूत, चूत रस से भीगी थी जिसके परिणामस्वरूप मेरा आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया। (hardcore chudai xxx)

अआाआहहहआ… हाये अल्लाह मैं मर गईईई…. उनकी जोर से चीख निकल कर सन्नाटे में खो गयी। उनकी चीख इतनी जोरदार थी कि अगर कोई हमारे पास सोया होता तो वो उठ जाता। शुक्र है सब हमसे 10-15 मीटर की दूरी पर सोये थे। मैंने आंटी के मुंह पर हाथ रख दिया और कंबल से मुंह निकाल कर इधर-उधर देखा कि कोई जाग तो नहीं गया। लेकिन अस्पताल में पूरे दिन भाग-दौड़ की वजह से सब थक कर सोये हुए थे।

मैंने आंटी के होंठों को अपने होंठों से लॉक कर लिया और उनके दोनों कंधो को मजबूती से पकड़़ कर अपनी तरफ खींच कर उनके उपर लेट गया। जिससे मेरा बाकी बचा लंड शनै-शनै उनकी चूत में उतरने लगा। जब उनकी गीली झांटे मेरे शरीर से टच हुई तो, मैं समझ गया कि पूरा लंड उनकी चूत में समा गया था। मैंने आधे से ज्यादा लंड को बाहर निकाल कर फिर से एक बार में पूरा धांस दिया, और आंटी को बाहों में जकड़ कर लेट गया।

आंटी फिर चीखी लेकिन उनके मुंह को मैंने अपने मुंह से लॉक कर रखा था, जिसकी वजह से उनकी चीख गले में ही घुट कर रह गयी। मगर उनकी आंखों से आंसू निकल आये थे। वे तड़प रही थी, और अपने हाथों से मुझे पीछे धकेलने की असफल कोशिश कर रही थी। क्योंकि मैंने उन्हें अपनी बलिष्ठ बाहों मैं दबोच रखा था। (hardcore chudai xxx)

उनके मुंह से गूं-गूं की आवाज़ आ रही थी। मैं बिना कोई हरकत किये चुप-चाप उनके उपर लेटा रहा। 5 मिनट के बाद उनका तडपना बंद हो गया, और उनकी सांसे अब नियंत्रित हो गई थी। जब मुझे लगा कि अब ये नहीं चिल्लायेगी तो मैंने उनका मुंह छोड़ दिया। मुंह छोड़ते ही शिकायती लहजे में वे बोली-

आंटी: ऐसे भी कोई चोदता हैं क्या? अगर मैं मर जाती तो!

मैं भी शरारत भरे अंदाज में बोला: चुदाई से आज तक कोई मरा है क्या? जो आप मर जाती।

आंटी: जब तुम जैसे सांड का लंड मेरी की चूत में जायेगा तो क्या होगा? मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

मैं: अभी पांच मिनट रूको, मैं आपका दर्द मजे में बदल दूंगा।

आंटी: बातों से तुम बड़े सीधे और दयालू लग रहे थे। पर अब पता लगा कि तुम अंदर से कितने ज़ालिम हो।

मैं: आंटी मैं तो सीधा-सादा ही हूं, पर मेरे लंड को चूत कम ही नसीब होती हैं, इसलिए आपकी चूत देख कर मुझसे रुका ना गया। मुझे क्षमा कर दीजिए। (hardcore chudai xxx)

आंटी: मेरे राजा इसमे माफी मांगने की जरूरत नहीं। मैं तो बस मजाक में बोल रही थी। तुम जैसे लंड धारी को पाने के लिए तो औरतें पागल रहती हैं। मैं बड़े नसीब वाली हूं जो तुम्हारा लंड आज मेरी चूत में घुसा हुआ है। आज के बाद तुम्हें कभी चूत की कमी नहीं होगी, ये मेरा वादा है।

ये बोल कर आंटी ने मेरे माथे पे किस किया और फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने भी उनके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी। आंटी की चूत फिर से पानी छोड़ने लगी। वे अब नीचे से अपने चूतड़ उठाने लगी। मैं समझ गया कि अब ये क्या चाहती हैं। मैंने धीरे धीरे धक्के मारने स्टार्ट कर दिये। आंटी सिसकने लगी

आंटी: आह… शी… आह…  मैं मर गा.. ईईई… हाये मैं मर गई।

आंटी की चूत पानी छोड़ने की वजह से मेरा लंड आराम से आ जा रहा था। धक्कों के कारण आंटी की चूत से फच-फच की आवाज़ आने लगी। मैं उन्हें धक्का-पेल चोदने लगा। अभी पांच मिनट भी नहीं हुए थे कि वे और जोर से, और जोर से बोलने लगी। उनकी सांसे बहुत तेज चलने लगी। थोड़ी देर में उनका शरीर अकड़ने लगा। उन्होंने मेरा सिर अपनी चूचियों मैं दबा लिया, और अपनी टांगों से मुझे भींच लिया।

वे झड़ गई थी। शायद बहुत दिनों बाद सेक्स किया था इसीलिए वे जल्दी झड़ गई थी। मेरा भी बहुत दिनों बाद था, तो मैं भी झड़ने वाला था। लेकिन झड़ने के बाद वे बोली-

आंटी: अमन प्लीज़ थोड़ी देर रूक जाओ। (hardcore chudai xxx)

मैं रूकना तो नहीं चाहता था पर फिर भी मैं रूक गया। जिससे मेरा झड़ना टल गया और मुझे गैप मिल गया। मेरा विकराल लंड अभी भी उनकी चूत में घुसा हुआ था। आंटी मेरे बाले में हाथ फिराने लगी, जैसे उन्हें मुझपे बहुत प्यार आ रहा हो।

वे बोली: अमन, आई लव यू, प्लीज कभी मुझे छोड़ के मत जाना।

मैं भी उन्हें बोला: लव यू टू आंटी। मैं भी आपको किसी कीमत पे छोड़ना नहीं चाहता। अब तो बस आपको आंचल में ही अपनी दुनिया बसाना चाहता हूं, अगर आपकी इजाजत हो। उन्होंने मुझे कस के अपने कलेजे से लगा लिया, जैसे मुझे अपने अंदर समाना चाहती हो। (hardcore chudai xxx)

वे बोली: हां तुम्हें इजाजत है पर एक शर्त पे कि अब से तुम मुझे आंटी नहीं कहोगे।

मैं: आंटी नहीं तो क्या कहूंगा?

आंटी: आज से तुम मुझे रजिया कहोगे। और मैं तुम्हें आप कहूंगी‌।

मैं: ठीक‌ है रजिया।

ये सुन कर उन्होंने मेरे पूरे चेहरे को चूमा।

आंटी: अमन फिर से आई लव यू।‌ आपकी मूछों के लिए। वैसे तो आप पूरे ही बहुत हैंडसम हो, पर मुझे आपकी मूछ बहुत पसंद है।

मैं: रजिया मेरी जान, जैसा भी जो भी हूं, अब से बस तुम्हारा हूं। (hardcore chudai xxx)

हम दोनों के होंठ एक बार फिर मिल गए। मेरा खड़ा लंड उनकी चूत में पड़ा हुआ अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। आंटी फिर से अपने चूतड़ उठाने लगी। मैं धीरे-धीरे उन्हें चोदने लगा। आंटी फिर सिसकने लगी। थोडी देर मैंने उन्हें आराम से चोदा फिर अपनी स्पीड बढ़ा दी। मैं अब दनादन उन्हें पेल रहा था। वे धीरे-धीरे चिल्ला रही थी आह आह आह मर गई मैं तो। और मैं उन्हें चोदे जा रहा था।

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद आंटी फिर से झड़ गई। मैं भी अब मंजिल के करीब था। पूरी रफ्तार से मैं उन्हें चोद रहा था और किसी खूंखार भैंसे की तरह गुर्रा रहा था। बीस पच्चीस धक्के लगा कर मैं आंटी की चूत में झड़ गया। वीर्य की अनगिनत पिचकारी मेरे लोड़े से निकली।

उनकी चूत मेरे वीर्य से भर गयी। मैं उनके उपर पड़ गया। हम दोनों की सांसे किसी रेस में दौडने वाले खिलाड़ी की तरह चल रही थी। ना जाने देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे। फिर मैं उनके उपर से उतर कर दीवार से लग कर बैठ गया। आंटी भी उठ कर बैठ गई और अपने दुपट्टे से मेरा लंड साफ किया, और मेरे लंड पे छोटा सा किस किया। पहली बार किसी ने मेरे लंड को चूमा था तो मेरा लंड फिर से सैलूट मारने लगा। (hardcore chudai xxx)

मैंने अपनी पैंट को उपर करके बांध लिया। आंटी ने भी अपनी सलवार पहन ली और मेरे पास बैठ गई। कहानी जारी है….. (hardcore chudai xxx)

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