रोशनी दी की चुदाई के दीवाने 2 – hardcore desi chudai kahani

रोशनी दी की चुदाई के दीवाने 2 – hardcore desi chudai kahani

आपने पिछली कहानी में पढ़ लिया होगा कि कैसे दीदी मेरे पास आकर सो गयी, और वो मुझसे चुदना चाहती थी। अगल-बगल में रिश्तेदार सोए थे, फिर भी वो मुझे अपनी ओर खींच रही थी, ताकि मैं उनकी जोरदार चुदाई करके उनकी चूत में लगी आग को मिटा सकूं। सुनिए आगे क्या हुआ।

कहानी का पहला भाग : desi hardcore chudai kahani

क्योंकि अगल-बगल सब लोग सोए थे, इसलिए मैं अपने आप को संभालने का प्रयास कर रहा था, तांकि मेरा लंड बेकाबू ना हो, पर होनी को कौन टाल सकता था। (hardcore desi chudai kahani)

रोशनी दीदी अपनी तरफ खींच कर मुझे अपने सीने से चिपकाने में सफल रही। तभी मेरे लंड ने भी सलामी देना शुरू कर दिया।

मेरा 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लंड जब खड़ा हुआ, तो दीदी को एहसास हो गया, और उन्होने तुरन्त अपने कोमल हाथों से अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड का स्पर्श किया। वो स्पर्श मुझे पागल करने लगा, और जब उन्हें भी एहसास हुआ कि मैं कुछ नहीं बोल रहा था, तो उन्होने धीरे से चादर को ऊपर खींच कर ओढ़ लिया, और मुझे भी चादर के अन्दर कर दिया। उनकी पकड़ इतनी अच्छी थी कि क्या ही बताऊं, और फिर तभी वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे होठों को चूमने लगी।

फिर मैंने भी उनके होठों को चूमना शुरू किया, और फिर दोनों एक-दूसरे को पकड़ कर जकड़े हुए थे। कभी वो ऊपर तो हम नीचे, कभी वो नीचे तो हम ऊपर। इस तरह करीब 10 मिनट तक हम दोनों के बीच रोमांस चलता रहा। फिर वो मुझे किस करने लगी, और मेरे सिर को अपनी चूचियों की तरफ दबाने लगी। शायद वो ये बोलना चाह रही थी कि मेरी चूचियों को पियो। पर मैं उस वक्त उतना समझदार नहीं था, तो उनके इशारों को समझ नहीं पाया।(hardcore desi chudai kahani)

तो कुछ देर के बाद वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके सो गयी। और तो और क्यूंकि मैं मुंह ढक कर नहीं सो पाता, तो जब दीदी मुझे शान्त सी लगी, तो मैंने अपना मुंह चादर से बाहर करने को सोचा। जब तक मैं अपना मुंह चादर से बाहर करता, दीदी ने तुरन्त मेरे अंडरवियर के अन्दर अपना हाथ डाल दिया। मैं डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहा था, कि अगर कहीं किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी।

मैं चुप-चाप लेटा रहा और इधर दीदी अपने हाथों को पीछे करके मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी। मेरी हालत बिगड़ती ही जा रही थी, और मेरा लंड टाईट होता जा रहा था। दीदी मेरे लंड को मसल ही रही थी। तभी वासना की आग में जलते हुए मेरी भी प्यास बढ़ने लगी और मेरे हाथ अपने आप ही दीदी के सूट के ऊपर से ही दीदी की चूचियों को मसलने लगे।(hardcore desi chudai kahani)

मेरे हाथों की पकड़ से दीदी की सांसे तेज हो गयी, और चूचियां ऊपर-नीचे होने लगी। तभी दीदी मेरे तरफ खिसक गयी। अब दीदी की चूचियां सूट के ऊपर से ही मेरे हाथों के गिरफ्त में थी, और मेरा लंड दीदी के हाथों के बीच कैद था। तभी दीदी अचानक से मेरा लंड छोड़ दी, तो मैं डर गया। पर मुझे क्या पता था कि आगे क्या होने वाला था।

तभी दीदी मुझसे और सट गयी, और अब मेरे लंड को दीदी की गांड के बीच की दरारों का अनुभव सलवार के ऊपर से ही मिला। तो मैं दीदी की चूचियों को मसलते हुए उनसे पीछे से चिपक गया। पर अचानक से मुझे एहसास हुआ कि दीदी थोड़ा सा आगे खिसकी, और फिर जब दुबारा पीछे आई, तो दीदी की गांड के ऊपर सलवार नहीं थी। तब मुझे लग गया कि दीदी ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया था, और सलवार और पैंटी को नीचे खिसका दिया था।(hardcore desi chudai kahani)

मेरा लंड भी अब दीदी के जवान जिस्म के मजे लेने के लिए बेताब था, पर अभी भी डर यहीं था कि अगल-बगल सोए हुए लोग जाग गए तो बहुत मार पड़ेगी मुझे। एक पल के लिए डर लग रहा था पर एक पल दिमाग में यही आ रहा था कि आज घोड़ी खुद आई थी‌ घोड़े के नीचे, तो क्यूं ना सवारी कर ही ली जाए। क्या पता कल को कोई दूसरा घोड़ा पसन्द आ जाए घोड़ी को।

मैंने भी बिना देर किए दीदी से चिपक कर उनके सूट के अन्दर अपने हाथों को डाल दिया, और जब मुझे दीदी की चूचियों का उभार समझ आया, तो पता चला कि दीदी तो सच में कड़क माल थी। दरअसल उनकी चूचियां मेरे हाथों की पकड़ में पूरी तरह से आ ही नहीं रही थी। मैं फिर भी दीदी की चूचियों को मसलने लगा और मैंने जैसे ही दीदी की चूचियों के ऊपर उठे निप्पल को पकड़ा, दीदी पागल सी हो गयी और वो सिमट गयी। तो मुझे लगा कि ये गर्म हो रही थी।(hardcore desi chudai kahani)

मुझे करीब 2 मिनट ही हुए होंगे दीदी की चूचियों को मसलते हुए, तभी दीदी ने फिरसे मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ लिया, और फिर मेरे लंड को अपनी चूत के पास ले जाने लगी। तो मैंने भी उनका साथ दिया। पर जब मेरा लंड उनकी चूत के मुंह पर गया तो मुझे उनकी चूत भीगी-भीगी लगी। उस वक्त मुझे ज्यादा आइडिया तो नहीं था कि चूत कैसे भीग गयी, पर मुझे वो पल अच्छा लग रहा था, और मैं वो सब कुछ करता जा रहा था, शायद जो दीदी मुझसे करवाना चाह रही थी।

कुछ ही सेकेण्डों में मुझे पता नहीं क्या महसूस हुआ, पर मुझे भीगी चूत अच्छी लगी, और मेरा लंड चूत के अन्दर जाने के लिए तैयार खड़ा था। दीदी भी इसी चीज का इंतजार कर रही थी।(hardcore desi chudai kahani)

दीदी ने अपने चूत के मुंह पर मेरे लंड को सेट करके धीरे से अन्दर करने का इशारा किया, तो मैंने भी अपना लंड हल्का सा दबाया। इससे दीदी के मुंह से अलग ही आवाज़ निकली, पर दीदी ने उस आवाज़ को दबा लिया और बाहर नहीं आने दिया।

फिर दीदी ने थोड़ा और डालने का इशारा किया तो मैंने थोड़ा और दबाया। तो फिर दीदी की हल्की आवाज़ निकली, पर इस बार मुझे भी दर्द हुआ, क्योंकि ये मेरा पहली दफा सेक्स था। तो जब मेरा लंड दीदी की कसी हुई चूत में जा रहा था, तो मेरे लंड के ऊपर की चमड़ी पीछे की ओर खिसक रही थी, जिस वजह से मुझे भी दर्द हो रहा था।

अभी मेरा लंड 2 इंच ही गया रहा होगा, तभी मुझे डर लगने लगा, और मैंने दीदी को धीरे से फुसफुसाते हुए बोला-

मैं: दीदी प्लीज आज रहने देते हैं ना।

दीदी: प्लीज यार, अब रूको मत अन्दर डालो ना‌‌।

मैं: दीदी मुझे डर लग रहा है।

दीदी: किस बात का डर?(hardcore desi chudai kahani)

मैं: कोई जाग गया और हम पकड़े गए तो?

दीदी: अरे कोई नहीं जागेगा, तुम डालो ना‌। मैं आवाज बाहर नहीं आने दूंगी।

मैं: ठीक है दीदी।

मैंने फिर थोड़ा सा अन्दर लंड डाला तो दीदी की आह निकल गयी, और इस बार उनकी आवाज़ उम्म्म आह उइइईई मां बाहर आवाज़ आ गयी। मैंने फिर से दीदी से बोला-

मैं: आज रहने देते है ना, कल कर लेंगे।

तो दीदी बोली: नहीं रूको मत प्लीज़।

तो मैंने दीदी से बोला: क्यूं ना हम रूम में चलें। सब यहां छत पर सोए हैं, रूम में कोई नहीं होगा गर्मी की वजह से।

तो दीदी बोली: ठीक है चलो चलते है।

और फिर मैंने अपने अंडरवियर को सही किया और रूम में चला गया। फिर कुछ देर बाद दीदी भी रूम में आ गयी।(hardcore desi chudai kahani)

इधर मैं तैयार लेटा था, दीदी भी तुरन्त रूम में आते ही मेरे बगल में आकर लेट गयी। पर उस वक्त हम दोनों भूल गए थे कि दरवाजा भी बन्द करना था। अब तो मौका अच्छा था, क्योंकि अगल-बगल अब कोई नहीं था, तो हम दोनों अपनी पहली चुदाई यादगार बनाना चाहते थे। तो फिर हम दोनों दरवाजे के पीछे खड़े होकर एक-दूसरे को चूमने लगे। फिर मैंने दीदी की चूचियों को मसलना शुरू किया, और फिर मैंने दीदी से बोला-

मैं: मुझे आपकी चूचियां देखनी है।

दीदी बोली: देख लो, किसने रोका है।

और मैंने उनके मुंह से इतना सुनते ही तुरन्त उनके सूट को ऊपर कर दिया‌। मैंने सफेद कलर की बनियान के अन्दर चूचियों को कैद देखा, तो मैंने बनियान को ऊपर करके चूचियों को आज़ाद कर दिया। फिर जब मेरी नज़र दीदी की गोरी-गोरी गोल-गोल चूचियों पर पड़ी, तो मेरे मुंह में पानी आ गया। तभी उस पर उठे हल्के गुलाबी और भूरे रंग के निप्पल को देख मैं उस पर टूट पड़ा।

मैंने दीदी की चूचियों को अपने मुंह में भर लिया, और दबा-दबा कर पीने लगा। तो दीदी की चूचियां टाईट होने लगी। मेरे हिसाब से उस वक्त दीदी की चूचियां 32″ के साइज की रही होंगी। पर मैंने खूब स्मूच किया और दबा-दबा कर चूचियों को 10 मिनट तक पिया।(hardcore desi chudai kahani)

फिर मैंने जब सिर उठा कर दीदी की तरफ देखा, तो दीदी पागल सी हो चुकी थी। दीदी अपने होंठों को दांतो से काट रही थी। वो अपने आप को समेट रही थी। तभी मैंने दीदी की सलवार का नाड़ा खोल दिया, और जब मैंने वो नजारा देखा, तो मैं पागल सा हो गया। पतली कमर, चौड़ी गांड, जो कद्दू जैसी‌ बड़ी‌ और गोल थी, और जो पैन्टी के अन्दर छुपने की नाकाम कोशिश कर रही थी।

दीदी मुझसे बोली: प्लीज अब बस भी करो, अब कितना देखोगे। मुझे भी अपना दिखाओ।

फिर जैसे ही मैं अपना अंडरवियर नीचे करने जा रहा था, तभी मुझे किसी के आने की आहट सुनाई दी। मैंने तुरन्त दीदी को कपड़े पहनने को कहा, और दीदी जल्दी से कपड़े पहनी, और मैं भी तुरन्त बगल में रखी पानी की बोतल लेकर पानी पीने लगा।

दीदी और मैं डरे-डरे से थे, पर जब मैंने देखा तो दीदी की छोटी बहन पानी पीने आई थी।

तो वो बोली: भैया, दीदी, आप दोनों यहां क्या कर रहे हैं गर्मी में?(hardcore desi chudai kahani)

तभी मेरे मुंह से जल्दी से निकला: प्यास लगी थी मुझे, और मुझे डर लग रहा था अकेले, तो दीदी को बुला कर लाया था।

पर वो हम दोनों के चेहरे पर पसीना देख कर बोली: क्या भैया, आप इतना डरते हो। और आए भी तो एक डरपोक के साथ। दोनों को कितना पसीना आ रहा है। मुझे बुला लिए होते।

और फिर वो मुस्कुराते हुए पानी पी कर जाने लगी।

तो फिर वो बोली: चलिए अब सो जाइए, सुबह जल्दी उठना है। फिर मैं और दीदी भी उसके साथ चले गए, और हमारी चुदाई उस रात पूरी नहीं हुई। पर दूसरे दिन हम दोनों आम के बगीचे में गए, और फिर वहां पर कैसे हम दोनों ने जी भर कर चुदाई की, जानने के लिए बने रहें।(hardcore desi chudai kahani)

कहानी का तीसरा भाग : xxx hardcore desi chudai

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