मेरा नाम कविता है। मैं लुधियाना की रहने वाली हूं। उम्र 32 साल है मेरी। शादी हुए 7 साल हो गए है, पर अभी तक मां नहीं बन सकी मैं। मेरे पति बिस्तर पर ज़्यादा अच्छे नहीं हैं। 5-7 मिनट में उनका निकल जाता है और मैं तड़पती रह जाती हूं।
मेरा फिगर अभी भी एक लड़की के फिगर जैसा है 34-32-36। मैं दिखने मे भी बहुत सुन्दर हूं, और मेरा शरीर भी बहुत गोरा है।(hindi hot chudai)
अब कहानी पर आती हूं। मैं एक बैंक में मैनेजर हूं। मेरे पति भी मैनेजर है। हम दोनों सुबह घर से अपने-अपने बैंक को चले जाते हैं, और देर शाम ही घर आते हैं।
मेरे बैंक मे बहुत से कर्मी मुझे खा जाने वाली नजरों से देखते रहते है। मुझसे बात करने का मौका देखते रहते है। पर मैं ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी। एक दिन बैंक में ज्यादा काम होने के कारण मैं घर जाने को लेट हो गई थी।
बैंक में मैं और चपरासी (रमेश) ही रह गए थे। मैं अपने काम मे व्यस्त थी। जब मैं पूरा काम करके फ्री हुई, तो देखा रमेश कहीं नजर नहीं आ रहा था। मैं रमेश को हर जगह देखने लगी, पर वो कहीं नहीं मिला।(hindi hot chudai)
फिर मैं लेडिज बाथरूम की तरफ गई, और दरवाजा खोला तो देख कर हैरान रह गई। रमेश फोन में कोई गंदी फिल्म देख रहा था, और अपना लंड हिला रहा था। वो इतना व्यस्त था, कि उसको पता भी नहीं लग रहा था मैं उसको देख रही थी।
रमेश का लंड मेरे पति के लंड से लम्बा और मोटा था। मेरी नजर भी उसके लंड से हट नहीं रही थी, और मैं तो एक टक रमेश के हिलते हुए लंड को निहार रही थी।
मुझे भी याद नहीं रहा कि मैं कहां थी, और एक पराए मर्द को ऐसे देख रही थी।(hindi hot chudai)
मैं संभल पाती, उससे पहले ही रमेश मेरे पास आ गया, और लंड को मेरे हाथ मे रख दिया। मेरा हाथ पकड़ कर वो लंड को हिलाने लगा। मेरे मुँह से कुछ बोला ही नहीं जा रहा था।
रमेश फिर मुझे बोला: मैम मुझे पता है आपको बच्चा नहीं हो रहा है। आपके पति आपको खुश नहीं कर पाते है अच्छे से। आप बच्चे के लिए बहुत तड़पती रहती हो।
रमेश बात तो ठीक बोल रहा था, पर मुझे ऐसा करना अच्छा नहीं लग रहा था। मैं एक-दम से बाहर आ गई। रमेश भी मेरे पीछे आ गया।(hindi hot chudai)
वो मुझे बोला: मेरी बात गलत लगी हो तो मुझे माफ करना।
मैंने उसको कुछ नहीं बोला।
फिर रमेश बोला: मैम एक काम कर दोगी मेरा?
मैंने उसको हां मे सर हिला दिया। उसने फिर से मेरा हाथ पकड़ कर लंड पर लगा दिया, और हिलाने लग पड़ा। कुछ देर के बाद ही मेरा हाथ लंड को पकड़ कर हिलाने लग गया।
रमेश हल्की-हल्की सिसकारियां लेते हुए बोलने लगा: मैम आपके हाथ मे तो जादू है। कितने टाइम के बाद आज मेरा लंड इतना खड़ा हुआ है।(hindi hot chudai)
फिर कुछ देर के बाद रमेश के लंड ने पानी की एक धार छोड़ दी। कुछ पानी मेरे हाथ पर भी गिर गया। मैं लंड को छोड़ कर अपना हाथ साफ करने जाने लगी, तो रमेश बोला-
रमेश: मैम मेरे पानी को चख कर तो देखो एक बार।(hindi hot chudai)
मैं कुछ नहीं बोल कर बाथरूम में चली गई। हाथ साफ करने के लिए रमेश बाहर ही खड़ा रहा। मैंने रमेश का थोड़ा सा पानी चाट लिया। फिर हाथ धो कर बाहर आ गई।
रमेश मुझे पकड़ कर बोला: मैम यह बात किसी को मत बताना। नहीं तो मेरी नौकरी चली जायेगी।(hindi hot chudai)
मैं रमेश के सिर पर हाथ फेर कर बैंक से बाहर निकल आई। घर आकर नहाने चली गई। नहाते टाइम मुझे रमेश का लंड ही याद आ रहा था। फिर मैं रमेश के लंड को ही याद करते हुए सो गई।
अगले दिन मैं बैंक बिना पेंटी पहने गई। जब बैंक पहुंची, तो रमेश कोई काम कर रहा था। मैंने उसको देख कर एक स्माइल की। रमेश भी मुझे देख कर स्माइल देने लगा। फिर मैं अपने केबिन में आ गई, और रमेश मेरे लिए पानी लेकर आ गया।
मुझे फिर से माफ़ी मांगने लगा। मैं उठ कर उसके पास गई, और उसको देख कर बोली-
मैं: रमेश तेरे लंड मे तो जादू है।(hindi hot chudai)
और पेंट के ऊपर से ही लंड को मैंने पकड़ लिया। रमेश शांत हो कर खड़ा रहा। फिर दरवाजे पर किसी के आने की आहट हुई, और मैं अपनी सीट पर आ गई। रमेश भी बाहर चला गया। मुझे तो रमेश का लंड ही याद आ रहा था। काम में भी दिल नहीं लग रहा था।
शाम 4:30 बजे तक कर्मी घर चले गये। रमेश मेरे केबिन में आ गया। मेरे पास आ कर मेरे पांव के पास नीचे बैठ गया, और मेरी टांगो को सहलाने लगा।(hindi hot chudai)
मैंने रमेश को बोला: क्या कर रहे हो नीचे बैठ कर?
रमेश बोलने लगा: मैम कल आपने मेरा लंड देखा था। आज मुझे भी अपनी चूत के दर्शन करवा दो।
मैं: रमेश नहीं, यह मैं नहीं कर सकती।(hindi hot chudai)
रमेश: मैम बस मुझे देखने दो, कुछ नहीं करुंगा मैं।
और बोलते हुए रमेश ने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया।
मैंने रमेश को बोला: कोई आ गया तो हम दोनों को परेशानी हो जाएगी।(hindi hot chudai)
रमेश ने मेरी कुर्सी को पीछे किया, और खुद टेबल के अंदर चला गया। फिर कुर्सी को अपनी तरफ खींच लिया।
वो मुझे बोला: अब कोई नहीं देख सकता है नीचे क्या हो रहा है।
रमेश ने मेरी सलवार नीचे कर दी, और मेरी गोरी चूत रमेश के सामने आ गई। रमेश ने जैसे ही मेरी चूत पर मुँह लगाया, मैं तो सिहर उठी। मेरा एक हाथ रमेश के सर को सहलाने लगा गया। रमेश जीभ मेरी चूत में डाल कर चाटने लगा। मेरी चूत के दाने को उंगली से सहला रहा था।(hindi hot chudai)
आज तक मेरे पति ने मेरी चूत नहीं चाटी थी। रमेश चूत को अच्छे से चाट रहा था, और अब मैं गर्म हो गई थी । मैंने अपनी दोनो टांगो को पूरा खोल दिया, और रमेश के सर को चूत मे दबाने लगी। फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। रमेश मेरी चूत से निकलते हुए पानी को चाट कर पीने लगा।
पूरा पानी पीने के बाद रमेश बाहर आ गया। मैं वैसे ही बैठी रही। फिर रमेश ने केबिन से बाहर देखा बैंक में कोई नहीं था। तो रमेश ने बैंक को अंदर से बंद कर दिया, और मेरे पास आ कर रमेश ने अपने कपड़े उतार दिये। वो लंड को मेरे मुँह के पास लेकर खड़ा हो गया।(hindi hot chudai)
मैंने भी अपना मुंह खोल दिया, और रमेश ने लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैं लंड को चूसने लग गई। रमेश मेरा सर पकड़ कर लंड मुँह मे अंदर तक डालने लगा।
काफी देर तक मैं रमेश का लंड चूसती रही। फिर मैं भी पूरी नंगी हो गई। रमेश मेरे बूब्स चूसने और मसलने लगा। फिर रमेश ने मुझे फर्श पर लिटा दिया, और मेरी टांगों को खोल कर चूत के मुँह पर लंड फसा दिया।
रमेश ने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए, और लंड का एक झटका मारा। उसका लंड मेरी चूत चीरता हुआ अंदर चला गया। मैं तड़प उठी, पर रमेश अब कहां रूकने वाला था। उसने मेरी चूत को चोदना चालू रखा।(hindi hot chudai)
चूत में पूरा लंड डाल कर रमेश बोला: मैम आपकी चूत तो बहुत टाईट है। अभी तक साहब नहीं चोदते हैं क्या।
मैं बोली: चोदते होते तो कब की मैं मां बन चुकी होती।
रमेश बोला: मैम, अब मैं हूं ना, मैं आपको अपने बच्चे की मां बनाऊंगा।
रमेश मेरी चुदाई करते हुए मुझे किस करते हुए बोल रहा था।
फिर मैं भी रमेश को बोलने लगी: बना दो मुझे अपने बच्चे की मां।(hindi hot chudai)
रमेश ने अब मेरी टांगो को ऊपर उठा लिया, और जोर-जोर से मेरी चुदाई करने लगा। मैं एक बार फिर से झड़ चुकी थी, पर रमेश चूत की चुदाई करने में लगा रहा। कुछ देर बाद रमेश भी मेरी चूत के अंदर झड़ गया। रमेश मेरे ऊपर ही लेट गया। फिर कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए। मैं बाथरूम में गई और फ्रेश हो कर बाहर आ गई। रमेश वैसे ही नंगा लेटा हुआ था।
मैं बाहर आ कर रमेश को बोली: रमेश अब उठ जाओ, और बैंक बन्द करके घर जाओ।
रमेश खड़ा हो गया। फिर मैंने रमेश के लंड पर किस किया, और बैंक से बाहर आ गई। अब यह काम हम दोनों का रोज का हो गया। जब भी टाइम मिलता हम दोनों चुदाई का मजा कर लेते। कुछ महीनों के बाद मैं प्रेगनेंट हो गई। मेरे पेट के अंदर रमेश का बच्चा था। मैं बहुत खुश हो गई।
अगली कहानी में बताऊंगी प्रेगनेंट होने की खुशी हम दोनों ने रमेश के कमरे में कैसे मनाई, और उसी दिन रमेश ने मेरी पहली बार गांड की चुदाई की। (hindi hot chudai)
कहानी का दूसरा भाग : hot hindi chudai
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