कहानी का दूसरा भाग : hot hindi chudai
आप सब को पता ही है मेरे पति बिस्तर पर ज्यादा अच्छे नहीं हैं, पर मुझे मेरे बैंक में काम करने वाले चपरासी रमेश ने चुदाई का मजा भी दिया, और अपने बच्चे की मां भी बना दिया। अब आगे की कहानी।
मेरा बेटा 7 महीने का हो गया था।(hot hindi chut chudai)
मेरे पति तो उसको दिल से प्यार करते थे पर मैं तरसती रह जाती थी उस प्यार के लिए जो मुझे रमेश से मिला था। मुझे जब भी रमेश की याद आती थी, तब मैं रमेश के बारे मे सोच कर चूत मे ऊंगली डाल लेती और चूत को शांत कर लेती।
एक दिन मेरे पति बैंक की एक ट्रेनिंग के लिए बाहर चले गए 2-3 दिन के लिए। मैं पति के जाने से खुश हो गई। फिर अगली रात को मैं पति के फोन आने के बाद अपने बेटे को लेकर रमेश के घर चली गई। मैंने घर का दरवाज़ा खटखटाया। रमेश मुझे देख कर बहुत खुश हो गया।
फिर मैं अंदर आ गई। रमेश ने दरवाजा बंद कर दिया। मैंने रमेश को अपने गले से लगा लिया, और रमेश के मुंह को चूमने लगी। रमेश भी मुझे चूमने लगा। फिर कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए। तब मैंने रमेश की गोद में बेटे को दिया और कहा-(hot hindi chut chudai)
मैं: अपने बेटे से नहीं मिलोगे?
रमेश बेटे को प्यार करने लगा। मैं रमेश की रसोई घर में गई, और बेटे के लिए दूध और हम दोनों के लिए कुछ खाना बना कर ले आई। मैं बेटे को दूध पिलाने लगी, तो रमेश बोला-(hot hindi chut chudai)
रमेश: कविता आज तो मैं भी अपने बेटे के साथ दूध ही पियूंगा।
यह बोल कर रमेश ने मेरी कमीज को ऊपर कर दिया और मेरी ब्रा को खोल कर मेरे एक बूब्स को मुंह मे भर कर पीने लगा। रमेश भी बिल्कुल अपने बेटे के जैसे मेरा बूब्स मुंह में लेकर दूध पीने लगा। फिर मैंने अपने दूसरे बूब्स को अपने बेटे के मुंह से लगा दिया। दोनों मिल कर मेरा दूध पीने लगे।
कुछ देर बाद बेटा दूध पी कर सो गया। मैंने उसको उठा कर बैड की एक साइड सुला दिया, और रमेश को अपने ऊपर खींच कर मैं भी बैड पर लेट गई। रमेश बहुत प्यार से मेरे निप्पल चूसता रहा। मेरा एक हाथ रमेश की पेंट के ऊपर से उसके लंड को दबाने लगा।(hot hindi chut chudai)
कुछ देर बाद रमेश मेरे बूब्स से हट गया और अपने कपड़े खोलने लगा। मैंने भी अपनी सलवार और पेंटी उतार दी। फिर रमेश के लंड को देख कर लंड पर टूट पड़ी। मैं लंड को मुंह मे लेकर चूसने लगी। आज बहुत समय बाद मैं लंड को खुल कर चूस रही थी।
रमेश अपने हाथ से मेरी चूत को सहला रहा था। फिर रमेश ने मुझे लिटा दिया। मैं भी अपनी टांगो को फैला कर रमेश के लंड का स्वागत करने लगी। रमेश मेरी चूत पर लंड रगड़ने लगा। और फिर एक हल्का सा धक्का मारा जिससे लंड मेरी चूत मे जाने लगा। मेरी चीख निकल गई। रमेश ने मेरे होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिया।(hot hindi chut chudai)
मेरी चीख अंदर दब कर रह गई रमेश ने आराम-आराम से लंड पूरा मेरी चूत में डाल दिया। फिर कुछ देर रुक कर लंड अन्दर-बाहर करने लगा। आज मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरी कुंवारी चूत में रोड डाल रहा हो। रमेश अब भी धीरे-धीरे लंड चूत के अंदर-बाहर कर था।
मेरा दर्द कम हुआ तो मैं गांड उठा कर लंड को अंदर लेने लगी, और रमेश के गले में अपनी बाहों को डाल दिया। अब रमेश ने लंड डालने की स्पीड बढ़ा दी। रमेश कभी मेरे मुंह को चूमता, तो कभी मेरे बूब्स को पीने लगा, और रमेश का लंड पूरे जोश से मेरी चुदाई करने में लगा था।(hot hindi chut chudai)
मैं भी मजे लेते हुए रमेश को बोलने लगी: बहुत प्यासी है मेरी चूत कब से। आज चूत को चोद कर चूत की गर्मी निकाल दो।
रमेश बिना कुछ बोले और तेजी से मेरी चूत को चोदने लगा। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। अब हमारी चुदाई की आवाज़ कमरे मे साफ सुनाई देने लगी।
रमेश के हर धक्के का जवाब मैं गांड उठा कर दे रही थी। काफी देर बाद रमेश के लंड ने पानी छोड़ दिया। मेरी चूत के अन्दर ही रमेश मेरे उपर ही लेट गया। मैंने भी रमेश को अपने उपर सोने दिया। फिर रमेश मुझे बोला-(hot hindi chut chudai)
रमेश: कविता तेरी चूत तो बहुत कस गई थी। अगर कुछ ओर दिन तुम चुदाई नहीं करवाती तो आज भी नई चूत की तरह बहुत खून खराबा होता।
मैं हंसने लगी। फिर रमेश मेरे ऊपर से हट गया। मैं भी उठ गई, और रमेश के लंड को चूसने लगी। फिर रमेश और मैं 69 की स्तिथि में हो गए। हम दोनों एक-दूसरे के लंड और चूत चाटने लगे।(hot hindi chut chudai)
हम दोनों काफी देर बाद एक-दूसरे के मुंह में झड़ गए। मैंने रमेश के लंड को चाट कर साफ कर दिया, और रमेश ने मेरी चूत को। फिर हम दोनों ने वैसे ही नंगे होकर खाना खाया। रमेश रसोई से तेल की बोतल ले आया। मैं समझ गई आज रमेश फिर से मेरी गांड की चुदाई करेगा।
रमेश मुझे बोला: कविता मेरे लंड पर तेल की मालिश कर अच्छे से।
मैं तेल लेकर मालिश करने लगी। मैंने रमेश के लंड को तेल से अच्छी तरह चमका दिया। फिर रमेश मेरे बूब्स पीने लगा। रमेश के हाथ मेरी गांड को दबाने लगे।(hot hindi chut chudai)
फिर रमेश बोल पड़ा: कविता घोड़ी बन जा। मुझे कब से तेरी गांड चोदने का मन था।
मैं घोड़ी बन गई। रमेश मेरी गांड पर आ गया, और मेरी गांड के छेद को चाटने लगा। मुझे बहुत अजीब लग रहा था। फिर रमेश मेरी गांड के छेद पर तेल लगाने लगा, और एक ऊंगली मेरी गांड के अंदर बाहर करने लगा। मुझे रमेश की ऊंगली अंदर लेते हुए भी दर्द होने लगा।
फिर कुछ देर बाद रमेश ने मेरी गांड के छेद पर लंड सेट कर दिया, और मुझे कमर से कस कर पकड़ लिया। अब रमेश ने देर ना करते हुए लंड का एक जोर का झटका मारा। लंड मेरी गांड फाड़ता हुआ अंदर जाने लगा। मेरी चीख निकलने को हुई पर मैंने तकिये के अंदर अपना मुंह छुपा लिया।
रमेश ने फिर एक बार एक और झटका मारा, और लंड मेरी गांड के अंदर पूरा चला गया। मैं झटपटाने लगी। रमेश मेरी कमर को मजबूती से पकड़े हुए रहा। जब मैं कुछ सही हुई तो रमेश ने लंड अंदर-बाहर करना शुरु कर दिया। रमेश के हर धक्के से मेरे दूध से भरे हुए बूब्स झूलने लगे।(hot hindi chut chudai)
रमेश मेरी गांड चोदते हुए मेरी गांड के ऊपर थप्पड़ भी मार रहा था।
मैं रमेश को आज कुछ भी करने से रोकना भी नहीं चाहती थी, तो मैंने रमेश को कुछ नहीं बोला। रमेश मेरी गांड फाड़ने में लगा रहा। मैं भी रमेश का पूरा साथ दे रही थी।(hot hindi chut chudai)
मैं बीच-बीच में अपने एक हाथ से चूत को भी सहला रही थी। फिर रमेश ने मुझे बालों से पकड़ कर चोदना जारी रखा। उसी बीच मेरा बेटा उठ गया और रोने लगा। मैंने रमेश को रुकने के लिए बोला। रमेश मेरी गांड में लंड डाले हुए रुक गया।
मैंने बहुत मुश्किल से अपना एक बूब्स अपने बेटे के मुंह में डाला और बेटा दूध पीने लगा। रमेश से भी अब रुका नहीं जा रहा था, तो रमेश आराम-आराम से लंड को गांड के अंदर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद बेटा फिरसे सो गया। रमेश ने भी धक्के मारने शुरु कर दिये।(hot hindi chut chudai)
कुछ देर बाद रमेश ने लंड गांड से बाहर निकाला, और चूत में भर दिया, और चुदाई जारी रखी। इस बार रमेश ने मुझे बहुत देर तक चुदाई का मजा दिया। फिर मेरे कहने पर रमेश ने लंड का पानी मेरे मुंह के अन्दर निकाल दिया।
उस रात रमेश और मैंने रात भर खुल कर चुदाई का मजा लिया, और सुबह जल्दी ही मैं बेटे को लेकर घर आ गई।(hot hindi chut chudai)
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