ढोंगी बाबा ने मेरी मां चोद डाली 1 - maa ki chut chuai

ढोंगी बाबा ने मेरी मां चोद डाली 1 – maa ki chut chuai

देसी कहानी में चुदाई की कहानियां पढ़ने वालों को मेरा नमस्ते। मेरा नाम देवांश है। इससे पहले आपने मेरी पिछली कहानी पढ़ी। जिसके लिए मैं आप सबका बहुत धन्यवाद करता हूं।

दोस्तों व्यक्तिगत कारणों के चलते मैं आपको पाठक और उसकी मां का असली नाम तो नहीं बता पाऊंगा। इसीलिए आप लोगों के लिए मैं उन्हें अरुण और रेनू नाम देता हूं।(maa ki chut chuai)

तो दोस्तों इस कहानी की शुरुआत आज से दो साल पहले हुई थी। लेकिन ये कहानी ज्यादा लंबी चली भी नहीं। जिस वक्त शुरू हुई, उसके कुछ ही दिन बाद खत्म भी हो गई। ऐसा क्या हुआ और कैसे हुआ, आइए जानते हैं। ये कहानी अब आप रेनू के बेटे अरुण की मुंह ज़ुबानी पढ़िए और मजे लीजिए।

दोस्तों मैं अरुण हूं। मैं कॉलेज में पढ़ता हूं। दिखने में अच्छा हैंडसम हूं। लेकिन ये कहानी मेरी नहीं मेरी मां की चुदाई के कारनामे के बारे में है। तो मैं आपको अपनी मां के बारे में बताता हूं।(maa ki chut chuai)

मेरी मां का नाम रेनू है। हमारे परिवार में हम तीन लोग हैं। मैं, मेरे पापा और मेरी मां। मेरी मां की उम्र तो वैसे 45 साल है, लेकिन वो दिखने में 35 साल की लगती हैं। योगा और कसरत करने की वजह से उन्होंने अपने बदन को ऐसा बनाए रखा है।

मेरी मां एक सामान्य घरेलू महिला जैसी ही कपड़े पहनती हैं, मतलब दिन में साड़ी और सलवार कमीज़ और रात में नाइट गाउन। लेकिन मां के ब्लाउज़ गहरे गले वाले होते हैं, और उनकी पीठ खुली हुई रहती है। मां का बदन मस्त गठीला और कसा हुआ है, जो किसी भी मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करता ही है।(maa ki chut chuai)

सलवार कमीज़ भी आज के समय के हिसाब से पहनती हैं, यानि की एक-दम चुस्त और टाइट। नीचे पजामी की जगह लैगिंग्स, जीन्स, कभी-कभी शॉर्ट्स भी पहन लेती हैं। आम भाषा में कहूं तो मेरी मां एक-दम पटाखा लगती हैं।

मेरे पापा तो अधिकतर समय अपनी नौकरी की वजह से शहर के बाहर ही रहते हैं। इसके कारण वो मेरी मां को ज्यादा समय नहीं दे पाते। मां और पापा के बीच सेक्स भी उतना अच्छे से नहीं हो पाता है, जैसा की मां को उम्मीद और इच्छा दोनों होती है।

अब बात आती है दो साल पहले की, जब हमारे घर में कुछ भी अच्छे से नहीं बीत रहा था। सब कुछ एक-दम खराब स्थिति में था। घर में पैसा नहीं रुक रहा था। तब मेरी मां की एक दोस्त हैं, मीरा। उन्होंने मां को एक बाबा के बारे में बताया और उनसे मिलने की सलाह दी।

वो बोली की बड़े पहुंचे हुए सिद्ध बाबा है, उनसे जाकर मिल और अपने घर की स्थिति के बारे में सब बता दे। वो कुछ उपाय करेंगे और तेरे घर के हालात ठीक हो जाएंगे। मेरी मां ठहरी उत्तराखंड में रहने वाली पाठ पूजा में कुछ ज्यादा ही श्रद्धा रखने वाली महिला।(maa ki chut chuai)

तो मेरी मां ने मीरा आंटी की बात मान कर बाबा से मिलने जाने का फैसला किया। वो मुझे भी अपने साथ लेकर उनके पास गई। हम बाबा के पास गए और उन्हें सब बात बता रहे थे। तब मैंने बाबा को मेरी मां के बदन को हवस भरी नजरों से ताड़ते हुए देख लिया।

लेकिन क्योंकि मां उस वक्त वैसे ही घर की खराब हालत से परेशान थी, इसीलिए मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया। बाबा ने हमारी सारी बातें सुनने के बाद कहा कि वो हमारे घर आयेंगे और होम हवन करेंगे घर में शांति लाने के लिए।(maa ki chut chuai)

मां मान गई और बाबा ने दो दिन बाद की तारीख दे दी। जब हम वहां से निकलने वाले थे। तब बाबा ने मां को रोका और मुझे बोला कि उन्हें मां के साथ कुछ अकेले में बात करनी थी। तो मुझे बाहर जाना पड़ा।

थोड़ी देर के बाद मां बाहर आई तो मैंने उनसे पूछा कि बाबा को आपसे क्या बात करनी थी? तो मां ने बोला कि तुझे बताने से मना किया है। अपशकुन हो जायेगा। मैंने भी ज्यादा बहस नहीं की और हम घर वापस आ गए। मां ने मुझे पापा को भी इस हवन और बाबा के बारे के बताने से मना कर दिया।(maa ki chut chuai)

मैंने हां बोल दिया। पापा को हवन के बारे में बताने से मां ने इसीलिए मना किया था, क्योंकि पापा को इन सब बाबा में और शांति हवन कराने में कोई विश्वास नहीं था। वो इन सबके सख्त खिलाफ थे, और ऐसी बात पता चलने पर वो बहुत गुस्सा हो जाते।

अब आता है घर में हवन का दिन। आज के दिन मेरी मां रेनू एक-दम सज संवर कर तैयार हुई थी, जैसी कोई नई नवेली दुल्हन होती है वैसे। लाल चटक साड़ी, लाल लिपस्टिक, लाल चूड़ियां, मांग में लम्बा गहरा सिंदूर। मां आज बेहद खूबसूरत लग रही थी। एक बार के लिए तो मेरा खुद का मन मां को ऐसे सजे-धजे देख कर डोल गया।(maa ki chut chuai)

फिर बाबा के आने का टाइम हो गया। बाबा के बताए अनुसार घर में हवन की सब तैयारी हो चुकी थी। इतने में बाबा भी आ गए और मां और बाबा के बीच थोड़ी देर हवन को लेकर और घर की गृह दशा के बारे में बात हुई।

उसके बाद मां और बाबा अंदर बेडरूम में चले गए। मां ने मुझे बाहर रुकने के लिए कहा और बोली कि उन्हें बाबा के साथ अकेले में कुछ बहुत जरूरी बात करनी थी। तो मैं रूम से बाहर आ गया। लेकिन मेरा मन नहीं माना।(maa ki chut chuai)

इसीलिए मैं घर से बाहर निकल मम्मी के बेडरूम के पीछे वाले हिस्से में आ गया। तो मैंने देखा कि बेडरूम की खिड़की खुली हुई थी। बस पर्दा लगा हुआ था। मैंने पर्दा हटाया और अंदर देखा कि मां और बाबा क्या कर रहें थे।

मेरी आंखें फटी की फटी रह गई। मैंने देखा की बाबा और मां आपस में एक-दूसरे से लिपट कर एक-दूसरे के होठों को बुरी तरह से चूसे जा रहे थे, चूमे जा रहे थे। बाबा और मां की होठों की चुसाई एक-दम बेतरतीब ज़ोर-ज़ोर से चल रही थी। बाबा ने मां को अपने आप से कस के चिपका कर रखा था।(maa ki chut chuai)

ऐसा लग रहा था जैसे बाबा ने काफी लम्बे वक्त से किसी औरत के साथ प्रेम मिलन नहीं किया है। बाबा ने मां के होठ चूस-चूस कर पूरी लिपस्टिक खत्म कर दी। फिर बाबा ने मां को बेड पे बैठने को बोला और उनकी साड़ी खींच कर उतार दी। बाबा ने सफेद कुर्ता और सफेद धोती पहनी हुई थी।

उन्होंने अपनी धोती खोल कर जमीन पर फेंक दी और अपनी अंडरवियर उतार कर, अपना मोटा लंबा लंड मां के सामने कर दिया। उन्होंने मां को पीछे बालों से पकड़ा और उनके मुंह में अपना लंड ज़ोर से घुसा दिया। बाबा का लंड एक-दम सख्त कड़क और तगड़ा था।(maa ki chut chuai)

मां की तो जैसे सांस ही रुक गई थी। मां बाबा का पूरा लंड अपने मुंह में अंदर गले तक उतार चुकी थी। बाबा अपनी कमर हिला कर मां से मुख मैथुन का पूरा आनंद लेने में लगा हुआ था। मां भी बाबा का लंड पूरी ताकत से मसल रही थी, और बाबा का लंड आगे-पीछे करके जोर-जोर से हिला रही थी।

इतने में बाबा बोला कि: रेनू मेरी जान आज तेरे मुंह में अपना लंड डाल कर और इसको ऐसे चुसवा कर मुझे मेरी अतृप्त इच्छा पूरी होती हुई महसूस हो रही है।(maa ki chut chuai)

ये बात सुन कर मैं चौंक सा गया। मुझे लगा कि ये बाबा आखिर कौन सी अपनी ऐसी अधूरी रह गई इच्छा के बारे में बात कर रहा था?

फिर मां बोली: हां मेरी जान, मेरे पहले प्यार, मुझे तुम्हारा लंड और उससे निकलता तुम्हारा अमृत रस आज भी याद है मेरे अमित बाबू।

अब मेरी मां रेनू के मुंह से ये बात सुन कर तो जैसे मेरे पैरों से ही जमीन खिसक गई थी। मैं कुछ भी ठीक से समझ नहीं पा रहा था कि‌ आखिर ये हो क्या रहा था यहां? मेरी मां लंड चूस रही थी उस ढोंगी बाबा का, और नाम ले रही थी किसी अमित का! ये क्या चल रहा था आखिर दोनों के बीच में?(maa ki chut chuai)

इतने में फिर बाबा बोला

बाबा: हां मेरी रेखू, तेरे रस भरें नरम, मुलायम होठों का इस तरह से मेरे लंड पे गोल-गोल फिराना और मेरे लंड को तेरा इतने प्यार से और मजे ले लेकर चूसना, मुझे हमें हमारे पुराने दिनों की याद दिला रहा है।(maa ki chut chuai)

मैं इन दोनों के बीच में होने वाली हर बात से चौंके जा रहा था। मां तो बाबा से कुछ ही दिन पहले मिली थी, तो फिर ये बाबा कौन से पुराने दिनों की बात कर रहा था? और तो और मेरी सीधी-साधी संस्कारी सी मां, घर में शांति का हवन करवाने की जगह इस बाबा की हवस को शांत करने में क्यों लगी थी? ये इस बाबा को आखिर अमित करके क्यों बुला रही थी?

इन सभी बातों का खुलासा मैं इस कहानी के अगले भाग में करूंगा। तब तक के लिए दोस्तों मैं आप सब के मेल्स और कहानी के लिए आपकी राय और प्रतिक्रिया का इंतजार करूंगा। तो दोस्तों हम बहुत ही जल्दी इस कहानी के दूसरे और अंतिम भाग में मिलेंगे।(maa ki chut chuai)

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