हेलो दोस्तों मैं आदित्य, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “खेत में हगते हुए दो आदमियों ने पकड़ा और मेरी maa ki gand chut chodi” यह कहानी काशवी की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।
खेत सेक्स कहानी में हम गाँव में रहते थे. एक सुबह अँधेरे में मेरी माँ मुझे जगाकर खेतों में ले गयी और वहां हगने लगी. तभी दो आदमी वहां आये और हमें भगाने लगे.
हम लोग गांव में रहते हैं. पिता जी शहर में मजदूरी करते हैं. वे महीने में एक बार घर आते हैं.
यह खेत सेक्स कहानी एकदम असली है
उस वक्त मेरी उम्र 19 साल थी, मेरी मां की उम्र 37 साल थी पर वे बहुत ही सुंदर और गदराई हुई माल जैसी युवती लगती थीं.
मेरी मां थोड़ी भरी हुई हैं, उनकी गांड और चूचे बहुत बड़े बड़े हैं. maa ki gand chut chodi
हमारे गांव के घर में बाथरूम की कोई सुविधा नहीं है इसलिए हम सभी लोग संडास करने के लिए खेतों में जाते हैं.
गांव के सभी मर्द और जवान लड़के मां की मटकती हुई गांड और थिरकते हुए चूचे देख कर अपने लंड सहलाते हैं.
वे जब भी बाजार आदि जाती थीं, तब मैंने खुद कई बार देखा था कि सबकी नजरें मेरी मां की कातिल जवानी पर ही टिकी रहती थी.
एक दिन मेरी मां ने सुबह 5:00 बजे मुझे उठाया और वे बोलीं- मेरे साथ चल … मुझे संडास जाना है.
मैंने नहीं बोल दिया.
वे जबरदस्ती मुझको अपने साथ लेकर चल दीं.
हम दोनों एक खेत में गए.
अभी थोड़ा अंधेरा था.
मां बोलीं- तुझे भी करना है क्या?
मैं बोला- नहीं, मुझे अंधेरे में डर लग रहा है.
मां बोलीं- कोई बात नहीं, तू मेरे बाजू में खड़ा रह. मैं अभी फारिग हो जाती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है मां!
मां ने मेरे सामने अपनी चड्डी नीचे को खींची और बैठ गईं.
मैं अपनी मां के बहुत ही नजदीक खड़ा था. maa ki gand chut chodi
मां बोलीं- थोड़ा दूर को हो जाओ. तेरी वजह से मुझे संडास नहीं आ रही, सुबह होनी वाली है … इस खेत का मलिक आ जाएगा … साला वह बहुत हरामी है.
मैं बोला- नहीं मां, मैं और दूर नहीं जाऊंगा. मैं इधर ही खड़ा रहूँगा.
मां बोलीं- ठीक है!
मेरी नजर मां की गांड पर जा रही थीं. मैं उनकी गांड को ही देख रहा था.
मां बोलीं- ऐसे क्या देख रहा है?
मैं बोला- कुछ नहीं मां!
मां बात करते करते संडास की और थोड़ा आगे को सरक कर बैठ गईं.
मैं भी उनके साथ आगे को चला गया.
अब मां को मेरे सामने संडास करने में कोई दिक्कत नहीं आ रही थी.
मां बोलीं- तू मेरे साथ रोज आ सकता है!
मैं बोला- ठीक है मां … मैं आ जाऊंगा.
तभी बाजू के झाड़ में से आवाज आयी.
दो आदमी बात करते करते हमारी ओर ही आ रहे थे.
मां जल्दी जल्दी अपनी गांड धोने लगी थीं.
तभी वे लोग आ गए. maa ki gand chut chodi
मां उनको देख कर अपनी साड़ी से मुँह छुपा रही थीं.
एक आदमी ने कहा- यहां पर क्यों बैठी हो?
मां कुछ नहीं बोलीं.
एक आदमी ने कहा- तेरे को कितनी बार बोला कि यहां पर नहीं बैठने का!
मां उनसे अपनी गलती मानती हुई माफी मांग रही थीं और कह रही थीं कि आगे से यहां नहीं आऊंगी!
“तू हर बार यही कहती है और यहीं पर हगने आती है. इस बार तुझे नहीं छोड़ूँगा.”
मैं सब कुछ देख रहा था और कुछ नहीं बोला रहा था.
एक आदमी ने कहा- तू हमारे सामने अपनी गांड धो कर दिखा, हमें भी देखना है!
दूसरे ने जोर से कहा- धो साली!
मां डर गई और ‘ठीक है!’ कह कर अपनी गांड धोने लगी.
एक बोला- रुक, गांड हमारी तरफ कर!
मां उठ कर उन दोनों की तरफ गांड करके धोने लगीं.
मैं भी उन दोनों के बाजू में ही खड़ा था.
इसी वजह से हम तीनों की नजर गांड पर थी.
एक ने बोला- कितनी गोरी गांड है इसकी … देख साली का छेद भी गोरा है.
दूसरा आदमी बोला- हां यार … सच में इसकी तो गांड चाटने का मन कर रहा है.
वे दोनों हंसने लगे. maa ki gand chut chodi
मां को भी उनकी बात सुनकर हंसी आ गई थी.
उन्होंने अपनी गांड धोई और उठ कर चड्डी पहनने लगीं.
तभी एक आदमी ने मां को पीछे से पकड़ लिया.
मां बोलीं- यह क्या कर रहे हो!
वह बुदबुदाया- अभी कंट्रोल नहीं हो रहा है.
यह कह कर उसने मेरी मां की साड़ी ऊपर को उठायी और गांड को चाटने की कोशिश करने लगा.
मां ने उससे कुछ नहीं बोला और वे थोड़ी झुक गईं. इस वजह से उनकी गांड बाहर निकाल आई.
यह देख कर दूसरा आदमी आगे आया और वह मां के चूचो को मसलने लगा और उन्हें किस करने लगा.
ये सब देख कर मुझे भी कुछ फुरफुरी सी आने लगी थी.
वे दोनों जोश में आ गए थे.
सुबह का समय था तो सबकी प्यास जागी हुई थी.
वे दोनों मर्द मेरी मां की गांड और चूचे को मिल कर दाब रहे थे और चाट रहे थे.
मां भी मस्ती में आ गई थीं और वे जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी थीं.
मां को ध्यान ही नहीं था कि मैं भी सब कुछ देख रहा हूँ.
एक आदमी ने मां की साड़ी खींच कर हटा दी और उनका पेटीकोट ढीला करके निकाल दिया.
अब मां सिर्फ ब्लाउज और पैंटी में रह गई थीं. maa ki gand chut chodi
तभी मां की नजर मेरी तरफ गयी और उन्होंने घबरा कर वहां से हटने की कोशिश की.
पर उन दोनों आदमियों ने मां को भूखे कुत्तों की तरह दबोच लिया था.
मां बोलीं- मेरा बेटा देख रहा है, झोपड़ी के अन्दर चल कर करते हैं. उधर तुमको जो भी करना हो, वहीं पर कर लेना. मैं कुछ नहीं बोलूंगी!
आदमी ने बोला- ठीक है, चल झोपड़ी में तेरी भोसड़ी और गहरी करता हूँ.
एक ने मेरी मां को उधर ही पूरी नंगी कर दिया था.
मां वे सारे कपड़े एक साथ उठाए और आगे चलने को हुईं.
तभी एक ने मेरी मां की गोद में उठा लिया और वे तीनों झोपड़ी की तरफ चलने लगे.
मां मुझसे बोलीं- चल मेरे साथ.
हम चारों चलने लगे.
चलते वक्त उसने मां को नीचे खड़ा कर दिया और कंधे पर डाल लिया.
मैं बिल्कुल उसके पीछे चल रहा था.
मां और मैं, हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.
मां मुझसे बोलीं- बेटा, मेरी पीठ पर मोच आ गई है, इसलिए अंकल ने मुझको कंधे पर ले लिया है.
मैं बोला- हां ठीक है मां, पर अंकल ने आपको नंगा क्यों किया है?
मां बोलीं- वे मेरी मोच की मालिश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
मुझे बात करते समय मां हल्की सी कराह भी दीं- आह मर गई रे … बहुत दर्द हो रहा है.
वह आदमी उनकी गांड पर अपना हाथ सहलाता हुआ बोला- अभी सारा दर्द खत्म कर दूंगा.
इधर मैंने पूछा- क्या हुआ मां? maa ki gand chut chodi
वे बोलीं- कुछ नहीं बेटा, मेरी पीठ दुःख रही है.
मैंने जरा आगे जाकर देखा तो वह आदमी मेरी मां की गोरी गांड में तीन उंगलियां डालकर अन्दर बाहर कर रहा था.
मेरी मां की गांड बहुत गोरी है.
दूसरा आदमी बाजू में चलते हुए मां की गांड पर चमाट मारता चल रहा था.
मैंने उससे कहा- अंकल, आप मार क्यों रहे हैं मेरी मां के नीचे … उनकी वह जगह पूरी लाल हो गयी है!
उसने कहा- बेटा हम मार नहीं रहे हैं. मालिश कर रहे हैं. तुझे भी मालिश करनी है क्या अपनी मां की?
मैंने कहा- हां करनी है.
पर उसी वक्त मां ने मना कर दिया.
एक आदमी ने कहा- तू चुप रह रंडी … आज तेरी गांड की असली मालिश होगी.
एक ने कहा- बेटा तू अपना हाथ अपनी मां की गांड में डाल कर देख!
यह कह कर उसने मेरी मां के दोनों पैरों को फैलाया और बोला- चल डाल दे बेटा और अन्दर तक हाथ कर … तेरी मां को अच्छा लगेगा!
मैं अपनी पांचों उंगलियां मां की गांड के छेद में डालने लगा, मगर उंगलियां नहीं जा रही थीं.
तभी एक ने कहा- अबे आगे चल … पहले झोपड़ी में चलते हैं, उधर जाकर ही इसकी मालिश करते हैं.
कुछ ही मिनट बाद हम सब झोपड़ी में आ गए. maa ki gand chut chodi
वहां पर एक फटा हुआ सोफा पड़ा था. मेरी पूरी नंगी मां को उस पर बैठा दिया और दोनों अपनी अपनी पैंट खोलने लगे.
जल्दी ही उन दोनों ने अपने बड़े बड़े और मोटे मोटे लंड मां के सामने लहरा दिए.
उन्होंने मां से मुँह खोलने का कहा.
और जैसे ही मेरी मां ने अपना मुँह खोला, उन दोनों ने अपने अपने लंड मां के मुँह से लगा दिए.
वे दोनों अपने अपने लौड़े को चूसने को कहने लगे.
मां ने एक का लंड मुँह में ले लिया और वे उसके लौड़े को मेरे सामने चूसने लगीं.
दूसरे लौड़े को मेरी मां सहला रही थीं.
साथ ही वे मुझको देख कर हंस भी रही थीं.
मैं चुपचाप खड़ा था.
मां ने मुझको अपनी तरफ बुलाया और कहा- तुझे दूध पीने का मन है?
मैं बोला- हां मां.
उन्होंने मुझे अपने करीब बिठा लिया और एक स्तन का निप्पल मेरी तरफ करते हुए कहा- ले चूस … इसमें अभी दूध नहीं आता है. तुम अपने दोनों हाथों से दबाओगे तो शायद थोड़ा सा आ जाएगा.
वे उन दोनों के लंड चूस रही थीं और मैं अपनी मां की चूची को दबा दबा कर चूस रहा था.
कुछ मिनट बाद मां मुझसे बोलीं- अब तू जा, थोड़ा दूर होकर बैठ जा. तेरी मां की अब अच्छी तरह से मालिश होने वाली है.
मैं बोला- ठीक है मां!
वे दोनों मेरी मां की गांड के छेद और चूत का छेद बुरी तरह से चाट रहे थे.
मैं सब कुछ ध्यान से देख रहा था.
एक आदमी ने कहा- झांट और काँख के बाल इतने ज्यादा क्यों बढ़ा रखी हो? maa ki gand chut chodi
मां ने कहा- मेरे पति को मेरी झांट के बाल और काँख के बाल चाटना बहुत पसंद हैं, इसलिए वे मुझको काटने ही नहीं देते हैं.
तभी दूसरे आदमी ने कहा- हां, मुझे भी तेरी झांट के बाल पसंद आए … मैग्गी की तरह लग रहे हैं.
मां ने हंस कर कहा- मेरा रस भी मस्त है … पियोगे?
वह बोला- हां पिलाओ.
मां बोलीं- ठीक है, अभी पिलाती हूँ.
मां ने उससे नीचे लेटने का कहा और अपनी चूत को उसके मुँह में देती हुई बोलीं- अपनी पूरी जीभ अन्दर डाल कर चाटो.
उसने अपनी पूरी जीभ मेरी मां की चूत के अन्दर डाली और मां अपनी गांड उठाती हुई उसके मुँह में अपनी चूत ऊपर नीचे करने लगीं.
वे जोर जोर से और पूरे जोश के साथ चूत चटवा रही थीं.
उनके पीछे से गांड भी गजब की हिल रही थी.
दूसरे आदमी ने मां से कहा- थोड़ा आगे को झुक जा!
मां झुक गईं और उनकी गांड का छेद बाहर को आ गया.
दूसरे आदमी ने मां की गांड चाटना चालू कर दिया.
ये सब कुछ मेरे सामने हो रहा था.
मां बोलीं- अपना मुँह थोड़ा बड़ा कर, मैं तुझको अपनी मस्त चूत का रस पिलाती हूं.
यह कहती हुई मेरी मां उसके मुँह में झड़ गईं.
उनका सारा सफेद रस उस आदमी ने पी लिया और चूत चाटने लगा.
मां बोलीं- कैसा लगा रस? maa ki gand chut chodi
वह आदमी बोला- बिल्कुल अमृत की तरह!
मां बोलीं- तेरा नसीब है कि तुझे ये रस पीने को मिला.
मेरी मां हंसने लगीं और कहने लगीं- मेरे इसी रस को पीने के लिए बहुत से मर्द मेरे पीछे पड़ते हैं.
आदमी ने कहा- रस तो पी लिया … अब तेरी चूत और गांड का गड्डा बनाना बाकी है.
मां बोलीं- चल बना ले … तू भी क्या याद करेगा.
उन दोनों मर्दों ने एक दूसरे की तरफ देखा और आँखों ही आँखों कुछ इशारे से बात कर ली.
शायद वे दोनों मेरी मां को चोदने की पोजीशन सैट कर रहे थे.
एक आदमी लेट गया और बोला- चल रंडी … मेरे लंड पर बैठ जा और कूद!
मां उसके मोटे लंड को हाथ में लेती हुई उस पर अपनी चूत सैट करके बैठ गईं.
लंड को अन्दर लेते ही मां कराह कर बोलीं- उई मां मर गयी … बहुत बड़ा है … यह पूरा अन्दर नहीं जा पाएगा.
वह मां की कमर को पकड़ कर उन्हें लौड़े पर दबाता हुआ बोला- बैठ जा छिनाल … खा ले लौड़े को अपनी बुर में … और कूद बहन की लौड़ी.
मां कोशिश करने लगीं.
वे दर्द से चिल्ला रही थीं- आह साले … तेरा बहुत मोटा है मर गई आह कमीने कैसे चोदता होगा तू अपनी बीवी को … आह!
दूसरा आदमी बोला- जल्दी फंसा ले अपनी चूत … और चिल्ला चिल्ला कर कूद रंडी.
मां ने पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और कुछ ही देर बाद वे तेजी से लंड पर कूदने लगी थीं.
दूसरे ने कहा- यह रेडी हो गई और अब पीछे से इसकी गांड में भी पेल दे.
मां घबरा कर बोलीं- नहीं, मैं एक साथ दो नहीं ले पाऊँगी! maa ki gand chut chodi
वह बोला- अब तो लेना ही पड़ेगा. चाहे चूत फटे या गांड … आज तो तेरी सैंडविच चुदाई होकर रहेगी.
मां अपने हथियार डालती हुई बोलीं- ठीक है घुसेड़ मादरचोद बहनचोद … साले तेरी बीवी की भी कोई ऐसे ही लेगा.
यह सुन कर उस आदमी को गुस्सा आ गया और उसने बजाए गांड में लंड डालने के आगे आकर मेरी मां के मुँह में लंड दे दिया और गाली देते हुए बोला- चूस मां की लवड़ी.
शायद यह मेरी मां की तरकीब थी कि वे साथ दोनों छेदों में लंड लेने से बच गई थीं.
वे अब उसके मोटे लंड को चूस रही थीं.
पर उनकी यह ट्रिक काम नहीं करने वाली थी.
उधर नीचे से वे अपनी चूत में लंड भी ले रही थीं.
तभी आगे वाले ने कहा- जल्दी से पूरा गीला कर लंड को!
मां ने उसके लौड़े को अपने हलक तक लेकर उसे अपने थूक से बेहद लिसलिसा कर दिया.
उस आदमी ने लंड को मुँह से निकाला और मां के पीछे आकर मां की गांड पर चमाट मारता हुआ बोला- और झुक साली रंडी … तेरी गांड के छेद में लंड पेलना है.
वह मां की गांड में लौड़े को घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था.
उसने बहुत कोशिश की तब जाकर उसका लंड मां की गांड में अन्दर जा पाया.
मां को एक साथ दो लंड लेने में बहुत दर्द हो रहा था.
हालांकि मैंने देख रहा था कि वे उन दोनों से एक साथ चुदने के मजे भी ले रही थीं.
कुछ ही देर में दर्द की जगह मजा ने ले ली थी और मेरी मां के चेहरे पर अलग ही खुशी दिखने लगी थी.
वे दोनों बहुत तेजी से मेरी मां को दोनों तरफ से पेल रहे थे. उनकी गांड में लंड अन्दर जाता तो चूत से बाहर आ जाता … और जब चूत के अन्दर जाता तो गांड से बाहर आ जाता.
मां के दोनों छेद बड़े कसे हुए थे.
अन्दर से रस छूटने के कारण फ़च फ़च की आवाज आ रही थी.
उस झोपड़ी का माहौल एकदम रंगीन हो गया था.
वे तीनों मिल कर चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे. maa ki gand chut chodi
कुछ देर बाद मां बोलीं- गांड में आधा ही क्यों जा रहा है … पूरा पेल न!
वह बोला- हां मैं कोशिश तो कर रहा हूं, पर जा नहीं रहा.
उसी वक्त मां ने मुझे देखा और बोलीं- बेटा मेरी थोड़ी मदद कर देगा क्या?
मैं बोला- क्या करूँ.
‘इधर आ, मेरी गांड को तू अपनी उंगलियों से जरा फैला दे … तेरी मां को मालिश करवाने में अच्छा लगेगा. अंकल की नुन्नू थोड़ी बड़ी है, इसलिए अन्दर तक आराम नहीं मिल पा रहा है. प्लीज मदद कर दे.
मैं बोला- ठीक है.
मैं मां के पीछे गया और अपने दोनों हाथ से मां के दोनों चूतड़ों को जोर लगा कर फैला दिया.
मेरी मां की गांड मार रहे अंकल का पूरा लंड सटाक से पूरा अन्दर चला गया.
मां चिल्ला दीं- उई मां … मर गयी.
उसने अपने लौड़े को पूरा अन्दर पेल कर रखा.
कुछ देर के मां शांत हुईं और बोलीं- आह अब पूरा अन्दर गया, तब चैन मिला.
इस तरह से उन तीनों ने 30 मिनट तक खेत सेक्स का खेल दो बार चलाया.
मां और वे दोनों आदमी दो दो बार झड़ चुके थे.
मां बोलीं- अब सात बजने वाले हैं. अब बस करते हैं.
वे सब शांत होकर अलग हो गए.
मां- चल बेटा, घर चलते हैं.
‘ठीक है मां!’
‘अभी और दूध पीना है तुमको?’
मैं बोला- नहीं, मां बाद में! maa ki gand chut chodi
‘ठीक बेटा.’
मां उठकर बोलीं- मेरी चड्डी देख, कहां पर पड़ी है?
मैंने देखा, तो मुझे मा की चड्डी एक कोने में पड़ी मिली.
मां ने सारे कपड़े पहन कर साड़ी लपेटी और उन दोनों आदमियों की तरफ देखने लगीं.
उन दोनों ने भी अपने कपड़े पहने लिए थे.
फिर उन्होंने बारी बारी से मेरी मां को किस किया और चलने के समय एक ने मेरी मां के ब्लाउज में एक पाँच सौ का एक नोट घुसेड़ दिया.
मां ने वह मुझे दे दिया.
मां बोलीं- ले इन दोनों अंकल ने आज तेरी मां को बहुत पेला है. ये दोनों मादरचोद हैं.
यह कह कर मां हंसने लगीं.
मैंने ‘ठीक है मां’ कह कर पैसे रख लिए.
जाते वक्त एक ने मेरी मां की गांड पर एक ने अपनी हथेली मारी और बोला- एक बारी साड़ी ऊपर कर!
मां बोलीं- अब क्या हुआ?
‘कर न!’
मां ने ऊपर की, तो उसने मां की चड्डी को नीचे खिसकाया और चूम कर मुँह हटा लिया.
यह देख कर मां हंसने लगीं.
वे बोलीं- तुम्हें याद है कुछ? maa ki gand chut chodi
आदमी ने कहा- बिल्कुल याद है. कल इसी समय तू वापस इधर आएगी.
इस तरह से मुझे समझ में आ गया कि यह सब मेरी मां की पहले से सैट की हुई चाल थी.
अब मां और मैं घर वापस आने लगे थे.
मां बोलीं- यह सब किसी को मत बताना.
मैं- ठीक है माँ.
मां बोलीं- मैं हर बार किसी के साथ भी मालिश के लिए गयी, तो तुझको साथ ले जाऊंगी … हर बार तुझे दूध और थोड़ा मालिश करने को भी दूँगी.
मैंने खुश होकर कहा- ठीक है माँ.
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