बर्थडे पर 5 लंड से मम्मी का गैंगबैंग – mom gangbang chudai

हेलो दोस्तों, मेरा नाम रमन है। मैं आपसे एक सच्ची घटना शेयर कर रहा हूं। जो मेरे 21वें जन्मदिन पर घटा। जिसमें मेरे 4 दोस्तों ने मेरी मम्मी के साथ गैंगबैंग किया। मेरे चार जिगरी दोस्त हैं- जतिन, विवेक, नकुल और प्रभात। चारों मेरे से बहुत प्यार करते हैं। मैं दिन के कई घंटे इन सब के साथ ही बिताता हूं। हम चारों सेक्स के लिए पागल रहते हैं, और आपस में गंदी-गंदी बातें करते।

चारों अच्छे अमीर बाप की औलाद हैं, और दिखने में भी हैंडसम और लंबे चौड़े हैं।(mom gangbang chudai)

हर शनिवार को हम पांचो रात भर दारू पार्टी करते हैं। मेरे पापा रेलवे में सरकारी जाॅब करते हैं, तो वो सिर्फ त्यौहार के छुट्टियों पर ही घर आते हैं। घर पे मैं और मम्मी ही रहते हैं। मेरी मम्मी संस्कारी औरत है गांव वाली, और दिखने में एक-दम गोरी, चिकनी, रसीली है। वो स्लिम है, पर उसके बूब्स और गांड बड़े-बड़े बाहर उभार दिये रहते हैं।

वो साड़ी पहनती है तो उसके बूब्स की दरार ब्लाउज के अंदर से ही दिख जाती हैं, और बाहर आने के लिए बेताब रहते है। कमर एक-दम गोरी मक्खन जैसी हैं। मेरे मन में मम्मी के लिए बुरे खयाल तब से आने लगे, जब मैं नेट पर इंडियन आंटी की चुदाई वीडियो देखता। तब मम्मी की फिगर जहन में आ जाती। उसके बाद मैं जब-जब अपनी मम्मी को देखता, मेरा लंड इतना टाईट हो जाता, कि छुपते-छुपाते मां-बेटे की चुदाई कहानी पढ़ कर मुठ मार कर शांत करना पड़ता।(mom gangbang chudai)

अब आते हैं असली कहानी पर। बात है मेरे 23वें जन्मदिन के एक दिन पहले की। सारे दोस्तों ने मेरे जन्मदिन के लिए ढेर सारे पैसे जमा किये, और चारों ने मेरे जन्मदिन की पार्टी एक बड़े होटल में रखी। जब उन्होंने मेरे से ये बात कही, तो मैं खुश तो बहुत हुआ, पर मैंने बोला-

मैं: यार बड़ी बड़ी पार्टियां हम हर हफ्ते बाहर करते ही हैं। पर मेरी मम्मी गांव की सीधी-सादी औरत है, और हमेशा मायूस ही रहती है। तो मैं ये पार्टी अपने घर में रखना चाहता हूं, जिससे मम्मी का भी मन बहलेगा, और वो भी खुश होंगी‌। हमारा हाथ भी बंटायेगी। सब लोग मान भी गये।(mom gangbang chudai)

मैं घर आकर मम्मी से ये बात बोला तो वो भी खुश हो गयी। पापा बहुत स्ट्रिक्ट हैं। वो घर में पार्टी नहीं करने देते। मैंने मम्मी को बोला कि मेरे चार दोस्त भी आ रहे थे, तो मम्मी ने बोला-

मम्मी: मैं सब के लिए अच्छा-अच्छा खाना बना दूंगी। इसलिए चल बाजार चल के सामान खरीदवा देना।(mom gangbang chudai)

मैं मम्मी के साथ सामान खरीदने बाजार गया, तो सारे मर्द मम्मी की उभरी गांड और उनकी मटक वाली चाल देख कर लंड पकड़ लेते थे। पीछे आ रहे लड़के चुपके से उनकी गांड की फोटो और वीडियो ले रहे थे। पर साला पता नहीं मुझे बुरा लगने की जगह अच्छा लग रहा था, और मैं भी मम्मी के साथ सट कर चलता था। फिर सारे सामान की खरीदारी कर घर आ गये।

फिर सुबह-सुबह मेरी मम्मी जब मुझे उठाने आयी मेरे रूम में, उस समय मेरा लंड एक-दम टाइट था। पर फिर भी वो इग्नोर करके मुझे झुक कर उठाने लगी।(mom gangbang chudai)

मम्मी: उठो मिस्टर बर्थडे बाॅय।

मैं उठा तो देखा उनके बड़े-बड़े दोनों बूब्स मेरे सामने लटक रहे थे, जिसे देख कर मेरा 7 इंच का लंड पूरा सलामी देने लगा। मैंने जैसे-तैसे उठ कर उसे दबाया और नहाने चला गया। फिर दोनों ने मिल कर घर सजाया पार्टी की तैयारियां की। ये सब करते वक्त जब-जब मम्मी का पल्लू गिरा, मेरा लंड सलामी देन लगता। घर का डेकोरेशन करते-करते शाम हो गयी।

उसके बाद मैं तैयार होने लगा, और मैंने मम्मी को भी नये कपड़े पहनने को बोला। तो वो अच्छा ठीक बेटा कह के तैयार होने चली गई। तैयार होकर मैं अपने दोस्तों का इंतजार करने लगा। रात के आठ बजे चारों आ गये। सब की आवाज सुन कर मम्मी भी आयी देखने। मम्मी लाल चिकनी साड़ी और काली ब्लाउज पहनी हुई थी।(mom gangbang chudai)

मम्मी एक-दम बवाल लग रही थी जिसके सामने विद्या बालन भी फेल है। मैंने देखा मेरे चारों दोस्त नज़रें चुराते हुए मम्मी के मदहोश जिस्म को ही निहारे जा रहे थे। फिर मैंने केक काटा। चारों ने महंगे-महंगे गिफ्ट मुझे दिये, जिसे देख कर मम्मी बोली-

मम्मी: दोस्त हो तो ऐसे।

जतिन बोला: रमन हम चारों की जान है आंटी।(mom gangbang chudai)

मैंने पहले मम्मी को, फिर सब को केक खिलाया। वो चारों भी मम्मी को केक खिलाने लगे, और खिला कम, और उनके गाल गले पर ज्यादा लगा रहे थे। मम्मी चेहरे को धोने वाशरूम चली गई और बोली-

मम्मी: तुम लोग मजे करो, मैं सब के लिए खाना लेकर आती हूं।

जैसे ही मम्मी गयी मैंने बोला: क्या कर रहे थे तुम लोग, मैं सब समझ रहा था।(mom gangbang chudai)

विवेक: यार माफ करना, पर तुम्हारी मम्मी इतनी बवाल कसी हुई औरत है कि बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

मैं: तुम लोग एक दिन देखे तो तुम्हारा ये हाल है। मैं रोज देखता हूं, सोच मेरा क्या हाल होता होगा।

नकुल: यार अगर ये मिल गयी तो जन्नत भी कम पड़ जाए इतना मजा आएगा। यार रमन, आज हमें इस औरत को चोदने दे। बदले में तू जो बोलेगा।(mom gangbang chudai)

मैं: ठीक है, लेकिन अगली पार्टी तुम चारों के घर पर होगी।

सब मान गये और मम्मी को चोदने का प्लान बनाने लगे।

प्रभात: यार रमन, तेरी मम्मी कितने दिनों से चुदी नहीं है?

मैं: पापा 3 महीने पहले आये थे तो तब से नहीं चुदी।

नकुल: मतलब बस उसको गर्म करने की देरी है। मेरा लंड तुम सबसे बड़ा है। मैं एक काम करता हूं, रमन टायलेट कहां है?

मैं: किचन के सामने ही है।(mom gangbang chudai)

नकुल किचन से मम्मी की फोटो खींच कर टायलेट गया, और गेट खुला छोड़ कर अपना 9 इंच का लंड निकाला, और फोटो देख कर जोर-जोर से हिलाने लगा। जैसे ही मम्मी बाहर आयी, उनकी नजर नकुल के 9 इंच के मोटे लम्बे लंड पर पड़ी, तो वो चौंक गयी।‌ उनका रिएक्शन ऐसा था कि मानों क्या देख लिया।

आंखे और मुंह दोनों फटे रह गये, और चिल्ला कर बोली: ये क्या कर रहे हो?

हम सब भी वहीं छिप कर देख रहे थे।(mom gangbang chudai)

नकुल फोन में मम्मी की फोटो दिखाते हुए बोलाक: आंटी मैंने आपके जैसी इतनी सुंदर, इतनी हाॅट, और सेक्सी औरत कभी नहीं देखी। आपको देखते ही मेरा मन कन्ट्रोल से बाहर हो गया, और इसे कंट्रोल करने के लिए आपकी फोटो पर ही मुठ मारने लगा।

इतना सब वो अपना मोटा बड़ा लंड बाहर निकाल कर ही बोल रहा था। मम्मी का मन भी अंदर से बहक रहा था, क्योंकि वो धीरे से बोली-

मम्मी: अच्छा अंदर करो, और जाओ यहां से।(mom gangbang chudai)

फिर जैसे ही मम्मी हम लोगों के पास आने लगी, हम सब भी फट से रूम में गये, और वहीं करने लगे जो नकुल कर रहा था। वो आती है और जैसे ही देखती है हम चार भी अपना-अपना लंड बाहर निकाल कर हिला रहे थे, तो उनकी आंखे फटी रह गयी, और बोली-

मम्मी: तुम सब ये क्या कर रहे हो? कितने गंदे लोग हो! और रमन तुम भी।

मैंने बोला: मम्मी आप अप्सरा से भी सुंदर दिखती हो। जो कोई भी आपको देखता है मदहोश हो जाता है। आपके पास इतना खजाना होने के बाद भी मायूस रहती हो। आप हम सब को मौका दो, हम सब आपको इतने मजे देंगे कि आप हमेशा खुश रहोगी।

मम्मी का भी मन पांच बड़े-बड़े लंड देख कर मचल रहा था।(mom gangbang chudai)

पर वो बोली: नहीं ये गलत है।

मैंने बोला: हम 6 के अलावा किसी को कुछ नहीं पता चलेगा।

मम्मी की आंखे बता रही थी कि उन्हें कितनी जरूरत थी लंड की, और अब तो पांच-पांच मोटे बड़े लंड सामने थे। मम्मी ना-नुकुर करने लगी। इतने में ही नकुल पीछे से मम्मी को दबोच लेता है, और एक बार में ही मम्मी का ब्लाउज दो हिस्से में फाड़ देता है। मम्मी के दोनों बड़े-बड़े गोरे बूब्स आजाद थे। मम्मी नकुल को हटाने लगी, मगर उसकी पकड़ से हिल भी नहीं पा रही थी।(mom gangbang chudai)

हम चार भी पूरे नंगे होकर मम्मी को उठा कर बेडरूम में लेकर गये, और बेड पर पटक दिया। नकुल पीछे से मम्मी की बूब्स निचोड़ रहा था। विवेक मम्मी की दोनों टांगो को खोल कर उनकी चूत को जैसे ही चाटना शुरू किया, मम्मी की हल्की-हल्की सिसकियां शुरू हो गयी। प्रभात जतिन और मैं मम्मी के मुंह के पास लंड हिलाने लगा।

जब विवेक अपनी जीभ मम्मी की चूत में अंदर-बाहर करने लगा, तब मम्मी ढीली पड़ने लगी। मैंने और जतिन ने अपना लंड मम्मी के दोनों हाथों में पकड़ा दिया, और प्रभात मम्मी के उपर बैठ गया, और अपना लंड मम्मी के मुंह के पास रख दिया।(mom gangbang chudai)

विवेक अपनी दो उंगलियां मम्मी की चूत में जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा, तो मम्मी पूरी गर्म हो गयी, और अब तेज सिसकियां लेने लगी। साथ में वो हाथ में लिये मेरे और जतिन के लंड को हिलाने लगी। वो प्रभात का लंड भी मुंह में ले ली। अब मम्मी पूरा सपोर्ट दे रही थी, और अब मेरा, जतिन, और प्रभात का लंड बारी-बारी से चूसने लगी।

नकुल मम्मी के बूब्स को दबा-दबा कर लाल कर दिया था। विवेक ने अपना 8 इंच का लंड मम्मी की चूत पर रखा, और एक जोरदार धक्का दिया, और एक ही बार में 6 इंच अंदर चला गया। मम्मी इतनी दर्द भरी और इतनी मीठा आवाज आह निकाली कि हम सब को और जोश आ गया। मैं, जतिन, और प्रभात तीनों एक-एक राउंड मम्मी के मुंह में झड़ गये, और मम्मी ने तीनों का पानी मुंह में रखा और खोल‌कर दिखाई।(mom gangbang chudai)

उनका पूरा मुंह हम तीनों के वीर्य से उपर तक भर गया था। मम्मी एक बार में पूरा वीर्य पी गयी। अब नकुल भी अपना 9 इंच का लंड मम्मी के मुंह में दिया। मम्मी मुंह में ली तो नकुल का 5 इंच ही मम्मी के मुंह में गया। मैं मम्मी की बूब्स दबाने लगा, और विवेक लगातार 10 मिनट से मम्मी की चूत में झटके मारे जा रहा था। मम्मी के मुंह में बड़ा लंड होने के बाद भी उनकी दर्द भरी वो मदहोश आवाज पूरे घर में गूंज रही थी।

नकुल मम्मी के बालों की पकड़ कर उनके मुंह में ही तेजी से चोदने लगा। 5 मिनट बाद नकुल का 9 इंच लंबा लंड मम्मी के मुंह में झड़ा, तो उसके लंड से इतना वीर्य निकला कि मम्मी का पूरा मुंह फूल गया, और मुंह से टपक कर उनके बूब्स, उनके नाक, गाल, सब जगह लग गया। पर जो वीर्य मुंह में भरा था वो मम्मी पी गयी।(mom gangbang chudai)

लगभग 15 मिनट तक चूत चोदते हुए विवेक मम्मी की चूत में ही अंदर झड़ गया। सब लोग मम्मी की चुदाई के लिए इतना बेताब थे कि किसी को कंडोम का कोई ख्याल ही नहीं आया। अब प्रभात मम्मी को अपनी गोद में उठा कर पीछे से अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया, और जतिन मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया। वो दोनों जोरदार झटके लगाना शूरू हो गये।

मम्मी नीचे से दो लंड ले रही थी, और उपर मुंह में मेरा और विवेक का लंड एक साथ लेने लगी। पूरे घर में फच-फच की आवाज और मम्मी की आह आह की मदहोश आवाज गूंज रही थी। ऐसी जबरदस्त चुदाई चल रही थी कि पार्न भी फेल था। मम्मी प्रभात के गोद में बैठी थी दोनों टांगें ऊपर किये। गांड में और चूत में लंड भरी थी।

लगभग 10 मिनट के बाद जतिन भी चूत में झड़ गया, और प्रभात भी अपना लंड गांड से निकाल कर चूत में सारा माल गिरा दिया। अब बारी थी मेरी और 9 इंच वाले नकुल की। अब प्रभात, जतिन, और विवेक  का लंड मम्मी बारी-बारी से चूस रही थी, और नीचे मम्मी को मैं अपनी गोद में बिठा कर पीछे से गांड में लंड डाल दिया, और बूब्स निचोड़ने लगा। उसके बाद नकुल जैसे ही अपना लंड मम्मी की चूत पर रखा, मम्मी बोली-(mom gangbang chudai)

मम्मी: आराम से करना, सबसे बड़ा तुम्हारा है।

नकुल बोला: चिंता मत कर रंडी।

मेरी मम्मी को नकुल ने रंडी बोला तो मेरा मन और खुश हो गया। मैं भी मम्मी को रंडी बोलने लगा, और गांड पूरी‌ ताकत से चोदने लगा।

मम्मी बोली: फाड़ दे अपनी रंडी की गांड।

नकुल ने अपना लंड चूत पर रख कर जोर से एक झटका मारा, तो मम्मी उछल गयी, और एक‌ साथ 7 इंच लेली। क्योंकी सब का 7 था। मम्मी की आवाज घर से बाहर तक जाने लगी, पर हम सब पूरे जोश में थे। नकुल के दूसरे झटके से 9 इंच का पूरा लंड चूत में समा गया। नकुल के 20 मिनट तक जोरदार पूरे ताकत से चुदाई करने पर मम्मी की फुद्दी फट कर बाहर लटक गयी, और नकुल भी अपना सारा माल मम्मी के चूत में डाल दिया।(mom gangbang chudai)

अब बारी थी मेरी। मैंने मम्मी को सब से अलग किया और टेबल पर झुका कर घोड़ी बना कर चूत में चुदाई शुरू कर दी। मैं गंदी-गंदी गाली दे रहा था, और बाल पकड़ कर घुड़सवारी करने लगा। 15 मिनट में मैं भी मम्मी की चूत में झड़‌ गया और सारा माल अंदर डाल दिया। फिर सब लोग थक कर नंगे ही सो गये और अगले दिन सुबह होते ही चारों दोस्त कपड़े पहन कर जाने लगे।

तो मम्मी ने बोला: आते रहना।

फिर वो जरूर रंडी, साॅरी जरूर आंटी, कह कर हसते हुए चले गए। उस दिन से मम्मी को खाना बनाते समय, सोते समय, या जब भी मन करता है, मैं मम्मी की चुदाई करता हूं। या कभी मैं ज्यादा काम में व्यस्त रहता हूं तो वो खुद आकर मेरा लंड सहलाने लगती और बाहर निकाल कर चूस कर खड़ा कर देती। (mom gangbang chudai)

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