हेलो दोस्तों मेरा नाम आयुष है, और मेरी उम्र 29 साल है। और यह कहानी है मेरी और मेरी दूर की मौसी की, जो कि मेरे घर के पास अपनी फैमिली के साथ किराए पे रहती थी। उनका नाम मधु था। उनकी बॉडी का आकार 32-30-34, और दिखने में रंग गेहुआ है। उनकी कमर पर एक सेक्सी मास्सा है, जो कि मुझे चुदाई करते समय पता चला। तो चलिए शुरू करते है।
यह बात है आज से 3 साल पहले कोविड के समय दिसंबर की है, जब मौसा जी बाहर गए हुए थे, और मुझे घर का और मौसी का ख्याल रखने का बोल के गए हुए थे।(mosi ki chudai)
वैसे तो मैं मौसी को काफी समय से चोदने का सोच रहा था, पर कभी मौका नहीं मिला।
तो हुआ कुछ ऐसा कि मौसा जी जिस दिन जा रहे थे, तो उस दिन मुझे उनको रात मे रेलवे स्टेशन छोड़ने जाना था। तो मैं उनके घर मे रुक गया। उनके घर में 2 रूम थे, और एक किचन, और जो रूम थे, उनके बीच में एक चार इंची की दीवार थी, जिससे एक रूम की आवाज दूसरे रूम में सुनाई देती थी।
तो जब खाना खा कर थोड़ा आराम करने को बोले, तो मैं दूसरे रूम में और मौसा और मौसी दूसरे वाले रूम में चले गए। मैं अपने रूम में मोबाइल चला रहा था, तभी थोड़ी चुम्मा-चाटी वाली आवाज आनी स्टार्ट हुई। तो मैं समझ गया कि माहोल गर्म हो रहा था। पर उस दिन स्मूच से ज्यादा कुछ करने नहीं दिया मौसी ने। क्योंकि दूसरे रूम में मैं था, तो वह कंफर्टेबल नहीं थी।(mosi ki chudai)
अब जब रात को मैं मौसा को छोड़ के वापस आया तो मौसी ने साथ में रूम में सोने को बोला। अब रूम ज्यादा बड़े थे नहीं, तो गांव से बेड लेके नहीं आए थे। तो नीचे ही सोते थे। और आज भी नीचे बिस्तर लगा हुआ था।
रात बहुत हो गई थी तो मौसी को नींद आ रही थी, और वह जल्दी सो गई थी। उन्होंने एक डेली यूज्ड नॉर्मल सारी पहनी हुईं थी, जिसमें ब्लैक कलर का ब्लाउज था। वह मुझे साइड मे सोने का बोल कर फिर से लेट गई, पर मुझे तो नींद आ नहीं रही थी, और इससे अच्छा मौका दूसरी बार मिलने वाला नहीं था।(mosi ki chudai)
तो मैं हिम्मत करके अपनी टी-शर्ट निकाल कर बनियान और लोअर में लेट गया, और उनकी कमर पर हाथ रख के लेट गया। उन्होंने मेरा हाथ नहीं हटाया, तो फिर धीरे-धीरे मैं उनके और पास होकर लेट गया, और उनके करवट बदलने का इंतजार करने लगा।
कुछ समय के बाद जब करवट बदली, तो मुझे मौका मिला उनकी गांड में अपने हथियार को सहलाने की। जैसे ही मैंने अपने लंड को मौसी की गांड से टच किया, 6 इंच का लंड हरकत में आ गया। धीरे-धीरे मैंने उसे गांड पर घिसना चालू किया, तो मौसी बोली, “शांति से सो जाओ, यह क्या हरकते है?”(mosi ki chudai)
पर मैं नहीं माना और अपने काम में लगा रहा। फिर मौसी एक-दम से उठ के बैठ गई, और मुझे एक थप्पड़ लगा दिया, और चिल्लाने लगी। तो में भी उठा और उनको शांत करने के लिए उनको पकड़ के लिप्स पर किस करने लगा। वह छूटने की कोशिश करने लगी, पर मैंने अपनी पकड़ मजबूत बना रखी थी, और किस करने से थोड़ी वह भी रेडी हो गई थी।
मैंने फिर उनके बूब्स को दबाना चालू किया, और उनके गले को किस करते हुए लव बाइट दे दी। अब हम दोनों ही गर्म थे, तो धीरे-धीरे ओरल करते-करते 15 मिनट हो गए। फिर मैंने उनके ब्लाउस को निकाला, और सारी और पेटीकोट को निकाल फेंक दिया।
अब मौसी व्हाइट ब्रा और ब्राउन चड्डी में थी। फिर जल्दी से मैं अपनी बनियान और लोअर और चड्डी निकाल कर बिल्कुल निर्वस्त्र हो गया। मौसी मुझे देख बोलने लगी कि, “यह नीच के बाल साफ़ भी कर लिया करो।” तो मैंने बोला, “बाद में, अभी तो पास आओ।” और फिर उनकी ब्रा को उठा कर उनके बूब्स को चूसने लगा।(mosi ki chudai)
मौसी गर्म होते जा रही थी, तो वह मेरे लंड को हाथ में लेके ऊपर-नीचे करने लगी। फिर थोड़ी देर से अलग हुए और मौसी की चड्डी भी निकाल फेंकी, और नीचे लेट कर उनको उपर आने को बोला। उनको काफी अच्छा अनुभव था ऑनटॉप का, क्यूंकि मौसा जी मोटे है तो ऑनटॉप ही मौसी को पसंद है।
जैसे ही मौसी ने मेरा लंड सेट करके अपनी चूत पे लंड पर बैठी, और एक ही बार में लंड अंदर गया, तो मौसी थोड़ी सिसक उठी और रुक गई। फिर वो मुझे किस करने लगी। थोड़ी देर में मौसी ने अपनी कमर हिला-हिला चुदाई चालू की, और मैंने भी झटके लगाने स्टार्ट किए। मौसी की कामुक आवाज मेरा और जोश बड़ा रही थी, और जैसे-जैसे वह मेरे लंड पर उछल रही थी, उनके बूब्स भी जंप कर रहे थे।
जैसे ही मौसी को दर्द होता, वह मुझे किस करने लगती। अब ऐसा करते हमें 20 मिनट हो गए थे। फिर मैंने मौसी को नीचे उतरने को बोला, और फिर उन्हें नीचे लिटा कर एक टांग को अपने कंधे पर रख उनकी चूत में लंड डाल के धक्के लगाने लगा। अब मौसी को दर्द होने लगा, और 5 मिनट बाद मैं मौसी की चूत में ही झड़ गया।(mosi ki chudai)
फिर मैं उनके बाजू में ही लेट गया। मौसी उठी और स्पर्म को साफ किया, और लेट गई। थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लंड खड़ा हुआ तो मौसी लेटी हुई थी। तो मैं पीछे से लंड डाल कर चुदाई करने लगा। तभी मौसी ने मुझे रुकने बोला, और डोगी बनने के बाद उनकी डोगी स्टाइल में चुदाई की।
30 मिनिट के बाद दूसरा राउंड खतम हुआ, और फिर हम उठे और नहानी में जा कर साफ करने लगे। मेरा लंड फिर से तन गया तो इस बार मौसी ने हैण्ड-जॉब दी और किस करते हुए बाहर आ गई।(mosi ki chudai)
उसके बाद हम बात करते रहे थे तो उन्होंने पूछा कि, “इसके पहले कितनी बार सेक्स किया है?” तो मैंने बताया कि, “मेरी गर्लफ्रेंड के साथ और फिर आप दूसरी है। इसके बाद हम लेट गए और सुबह मैं उठा तो मौसी मेरे बगल में ही थी।
उनकी गांड मेरी तरफ थी। मेरा गांड देख फिर से मन हुआ पर मौसी ने माना कर दिया और मॉर्निंग किस के साथ ओरल करके उठने लगी। पर मैंने उन्हें एक और राउंड के लिए मना लिया। इस बार मैं मौसी को लिटा के, उनकी एक टांग को उनके कंधे तक ले जाके, उनके ऊपर आके धक्के लगाने लगा तेज-तेज जिससे मौसी को दर्द होने लगा और वह छोड़ने के लिए बोलने लगी।(mosi ki chudai)
पर मैं नहीं माना और चुदाई करता रहा। पूरा रूम पच-पच की आवाजों से गूंज रहा था। 20 मिनिट बाद मैं मौसी के ऊपर से अलग हुआ और उनको लिप्स पे किस करते हुए उनको काट दिया। और फिर हम थक कर सो गए।
सुबह उठा तो मौसी सीने पर सिर रख कर सोई हुई थी। तो मैंने उन्हें उठाया और किस किए। 5 मिनिट किस करने के बाद एक हैण्ड-जाब के साथ दिन की शुरुआत हुई और उसके बाद हम अपने-अपने काम में लग गए।
तो दोस्तों यह थी मेरी मौसी के साथ पहले सेक्स की दास्तान। इसके बाद मैं उन्हें जब टाइम मिलता है चोदता रहता हूं अपनी पत्नी की तरह। तो दोस्तों बताए कि दास्तान कैसी लगी आप लोगों को। इसके बाद मैं आप से और भी दास्तान शेयर करुंगा, कि कैसे और कब-कब कहां-कहां मौसी को चोदा।(mosi ki chudai)
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