मैं 35 वर्षीय शादी शुदा युवक नेपाल से हु। अपनी बीवी के साथ अपने माँ पिताजी के घर से थोड़ी दूरी पर रहता हूं।
मैंने अपनी पसंद की लड़की से शादी की थी और ये बात मेरे घर वालो को ठीक नही लगी, सास बहू की थोड़ी बहुत खीट पिट शुरू होने लगी तो कुछ दिनों बाद मै माँ पिताजी के घर से थोड़ा दूर अपनी बीवी के साथ किराये के मकान में अलग से रहने लगा।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं। ये बात करीब 10-11 साल पहले की है जब मैं 23-24 साल का था और मेरी शादी से साल भर पहले की बात है।
UP में कही मेरे मामा की शादी होनी थी तो मैं और माँ का जाना हुआ।(mosi ki chut chudai)
पिताजी का कुछ जरूरी काम की वजह से शादी से 1 रात पहले आने का तय हुआ और मैं और माँ शादी से 4 दिन पहले पहुच गए।
ये दिसंबर में ठंड के समय की बात है। हम तय समय से 5 दिन पहले गाँव पहुँच गए। क्योंकि शादी का घर था तो पहले से काफी भीड़ थी।(mosi ki chut chudai)
लेकिन हम परिवार से थे इसलिए हमारे रुकने की व्यवस्था घर की ऊपरी मंजिल में हुई थी। हमे तीसरी मंजिल के 1 हाल में ले जाया गया।
वहाँ लाइन से करीब 12-14 सिंगल बेड लगे थे। समान वहाँ रखने के बाद मा लेडीज़ मंडली के साथ व्यस्त हो गयी।(mosi ki chut chudai)
मैं भी फ्रेश होकर सीधा मामा से मिलने गया। मेरा और मामा का दोस्ती टाइप रिश्ता है। मैंने हालचाल लिया और कुछ इधर उधर की बाते करने लगा।
हम उत्तर भारत के 1 शहर में थे और मैंने अपने बचपन का कुछ वक्त यहाँ बिताया था तो 2-4 पुराने दोस्त थे।
शादी घर होने की वजह से सबको अलग अलग काम दिए गए थे। मुझे मेहमानों को स्टेशन से घर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
अगले दिन से मेरा काम शुरू हो गया। सबसे पहले मैंने अपनी मौसी को बस स्टॉप लेने गया। 1 बात ये बतानी थी ये मेरी सबसे छोटी सोनू मौसी है जिसने शादी नही करि थी।(mosi ki chut chudai)
3साल पहले तक वो ब यही इसी घर मे रहती थी लेकिन अब वो पास ही 30km दूर 1 शहर में सरकारी स्कूल में टीचर की जॉब पर है।
अभी वो लगभग 33 साल होगी। शायद पेशे से टीचर होने जी वजह से थोड़ा सख्त स्वभाव की थी।
उन्हीने शादी नही की है। अपनी जवानी को बड़े सम्हाल के रखा था उन्होंने। 33 की उम्र में भी वो 22 की लगती थी। थोड़ा सा साँवला रंग 5’3′ लंबाई फिगर लगभग 36 24 36 होगा।(mosi ki chut chudai)
ये मेरा अनुमान सिर्फ है। क्योंकि मैं अपने माँ बाप की इकलौती संतान हु इसलिए मौसी का बहुत लाडला हु।
घर लाने के बाद वो फ्रेश वगैरह होकर नीचे आये तब तक मैं अपने कामो से फ्री होकर बैठा था। उस दिन तक मेने मौसी के बारे में कुछ उल्टा सीधा नही सोचा था। खैर जो होना होता है वो हो ही जाता है।
कुछ देरी बाद मैं मौसी से मिलने गया तो मौसी किसी से फ़ोन पर गुस्से से बात कर रही थी।
उनका मूड कुछ ठीक नही लग रहा था इसलिए में उस टाइम उनके पास नही गया। लेकिन उन्होंने मुझे तिरछी आंखों से देख ली थी।(mosi ki chut chudai)
मैं वापिस अपनी जगह आ के बैठ गया। थोड़ी देर बाद वो मेरे पास आई और बोलने लगी कि कैसे हो विक्की मैंने कहा कि बस मौसी बैठा हु बोर होते हुए।
आप तो फ़ोन प बिजी हो इसलिए आपसे मिलने नही आया। आप बताओ कैसी हो?
फिर उन्होंने बताया कि ऑफिस में थोड़ी टेंशन चल रही है। इसलिए उनके सीनियर से थोड़ी बहस हो गयी थी। तो मैने कहा छोड़ो मौसी यहाँ आयी अभी मूड ठीक करो अपना।
फिर हम अपनी पुरानी बातों में खो गए।(mosi ki chut chudai)
थोड़ी देर में खाने के बाद सब सोने की तैयारी में लग गए। उस समय मौसी ने काले कलर का टाइट सलवार सूट पहनी थी जिसमे से ऊपर से उनके 32 की सुडौल दूध दिख रहे थे।
निचे लेगिंस थी जो एकदम चिपकी हुई थी जिससे उनकी जांघे और कहर ढा रही थी।
अब मेरे मन मे थोड़े ऐसे वेसे विचार आने लगे थे। मेरा सोने की व्यवस्था तो बाजू के दोस्त के घर की थी लेकिन मौसी की जवानी देख कर अपने सोने की सेटिंग घर मे ही कर लिया क्योंकि मेरा लंड मौसी को देख कर उनकी चूत की मांग करने लगा था।
जितने रिश्तेदार थे सबने अपनी व्यवस्था कर ली थी क्योंकि हमारा घर बहुत बड़ा और 4 मंजिल का था इसलिए सबकी व्यवस्था अच्छे से हो गयी।(mosi ki chut chudai)
मेरे दूसरे मौसा मौसी जो दिल्ली से आये थे उनके बच्चे और कुछ लोग और सोनू मौसी 1 बड़े से हाल में जहाँ सब लाइन से सोए थे।
फिर मैं कुछ काम मे व्यस्त हो गया। फ्री होने के बाद 11 बजे के आस पास मैं भी सोने के लिए जगह तलाशने लगा।
किस्मत से जहा मौसी लोग सोये थे वही मौसी के साइड में जगह खाली थी तो मैं चुप चाप कम्बल ओढ़ के लेट गया। मौसी तब तक तो चुकी थी।(mosi ki chut chudai)
मैं आज अपनी किस्मत पर खुश हो रहा था कि शायद मोसी की चूत मारने मिल जाये। थोड़ी देर बाद लाइट ऑफ हो गयी और मैं इन्तेजार करने लगा कि सब लोग कब सोये और मैं कोशिश शुरू करू।
कुछ देर बाद जब सब शांत हो गया तो मैने चारो ओर देखा एकदम अंधेरा था और सब ऊपर तक ओढ़ के सोये थे।
मैं थोड़ा खिसक के मौसी के साइड आ गया। मौसी आपनी 34-36 की गांड मेरी तरफ कर के सोई थी। मैं भी अपनी गांड उनकी गांड से थोड़ा सटा के सोने की एक्टिंग करने लगा।(mosi ki chut chudai)
वाह मुलायम मुलायम गांड जैसे ही मेरी गांड से मैने टच किया मेरा लंड तो 90° में सलामी देने लगा।
कुछ देर बाद थोड़ी हलचल हुई और मौसी पीठ के बल होकर सोने लगी मैं वैसा ही सोया रहा।
अब मेने भी करवट बदली और पीठ के बल सोने लगा। मेने देखा मौसी के दूध ऊपर नीचे हो रहे थे। अब मैं मोसी की तरफ करवट बदल के सोने लगा और अपनी 1 टाँग मोसी के ऊपर रख दिया।
वो शायद नींद से जाग चुकी थीं लेकिन मैं सोने का नाटक जारी रखा।(mosi ki chut chudai)
मेरे उनके ऊपर पैर रखने से वो जाग चुकी थी। क्योंकि उनकी और मेरी आँखें 1 बार मिल चुकी थी।
वो अब समझ चुकी थी कि मैं नाटक कर रहा हु। लेकिन डर की वजह से कुछ कर नही पा रहा। आखिर मेरी मोसी है वो। ये बात उनको महसूस हुई तो वो भी अब मेरी तरफ करवट बदल के लेट गयी।
अब हम दोनों काफी करीब आ चुके थे। दोनो को सिर्फ 1 रिश्ते की मर्यादा ने रोक रखा था। लेकिन कितनी देर रूकते। आखिर दोनो कुँवारे थे। अब उन्होंने अपना 1 हाथ मेरे कंधे में रख दी।
मेरी हिम्मत थोड़ी सी बढ़ गयी। मैने भी 1 हाथ उनकी कमर में रख के थोड़ा सहलाना शुरू कर दिया।
अब हम दोनों ने एक दूसरे को दूसरी बार देखा वो शर्मा गए और आंख बंद कर के दुबारा ऊपर तक कम्बल ओढ़ ली।(mosi ki chut chudai)
फूल ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद मैंने उनको अपनी तरफ खिंच कर अपने कम्बल में ले लिया।
मेने अपनी बाहों में जकड़ कर उनको होठो पर लगातार किस करने लगा। मेरा 1 हाथ उनकी कसी हुई गांड में और दूसरा उनके दूध को मसल रहा था।
वो दोनों हाथों से मेरी पीठ में अपने नाखून गड़ा रही थी।(mosi ki chut chudai)
मुझे लग भी रहा था लेकिन इससे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। किस करते करते अचानक ध्यान आया कि बाजू में और लोग भी सोये है।
मैंने तुरंत उनके मुंह पर हाथ रखा और उनके कान में कहा आवाज मत निकालो कंट्रोल में रहना है मौसी वरना पकड़े जाएंगे।
उन्होंने आँख खोल के इशारा किया तब चैन मिला। मैंने तुरंत चारो ओर नजर फिराया सब सो रहे थे।(mosi ki chut chudai)
फिर मैंने धीरे से नीचे आ गया उनके गरम गरम पेट पर हाथ फिराने लगा और थोड़ा सा नीचे हाथ लगाया सलवार को ऊपर कर के उनके गरम गरम पेट को चूमने लगा। वो कसमसा गयी।
अपने दोनों हाथों से मैं उनकी कड़क गाँड़ को लेगिंस के ऊपर से दबा रहा था। फिर धीरे से उनकी लेगिंस निचे करना चाहा लेकिन उन्होंने ने हाथ से रोक दी।
मैं सोचा ये क्या हो रहा है। मैंने उनकी गाँड़ को दबाना जारी रखा। अब मैं दुबारा उनकी चूत को ऊपर से दबाने लगा।(mosi ki chut chudai)
अब तक वो और मैं मस्त गरम हो चुके थे। और उनकी चूत गीली भी हो चुकी थी मुझे एहसास हो रहा था।
अब मैंने उनकी लेगिंस और पैंटी एक साथ थोड़ी नीचे सरक दी और पेहली बार उनकी झांटो से भरी कुवारी चूत मेरे हाथ मे आ गयी जो एकदम लिसलिसी हो चुकी थी।
मेने धीरे से 1 उंगली वहाँ डालने की कोशिश करि तो वो अपनी गांड उचका ली,(mosi ki chut chudai)
और मेरे बाल पकड़ कर ऊपर करि मेरे होठो को चूसने चूमने काटने लगी और जोर जोर से अपने दोनों हाथों से मेरा 8 इंच लौड़ा हिला लगी।
अब मैंने अपनी उंगली निकली,थोड़ा नीचे हुआ और 69 पोजीशन में आ गए तो अब मेरा लौड़ा उनके मु के पास था और मैं उनकी गीली गीली चूत की खुशबू ले रहा था।
मुजे पता ही नही लगा कब मेरी जीभ बाहर निकली और मैं उनकी मस्त कुवारी गीली गीली चूत को चाटने लगा।
मैं लगातार अपनी नाक और जीभ चुत में अंदर बाहर कर रहा था और वो मेरे लौड़े को बेरहमी से चुसे चाटे जा रही थी।(mosi ki chut chudai)
उनकी चुत से एकदम से बहुत सारा गाढ़ा गाढ़ा पानी निकलने लगा और उनके शरीर ने 3-4 झटके लिए मैं समझ गया वो झड़ चुकी है और वो मेरा लंड ओर जोर जोर से चूसने लगी।
4-6 बार की जोरदार चुसाई के बाद मेरा भी पानी निकलने लगा और उन्होंने मेरा पानी थोड़ा पी लिया और थोड़ा बहुत अपने चिकने गाल और नाक में लगा लिया।
अब मैं धीरे से वापिस अपनी जगह में आया और दुबारा हम एक दूसरे के होठो को पीने लगे। अब मौसी मेरी आँख से आँख मिला के देख रही थी।(mosi ki chut chudai)
उनकी आंखें बता रही थी वो थोड़ा संतुस्ट है 2 बार पानी निकलने के बाद। हम दोनों सिर्फ एक दूसरे को देख रहे थे। सिर्फ इशारो में बात हो रही थी।
वो अपना हाथ मेरी जीन्स में दुबारा डाल मेरा लौड़ा सहलना लगी। 1 बार झड़ने के बाद मेरा लौड़ा थोड़ा सा मुरझा गया था जो मौसी के हाथों में आने के बाद दुबारा कड़क होना चालू हो गया।
मैं भी पैंटी के अंदर 3 उंगली डाल कर अपनी मौसी की चूत दुबारा सहलाने लगा।(mosi ki chut chudai)
मैं उनके कड़क हो चुके दूध की चुचियो को बारी बारी चूसने में लग गया तभी मौसी मेरे लंड को अपनी चूत के ऊपर रगड़ने लगी और थोड़ा जोर लगाने लगी।
तभी मौसी ने अपनी गांड उचका कर थोड़ा आगे सरक गयी। जिससे लौड़ा थोड़ा अंदर सरक गया। दोनो के होंठ आपस मे चिपके हुए थे इसलिए मौसी की हल्की सी आवाज दब गई।
मौसी को दर्द तो नही हो रहा था लेकिन उनकी चूत मस्त कसी हुई थी।(mosi ki chut chudai)
फिर मैंने उनकी गाँड़ पे हाथ रख कर लंड को और घुसाया और लगभग पूरा ही घुसा दिया। अब मौसी मेरे होंठ काटने लगी थी उन्होंने मेरे कान में धीरे से कहा बहुत तेज दर्द हो रहा है थोड़ा रुक जाओ।
पिछले 40 मिनट में पहली बार उनके मु से कुछ निकला था। तो मैं 1 मिनट के लिए रुक गया।
और दुबारा उनके कान, गाल और होठ को बेतहाशा चूमने चाटने लगा। अब मैं दुबारा अपनी कमर को हरकत में लाने लगा था।
अब की बार वो खुद अपनी गाँड़ उठा कर लौड़ा अंदर करने की कोशिश कर रही थी। मैंने तुरंत बचा हुआ लौड़ा चूत की जड़ तक उतार दिया। उनके मुंह से सिसकारी निकल गयी।
मैंने तुरंत मुँह दबा दिया और स्पीड थोड़ी अधिक कर दी कर अब वो भी मेरा साथ दे रही थी।(mosi ki chut chudai)
2 मिनट की धकापेल के बाद वो 1 बार झड़ चुकी थी मैं भी बस आने वाला था इसलिए मैंने उनके कान में जा कर धीरे से पूछा मैं आने वाला हु अन्दर गिरा दु क्या तो वो बोली नही मेरे पेट मे गिरा देना।
मैंने कहा मैं बाहर निकालूंगा तो आप आने हाथ से गिरा देना। मैं 3-4 झटको के बाद अपना लौड़ा जैसे ही बाहर निकाला वो तुरंत अपने मुलायम हाथो से मुठ मारने लगी।
आह मजा आ गया। मैं किनारे लेट गया। अपने कपड़े ठीक किये हमने। उसके बाद थोड़ा नार्मल होकर घड़ी देखा तो रात के 3 बज रहे थे। मतलब 4 घंटे में 3 बार चुदाई सम्पन्न।(mosi ki chut chudai)
इसके बाद कब नींद आ गयी हम दोनों को नही पता। सुबेरे मैं 7 बजे उठा तो मौसी बाजू में नही थी। रूम में 2-3लोग ही सोये थे बाकी सब जा चुके थे।
मैं ब मु हाथ धो कर निचे गया तो सब चाय पी रहे थे। एक भाई ने मुझे चाय लाकर दी। लेकिन मेरी नजर तो मौसी को ढूंढ रही थी। तभी किनारे वाले कमरे से वो बाहर निकली।
पहली बार नजर मिली तो उन्होंने नजर फेर ली। मेरा तो दिल बैठ गया कि क्या हो गया। मैं तुरंत उनके पीछे हो लिया।
किस्मत से घर के पिछवाड़े में मौका मिल गया बात करने का। उन्होंने कहा कि सब लोग है घर मे इसलिए ज्यादा बात नही कर सकते।(mosi ki chut chudai)
मेरे दिल दिमाग को तसल्ली हुई। मेरे पास उनका मोबाइल नंबर था तो मैने टेक्स्ट मैसेज करना शुरू किया।
तुरंत उनका भी जवाब आ गया। मैंने सिर्फ 1 बात पूछी की कल जो भी हुआ वो आपको बुरा तो नही लगा।
उन्होंने सिर्फ 1 स्माइली भेजी हस्ती हुई। मेरी तो खुशी का ठिकाना न रहा। परमानेंट चूत जो मिल गयी थी।
अब मैं आराम से निश्चिन्त हो कर नहाने गया नाश्ता किया और आगे की चुदाई प्लानिंग करने लगा।(mosi ki chut chudai)
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