गांडफाड़ हादसा 5 – padosi uncle hot chudai xxx 

कहानी का चौथा भाग : padosi uncle hot chudai 

मेरी इस चुदाई के कहानी के पिछले भाग में अपने पढ़ा कि कैसे रतनेश जी और मैं हम दोनों ने दिन भर सेक्स किया, और फिर हम दोनों बाहर खाने के लिए चले गए, और कार में बैठ गए। अब आगे-

कार में बैठने के बाद मैंने उन्हें कहा-

मैं: जी आपको कुछ बताना है। (padosi uncle hot chudai xxx)

रतनेश जी: मुझे भी कुछ कहना है।

मैं: ठीक है आप पहले बोलिये।

रतनेश जी: मेरे दोस्त मुझे घर में पूजा रखने के लिये कह रहे हैं।

मैं: किस बात की पूजा? (padosi uncle hot chudai xxx)

रतनेश जी: मेरा घर जल गया इसलिये घर शान्ति की पूजा रखनी है।

मैं: हां, फिर ये तो अच्छी बात है। कहां करनी है पूजा?

रतनेश जी: तुम्हारे घर।

मैं: ठीक है। हम इसके बारे में बाद में बात करते है।

रतनेश जी: वैसे तुम क्या कहने वाली थी?

मैं: आपके लिये एक सरप्राइज है। (padosi uncle hot chudai xxx)

रतनेश जी: क्या सरप्राइज है?

मैं थोड़ी आगे झुक गई और उनके कानों में धीरे से बोली, “मैंने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी है” ये सुन कर उनकी आंखें बड़ी हो गई और वो चौंक गए।

रतनेश जी: सच में!

मैं: हां बाबा। मैंने साड़ी और ब्लाऊज के अलावा अन्दर कुछ नहीं पहना है। (padosi uncle hot chudai xxx)

रतनेश जी: ओह जिया! इसलिये तुम मुझे अच्छी लगती हो।

ये कह कर रतनेश जी ने कार चालू की, और हम होटल में जाने के लिये निकल गए।

हम एक 5 स्टार होटल में आ गए। रतनेश जी ने गाड़ी होटल के पार्किंग लॉट में पार्क कर दी, और मैं गाड़ी से निकलने वाली थी कि रतनेश जी ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे रोक लिया।

रतनेश जी: कहा जा रही हो? अपने पति का लंड तो शांत करो। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैंने उनकी पैंट के तरफ देखा तो उनका लंड बाहर आने के लिये तरस रहा था।

मैं: जी हां, अभी शांत करती हूं।

मैंने जल्दी से उनका लंड बाहर निकाला और अपना ब्लाऊज उतार दिया।

रतनेश जी मेरे बूब्स को दबाने लगे, और मैं उनका लंड हाथ में लेके हिलाने लगी। रतनेश जी से और रहा नहीं गया। फिर उन्होनें मेरे बाल पकड़े, और खींच के मुझे अपना लंड चुसवाया। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैं मस्त होकर लंड चूस रही थी, और रतनेश जी भी आंखें बंद करके लंड चुसवाने का मजा ले रहे थे।

करीब 15 मिनट बाद वो मेरे मुंह में झड़ गए, और मैं एक अच्छी पत्नी की तरह वो सारा माल पी गई।

फिर रतनेश जी ने अपना लंड पैंट के अन्दर डाल दिया, और मैंने भी अपना ब्लाऊज पहन लिया, (padosi uncle hot chudai xxx)

और रुमाल से थोड़ा वीर्य जो मेरे चेहरे पर लगा था, उसे पोंछ लिया। बस जरा सी लिपस्टिक फिर से लगा ली, और मैं गाड़ी के बाहर आ गई।

हम दोनों होटल के अंदर गए और खाना मंगाया। खाना बहुत अच्छा था।

रतनेश जी और मैं इधर-उधर की बातें कर रहे थे। लेकिन बार-बार रतनेश जी मेरे बूब्स को घूर रहे थे। मुझे ये देख कर बहुत मजा आ रहा था। तभी मैंने एक शरारत की। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैंने जान बूझ कर थोड़ी सी चटनी मेरे बूब्स पर गिरा दी। रतनेश जी ने जल्दी से टिशू दिया तो मैंने मना कर दिया।

फिर मैंने पहले आस-पास देखा कि कोई देख तो नहीं रहा था। फिर मेरी उंगली से बूब्स पर लगी हुई चटनी ली, और रतनेश जी को उसे चाटने बोली। उन्होनें बिना किसी देरी के मेरी उंगली चाटी।

मैं: बस अब तो खुश हो गए? कब से मेरे बूब्स को घूर रहे थे आप। (padosi uncle hot chudai xxx)

रतनेश जी: क्या करूं, वो है ही इतने सुंदर कि नज़र ही नहीं हट रही मेरी।

मैं: अरे वो तोह आपके ही है, घर जाने के बाद खेल‌ लेना मन भर कर उनके साथ।

रतनेश जी और मैं इस बात पर हसने लगे। फिर मैं वाशरूम जाने के लिये उठ गई। मैं वाशरूम में अपने बूब्स साफ करने गई थी।

वाशरूम के बाहर आते ही होटल का मैनेजर मुझे देख रहा था। मैं उसे अनदेखा कर दिया और फिर से अपने टेबल पर जा रही थी कि उसने मुझे बुलाया। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैनेजर: मैडम! रुकिये।

मैं पीछे मुड़ी और उसे इशारों से पूछा “क्या मैं?” तोह उसने हां में सर हिलाया और मैं उसके पास गई।

मैं: जी, क्या हुआ?

मैनेजर: मैडम आप मार्किट में नई आई हो? (padosi uncle hot chudai xxx)

मैं: क्या मतलब?

मैनेजर: अरे क्या आप भी नाटक कर रही है। चलो मैं ही काम की बात करता हूं। आप कितना लेती हो?

मैं: जी, मैं कुछ समझी नहीं? (padosi uncle hot chudai xxx)

मैनेजर: ओह! मेरे ही मुंह से सुनना चाहती हो? ठीक है। कितने पैसे लेती हो एक टाईम का?

मैं ये सुन कर हैरान रह गई कि ये आदमी मुझे रंडी समझ बैठा था।

मैं: छी-छी, मैं वैसी औरत नही हूं।

मैनेजर: अरे क्यों नाटक कर रही हो? तुम जो बोलोगी वो रकम तुम्हें दूंगा। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैं: जी आपको गलत फहमी हो गई है।

मैनेजर: अच्छा तो तू उस बूढ़े के साथ क्या इधर नाटक करने आई है?

मैं: जी वो मेरे पति है। तमीज़ से बात करिये।

मैंने उसे मेरे गले का मंगलसूत्र भी दिखा दिया। वो थोड़ा शांत हो गया। फिर वो बोला-

मैनेजर: सॉरी मैडम आपको कुछ और समझ बैठा। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैं: ठीक है लेकिन आइंदा से याद रखना।

मैनेजर: जी मैडम, सॉरी।

मैं आगे बढ़ ही रही थी कि उसने कुछ ऐसा कहा जिससे मेरी धड़कन थम गई।

मैनेजर: मैडम सिर्फ लंड तोह चूस लो!

मैं: क्या कहा, रुको अभी मेरे पति को बुलाती हूं। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैनेजर: रुको मैडम, जरा ये तो देख लो।

उसने अपने मोबाइल में एक वीडियो चलाई। मैं वो वीडियो देख कर ठंडी पड़ गई। वो पार्किंग लोट की सी.सी.टी.वी. फूटेज थी, जिसमे मैं रतनेश जी का लंड चूस रही थी, ऐसा साफ दिख रहा था।

मैं: देखो ये बहुत गलत बात है। तुम ऐसा नहीं कर सकते।

मैनेजर: कुछ गलत नहीं है। मैं ये वीडियो इंटरनेट पर डाल दूंगा, और तुम्हें तो मालूम है एक बार कोई चीज इंटरनेट पर गई तो वो हमेशा के लिए वहीं रहती है। (padosi uncle hot chudai xxx)

मैं: देखो तुम ऐसा नहीं कर सकते।

मैनेजर: अरे मैं तोह तुम्हें चोदने वाला था। मगर तुम शादी-शुदा हो, इसलिये तुम्हें बस लंड चूसने कह रहा हूं।

मैं अब कुछ सोच नहीं पा रही थी। मैंने अखिर में मैनेजर की बात मानने का फैंसला किया, और सोचा कि इसे बाद में मजा चखाती हूं। बस वो वीडियो डिलीट हो जाए एक बार।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले भाग में पता चलेगा। (padosi uncle hot chudai xxx)

कहानी का छठा भाग : xxx hot padosi uncle chudai

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