कहानी का सातवां भाग : xxx padosi uncle hot chudai
देसी हिंदी सेक्स कहानी के अगले भाग में आपका स्वागत है:-
मैं: अरे इसका लंड कितना छोटा है! हा हा हा हा हा।
मैनेजर मेरी तरफ गुस्से से देख रहा था। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैं: क्या हुआ, कुत्ते को गुस्सा आया? चल मेरी चप्पल निकाल और उसे चाट।
मैनेजर ने चुप-चाप वैसा ही किया।
मैं: मेरे पैरों पर नाक रगड़ कर माफी की भीख मांग।
मैनेजर: प्लीज मुझे माफ कर दीजिये।
मैं: ऐसे नहीं, थोड़ी और कोशिश करो। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैनेजर: मैं आपके सामने माफी की भीख मांगता हूं। मुझ जैसे कुत्ते को प्लीज माफ कर दीजीये।
मैंने उसके गले का पट्टा पकड़ा, और उसे खींच कर दरवाजे की तरफ ले गई, और वो पट्टा दरवाजे को बांध दिया।
मैं: सुन कुत्ते, दरवाजे की रखवाली कर।
मैनेजर: जी मालकिन।
मैं: रतनेश जी आप यहां आइये। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी मेरे सामने आ कर खड़े हो गए।
रतनेश जी: ये सब क्या कर रही हो?
मैं: अरे इन जैसे लोगों को ऐसे ही सबक सिखाना चाहिये।
मैं फिर अपने घुटनों पर बैठ गई, और रतनेश जी का लंड पैंट में से निकाला, और उसे हिलाने लगी।
रतनेश जी: अरे ये क्या कर रही हो? वो भी उस मैनेजर के सामने?
मैं: आप डरिये मत, बस मेरा साथ दीजीये। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैंने रतनेश जी का लंड चूसना शुरु कर दिया और बीच-बीच में मैनेजर की तरफ देख रही थी। मैनेजर शर्म से मुंडी झुका कर बैठा था। ये देख कर मुझे बहुत सुकून मिला।
मैं (रतनेश जी का लंड हिलाते हुए): ये देख कुत्ते, इसे कहते है असली लंड, असली मर्द, समझा क्या?
मैनेजर ने हां मे सिर हिलाया। मैनेजर की आंखों से आंसू बह रहे थे, और उसकी इस हालत का मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैंने रतनेश जी का लंड कुछ देर और चूसा। फिर वो मेरे मुंह में झड़ गए, और मैं उनका सारा माल पी गई। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी: चलो अब चलते हैं।
मैं: जी आप आगे बढ़िये, मैं आती हूं।
रतनेश जी केबिन के बाहर गए, और मैं मैनेजर के पास गई।
मैं: अब समझे मेरी क्या औकात है? (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैनेजर: जी मालकिन।
मैं: अब तुझे तो मैं बर्बाद करके ही छोडूंगी।
मैनेजर: प्लीज ऐसा मत कीजिये, मेरा घर-परिवार है।
मैं: ये पहले सोचना चाहिए था।
और मैं सीधा केबिन के बाहर चली गई, और मैनेजर वहां अंदर रो रहा था। मैं रतनेश जी के पास गई, और उन्हें उस मैनेजर की पुलिस में शिकायत दर्ज कराने बोली। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी: उसकी चिंता मत करो, पुलिस कमिशनर मुझे अच्छे से जानते हैं। मैंने सीधे उन्हें फ़ोन किया है। अब वो मैनेजर लंबा फस गया।
फिर हम उस होटल से सीधा बाहर निकल गए और घर चले गए। मैंने रास्ते में जाते-जाते रतनेश जी का लंड फिरसे चूसा।
हम घर करीब डेढ़ बजे तक पहुंच गए। घर पहुंचने के बाद हम फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गए। हम दोनों ने एक साथ शॉवर किया। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैं पहली बार किसी के साथ नहां रही थी। मुझे बहुत मजा आया। हम दोनों ने एक-दूसरे को अच्छे से साबुन लगा कर साफ किया।
अगर आप सोच रहे हो के हमने फिरसे सेक्स किया कि नहीं, तो मैं ये बता दूं, कि नहीं। हम दोनो ने शॉवर सेक्स नहीं किया। वो किसी और दिन हुआ।
हम दोनों शॉवर के बाद बाथरुम से बाहर आ गए। हम दोनों ने तौलिया लपेटा था, और हम दोनों लिविंग रूम में सोफा पर बैठ गए, और टी.वी. चालू किया। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैं भीगे बालों में बहुत हॉट दिख रही थी, और रतनेश जी की नज़र मुझ पर ही थी।
मैं: क्या हुआ जी, ऐसे क्या देख रहे हो?
रतनेश जी: तुम बहुत हॉट लग रही हो। वैसे तुम्हें ऐसा नहीं लगता कि ये पहले भी हुआ है? कुछ याद आया?
मैं: नहीं। मैं कुछ समझी नहीं। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी: याद करो वो रात जब हमने हद पार कर दी थी।
रतनेश जी उस रात की बात कर रहे थे, जिस रात हम दोनों ने पहली बार सेक्स किया।
मैं: अरे हां! वो मैं कैसे भूल सकती हूं? आखिर उस एक रात के हादसे ने मेरी जिंदगी जो बदल दी। (padosi uncle xxx sexy chudai)
हमने कुछ देर और बात की और फिर टी.वी. पर भी कुछ खास लगा नहीं था, तो मैंने टी.वी. बंद कर दी।
रतनेश जी: अरे तुमने पूजा के बारे में कुछ कहा नहीं?
मैं: जी मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है, आप रखिये पूजा इस घर में। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी: थैंक्स जिया। मैं कल ही मुहूर्त निकालता हूं।
मैं: क्या आप भी थैंक्स कह रहे हैं। हम कल सारा पूजा का सामान ले आते हैं।
रतनेश जी: ठीक है।
फिर हमने टाईम देखा तो बहुत रात हो गई थी। तो हम सोने चले गए। हम दोनों एक बिस्तर पर नंगे बदन ही सो गए जैसे कि हम सच में कोई पति-पत्नी थे। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैंने महसूस किया कि रतनेश जी का लंड एक-दम कड़क हो गया था। लेकिन रतनेश जी कुछ कह नहीं रहे थे।
मैं: अपका लंड इतना कड़क हो गया है, लेकिन मुझे आप मुझे चोद क्यों नहीं रहे?
रतनेश जी: देखो तुम बहुत थक गई हो। तुम्हें चोदूंगा तो तुम्हारी हालत खराब हो जाएगी। (padosi uncle xxx sexy chudai)
मैं: ओ मेरे प्यारे पति देव, आप मेरी कितनी चिंता करते है।
रतनेश जी मुस्कुरा उठे और मुझसे एक-दम चिपक कर सो गए।
अगले दिन की सुबह:-
मैं अब भी सोई हुई थी कि मुझे मेरे चेहरे पर कुछ महसूस हुआ। मैंने अपनी आंखें खोली तो देखा कि रतनेश जी अपना लंड मेरे चेहरे पर सहला रहे थे, और उनके चेहरे पर मुस्कान थी। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी: उठ गई मेरी डार्लिंग? ये लंड तुम्हारे चेहरे पर कितना अच्छा लग रहा है।
मैं समझ गई कि उनको क्या चाहिए था, और मैंने खुशी से उनका लंड चूसना शुरु कर दिया।
रतनेश जी: वाह, बिना बोले ही समझ गई।
मैं लंड चूसती रही और कुछ देर बाद रतनेश जी झड़ गए। उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरे चेहरे पर छोड़ दिया।
मैं: गुड़ मॉर्निंग मेरी जान। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी: गुड़ मॉर्निंग, चलो अब नाश्ता करना है ना?
मैं उठी और घुटनों के बल बैठ गई (डॉगी स्टाइल पोस में)
मैं: पहले आप अपना नाश्ता कर लीजिये। (padosi uncle xxx sexy chudai)
रतनेश जी जल्दी से मेरी चूत चाटने लगे। मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ रहा था। रतनेश जी अपनी ज़ुबान मेरी चूत पर इतने अच्छे से चला रहे थे,
कि मैं तो कांपने लगी। कुछ ही देर में मैं इतने जोर से झड़ गई, कि मैं बेड़ पर फिर से लेट गई और मेरी टांगें कांप रही थी। मेरी ये सही मायने में दिन की अच्छी शुरुवात थी।
रतनेश जी मुझे इतने जोर से झड़ता हुआ देख खुद शॉक हो गए। उनका लंड फिरसे खड़ा हो गया था। वो मेरी चूत में अपना लंड डालने ही वाले थे, कि दरवाज़े की घंटी बजी।
जिया के रंग में भंग डाल कर और किसकी एंट्री हुई? यहां से मुश्किलें बढ़ी या और रोमांच आ गया? ये सब जानिए इस देसी हिंदी सेक्स कहानी के अगले भाग में। (padosi uncle xxx sexy chudai)
कहानी का नौवां भाग : sexy chudai padosi uncle xxx
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