पंजाब की सरदारनियां 1 – punjabi sex story

यह कहानी चूंकि पंजाब में घटित घटनाओं पर आधारित है, तो इसलिए इसमें कहीं-कहीं पर पंजाबी भाषा की छाप भी देखने को मिलेगी। तो बिना आपका समय गंवाए मैं कहानी शुरू करती हूं।

कहानी शुरू होती है पंजाब के मालवा क्षेत्र से जिसमें एक जिला है,‌”फरीदकोट”।

फरीदकोट के नजदीक एक गांव लाखिया कोट में रहता एक ज़मीदारों का परिवार, जिनके पास 15 एकड़ जमीन है।

घर में सरदार बलबीर सिंह 54 साल की उम्र में भी खेतीबाड़ी करते है।(punjabi sex story)

3-4 बार गांव की पंचायत में मेंबर और साथ ग्रामीण सोसाइटी के प्रधान के पद पर रहने की वज़ह से गांव में उनका काफी रसूख था। कमी तो बस एक जब शराब दिखती तो फिर काबू ना रख पाते और इतनी पीते सुध-बुद्ध खो बैठते।

सरदारनी मनजीत कौर, 50 साल, गोरा रंग 5’8″ की कद काठी के साथ 73 किलो भार। एक भरे जिस्म की मालकिन पंजाबन जो हमेशा अपने बाजुओं में चूड़ियां और पैरों में पायल पहने रखती थी।

बेटी जसनीत कौर, 25 की, गोरे रंग की मालिक जिसने अपनी जवानी में पैर रख दिया था, पर अब तक कोई भी भौंरा इस फूल का रस नहीं चख पाया था।(punjabi sex story)

5’7″ कद और 68 किलो भार के सुडौल भरे बदन की मालकिन जसनीत को देख कर मुर्दे भी उठ खड़े होते थे। डिग्री करने के बाद अब जसनीत किसी नौकरी की तलाश में थीं।

हरमन सिंह, 20 साल का बेटा, जो अभी 12th में पढ़ रहा था, और साथ ही खेती-बाड़ी में भी पिता के साथ हाथ बंटाया करता।

मार्च महीने की एक सुबह 11-11:15 बजे फोन की रिंग बजती है, तो उसे जसनीत उठाती हुई कान से लगाती है.(punjabi sex story)

“हैलो”।

“हैलो जी, जसनीत जी से बात हो रही है मेरी?”

सामने से एक फीमेल की आवाज़ आई।

“जी बोल रही हां, आप कौन?”

“जसनीत जी मैं ICEI बैंक से बात कर रहीं हां, तुसी जॉब के लिए आवेदन दिया सी?”

“हां जी मैंने किया सी, काफी समय हो गया।”(punjabi sex story)

“हां, तो आप अपना रेज़्यूमे और डॉक्यूमेंट लेके आ सकती है अभी?”

“अभी, हांजी मैं आ जाती हूं।”

“ठीक है, आ जाइए”, कहते हुए बैंक कर्मचारी ने फोन रख दिया।

जसनीत जल्दी से तैयार होने लग गई। नहाई तो सुबह थी ही, पर गर्मी के कारण एक बार फिर जल्दी से नहा कर लाइट गुलाबी रंग का कमीज़ पलाज़ो पहन कर तैयार हो गई।(punjabi sex story)

“किथे (कहां) जा रही‌ है जसनीत”, मनजीत  जसनीत को तैयार होते देख पूछने लगी।

“मम्मी बैंक वाले का फोन सी, मेरी इंटरव्यू है आज नौकरी दे लिए”, जैस्मीन ने कमर तक आते काले बालों की पोनी करते हुए कहा, और फिर सिर पर चुन्नी लेके अपने डॉक्यूमेंट उठा कर स्कूटी पर जाने के लिए तैयार थी।

“बाबा फरीद माथा टेक के जाना जाती होई”, मनजीत ने जसनीत को कहा।(punjabi sex story)

जसनीत ने हां में सिर हिला के ज़वाब दिया और चल पड़ी।

मां के कहे मुताबिक बाबा फरीद माथा टेक जसनीत ICEI बैंक के बाहर स्कूटी पार्क करके अंदर चली गई।

पहले ही काउन्टर पर बैठी एक फीमेल कर्मचारी से पूछ कर वो बैंक मैनेजर के रूम की तरफ चली गई।

“में आई कम इन सर”, जसनीत ने दरवाजा खोलते हुए पूछा।(punjabi sex story)

जसनीत की आवाज़ सुन कर बैंक मैनेजर ने दरवाजे की तरफ देखा तो जैसे वह सुन्न सा हो गया।

संतोष लाल, 40 साल, काला रंग, 5’9” कद, 83 किलो भार के साथ पेट थोड़ा बाहर को निकला हुआ बैंक मैनेजर।

संतोष लाल का अपनी पत्नी के साथ तलाक हो चुका था, और फिर उसने शादी नहीं की, और ना ही करने जरुरत पड़ी। उत्तर प्रदेश का रहने वाला था, पर हाल ही में उसकी बदली पंजाब में की गयी थी।(punjabi sex story)

पहले भी वो पंजाब में रह चुका था, और यहां पर हर तरह का स्वाद वो ले चुका था।

“हां-हां, आ जाओ”, संतोष लाल अपने हाथ में ली फाइल टेबल पर रख कर जसनीत को आते हुए देखने लगा।

जसनीत ने अपने डॉक्यूमेंट टेबल पर रखे, और संतोष के इशारा करने पर कुर्सी पर बैठ गयी।(punjabi sex story)

अब तक जसनीत का रेज़्यूमे संतोष के हाथो में था, और वो उसे बस ऐसे ही देख रहा था। नज़रे तो उसकी कहीं और ही थी।

“तो जसनीत कौर, आप ग्रेजुएट है, और मैथ्स के साथ, वाह! मतलब आपका हिसाब-किताब अच्छा है”, संतोष ने रेज़्यूमे एक तरफ करके पूछा।

“हां सर, मेरा मतलब मेरी स्कूल मेडम ने मुझे इसके लिए उत्साहित किया”, जसनीत ने हिचकिचाती हुई ने जवाब दिया।

“आहा’, वो मुझे इस फोरम को हल करके दीजिए तांकि मैं भी जान सकू आपके मैथ्स को”,‌ संतोष एक पेपर जसनीत के आगे रखा, और खुद उठ कर टहलने लगा(punjabi sex story)

कुछ देर बाद जसनीत ने पेपर हल करके संतोष को दिया ,

“हो गया सर।”

संतोष अपनी कुर्सी पर बैठ कर उसे चेक करने लगा,

“एह आपके कुछ है तुक जवाब ठीक है और कुछ गलत।”(punjabi sex story)

संतोष जसनीत को देख कर बोला, “अच्छा मुझे बताओ कि बैंक में एक खाता धारक अपने खातों को किन विभिन्न तरीकों से संचालित कर सकता हैं?”

जसनीत कुछ सोचने के बाद जवान देने के लिए बोली, “सर एक खाता धारक अपने बैंक खाते को अलग तरीकों से चला सकता है जैसे इन्टरनेट बैंकिंग, टेलीफोन या मोबाइल बैंकिंग, शाखा या काउंटर पर सेवा, एटीएम,‌ डिजिटल रूप से जैसे फोन पे, गूगल पे।”

“हम्म, और आपके पिता जी के भाई का क्या कारोबार है”, संतोष लाल कुर्सी पर बैठा अपने शरीर को एक अंगड़ाई के साथ रिलैक्स करता हुआ बोला।(punjabi sex story)

“सर पापा खेती करते है और भाई छोटा है, अभी 12 में पढ़ाई कर रहा है, कभी-कभार पापा की मदद करवा देता है।”,‌ जसनीत ने संतोष लाल की तरफ देख कर जवाब दिया।

संतोष जवाब सुन कर कुछ देर तक जसनीत को देखता रहा। जसनीत भी ऐसे में थोड़ी घबरा गई, के शायद वो रिजेक्ट कर दी जाएगी।

“खेतीबाड़ी, तो भैंसे भी होगी, डेली आते हुए लस्सी और दही लेके आया करना, और हां कल से जॉइन करो”, संतोष ने मुस्कराहट के साथ कहा, और साथ ही एक कर्मचारी को बुला कर उसे हेड ब्रांच में मेल करके जसनीत का ज्वाइनिंग लेटर के लिए कहा।(punjabi sex story)

जसनीत भी मुस्करा कर संतोष को धन्यवाद कहती हुई उस कर्मचारी के साथ जाने लगी, तो संतोष की नजरें अभी चलते समय उपर-नीचे उछल रहे जसनीत के उभारों पर थी।

ज्वाइनिंग लेटर मिलने के बाद तो जैसे जसनीत की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। बैंक से निकलने के बाद एक बार फिर से जसनीत बाबा फरीद जी के गुरुद्वारे माथा टेक और घर वालों के लिए मिठाई का डिब्बा लेकर जाती है।

सब इस बात से खुश होते है, के जसनीत को नौकरी मिल गई थी, और दूसरे दिन से ही वह बैंक में जाने लगी।(punjabi sex story)

कहानी का दूसरा भाग : punjabi hot sex story

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