टक्कर से चुदाई का सफर 9 - sexy chudai ki dastan

टक्कर से चुदाई का सफर 9 – sexy chudai ki dastan

कहानी का आंठवा भाग : chudai ki hot dastan

जितना तीखा दर्द जतिन के लंड से चुदवाने से मेरी चूत में हो रहा था, उससे कहीं ज्यादा उत्तेजना और नशीलापन मुझे उनके लंड का मेरी चूत में घुसना और चंद पल रुक कर वापस पीछे हटना और फिर एक जबरदस्त धक्के के साथ फिर से अंदर घुसना दे रहा था। यह अनुभव एक स्त्री ही कर सकती है। इसीलिए जो आनंद और उत्तेजना एक स्त्री एक तगड़े लंड से चुदने से पाती है, उसकी अनुभूति किसी मर्द को नहीं हो सकती |

मर्द के लिए तो चुदाई से संतुष्टि मात्र अपने वीर्य के स्खलन हो जाने से पूरी हो जाती है। (sexy chudai ki dastan)

पर स्त्री मर्द से चुदाई में बार-बार स्खलित होते हुए भी कभी चुदाई से बोर नहीं होती। वह चाहती है कि उस पर सवार मर्द उसे चोदता ही रहे, जब तक स्त्री शारीरिक रूप से थक ना जाए।

जतिन की चुदाई की फुर्ती बढ़ती ही जा रही थी, और मैं मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर कुछ अधीरता की झलक देख रही थी। दीदी को लग रहा था कि कहीं जतिन मुझे चोदते हुए अगर मेरी चूत में ही झड़ गए तो ऐसा ना हो कि वह उन्हें चोदने के लिए और सक्षम ना रहें। जतिन ने भी मुझे चोदते हुए वह अधीरता महसूस की।(sexy chudai ki dastan)

दीदी को अपनी और खींच कर दीदी के मुंह को चूमते हुए जतिन बोले, “दीदी आप चिंता मत करो। मैं आपको अच्छी खासी चोदे बगैर नहीं छोडूंगा। पर तुम्हारी बहन की चूत इतनी रसीली है, और वह इतने प्यार से मुझसे चुदवा रही है कि उसे चोदते हुए मेरा मन ही नहीं भर रहा। अगली बार जब मैं दुबारा आऊं तो प्लीज किटी पार्टी ना भी हो तो भी आप दोनों किटी पार्टी या कोई और बहाना बना कर इस रिसोर्ट में आ जाना।”

दीदी ने कहा, “जतिन आप निश्चिन्त रहो। अरे एक बार नहीं जब जब भी आप आओगे, हम दोनों हजार काम छोड़ कर आ जाएंगे। हमें भी ऐसे ही लंड की तलाश रहती है। ऐसा लंड बार-बार कहां मिलेगा?” दीदी की आवाज में जब मैंने फिर कुछ अधीरता महसूस की तो, हालांकि मैं जतिन से और चुदना चाहती थी, फिर भी मैंने जतिन से थमने का इशारा किया। मैं चाहती थी कि जतिन दीदी को भी अच्छे से चोदे।(sexy chudai ki dastan)

जतिन के नीचे से मैं जब हट गयी तो दीदी ने जतिन को पलंग पर लिटा दिया, और 69 पोज़िशन में आ कर जतिन के लंड के ऊपर झुक कर उसके खड़े हुए लंड के टोपे को पहले अपनी जीभ से थोड़ा सा चाटते हुए बोली, “जतिन तुम्हारा लंड इतना जबरदस्त है कि मैं कुछ देर इसे चाटे और चूसे बगैर नहीं रह सकती।”

दीदी जिस शिद्द्त से अपना सर ऊपर-नीचे करते हुए जतिन के लंड को अपने मुंह में अंदर-बाहर करने लगी कि मैं देखते ही दंग रह गयी। दीदी मुझ से कद में बड़ी थी। मुझसे ज्यादा लम्बी और थोड़ी भारी थी। दीदी के कूल्हे भी भारी थे। दीदी के स्तन काफी ज्यादा बड़े और 36 D साइज़ के थे, जो दीदी जब झुकती थी तो दीदी की छाती पर से ऐसे लटकते दिख रहे थे, जैसे मधुमक्खी के दो छत्ते किसी पेड़ से लटके हुए दिख रहे हों।(sexy chudai ki dastan)

जतिन के मुंह के करीब जब दीदी की बड़ी गांड और चूत आयी तो जतिन ने दीदी के कूल्हों को नीचे दबा कर दीदी को चूत को चाटना और चूसना शुरू किया। जतिन की जीभ को अपनी चूत को चाटते हुए महसूस करते ही दीदी मचलने लगी।

मैंने दीदी के स्तनों को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर उन्हें दबाते, हिलाते, और मसलते हुए मैं उनके स्तनों की निप्पलों को सहलाने और पिचकाने लगी। दीदी भी जतिन के चूत चाटने से काफी उत्तेजित हो गयी थी। उन्होंने जतिन के लंड अपने मुंह में काफी अंदर तक ले लिया, और बड़े ही प्यार और जूनून से वह जतिन के लंड को चूस रही थी। वह चूस क्या रही थी, वह जतिन के लंड से जैसे अपने मुंह को ऊपर नीचे करते हुए चुदवा रही थी।(sexy chudai ki dastan)

जतिन मुझसे काफी लम्बे थे। जतिन जब मेरे ऊपर सवार हो कर मुझे चोद रहे थे और चोदते-चोदते जब वह मुझे किस करने के लिए मेरे ऊपर लेट जाते थे, तो मैं जतिन की बॉडी के निचे गायब ही हो जाती थी। अगर कोई उस समय मेरी चुदाई देख रहा होता तो वह मुझे जतिन के नीचे शायद ही देख पाता।

दीदी और जतिन एक दूसरे से काफी हद तक मैच करते थे। दीदी मुझ से कुछ लम्बी थी। मुझे लगा की दीदी मेरे मुकाबले चुदाई के मामले में कहीं ज्यादा अनुभवी होने के कारण वह जतिन के लंड से उतनी ज्यादा परेशान नहीं होगी जितनी मैं हुई थी। दीदी भी जतिन से लंड से बहुत ज्यादा प्रभावित हुई थी उसमें कोई शक नहीं था। दीदी जल्द से जल्द जतिन के लंड से चुदना चाहती थी।

कुछ देर तक जतिन का लंड चूस कर उसे और सख्त करने के बाद दीदी जतिन से अलग हट कर लेट गयी। जतिन को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी दोनों टांगों के बीच में लेकर अपनी टांगें जतिन के कंधे पर रख दी। दीदी अब बिना देरी के जतिन से चुदवाना चाहती थी।(sexy chudai ki dastan)

जतिन ने पता नहीं क्यों दीदी की चूत में और अपने लंड पर कोई शैम्पू लगाने की ज़हमत नहीं की। हालांकि मुझे चोदने के कारण जतिन का लंड काफी चिकनाहट से लथ-पथ था। दीदी ने जतिन का घोड़े के जैसा लंड देख कर मेरी तरह कोई डर या आतंक नहीं जताया था। मैंने सोचा कि शायद दीदी कई बार ऐसे बड़े लंड से चुदवा चुकी होंगी। दीदी को को इतने बड़े लंड से चुदवाने की आदत होगी। मैं जानती थी कि दीदी की चूत से पानी जरुर रिस रहा था, क्योंकि दीदी भी जतिन से चुदने के लिए बहुत उतावली दिख रही थी।

जब जतिन ने दीदी की चूत में अपना लंड दाखिल किया, तो उसके लिए जतिन को उतनी मशक्क्त नहीं करनी पड़ी जितनी मेरी चूत में घुसाते हुए करनी पड़ी थी। फिर भी अपने हाथ में अपना लंड पकड़ कर उसे टेढ़ा-मेढ़ा कर धक्के मार कर उसे जरूर चूत में घुसाना पड़ रहा था। पर उसके बाद जैसे ही दीदी की चूत में कुछ और जोर लगा कर जतिन ने अपना लंड पहले टेढ़ा-मेढ़ा करके और बाद में एक धक्का मार कर घुसाया, तो बड़ी चूत वाली दीदी भी तिलमिला उठी और जोर से चीख पड़ी।(sexy chudai ki dastan)

दीदी के ऐसे हाल होंगे यह मैं सोच भी नहीं सकती थी। मुझे तो दीदी का आत्मविश्वास देख कर भरोसा था कि दीदी को कुछ दिक्क्त हो सकती थी, पर जतिन का लंड शायद दीदी को ज्यादा परेशान नहीं कर पायेगा। शायद दीदी ने ज्यादा तेल वगैरह नहीं लगाया होगा, या जो भी हो दीदी को काफी दर्द हो रहा था। पर दीदी की चीख की परवाह किये बिना जतिन ने अपना तीन चौथाई लंड दीदी की चूत में घुसेड़ ही दिया।

मैं दीदी की दर्द भरी चीख से काफी परेशान थी। दीदी को मैंने देखा। दीदी आँखें मीचे जतिन के लंड से पैदा हुए दर्द को सहन करने के प्रयास कर रही थी। मैंने दीदी का हाथ थामा। दीदी ने आंखें खोली, और मुझे देख कर उन्होंने उस दर्द में भी मुस्कुराने की कोशिश की। मैंने दीदी का हाथ थाम कर ढांढस देते हुए झुक कर उनके कानों में कहा, “सब ठीक हो जाएगा।”(sexy chudai ki dastan)

दीदी बोलने में बड़ी ही सख्त थी। जब वह बोलना शुरू करती थी, तब यह नहीं सोचती थी कि सुनने वाले पर क्या असर होगा। वह कटु सत्य बोलने से नहीं झिझकती थी। दीदी ने मुझे मेरे कानों में धीमे से जवाब दिया, “यह मेरी गलती है। मैंने जतिन के लंड को हलके में ले लिया। मुझे ठीक से चिकना करना चाहिए था। पर मैं ठीक हूं यार। सच बताती हूं।

मैं अठारह साल की उम्र से पता नहीं कितनी बार और कितने लंडों से चुद चुकी हूं। अब भी चुद रही हूं। पर मुझे चुदवाने में इतना दर्द और इतना मजा कभी नहीं आया। इसका लंड मेरी भोसड़ी को आज भोसड़ा बना देने वाला है। इसने मुझे पहले ही झटके में नानी याद दिला दी है। पर तू चिंता मत कर इसे तो मैं झेल लुंगी। अब चोदने दे इसे। वह भी याद करेगा कि कोई चूत मिली थी। पर तू जब दुबारा चुदवाये तब तुम पूरा समभाल कर ही चुदवाना और मेरी तरह किसी वहम में मत रहना।”(sexy chudai ki dastan)

मैंने फिर भी जतिन को रोका। जतिन ने अपना लंड दीदी की चूत से बाहर निकाल दिया। मैंने फ़ौरन जिस बोतल में चिकना प्रवाही था, उसमें से चिकना तरल प्रवाही निकाल कर दीदी की चूत में और जतिन के लंड पर खूब उदारता पूर्वक लगाया। जब मैंने अच्छी तरह वह प्रवाही दीदी की चूत के अंदर और जतिन के लंड के ऊपर लगा दिया, तब मैंने पीछे हट कर जतिन को इशारा किया की दीदी को चोदना शुरू करे।

जतिन ने जब दुबारा दीदी की चूत में अपना लंड घुसेड़ा, तो दीदी की आँखें और चेहरा जरुर काफी आतंकित हो रहा था, पर दीदी इस बार चीखी नहीं। दीदी के कपाल पर भी पसीने की बूंदें दिख रही थी। यह साफ़ था की दीदी की बड़ी अनुभवी और खुली हुई चूत भी जतिन का लंड लेने में कुछ तकलीफ जरूर महसूस कर रही थी। जतिन के लंड को देख कर मुझे इस बात से ज्यादा आश्चर्य नहीं हो रहा था।(sexy chudai ki dastan)

एक स्त्री के लिए चुदाई में हो रहा दर्द भी एक गजब के आनंद और उन्माद की अनुभूति देता है। यह किसी भी मर्द को आसानी से समझ में नहीं आ सकता। ख़ास कर वह स्त्री जो चुदाई की बहुत शौक़ीन होती है, उसे छोटे-मोटे और जल्दी झड़ जाने वाले लंड से चुदवाने में मजा ही नहीं आता। जतिन से चुदवाते हुए मैंने भी यही दर्द का अनुभव किया था। पर शुरुआत के तीखे दर्द के बाद धीरे-धीरे चुदाई का दर्द जब कम होने लगा तब मैं इतने बड़े लंड से चुदने का मजा भी महसूस करने लगी।

मैंने अनुभव किया कि ऐसे बड़े लंड से चुदने का मजा कुछ और ही है और उसे शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है। मुझे दीदी की चुदाई देख कर यह तो मानना पड़ा कि दीदी मुझसे कहीं ज्यादा चुदक्कड़ थी। जतिन के एक एक धक्के को वह इस तरह एन्जॉय कर रही थी और एक-एक धक्के पर जिस तरह सिसकारियां और किलकारियां मार रही थी, मुझे समझ में आया कि शायद वह दीदी के बड़े ही अनुभवी चुदाई के इतिहास में सबसे तगड़ी और सुखमय चुदाई होगी।(sexy chudai ki dastan)

मैंने इससे पहले भी दीदी को चुदवाते हुए तीन बार देखा था। पर यह अनूठा ही अनुभव था। दीदी जतिन के बदन से लंड को चूत में धकेलने के लिए एक बाद एक धक्के मारने पर ऊपर से नीचे तक पूरी हिल जाती थी। दीदी के बड़े-बड़े स्तन इस तरह हिलते थे जैसे आधे पानी भरे गुब्बारे दीदी की छाती पर रखे हों और इधर-उधर हिलते हुए दिख रहे हों।

चुदवाते हुए दीदी उत्तेजना के मारे इतनी चीखने और चिल्लाने लगी कि जतिन ने दीदी के मुंह पर अपनी हथेली रख कर उनको रोका। दीदी जतिन की चुदाई की मार से पागल हो जा रही थी। मैं समझ गयी की दीदी जरूर झड़ने वाली थी। मैंने इससे पहले दीदी को झड़ते हुए कभी नहीं पाया था। शायद एक बार जब दीदी के पति और देवर हम दोनों की मिल कर चुदाई कर रहे थे, तो एक बार वह झड़ने के कगार पर थी। पर मुझे पूरा यकीन नहीं कि वह उस वक्त झड़ी थी या नहीं, क्यूंकि उस समय मेरी भी तगड़ी चुदाई हो रही थी। जतिन की चुदाई से दीदी इतनी उन्मादित हो गयी थी कि मेरे देखते ही देखते वह एक गरमा-गरम सांस लेती हुई झड़ गयी।(sexy chudai ki dastan)

कहानी का दसवां भाग : chudai ki sexy dastan

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