गांडफाड़ हादसा 9 – sexy chudai padosi uncle xxx 

कहानी का आठवां भाग : padosi uncle xxx sexy chudai

नमस्कार दोस्तों, इस स्टोरी में आपका स्वागत है। (sexy chudai padosi uncle xxx )

मेरी इस चुदाई की कहानी के पिछ्ले भाग में अपने पढ़ा कि कैसे मैंने और रतनेश जी ने मैनेजर को मजा चखाया,

और हम दोनों घर आ गए। फिर अगली सुबह रतनेश जी मुझे चोदने ही वाले थे, कि दरवाज़े की घंटी बजी।

अब आगे-

दरवाज़े की घंटी बजते ही हम दोनों थोड़े हड़बड़ा गए। (sexy chudai padosi uncle xxx )

रतनेश जी: सुबह-सुबह कौन हो सकता है?

मैं: जी आप जा कर देखिये, मैं जल्दी से कपड़े पहनती हूं।

रतनेश जी पैंट पहन कर दरवाजा खोलने गए, और मैं भी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी।

मैंने अलमारी में से सलवार-कमीज निकाली, और वो पहन ली। वो थोड़ी टाइट थी, मगर ज्यादा नहीं। रतनेश जी ने दरवाजा खोला, और जोर से खुश होकर बोले- (sexy chudai padosi uncle xxx )

रतनेश जी: अरे तुम! कैसे हो मेरे भाई?

वो आदमी: मैं ठीक हूं। अब अंदर भी बुलाओगे या बाहर ही रोकोगे?

रतनेश जी: आजा यार, क्या तू भी।

ये बातें सुन कर में बाहर आ गई और देखा तो एक लंबा गोरा आदमी था। वो भी रतनेश जी की उम्र का होगा।

रतनेश जी ने मुझे देख लिया और अपने पास आने का इशारा किया। मैं उनके पास गई, और चुप-चाप खड़ी थी। (sexy chudai padosi uncle xxx )

रतनेश जी: ये है जिया, बहुत प्यारी बच्ची है। ये घर इसके पति का है।

वो आदमी: शुक्रिया जिया बेटी मेरे दोस्त की मदद करने के लिए।

रतनेश जी: और जिया, ये मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। विजय ठाकुर नाम है इनका। ठाकुर इंडस्ट्री के मालिक है। (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं तो दंग रह गई कि इतनी बडी इंडस्ट्री के मालिक हमारे घर आए थे।

मैंने जल्दी से उनके पैर छू लिए, और उन्होनें भी मुझे आशीर्वाद दिया “सदा सुहागन रहो”।

मैं: आप दोनों बाते कीजिये, मैं चाय-नाश्ते का इंतज़ाम करती हूं।

मैं सबसे पहले बाथरुम गई, और मुंह धो कर और ब्रश करके बाहर आ गई।

फिर मैं सीधा किचन में चली गई, और चाय-नाश्ता बनाने लगी। (sexy chudai padosi uncle xxx )

 रतनेश जी और विजय जी दोनों सोफा पर बैठ कर बातें कर रहे थे। दोनों बहुत हंसी मज़ाक कर रहे थे। मैं भी यह देख कर खुश हो गई थी।

कुछ देर बाद मेरा चाय-नाश्ता बना कर हो गया, और मैं उन्हें वो देने के लिये किचन में से बाहर आ गई। मैंने उन दोनों को चाय-नाश्ता दिया और साइड में खड़ी हो गई।

विजय जी: अरे बेटा तुम भी चाय-नाश्ता कर लो। (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं: जी शुक्रिया, लेकिन मैं बाद में खा लूंगी।

विजय जी: अरे क्या बेटी, तुम भी जाओ, और अपने लिये भी चाय-नाश्ता लेकर आओ।

मैं जल्दी से अपने लिये भी चाय-नाश्ता लेकर आ गई, और उनके साथ में बैठ कर खाने लगी।

विजय जी: अरे रतनेश एक बात बताना भूल गया, संजय आ रहा है पंडित को लेकर। (sexy chudai padosi uncle xxx )

रतनेश जी: पंडित को लेकर क्यूं?

विजय जी: अरे मुहुर्त निकलवाना है ना।

मैं: रतनेश जी आप दोनों कब से एक-दूसरे के दोस्त हैं?

वो दोनों हस पड़े और रतनेश जी ने कहा। (sexy chudai padosi uncle xxx )

रतनेश जी: बचपन से दोस्त है हम। मेरे दोस्त बहुत कम है। गिन कर 6 दोस्त है। मगर जितने भी है, हम एक-दूसरे को भाई मानते है।

विजय जी: हां, अगर किसी पर मुश्किल आए तो हम बाकी के दोस्त मिल कर उसकी मदद करते है।

ऐसे ही कुछ देर हम बातें कर रहे थे। रतनेश जी ने और विजय जी ने उनके बचपन के बहुत किस्से सुनाए। मुझे भी उनसे बातें करके बहुत मजा आ रहा था। फिर एक बार दरवाज़े की घंटी बजी।

मैं उठ कर दरवाजा खोलने गई। मैंने दरवाज़ा खोला तो दो लोग खड़े थे। एक पंडित था, और दूसरा रतनेश जी की उम्र का आदमी था। मैं समझ गई कि ये कौन था। (sexy chudai padosi uncle xxx )

वो आदमी: बेटा रतनेश जी है?

मैं: आपका नाम संजय है?

संजय जी: हां।

मैं: जी अंदर आईये, रतनेश जी और विजय जी अंदर बैठे है।

संजय जी पंडित को लेकर अंदर आ गए।

फिर रतनेश जी ने मेरी और उनकी पहचान कराई, और मैं उनके लिये चाय लाने किचन में चली गई।

संजय जी का पूरा नाम संजय प्रसाद रॉय था। (sexy chudai padosi uncle xxx )

वो बहुत बड़े हार्ट सर्जन थे। वो सोफे पर बैठे थे, और मैंने उन्हें चाय दे दी। पंडित रतनेश जी से कुछ बात कर रहा था। फिर पंडित जी मेरी तरफ आए और बोले-

पंडित: बेटा मुझे अपने घर के पूरे दर्शन कराओ।

मैं: लेकिन क्यूं पंडित जी?

पंडित: जिस घर में पूजा होने वाली है, उस घर का अच्छे से दर्शन करना होगा। और वास्तु के हिसाब से मुहरत निकालना होगा।

मैंने आगे कुछ और सवाल नहीं पूछे, और उन्हें अपना घर दिखाने लगी।

हमारा बंगला बहुत बड़ा है। कुल मिला कर 8 कमरे है। 2 नीचे, 4 उपर, और 2 दूसरी मंज़िल पर, और उसके उपर टेरेस है। मैंने पंडित जी को पूरे घर के दर्शन करा दिए, और आखिर में हम टेरेस पर पहुंच गए। (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं: ये है हमारा घर।

पंडित जी: अच्छा घर है।

फिर हम नीचे जाने लगे, लेकिन पंडित जी ने मुझे रोक लिया।

पंडित जी: बेटी तुम्हें कोई तकलीफ या बुरा लग रहा है?

मैं: नहीं पंडित जी, वो बस नींद आ रही है। (sexy chudai padosi uncle xxx )

असल में रतनेश जी और मेरी चुदाई अधूरी रहने के कारण मेरा मूड खराब था। तभी मेरी नज़र पंडित जी की धोती पर गई और देखा कि उनका लंड पूरा खड़ा हो चुका था, और तड़प रहा था। मैं पंडित जी के धोती को इशारा करते हुए बोली-

मैं: मेरी तकलीफ छोड़िये, आप तो बहुत तकलीफ में हो।

पंडित जी ने जल्दी से अपना हाथ धोती पर रखा और बोले-

पंडित जी: माफ कर दो बेटी, वो गलती से हो गया।

मैं: अगर आप चाहें तो में आपकी तकलीफ दूर कर सकती हूं।

पंडित जी और शर्मा गए, और मना करने लगे।

पंडित जी: नहीं-नहीं बेटी, ऐसा मत करो, नहीं तो पाप हो जाएगा! (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं: मतलब?

पंडित जी: मैंने पंडित बनने से पहले शपथ ली थी कि में कभी किसी स्त्री से शारिरीक संभोग नहीं करूंगा, और ब्रम्हचारी रहूंगा।

मैं: मैंने कब कहा कि मैं आपके साथ शारिरीक संभोग करूंगी?

पंडित जी: छोड़ो बेटी, में खुद इस तकलीफ को दुर करता हूं।

मैं: कैसे करेंगे? हस्तमैथुन से?

पंडित जी ने हां में सर हिलाया। (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं: मेरे पास ऐसा तरीका है कि जिससे आपकी शपथ भी नहीं टूटेगी, और आपको अपनी तकलीफ से छुटकारा भी मिलेगा।

पंडित जी: कैसा तरीका?

मैं: आप कुर्सी पर बैठ जाईये और धोती उतारिये।

पंडित जी बहुत शर्मा गए, और उनका चेहरा भी एक-दम लाल हो गया था। इतना सब होने के बाद भी पंडित जी का लंड खड़ा ही था।

पंडित जी: बेटी क्या कह रही हो?

मैं: आप चिंता मत कीजिये। आप बताओ स्त्री और पुरुष के बीच शारीरीक संभोग का मतलब क्या है?

पंडित जी: शारीरिक संभोग मतलब जब स्त्री और पुरुष आपस में प्रजनन की क्रिया करते है उसे कहते है।

मैं: और अगर में आपके साथ वो क्रिया ना करूं तो?

पंडित जी: तो फिर उसे संभोग नहीं कहा जा सकता। (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं: यहीं बात तो मैं आप से कब से कह रही थी, कि मैं आपके साथ संभोग नहीं करूंगी!

पंडित जी: फिर ठीक है।

पंडित जी धोती उतार कर कुर्सी पर बैठ गए, और मैंने जल्दी से जा कर टेरेस का दरवाजा बंद कर दिया।

मैं उनकी तरफ मुड़ी, तो देखा कि उनका लंड 7 इंच बड़ा और काफी चौड़ा था। मैं उनके सामने खड़ी हो गई, और उनके लंड को घूर रही थी।

पंडित जी: बेटा तुम ये सब क्यूं कर रही हो? (sexy chudai padosi uncle xxx )

मैं: तांकि आपकी तकलीफ दूर हो जाए और आप हमारे घर को और मुझे आशीर्वाद दें।

मैं घुटनों के बल बैठ गई और उनके लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी।

उन्हें भी अच्छा लग रहा था। वो आंखें बंद करके बैठे हुए थे।

फिर मैं धीरे से उनके लंड पर अपनी जुबान हल्के से फेरने लगी और उनके टट्टों को एक हाथ से सहलाने लगी।

फिर उनका लंड मैंने धीरे-धीरे अपने मुंह में लिया और चूसना शुरु कर दिया।

पंडित जी मेरे सामने 5 मिनट भी नहीं टिके, और वो मेरे मुंह में ही अपना पानी छोड़ने लगे।

वो इतना वीर्य छोड़ रहे थे कि मेरा पूरा मुंह उनके वीर्य से भर गया। इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। (sexy chudai padosi uncle xxx )

कहानी का दसवां भाग : hot padosi uncle horny fuck

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