हैलो दोस्तों, मैं फैज़ान आपका स्वागत करता हूं एक नई चुदाई की कहानी में। यह कहानी मेरी अम्मी की है। कैसे उन्हें मेरे दोस्त के ताऊ जी ने चोदा, पढ़िये इस कहानी में|
मेरी अम्मी आफरीन, 40 साल की खूबसूरत, साथ ही सेक्सी फिगर वाली औरत है।(tau ke sath chudai)
वो ज्यादातर घर पर सूट ही पहनती है, और शादी और पार्टी में साड़ी पहन लेती है। मेरे दोस्त के ताऊ जी संजीव अंकल, वो 52 साल के हट्टे-कट्टे किसान आदमी है। वो गांव में रहते है, और खेती करते है। मैं और मेरा दोस्त कार्तिक हम 20 साल के है। कहानी शुरू करता हूं।
यह बात गर्मी के दिनों की है। हमारी परीक्षा हो चुकी थी। कार्तिक की बहन की शादी थी उसके गांव में, और उसने मुझे और मेरे परिवार को उसके गांव शादी में बुलाया था। मेरा परिवार उसके परिवार को अच्छे से जनता है, और हमको उसके गांव जाना था।(tau ke sath chudai)
मैं और अम्मी सुबह से तैयार हो कर बस स्टैंड निकल गए। अम्मी ने सूट पहना था, जिसमे उनकी गांड और बूब्स आराम से उभर कर दिख रहे थे। अम्मी बुरखा बहुत कम पहनती है।
अम्मी: बेटा कितनी बजे आएगी बस?
मैं: बस आने वाली है। समय तो हो गया है।(tau ke sath chudai)
हम दोनों वह खड़े-खड़े बात कर रहे थे, और आने-जाने वाले लोग अम्मी को घूर कर देख रहे थे। मन ही मन कितने लोग उन्हे नंगा करके चोद चुके थे। बस आ जाती है, और हम सीट पर बैठ जाते है। सफर 4-5 घंटों का था, तो हमने सीटर बस ही बुक की थी।
बस में घुसे कंडक्टर और बस के सभी मर्द और लड़के अम्मी का हुस्न देख कर मजे लेने लगे। गर्मी के कारण अम्मी को पसीना आया हुआ था, तो बदन और चमक रहा था। मैं और अम्मी बात करते-करते कब कार्तिक के गांव पहुंच गए, पता ही नहीं चला। कार्तिक और उसके भईया राहुल हमको बस स्टैंड लेने पहुंच गए।
कार्तिक: नमस्ते आंटी।(tau ke sath chudai)
अम्मी: नमस्ते कार्तिक, कैसे हो तुम, और कैसी चल रही है शादी की तैयारी?
कार्तिक: अच्छी चल रही है। अब आप आ गए है तो और मजा आएगा।
अम्मी: हां जरूर बेटा।
कार्तिक के भइया अम्मी को देख रहे थे हवस की आखों से। फिर हमने सामान कार में रखा, और निकल गए। राहुल कार चला रहा था, कार्तिक आगे बैठा था। मैं और अम्मी पीछे बैठे हुए थे। राहुल बार-बार मिरर से अम्मी को देख रहा था। यह बात अम्मी ने नोटिस कर ली थी, पर कुछ बोली नहीं। उनको पसंद है जब कोई उनको अटेंशन देता है।(tau ke sath chudai)
हम शादी वाले घर पहुंच गए थे। कार्तिक के दो घर थे। दूसरे घर हमने सामान रख दिया। उसी घर मैंने सबसे पहले संजीव अंकल को देखा था। वो दिखने में बहुत स्ट्रांग है। कुर्ता और लूंगी पहनते है। अंकल अम्मी और अब्बू को पहले से जानते है।
अंकल: अरे आफरीन जी, आ गए आप?
अम्मी: हां भाई साहब, आपने बुलाया था, आना तो पड़ेगा ही।(tau ke sath chudai)
अंकल: और फैज़ान बेटा, कैसे हो? तुम्हारे अब्बू नहीं आए?
मैं: मैं ठीक हूं अंकल।
अम्मी: इसके अब्बू के पास समय कहा है अपने काम से? पर शादी के दिन आ जाएंगे।
अंकल: अच्छा ठीक है, आप दोनों आराम करो। थक गए होंगे सफर में। कार्तिक इनको कमरा बता दो।(tau ke sath chudai)
कार्तिक हमको कमरे में ले जाता है। उसका घर बड़ा है और बहुत कमरे है। वो हमारा सामान रख देते है। फिर अम्मी और मैं थोड़ी देर सो जाते है, और शाम को नींद खुलती है
अम्मी और मैं शादी वाले घर चले जाते है। वहीं हमको सब मिलते है। कार्तिक का पूरा परिवार हमको मिलता है। मैं और कार्तिक गांव में घूमने निकल जाते है, और अम्मी सभी के साथ होती है। रात को मज़ा करके मैं और कार्तिक एक रूम में सो जाते है, और अम्मी बगल वाले कमरे में सो जाती है।(tau ke sath chudai)
मुझे नींद नहीं आती है। थोड़ी देर के बाद मुझे अम्मी की आवाज आती है। वो शायद किसी से बात कर रही थी। मैं कमरे से बाहर निकला तो संजीव अंकल और अम्मी दोनों आंगन में बैठ कर बाते कर रहे थे।
दोनों हस-हस कर बात-चीत कर रहे थे, जैसे बहुत अच्छे दोस्त हो। इतना हस्ते हुए मैंने अम्मी को अब्बू के साथ भी नहीं देखा। अम्मी ने सूट पहना था, उसमें से उनकी क्लीवेज दिख रही थी।
अम्मी: अरे संजीव जी, आप तो हमारे घर आते ही नहीं हो। बहुत दिन हो गए।(tau ke sath chudai)
अंकल: समय ही नहीं मिलता है खेतों से, कैसे आऊं?
अम्मी: क्यूं, आपको मेरी याद नहीं आती?
अंकल: याद तो बहुत आती है तुम्हारी आफरीन।(tau ke sath chudai)
अम्मी: तो आ जाया करो। दिन भर अकेली रहती हूं। फैज़ान और उसके अब्बू दोनों घर नहीं होते है।
अंकल: अकेले तो यहां भी है हम दोनों आफरीन।
अम्मी: शादी वाले घर में कैसे अकेले?
अंकल: अब तो सब सो गए है आफरीन। चलो ना, पुरानी यादे ताज़ा करते है।
अम्मी: अरे अब नहीं, अब तो मेरी उम्र हो गई, और तुम्हारी भी।
अंकल: अरे तुम तो अभी भी जवान हो आफरीन।
अम्मी: अच्छा जी।(tau ke sath chudai)
दोनों की बाते सुन कर पता चल गया यह दोनों बहुत समय से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों ऐसे ही बाते करते रहे, और दोनों अम्मी के कमरे में चले जाते है। मैं यह देख कर दंग रह जाता हूं। वो जाते ही दरवाजा अंदर से लॉक कर देते है।
थोड़ी देर मैं इधर-उधर देखता हूं तो मुझे एक खिड़की दिखती है, जो खुली हुई थी। मैं उसके अंदर झांकने की कोशिश करता हूं। मेरे को अंदर का नजारा दिखने लगता है। मैं समझ तो गया था उनकी बाते सुन कर, कि वो क्या करने की बातें कर रहे थे।(tau ke sath chudai)
मैं जेसे ही अंदर देखता हूं, अम्मी अंकल की गोदी में बैठी हुई थी, और दोनों के होंठ चिपके हुए थे। यह देख कर मुझे अच्छा भी लग रहा था, और गुस्सा भी आ रहा था। अंकल अम्मी के होंठों को चूस रहे थे। अम्मी भी उनका पूरा साथ दे रही थी।
अंकल: आफरीन मेरी जान, आज भी तेरे होंठ इतने ही रसीले है, जैसे पहले थे।
अम्मी: और तुम भी वैसे ही हो आज भी।(tau ke sath chudai)
अंकल अम्मी के बूब्स पर हाथ फेरने लगते है, और अम्मी को हर जगह छूने लगते है। अम्मी पूरे मजे लेती है अंकल के कठोर हाथों के। अंकल फिर से किस्स करने लगते है, और सूट के ऊपर से बूब्स मसलने लगते है। अम्मी का चेहरा लाल होने लगता है। यह देख मेरा लंड भी खड़ा होने लगता है।
अंकल बूब्स दबाते है, और अम्मी की सिसकियां निकलने लगती है। वो अम्मी को बिस्तर पर लिटा कर अम्मी के ऊपर चढ़ जाते है। फिर अम्मी के पूरे शरीर को चूमने लगते है। वो गाल, गले, होंठ, हर जगह उनको किस्स करते है।
अम्मी: अहह संजीव जी बड़े दिनों बाद इतने सक्त हाथों का स्पर्श हुआ है।(tau ke sath chudai)
अंकल: हां मेरी जान।
अम्मी का सूट ऊपर करके उनके पेट पर किस्स करने लगते है। अम्मी का पेट थोड़ा बाहर आ रहा था। धीरे-धीरे वो अम्मी का पूरा सूट निकाल देते है। अम्मी अब ब्रा में थी अंकल के सामने।
फिर अम्मी अंकल के ऊपर आ जाती है और उनका कुर्ता निकाल देती है। वो उनके सीने को किस्स करने लगती है। अंकल अम्मी की गांड दबाने लगते है। अम्मी को मैंने पहली बार एसे देखा था। ब्रा में से उनके बूब्स और उभर कर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे।फिर अम्मी अंकल के ऊपर आ जाती है और उनका कुर्ता निकाल देती है। वो उनके सीने को किस्स करने लगती है। अंकल अम्मी की गांड दबाने लगते है। अम्मी को मैंने पहली बार एसे देखा था। ब्रा में से उनके बूब्स और उभर कर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे।(tau ke sath chudai)
दोनों एक-दूसरे के जिस्म के पूरे मजे ले रहे थे। अंकल अम्मी के बूब्स ब्रा के ऊपर से दबाने लगे। अम्मी की सिसकियां उनको और जोश दे रही थी। दोनों पसीने में पूरे गीले हो गए थे। उनका शरीर चमक रहा था। अम्मी तो बिल्कुल कड़क माल लग रही थी ब्रा में।
दोनों पूरे मजे ले रहे थे। इतने में अंकल का फोन बजता है, और वो काल अटेंड करते है, और बात करने लगते है। बात खतम होने के बाद कुर्ता पहनने लगते है।
अम्मी: क्या हुआ, कहा जा रहे हो?
अंकल: मुझे जाना पड़ेगा जरूरी।(tau ke sath chudai)
अम्मी: क्या तुम भी, फैज़ान के अब्बू की तरह बिना गर्मी शांत किए बिना जा रहे हो।
अंकल: अरे मेरी जान, तेरी गर्मी शांत करूंगा। तेरे नल्ले शौहर की तरह नहीं हूं।
अम्मी: अच्छा ठीक है।(tau ke sath chudai)
अंकल कपड़े पहन कर अम्मी को किस्स करते है और निकल जाते है। अम्मी ऐसे ही बिस्तर पर पड़ी रहती है और सो जाती है। मैं भी अपने कमरे जा कर सो जाता हूं
आगे की सेक्स कहानी जानने के लिए बने रहे। धन्यवाद आप सब का कहानी पढ़ने के लिए।(tau ke sath chudai)
कहानी का दूसरा भाग : chudai tau ke sath
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