ससुर जी ने अकेले में लपेटा 2 - tharki hot sasur chudai

ससुर जी ने अकेले में लपेटा 2 – tharki hot sasur chudai

कहानी का पहला भाग : tharki sasur chudai

दोस्तों मैं नंदिनी अपनी चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आई हूं। अब ये ना कहिएगा कि आपने पिछला पार्ट अभी तक पढ़ा नहीं है।

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैंने अपने ऑफिस के सहकर्मी के साथ शादी की, और फिर उसकी लंदन में पोस्टिंग हो गई।(tharki hot sasur chudai)

उसके जाने के बाद मुझे चुदाई की तलब उठने लगी। फिर एक दिन मैंने ससुर का लंड देखा, तो बार-बार उसको बाथरूम के बाहर खड़ी रह कर देखने लगी।

लेकिन मुझे नहीं पता था कि ससुर जी जानते थे कि मैं उनका लंड देखती थी। फिर एक दिन ससुर जी ने मुझे पकड़ कर बाथरूम में ही खींच लिया। अब आगे बढ़ते है-

अब मेरे ससुर मेरे होंठों को चूस रहे थे, और साथ में मेरी शॉर्ट्स के ऊपर से मेरे चूतड़ों को सहला रहे थे।(tharki hot sasur chudai)

इस सब से मेरे जिस्म में करेंट सा पैदा हो रहा था। लगभग 10 मिनट मेरे ससुर ने जी भर कर मेरे रसीले होंठों का रस पिया। फिर उन्होंने अपने होंठ पीछे किए।

अब वो मेरी आंखों में आंखे डाले देख रहे थे। आंखों ही आंखों में मैंने उनको मेरे साथ कुछ भी करने की रज़मनदी दे दी।(tharki hot sasur chudai)

फिर ससुर जी ने मेरी गर्दन चूमनी शुरू की, और मेरी टी-शर्ट के ऊपर से मेरे भरे हुए चूचों को दबाने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था, और मैं आह आह की सिसकारियां भर रही थी।

फिर उन्होंने मेरी टी-शर्ट और ब्रा एक साथ उतार दी, और ऊपर से मुझे पूरी नंगी कर दिया। मेरा नंगा बदन देख कर ससुर जी बोले-

ससुर जी: तू तो कमाल की है। मेरा बेटा किस्मत वाला है।(tharki hot sasur chudai)

ये बोल कर उन्होंने मेरे दोनों चूचों को अपने हाथों में पकड़ा, और उनको जोर से मसल दिया।

मेरे मुंह से जोर की उफ्फ निकल गई। फिर ससुर जी ने एक-एक करके करके मेरे चूचों को चूसना शुरू किया।(tharki hot sasur chudai)

मैं तो उत्तेजना के मारे पागल होने लगी। मैं ससुर जी के सर को अपने चूचों में दबाने लगी, और उनके बालों को सहलाने लगी।

कुछ देर चूचे चूसने के बाद ससुर जी ने शावर बंद कर दिया। फिर उन्होंने तोलिए से अपना और मेरा बदन पोंछा, और मुझे अपनी बाहों में उठा लिया।(tharki hot sasur chudai)

उनकी बाजुओं की ताकत देख कर मैं हैरान हो गई। आज तक मेरे पति ने मुझे बाहों में नहीं उठाया था।

ससुर जी मुझे अपने कमरे में ले गए, और वहां बिस्तर पर जा कर लिटा दिया।

फिर उन्होंने मेरी शॉर्ट्स पर हाथ डाला, और उसको नीचे खींच कर उतार दिया। मेरी पैंटी भी उन्होंने साथ के साथ उतार दी। अब मैं अपने ससुर के सामने नंगी लेटी हुई थी।(tharki hot sasur chudai)

मुझे कोई शर्म नहीं आ रही थी, इतनी तलब चढ़ी हुई थी चुदाई की।

फिर ससुर जी मेरी टांगों के बीच अपना मुंह लेकर आए, और मेरी चूत पर अपना मुंह लगा दिया।

उनका मुंह लगते ही मैं तड़प गई, और उनके मुंह को अपनी चूत में दबाने लगी। मैं नीचे से गांड उठा कर उनके मुंह पर रगड़ने लगी।(tharki hot sasur chudai)

ससुर जी भी मेरी चूत के अंदर जीभ डाल-डाल कर उसका रस पीने लगे।

मैं इतनी पागल हो गई, कि मैंने ससुर जी के बाल पकड़ कर उनका मुंह चूत से हटाया,

फिर उनको धक्का देकर बिस्तर पर लिटाया, उनके ऊपर 69 पोजीशन में आई, और उनका लंड मुंह में लेके चूसने लगी।

अब वो मेरी चूत चूस रहे थे, और मैं उनका लंड। हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था, और एक-दूसरे का रस हमें अमृत जैसा लग रहा था।(tharki hot sasur chudai)

कुछ देर ऐसे ही चला। फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और ससुर जी सारा पी गए।

उसके बाद मैं उनके ऊपर से हट गई, और उनकी बगल में सीधी होके लेट गई। मेरी सांसे फुली हुई थी। फिर ससुर जी मेरे ऊपर आए, और अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया।

मैं जानती थी कि वो एक ही बार में लंड पूरा पेल देंगे। क्योंकि उनकी मरदाना हरकतें वैसी ही थी।(tharki hot sasur chudai)

मेरा सोचना बिल्कुल सही था, और उन्होंने लंड एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया। मुझे बहुत दर्द हुआ, और मेरी चीख भी निकली।

लेकिन मुझे मजा भी बहुत आया। फिर ससुर जी अपना लंड अंदर-बाहर करके मेरी चुदाई करने लगे।(tharki hot sasur chudai)

ससुर जी का लंड चूत की दीवारों से रगड़ खाता हुआ मेरी चूत में जा रहा था, जो मुझे जन्नत का एहसास दे रहा था।

मैं आह आह कर रही थी, और उनके चेहरे को पकड़ कर अपने चूचों का रस पिला रही थी।

ससुर जी धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ा रहे थे। उनका लंड मेरी बच्चेदानी को छू रहा था, जो एक अलग ही एहसास था।

जिस बच्चेदानी को आज तक बेटे का लंड छू नहीं पाया था, उसको बाप ने पहली बार में छू लिया।(tharki hot sasur chudai)

चूत के निकले पानी से चप चप की आवाजें आनी शुरू हो चुकी थी। मैं एक बार फिर से उत्तेजना की चोटी पर पहुंच चुकी थी, और उनकी पीठ पर नाखून गाड़ते हुए मैं फिर से झड़ गई।

मेरे झड़ते ही ससुर जी मेरे ऊपर से हट गए। मैं तेजी से सांस ले रही थी, और कांप रही थी।

फिर उन्होंने मुझे उलटा किया, और घोड़ी बनने को कहा। मैं थोड़ी थक गई थी, लेकिन उनको भी तो हल्का करना था ना उनका माल निकाल कर?

फिर मैं घोड़ी बनी, और गांड बाहर निकाला कर उनके लंड का इंतेज़ार करने लगी।(tharki hot sasur chudai)

लेकिन ससुर जी का इरादा कुछ और ही था। अचानक मुझे अपनी गांड पर कोई लिक्विड महसूस हुआ।

वो लिक्विड ससुर जी की थूक थी। फिर उन्होंने लंड गांड के छेद पर रखा, और इससे पहले मैं कुछ सोच पाती या बोल पाती, उन्होंने धक्का मार दिया।

पहले धक्के में ही उनका एक तिहाई लंड मेरी गांड में चला गया। मैंने पहले कभी गांड में लंड नहीं लिया था, तो मैं जोर-जोर से चीखने लगी।(tharki hot sasur chudai)

मैं उनको लंड निकालने के लिए कहने लगी, लेकिन वो धक्का देते गए, और पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।

मेरी तो जान निकलने वाली हालत हो गई तक। फिर ससुर जी पीछे से हाथ मेरी चूचियों पर डाल कर उनको सहलाने लगे, और मेरी पीठ पर किस्स करने लगे।(tharki hot sasur chudai)

मुझे गर्मी चढ़ने लगी, और मेरा दर्द कम होने लगा। थोड़ी देर में दर्द काफी कम हो गया।

फिर ससुर जी ने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। अब मैं आह आह आह करके गांड चुदवाने लगी।

मुझे काफी मजा आने लगा। 15 मिनट ससुर जी ने मेरी गांड चोदी, और उन्होंने गांड पूरी खोल दी मेरी। फिर उन्होंने अपना माल भी मेरी गांड में ही निकाल दिया।(tharki hot sasur chudai)

उस चुदाई के बाद मैं और ससुर जी पति-पत्नी की तरह रहने लगे। ससुर जी जब चाहे, जहां चाहे मुझे पेलने लगते, और मैं भी उनके लंड को पूरा मजा देती।

कुछ वक्त बाद मैं लंदन चली गई। वहां मुझे ससुर जी की याद आती थी। फिर ससुर जी भी आ गए, और पति की पीठ पीछे हमारा कार्यक्रम चलता रहा।(tharki hot sasur chudai)

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