मामा की लड़की की चुदाई – cousin ki bhayankar chudai

दोस्तों मेरी नईं हिंदी सेक्स कहानी में अपना स्वागत है।

मैं जब कॉलेज में दिल्ली में पढ़ता था, तो मेरे एक मामा जी भी दिल्ली में ही रहते थे। लेकिन मैं तो हॉस्टल में रहता था। कभी-कभी वीकेंड पर मामा जी के घर चला जाता था।

मामा जी की दो बेटियां और एक बेटा था। बड़ी बेटी खुशबू जिसकी उम्र करीब 25 साल थी, जो लगभग मेरे जितनी ही थी। वो मेरे ही कॉलेज में पढ़ती थी। रेशमा जो अब मेरी पत्नी है, वो खुशबू की ही खास फ्रेंड थी।

मामा जी की छोटी बेटी करीब 22 साल की थी। जिसका नाम अंशिका था, (cousin ki bhayankar chudai)

लेकिन हम उसे प्यारी के नाम से बुलाते थे। वो बहुत ही हॉट थी। वो भी हमारे कॉलेज में ही पढ़ती थी। कॉलेज में बहुत सारे लड़के उसके पीछे रहते थे। जिनमें कुछ मेरे दोस्त भी थे। लेकिन उनमें से कोई नहीं जनता था कि वो मेरे मामा की लड़की थी।

खुशबू का कॉलेज फिनिश हो गया, तो मामा जी ने उसकी शादी फ़िक्स कर दी थी। जनवरी के महीने में उसकी शादी थी। तो मामा जी ने डेली मुझे घर आने के लिए बोल दिया था। शादी के ढेर सारे फंक्शन थे, तो वहीं मेरी अच्छी पहचान रेशमा से भी हो गई थी। रेशमा भी मुझे चाहती थी। वो अपना काफी सारा टाइम मेरे साथ बिताती थी।(cousin ki bhayankar chudai)

एक दिन रात में सभी फंक्शन खत्म होने के बाद हम सभी बच्चे लोग एक रूम में सो गए थे। अब सर्दी ज्यादा थी, तो सभी कंबल में सो गए। उस रात में प्यारी मेरे ही कम्बल में कब आ कर सो गई, जो मुझे पता नहीं चला। रात में जब मेरी आंख खुली, तो वो मुझसे चिपक कर सो रही थी। मुझे बाद में पता चला कि वो प्यारी थी।

अब मैं भी प्यारी को चाहता था। तो पता लगने के बाद की वो प्यारी थी, मैं भी उससे कड़ा चिपक कर सो गया। लेकिन उसके बूब्स मेरी छाती के चिपके हुए थे, और उसने एक पैर मेरे ऊपर रख रखा था, तो मेरी हालत खराब हो गई थी। मेरा लंड एक दम टाइट हो गया था, और मन मचल गया था।(cousin ki bhayankar chudai)

मैंने भी उसके ऊपर अपने एक हाथ और एक पैर रख लिए थे। उसके ऊपर रखे हाथ को मैं उसकी पीठ पर फिराने लगा, और पैर भी उसके पैरों पर फिराने लगा। एक बार तो लगा वो सो रही थी। लेकिन वो भी जाग रही थी। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं तो एक बार घबरा गया। लेकिन तभी उसने अपना नाइट सूट का टॉप थोड़ा ऊपर किया, और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर कर लिया। मैं धीरे-धीरे उसकी मुलायम और नरम पीठ पर हाथ फेरता रहा। वो भी अपने हाथ को मेरी टीशर्ट ऊपर करके फेरने लगी।

तभी मैं उसके लोवर को नीचे करके उसके कूल्हों पर हाथ फेरने लगा। उसने भी अपना हाथ मेरे लोवर में डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया। उसके नरम हाथों ने जब लंड को छुआ, तो मेरे पूरी शरीर में सनसनी मच गई। मैंने उसके सिर को पकड़ा और उसको किस्स करने लगा। वो भी साथ दे रही थी। मैं अपना हाथ जो उसके कूल्हों पर था, आगे उसकी चूत पर ले आया, और उसकी चूत को सहलाने लगा।(cousin ki bhayankar chudai)

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली, तो वो पूरी गीली हो रखी थी। वो काफी देर से मुझसे चिपकी हुई थी, तो वो शायद एक-दो बार झड़ चुकी थी।

मैं धीरे से उसके कान में बोला: प्यारी अंदर लेना है क्या?

वो भी धीरे से बोली: हां भैया।

मैं बोला: यहां सब सो रहे है, कोई जग गया तो?(cousin ki bhayankar chudai)

वो बोली: हां ये तो है, यहां नहीं हो सकता हमारा। ऊपर वाला रूम खाली है, वहीं चलते है।

मैं बोला: ठीक है, पहले तुम जाओ फिर मैं आता हूं।

वो उठ कर जाने लगी तो मामी जी जाग गई और उससे बोली: प्यारी कहां जा रही हो?

प्यारी बोली: मम्मी यहां सोने में दिक्कत हो रही है। मैं ऊपर जा कर सो जाती हूं।(cousin ki bhayankar chudai)

मामी बोली: ठीक है। एक काम कर, अरुण को भी ले जा। वो भी यहां परेशान हो रहा होगा। और रूम को लॉक कर लियो। सब शादी का सामान वहीं पड़ा है।

प्यारी बोली: ठीक है मम्मी, भैया को भी जगा लेती हूं।

उसने मुझे उठाया और हम दोनों ऊपर चले गए। अब हम दोनों को और क्या चाहिए था। हम ऊपर जा कर बेड पर लेट गए। उसने रूम का गेट लॉक कर लिया। मैंने एक कंबल बेड में से निकाल लिया। हम कंबल में घुस गए। रूम की लाइट ऑन ही थी। कंबल में घुसते ही हम दोनों चिपक गए। उसने झट से मेरा लोवर उतार दिया और अपना लोवर भी निकाल लिया। वो पूरी तरह से आज चुदाने के मूड में थी।(cousin ki bhayankar chudai)

मैंने उसके होठों और कान के नीचे गले तक किस्स करना स्टार्ट कर दिया। वो पहले से गरम थी ही, बाकी मेरे ऐसा करने से वो तड़प उठी। वो अपने हाथ से ही मेरे लंड को जोर-जोर से हिलाने लगी। मैं उसकी हालत को समझ गया था। मैंने उसकी चूत को थोड़ा सहलाया। उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे।

फिर मैं उसके नीचे गया और चूत पर किस्स करते हुए जीभ उसकी चूत पर फेरने लगा। वो एक-दम बेकाबू हो गई थी।

वो बोली: मुझे अब ज्यादा मत तड़पाओ। मेरी हालत खराब हो चुकी है। इससे पहले कि कोई और यहां आ जाए। मेरी चूत की प्यास बुझा दो।(cousin ki bhayankar chudai)

उसके मुंह से ये सब सुन कर मुझमें अलग से जोश आ गया। मैंने उसको बेड के किनारे पर लेकर दोनों पैर खोल दिए, और मेरे लंड को उसके छेद पर सेट करके एक ही बार में जोरदार धक्का मार दिया। मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ सीधा उसके अंदर चला गया। वो एक बार तो दर्द से तड़प उठी, लेकिन अपनी चीख को अंडर दी दबा लिया।

मैंने दनादन उसे चोदना शुरू किया, और पांच मिनट में जब मेरा छूटने वाला था, मेरे लंड को बाहर निकल लिया, और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत और पेट पर छोड़ दिया। मेरा लंड खून से सना हुआ था। मैं उसे चोद कर तुरंत बाथरूम में चला गया। मैंने लंड को वाशबेसिन में धो लिया, और एक कपड़ा गिला करके लाया, और उसकी चूत और पेट को साफ किया।(cousin ki bhayankar chudai)

सर्दी के दिन थे तो पानी भी बहुत ठंडा था। मैंने सिर्फ कपड़े को गिला करके सब साफ किया, और हमने कपड़े पहन लिए। फिर हम दोनों कंबल में घुस कर बात करने लगे।

मैं बोला: मजा आया प्यारी? और तेरे मन में भी मेरे लिए इतना सब था, तूने कभी बताया नहीं।

वो बोली: मजा आ गया भैया। मेरे मन में आपसे चुदाने का बहुत दिन से था, लेकिन कभी मौका नहीं मिला। मेरी काफी सारी सहेलियां आपको चाहती है, और आपसे चुदने का मन रखती है।(cousin ki bhayankar chudai)

वो फिर बोली: मेरे मॉल पर कोई दूसरा कब्जा करे, मैं पहले ही हाथ साफ कर लेती हूं। और आज वो मौका आ गया।

मैं बोला: तो ये बात है।(cousin ki bhayankar chudai)

वो बोली: हद तो तब हो गई जब दीदी की फ्रेंड रेशमा आपको छोड़ ही नहीं रही थी। आपसे चिपके ही जा रही थी।

मैं बोला: यार प्यारी मैं भी रेशमा को बहुत चाहता हूं, और उसी से शादी करना चाहता हूं।(cousin ki bhayankar chudai)

वो बोली: अच्छा तो आग दोनों तरफ लगी है। लेकिन मुझे मत भूल जाना। मैंने भी आपको अपनी चूत उससे पहले दे दी है।

मैं बोला: नहीं मेरी जानेमन, तू फिकर ना कर। तू जब चाहेगी मैं तुझे चोदूंगा।(cousin ki bhayankar chudai)

हम दोनों ने शादी तक दो बार और सेक्स किया। प्यारी ने मेरी शादी रेशमा से कराने में भी हमारी काफी मदद की। अब तो प्यारी की भी शादी हो चुकी है। हम शादी के बाद भी कई बार सेक्स कर चुके है।

दोस्तों मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी बताना जरूर।(cousin ki bhayankar chudai)

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